Rashmi Sanjay Tag: मुक्तक 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rashmi Sanjay 31 May 2023 · 1 min read उजियारी ऋतुओं में भरती उजियारी ऋतुओं में भरती भावनाऍं संगीत। विचरते मौसम में कुछ गीत। सलोने मन में.. घुलती प्रीत! रश्मि लहर Hindi · Quote Writer · मुक्तक 210 Share Rashmi Sanjay 18 Mar 2023 · 1 min read मुक्तक शैल विषमताओं का है तो कहीं प्रेम का झरना होगा। अपने पथ के शूल हटाकर सफ़र तुम्हें तय करना होगा। मिलन उबासी से जो भर दें , डरना है उन... Hindi · मुक्तक 3 1 301 Share Rashmi Sanjay 25 May 2022 · 1 min read प्रेम बहुत सहजता से तुम्हारे थरथराते हाथों को थाम लेना.. तुम्हारी नज़दीकियों से अपने सपने रच देना! और तुम्हारी हर आहट पर.. अपनी असंयत धड़कनों को सॅंभालना! कितना अद्भुत है न... Hindi · मुक्तक 1 403 Share Rashmi Sanjay 25 May 2022 · 1 min read मूक प्रेम वो मेरी हथेली पर.. अपनी उंगलियों से.. अपना नाम लिखता रहा! छलकती रहीं छिपी ऑंखें.. और मूक प्रेम.. दृढ़ता के साथ.. सॅंवरता रहा! स्वरचित रश्मि लहर Hindi · मुक्तक 4 2 303 Share Rashmi Sanjay 24 May 2022 · 1 min read साथ तुम्हारा थोड़ी देर का साथ तुम्हारा वो आतुर नज़रों का पहला परिचय.. एक अन्जानी सी खुशबू का अंर्तमन पर छा जाना! अधरों का चुपके से.. अपरिमित प्रेम का कोना पकड़कर, शुकराना... Hindi · मुक्तक 4 343 Share Rashmi Sanjay 24 May 2022 · 1 min read विरह का सिरा उत्खनन कर बैठी मैं नि:शेष खोजे अनगिन अवशेष पर लुप्त रहा हर सिरा अपने विरह का स्वरचित रश्मि लहर Hindi · मुक्तक 2 432 Share Rashmi Sanjay 1 Feb 2022 · 1 min read मुझको जाना पड़ेगा वज़्म में, उसका दुशाला ..ओढ़ कर जाना पड़ेगा बाद मुद्दत तल्खियों को छोड़ कर जाना पड़ेगा थी मोहब्बत भी कभी, नज़रें बता देंगी उसे सामने उसके, मुझे मुॅंह मोड़ कर... Hindi · मुक्तक 2 420 Share Rashmi Sanjay 9 Jan 2022 · 1 min read 'तुम्हारी सोहबत' अच्छा लगता है.. तुम्हारे भावों के खा़मोश मशवरों की सोहबत में रहना ! बहुत मासूमियत से मेरे जीवन में घुले हो तुम! अपने नाजुक ख्यालों के साथ! अच्छा लगता है..... Hindi · मुक्तक 1 210 Share Rashmi Sanjay 9 Jan 2022 · 1 min read यादों के पहाड़ों पर तुम्हे पता है ... यादों के पहाड़ों पर.. तुम्हारे प्रेम की वो अनुगूॅंज ! आँख मिचमिचाते सपनों को लगा लेती है गले से ! और मुझे.. हमेशा अच्छा लगता है..... Hindi · मुक्तक 193 Share Rashmi Sanjay 9 Jan 2022 · 1 min read प्रेम का सृजन कभी हम साथ होगें.. कल्पनाओं के सघन वन में... कभी बेबाक यादें जी रही होंगी तेरे घर में.. मुझे पुचकार लेना गर कभी रूठी मिलूं तुमसे ... मुझे तुमने गढ़ा... Hindi · मुक्तक 2 433 Share Rashmi Sanjay 31 Dec 2021 · 1 min read साथ वो ऊपरवाला है बदल रहे हम लम्हें-लम्हें.. साथ वो ऊपरवाला है। जो जीवन में मिला, बचा है उसका वो रखवाला है! स्वरचित रश्मि लहर लखनऊ Hindi · मुक्तक 1 2 178 Share Rashmi Sanjay 28 Dec 2021 · 1 min read मेरी नासमझी थी वो.. मेरी नासमझी थी वो.. शाखों से लिपटी शबनम को अपनी थरथराती उॅंगलियों से छू लेना! और ज़ुदा कर देना उनको.. हां सच! मेरी नासमझी थी.. मुट्ठी में छुपा कर कोने... Hindi · मुक्तक 519 Share Rashmi Sanjay 28 Dec 2021 · 1 min read ज़िंदगी एक किताब है.. ज़िंदगी वो किताब है.. जिसमें संकलित हैं.. प्रेम की झील पर तैरते अबोध.. अप्रवासी पक्षियों का अनौपचारिक अनुबंध! यर्थाथ को समेटती संवेदनाओं के.. परिपक्व भाव, जहाॅं अनुभूतियों ने उकेरें हैं..... Hindi · मुक्तक 438 Share Rashmi Sanjay 28 Dec 2021 · 1 min read मन होता है कुछ बांटें! मन होता है कुछ बांटें वो जलती-सुलगी रातें कुछ अनबुझ गहरी घातें जब सपने भूखे रहते.. करते रोटी की बातें.. वो कदम-कदम की चोटें मौसम की अविचल घातें वो बस... Hindi · मुक्तक 154 Share Rashmi Sanjay 28 Dec 2021 · 1 min read तुम्हारी ग़ैर मौज़ूदगी में.. तुम्हारी ग़ैर मौज़ूदगी.. जला देती है.. रोटी का सोंधापन.. बढ़ा देती है मन का सूनापन.. कुंठित हो जाते हैं सवेरे के.. अनमने काम.. तुम्हारी ग़ैर मौज़ूदगी में नहीं उलझते है..... Hindi · मुक्तक 189 Share Rashmi Sanjay 27 Dec 2021 · 1 min read तुम इस तरह आना कि.. तुम इस तरह आना कि न सुन पाए तुम्हारे कदमों की व्याकुल आहट.. मेरे मन की दहलीज! चुपचाप चले आना तुम! अपने मिलन की चाॅंदनी लेकर विलग कर देना !... Hindi · मुक्तक 331 Share Rashmi Sanjay 25 Dec 2021 · 1 min read ए वक्त! मैं चकित हूं तुम्हारे बदलाव पर.. इतना गुमसुम कर चुके हो दुनिया को.. नि: शब्द कर दिया है हर आरंभ एवं अंत को ए वक्त! सुनो ना खिलखिलाता सा थोड़ा... Hindi · मुक्तक 448 Share Rashmi Sanjay 23 Dec 2021 · 1 min read गर्दन कटेगी ज़मीनी हक़ीक़त भिगो देगी दुःख से संभल कि समय के निशाने पर है तू.. ग़रीबी अगर ख़त्म करने चले हो तो गर्दन कटेगी, निशाने पर है तू! स्वरचित रश्मि लहर... Hindi · मुक्तक 200 Share Rashmi Sanjay 12 Dec 2021 · 1 min read तुम इस तरह आना इस तरह आना.. कि जैसे बहते ऑंसुओं को खिलखिलाहट धो जाए.. मन के उचाट विचार ..चुपचाप.. प्रेम के ऑंचल में खो जाएं! तुम इस तरह आना.. कि विहॅंस उठे क्षितिज... Hindi · मुक्तक 224 Share