RASHMI SHUKLA Language: Hindi 46 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid RASHMI SHUKLA 21 Dec 2017 · 3 min read भारत में मौलिक आर्थिक नीति भारत में मौलिक आर्थिक नीति भारत में अगर आर्थिक दशा का उल्लेख करने पे आउ तो शायद ये पूरा लेख काम पड़ जायेगा,आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही... Hindi · लेख 1 534 Share RASHMI SHUKLA 21 Dec 2017 · 3 min read भारत में लागू तमाम योजनाओं का विवरण भारत में लागू तमाम योजनाओं का विवरण सर्वप्रथम मैं बात करना चाहती हूँ भारत में लागू तमाम ऐसी योजनाओं के बारे में जो सरकार ने केवल अपनी सुविधाओं के लिए... Hindi · लेख 1 542 Share RASHMI SHUKLA 28 May 2017 · 1 min read तनहा हुए हैं आज वो तनहा हुए हैं आज वो महफ़िल, की जिन्हे आदत थी, शौके मज़बूरी बन गया वो वक़्त, जिससे उन्हें बगावत थी, आज फैसला होगा वहीं उनके गुनाहों का, जो कभी उनकी... Hindi · कविता 1 1 519 Share RASHMI SHUKLA 20 May 2017 · 1 min read मुझे तो बस तेरी खामियों से ही प्यार है, सुधर भी जाये ये जमाना तो मेरे किस काम का, मुझे तो बस तेरी खामियों से ही प्यार है, बिखर जाये टूट कर आईने की तरह चाहे दिल, मुझे तो... Hindi · कविता 753 Share RASHMI SHUKLA 18 May 2017 · 1 min read तेरी याद में जिंदगी रही है संवर धीरे धीरे तेरी याद में जिंदगी रही है संवर धीरे धीरे, सौबत का तेरी हो रहा है असर धीरे धीरे, बिना तेरे मेरी तो दुनिया रही है बिखर धीरे धीरे, तेरी याद... Hindi · कविता 1 605 Share RASHMI SHUKLA 16 May 2017 · 1 min read किताब हूँ जैसे मै किताब हूँ जैसे मै कोई खोलकर वो मुझे पढता ही गया, हम थे ठहरे जहाँ आज भी खड़े हैं वहीँ पर नूरेनजर, वो तो जैसे वक़्त की रफ़्तार की तरह... Hindi · कविता 1 832 Share RASHMI SHUKLA 13 May 2017 · 1 min read आज मन फिर हुआ है कंवारा प्रिये आज मन फिर हुआ है कंवारा प्रिये, आज मौसम भी लगता है प्यारा प्रिये, तेरी चाहत में बहका है मन ये मेरा, तेरी यादों में दहका है दिल ये मेरा,... Hindi · गीत 1 591 Share RASHMI SHUKLA 10 May 2017 · 1 min read जब से छोड़ा है तूने साथ जब से छोड़ा है तूने साथ हमने संभलना सीख लिया है, मौसम के जैसा अब हमने भी बदलना सीख लिया है, जिसको देखकर तुम ओझल करते थे हमे अक्सर, हमने... Hindi · कविता 1 2 900 Share RASHMI SHUKLA 8 May 2017 · 1 min read कहीं तो महफूज रखो कहीं तो महफूज रखो मुझे अपने घराने में, कहीं उम्र न बीत जाए खुद को बचाने में, एक तो वैसे ही बदनाम हैं हम तेरी चाहत में, कहीं पकड़े न... Hindi · कविता 1 1 640 Share RASHMI SHUKLA 4 May 2017 · 1 min read जीते तो हम आज भी हैं जीते तो हम आज भी हैं तेरे बिना मगर कोई कमी सी खलती है, सारे जहाँ की दौलत है फिर भी कोई दुआ इस दिल में पलती है, दूर रह... Hindi · कविता 1 486 Share RASHMI SHUKLA 22 Apr 2017 · 1 min read बेवफाई वफ़ा में बदलेगी जरूर बेवफाई वफ़ा में बदलेगी जरूर एक बार उन्हें मेरे करीब आने तो दो, वो खुद ही संभालेंगे मुझे एक बार मुझे टूट कर बिखर जाने तो दो, इतनी नाजुक नहीं... Hindi · कविता 1 697 Share RASHMI SHUKLA 21 Apr 2017 · 1 min read हमारा हिंदुस्तान आज देखा माता की चौकी को एक मुस्लिम दे रहा था सहारा, वो अपना मजहब भूल कर सिर्फ पैसे था कमा रहा, फ़िक्र न थी उसको किसी भी लड़ाई दंगे... Hindi · लेख 517 Share RASHMI SHUKLA 18 Apr 2017 · 1 min read उनकी आजमाइश वक़्त की आजमाइश में वो खुद की नुमाइश कर बैठे, जिसको पाने की हम दिन रात तमन्ना किये हुए थे, वो उसी आफताब को पाने की ख्वाहिश कर बैठे, बहुत... Hindi · कविता 627 Share RASHMI SHUKLA 13 Apr 2017 · 1 min read तुम्ही बता दो कितना और कब तक तुम्हे आजमाऊ तुम्ही बता दो, हमेशा तो झुकाया है सर तुम्हारी ही खिदमत में, क्या खुद भी टूट कर बिखर जाऊ तुम्ही बता दो, इत्मिनान कब... Hindi · लेख 463 Share RASHMI SHUKLA 9 Apr 2017 · 1 min read हमारा अंदाज हम कोई बड़ा आसमां नहीं जो तुम हमे छूने को भी मोहताज़ हो, बस खुद को थोड़ा बदल कर देखो, हम कोई तेज़ धूप का झुलझुलाता सावन नहीं जो तुम्हे... Hindi · कविता 452 Share RASHMI SHUKLA 7 Apr 2017 · 1 min read किस्सा लड़ते नहीं हम तुमसे यू ही दानिश्ता, ये भी हमारी मोहब्बत का एक हिस्सा है, यादे तो बहुत है खुशियों की मेरे हमदम, मगर ये लड़ना भी एक यादगार किस्सा... Hindi · कविता 1k Share RASHMI SHUKLA 4 Apr 2017 · 1 min read मेरा गुमान छिन गया वो इख़्तियार मुझसे जिसपे कभी हुआ करता था गुमान, गवारा न था मुझे तुझसे दूर रहना पलक झुकने से उठने तक भी, मगर आज चुराते क्यों हो नजरें... Hindi · कविता 500 Share RASHMI SHUKLA 2 Apr 2017 · 1 min read जुदाई ए मेरे मालिक एक ऐसा भी आइना बना दे, जिसमे सूरत के साथ इंसान की सीरत भी दिखा दे, ऐसे तो हर तरफ ही अपनों का मेला है, मगर हक़ीक़त... Hindi · कविता 1 463 Share RASHMI SHUKLA 31 Mar 2017 · 1 min read हम दोनों की पाक मोहब्बत वो कहते हैं हमे मोहब्बत का अंदाजे बयां नहीं आता है, मगर मेरे सिवा उनकी तस्वीर ख्यालों में कौन बनाता है, फर्क इतना ही है उनकी और मेरी मोहब्बत में... Hindi · कविता 663 Share RASHMI SHUKLA 30 Mar 2017 · 1 min read बेबस क्या फर्क पड़ता है वो हँसे या रोये, उन्हें तो बस उसके जिस्म से प्यार है, वो कहाँ पहचान पाते हैं उसके आसुओं को बारिश में, न जाने वो कौन... Hindi · कविता 983 Share RASHMI SHUKLA 29 Mar 2017 · 1 min read प्यार अभी बाकी है गर आज भी उनकी बातों में जिक्र हो मेरी फ़िक्र का, तो समझ लेना की प्यार अभी बाकी है, गर सुनाई न दे हमारी गुफ्तगू और अल्फाजो में थोड़ा लिहाज... Hindi · कविता 1k Share RASHMI SHUKLA 27 Mar 2017 · 1 min read भगवान का व्यापार जिसने बनाया है ये सारा संसार, उसी को लोगो ने बना लिया है व्यापार, पढ़ लिखकर अब लोग पंडित हुआ करते हैं, दो अक्षर जो समझकर पढ़ ले अरबी के,... Hindi · लेख 1 933 Share RASHMI SHUKLA 25 Mar 2017 · 1 min read जिक्रे उल्फत जिक्रे उल्फत का कुछ ऐसा नजारा था, मेरा सारा वक़्त उनका और उनका सारा वक़्त हमारा था, कभी लड़खड़ाते ही न थे कदम मेरे उनकी मौजूदगी में, ऐसा मेरे हमदम... Hindi · कविता 651 Share RASHMI SHUKLA 23 Mar 2017 · 1 min read अयोध्या मुद्दे पर मेरी कुछ पंक्तियाँ क्यों मंदिर और मस्जिद के मुद्दे को इतना प्रबल बनाया है, जबकि मंदिर में भगवान और मस्जिद में खुदाया है, उस मालिक की सुरक्षा में लगा ये जमाना है, जिसने... Hindi · लेख 643 Share RASHMI SHUKLA 20 Mar 2017 · 1 min read उनका दखल दानिश्ता (जानबूझकर) ही वो मेरी जिंदगी में दखल देते हैं, मेरे रुखसारों की मुस्कान को मायूसी में बदल देते हैं, जब हम लगाना चाहते हैं उन पर इलज़ाम कोई, वो... Hindi · कविता 433 Share RASHMI SHUKLA 18 Mar 2017 · 1 min read हौसला बदलते वो हैं जो अपने मन में संभलने की चाह रखते हैं, सपनों को हक़ीक़त बनाने के लिए अपनी नींदों को तबाह करते हैं, यू तो सारे ही पाना चाहते... Hindi · लेख 486 Share RASHMI SHUKLA 17 Mar 2017 · 1 min read ये जीवन है अनमोल समझ आता ही नहीं किस चीज की जरुरत है इंसान को, बिना मतलब की चीज़ खरीदने के लिए बेच आता है ईमान को, कोशिश क्यों नहीं करता है अपने दिल... Hindi · लेख 553 Share RASHMI SHUKLA 16 Mar 2017 · 1 min read तुम्हारा साथ बिखर जाना ही पड़ेगा गर छोड़ा तुमने मेरा साथ, दूर जाकर देख लो नहीं मिलेगा हमसा कोई ख़ास, एक रात जो बीतेगी तुम्हारी आसुओं में, खुद ही थाम लोगे आकर... Hindi · कविता 740 Share RASHMI SHUKLA 15 Mar 2017 · 1 min read उनकी अब्र सी नफरत उनकी नफरत भी मुझे अब्र सी लगती है, उनकी बेरुखी मुझे मीठा सब्र सी लगती है, वो कितना भी छुपाये मुझसे अपना राज़ेदिल, उनकी फ़िक्र मेरे लिए आज भी मुझे... Hindi · कविता 759 Share RASHMI SHUKLA 13 Mar 2017 · 1 min read काबिले तारीफ काबिले तारीफ तो उनका हुनर था बेबवफाई का, भनक तक न लगने दी और दांव लगा दिया रुसवाई का.RASHMI SHUKLA Hindi · मुक्तक 695 Share Page 1 Next