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29 Mar 2017 · 1 min read

प्यार अभी बाकी है

गर आज भी उनकी बातों में जिक्र हो मेरी फ़िक्र का,
तो समझ लेना की प्यार अभी बाकी है,
गर सुनाई न दे हमारी गुफ्तगू और अल्फाजो में थोड़ा लिहाज हो
तो समझ लेना तकरार अभी बाकी है,
गर मौसम न सुहाना लगे और मेरी हर बात उन्हें बहाना लगे,
तो समझ लेना उनका इंतजार अभी बाकी है,
जब कोई मेरा हाल जानने के लिए बेताब हो और गुस्सा भी बेहिसाब हो,
तो समझ लेना इकरार अभी बाकी है,
जब वो कतराने लगे मेरे करीब आने को और बेसबर हो मुझे पाने को,
तो समझ लेना उनका मुझपे इख़्तियार अभी बाकी है,
मेरी नफरत भी गर उन्हें कुबूल हो और मुझे मनाने की हर कोशिस बेफिजूल हो,
तो समझ लेना की इनकार अभी बाकी है,

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