Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Mar 2017 · 1 min read

भगवान का व्यापार

जिसने बनाया है ये सारा संसार,
उसी को लोगो ने बना लिया है व्यापार,
पढ़ लिखकर अब लोग पंडित हुआ करते हैं,
दो अक्षर जो समझकर पढ़ ले अरबी के,
उनसे लोग अपनी किस्मत बदलने की दुआ करते हैं,
भूल गए हैं सारे गीता ज्ञान और पवित्र क़ुरआने आयत को,
बस चले गर इंसान का तो सबकी खुद की एक अदालत हो,
जिसमे खुद ही गुनाहगार,सुबूत, और खुद ही सब गवाह हो,
और बड़े से बड़ा अपराध करके भी गुनाहगार व इज्जत रिहा हो,
हर गली हर नुक्कड़ पे ईश्वर और अल्लाह को बिठाया है,
व्यापार चले दमदार तभी हर दरवाजे पे दानपात्र लगाया है,
ताक पे रख दिया है आज लोगों ने अपने मालिक और भगवान को,
शौक ए अहंकार में भूल गया है इंसान ही आज इंसान को,

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 861 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from RASHMI SHUKLA
View all

You may also like these posts

कभी सोचता हूँ मैं
कभी सोचता हूँ मैं
gurudeenverma198
मां कृपा दृष्टि कर दे
मां कृपा दृष्टि कर दे
Seema gupta,Alwar
कृष्ण मुरारी आओ
कृष्ण मुरारी आओ
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मजदूर हूँ साहेब
मजदूर हूँ साहेब
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
खुल गया मैं आज सबके सामने
खुल गया मैं आज सबके सामने
Nazir Nazar
मन को भिगो दे
मन को भिगो दे
हिमांशु Kulshrestha
कमजोर नहीं हूं मैं।
कमजोर नहीं हूं मैं।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
आधुनिक हो गये हैं हम
आधुनिक हो गये हैं हम
Dr.Pratibha Prakash
इश्क
इश्क
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तेरी तसवीर को दिल में बसा रखा है
तेरी तसवीर को दिल में बसा रखा है
Jyoti Roshni
राजनीति की गरमी।
राजनीति की गरमी।
Acharya Rama Nand Mandal
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
3484.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3484.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
खुली क़िताब पढ़ने एक उम्र बिताना ज़रूरी है,
खुली क़िताब पढ़ने एक उम्र बिताना ज़रूरी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बचपन की वो बिसरी यादें...!!
बचपन की वो बिसरी यादें...!!
पंकज परिंदा
छोटी चिड़िया (गौरेया)
छोटी चिड़िया (गौरेया)
डॉ. शिव लहरी
खोया सिक्का
खोया सिक्का
Rambali Mishra
हर पल तेरी याद
हर पल तेरी याद
Surinder blackpen
शीर्षक- जीवन रहे सुखांत
शीर्षक- जीवन रहे सुखांत
n singh
सभी को सभी अपनी तरह लगते है
सभी को सभी अपनी तरह लगते है
Shriyansh Gupta
हुकुम की नई हिदायत है
हुकुम की नई हिदायत है
Ajay Mishra
आह्वान
आह्वान
Shyam Sundar Subramanian
वसंत पंचमी की विविधता
वसंत पंचमी की विविधता
Sudhir srivastava
"जरूरतों में कम अय्याशियों में ज्यादा खर्च कर रहे हैं ll
पूर्वार्थ
ठंडा मौसम अब आ गया
ठंडा मौसम अब आ गया
Ram Krishan Rastogi
*चित्र में मुस्कान-नकली, प्यार जाना चाहिए 【हिंदी गजल/ गीतिका
*चित्र में मुस्कान-नकली, प्यार जाना चाहिए 【हिंदी गजल/ गीतिका
Ravi Prakash
गमों के बीच मुस्कुराने की आदत डालो।
गमों के बीच मुस्कुराने की आदत डालो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
समय का आभाव है
समय का आभाव है
अमित कुमार
देखा
देखा
sushil sarna
Loading...