Language: Hindi
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वक्त गिरवी सा पड़ा है जिंदगी ( नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
पैसों के छाँव तले रोता है न्याय यहां (नवगीत)
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राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
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द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
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आज गरीबी की चौखट पर (नवगीत)
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हूं नही कवि व्यर्थ अपनी लेखनी (नवगीत?
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निर्भय सोती रही जिंदगी (नवगीत)
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आदमी की क्रूरता में कौन सा रस है(नवगीत?
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कंटकों के मार्ग पे चल (नवगीत)
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अनुमानों पर जीवन शैली (नवगीत)
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जिन लोगों ने दर्द (नवगीत)
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लाद ले जाती गरीबी (नवगीत)
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वक्त को जिसने न समझा (नवगीत)
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जिंदगी है कुछ नही बस(नवगीत)
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आश दे तो आशना दे (नवगीत)
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आज धूप का चौथा दिन है । (नवगीत)
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चर्चाएं आपस में करते नभ के दोनों (नवगीत)
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आज के रिश्ते हुए हैं रोडलाइट (नवगीत)
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सन्नाटे गांवों में पसारे (नवगीत)
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देख चुप खुद मौन मुझसे प्रश्न कोई (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
सच का कोई मूल नही है (नवगीत?
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स्वप्न केवल स्वप्न बनकर हो गया बेकार तो (नवगीत)
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बादलों ने नभ निलय में ( नवगीत)
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सहज प्रेम से दूर आदमी (नवगीत)
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कल से धोती अम्मा जी की (नवगीत?
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सुखमय यादें रह पाती क्या ? कविता
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नशा ए इश्क़ ये छोड़ा न जाए. गजल
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कविता –सच्चाई से मुकर न जाना
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खुदा तो हो नही सकता –ग़ज़ल
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खुदा मुझको मिलेगा न तो (जानदार ग़ज़ल)
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नभ के दोनों छोर निलय में –नवगीत
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हर एक रिश्ता निभाता पिता है –गीतिका
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ग़ज़ल–तेरे मेरे इश्क़ की
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दर्द ए रकमिश darde Rakmish
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दर्द के शहर में "ग़ज़ल"
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सो गए नभ के सितारे । नवगीत ।
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हुआ बेमज़ा है मज़ा आज मुझसे -ग़ज़ल
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तेरे मुस्कान के दम पर ,,,ग़ज़ल
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झूठी शम्मा यार जलाने से अच्छा ।
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अपने दिल से पूछो ग़ज़ल
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आँसुओं ने ख़त लिखा
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राष्ट्र वन्दना
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गजल --मेरा शहर देखा नही
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माँ-ममता की निधि
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ग़ज़ल-इलाज़ रो रहा कहीं हक़ीम खुद बीमार हैं
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ख़ुदी रो रहा हूँ रुलाता किसे मै ।
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गीतिका।मिलन का आ गया अपने पुनः त्योहार आँगन मे ।
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गीतिका।कपट हीन निःस्वार्थ हो जीवन का आधार ।
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ग़ज़ल।घरौंदा प्यार का ऐसे ही खण्डर तो नही होता ।
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ग़ज़ल।एक दिन अपने घरौंदे को शहर कर देखिये ।
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