ग़ज़ल।जहां मे ज्ञान का पौधा सदा बोता रहा शिक्षक ।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ग़ज़ल ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, सजता राह जीवन की स्वंय खोता रहा शिक्षक । जहां मे ज्ञान का पौधा सदा बोता रहा शिक्षक । हमारी एक ग़लती पर हमे वो डांटने लगता ।...
Hindi · ग़ज़ल/गीतिका