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27 Aug 2017 · 1 min read

चाहत मे किसी के खोने से ।

ग़ज़ल चाहत में किसी की खोने से ।

चाहत मे किसी के खोने से ।
दिल सोच तु पहले रोने से ।।

एतबार न करना लोगों पर ।
बस प्यार ज़रा सा होने से ।।

हर शक़्स नही तेरे क़ाबिल ।
क़ातिल है रूप सलोने से ।।

बस हार मिलेगी सोच जरा ।
क़िरदार किसी का ढ़ोने से ।

फ़ुर्सत हि नही है लोंगो को ।
अब बीज ग़मो का बोने से ।

क़ीमत लग जायेंगी तेरी ।
दिल तौल रहे है सोने से ।।

ये अश्क़ नही है मोती है ।
ढरते है आँख के कोने से ।।

राम केश मिश्र

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