Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Aug 2017 · 1 min read

दिवाने हो गये लेकिन ।

ग़ज़ल ।दीवाने हो गये लेकिन।

तेरे आग़ोश के शाये पुराने हो गये लेकिन ।
उसी मदहोश हरक़त मे दिवाने हो गये लेकिन ।।

बहुत चाहा किसी के संग चलू मै ढूढ़ने मंजिल ।
वफ़ा तेरी मुहब्बत का चुकाने हो गये लेकिन ।।

चले आओ अभी यादों का हि बिस्तर सजाया हूं ।
मिलन अबतक अधूरा है ज़माने हो गये लेकिन ।।

छुपाया था तेरे आने के पहले तक मेरे हमदम ।
रुके आंखों से अश्को को गिराने हो गये लेकिन ।।

तजुर्बा है अलग तेरा मुहब्बत आजमाने का ।
मिली फुर्सत मुझे ग़म से सयाने हो गये लेकिन ।।

यकीं मानो कि तन्हा हूं सँजोये याद हरपल की ।
ख़ुदा ही बेरहम निकला भुलाने हो गए लेकिन ।।

मिली न तू तेरे वादों पे क़ायम तो रहा’ रकमिश ।
तिरी चाहत मे लाखों दिल दुखाने हो गये लेकिन ।।

राम केश मिश्र

1 Like · 315 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सबक
सबक
manjula chauhan
11. एक उम्र
11. एक उम्र
Rajeev Dutta
बाल कविता: मेलों का मौसम है आया
बाल कविता: मेलों का मौसम है आया
Ravi Prakash
शीर्षक:जय जय महाकाल
शीर्षक:जय जय महाकाल
Dr Manju Saini
"जीवन का संघर्ष"
Dr. Kishan tandon kranti
Alahda tu bhi nhi mujhse,
Alahda tu bhi nhi mujhse,
Sakshi Tripathi
बाबागिरी
बाबागिरी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कितना सकून है इन , इंसानों  की कब्र पर आकर
कितना सकून है इन , इंसानों की कब्र पर आकर
श्याम सिंह बिष्ट
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
प्रेम
प्रेम
Dr. Shailendra Kumar Gupta
एक सपना देखा था
एक सपना देखा था
Vansh Agarwal
*कोपल निकलने से पहले*
*कोपल निकलने से पहले*
Poonam Matia
अरब खरब धन जोड़िये
अरब खरब धन जोड़िये
शेखर सिंह
सूरज ढल रहा हैं।
सूरज ढल रहा हैं।
Neeraj Agarwal
ए दिल मत घबरा
ए दिल मत घबरा
Harminder Kaur
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
8) दिया दर्द वो
8) दिया दर्द वो
पूनम झा 'प्रथमा'
एक परोपकारी साहूकार: ‘ संत तुकाराम ’
एक परोपकारी साहूकार: ‘ संत तुकाराम ’
कवि रमेशराज
खोखला वर्तमान
खोखला वर्तमान
Mahender Singh
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
Writer_ermkumar
"वक्त वक्त की बात"
Pushpraj Anant
मैं तो महज जीवन हूँ
मैं तो महज जीवन हूँ
VINOD CHAUHAN
वो तो शहर से आए थे
वो तो शहर से आए थे
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
माँ-बाप
माँ-बाप
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
देखो-देखो आया सावन।
देखो-देखो आया सावन।
लक्ष्मी सिंह
इंतजार करते रहे हम उनके  एक दीदार के लिए ।
इंतजार करते रहे हम उनके एक दीदार के लिए ।
Yogendra Chaturwedi
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
Phool gufran
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
Vishal babu (vishu)
मन किसी ओर नहीं लगता है
मन किसी ओर नहीं लगता है
Shweta Soni
मेरे सपनों का भारत
मेरे सपनों का भारत
Neelam Sharma
Loading...