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The Third Pillar
Rakmish Sultanpuri
वक्त गिरवी सा पड़ा है जिंदगी ( नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
पैसों के छाँव तले रोता है न्याय यहां (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
आज गरीबी की चौखट पर (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
हूं नही कवि व्यर्थ अपनी लेखनी (नवगीत?
Rakmish Sultanpuri
निर्भय सोती रही जिंदगी (नवगीत)
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आदमी की क्रूरता में कौन सा रस है(नवगीत?
Rakmish Sultanpuri
कंटकों के मार्ग पे चल (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
अनुमानों पर जीवन शैली (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
जिन लोगों ने दर्द (नवगीत)
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लाद ले जाती गरीबी (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
वक्त को जिसने न समझा (नवगीत)
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जिंदगी है कुछ नही बस(नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
आश दे तो आशना दे (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
आज धूप का चौथा दिन है । (नवगीत)
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चर्चाएं आपस में करते नभ के दोनों (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
आज के रिश्ते हुए हैं रोडलाइट (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
सन्नाटे गांवों में पसारे (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
देख चुप खुद मौन मुझसे प्रश्न कोई (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
सच का कोई मूल नही है (नवगीत?
Rakmish Sultanpuri
स्वप्न केवल स्वप्न बनकर हो गया बेकार तो (नवगीत)
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बादलों ने नभ निलय में ( नवगीत)
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सहज प्रेम से दूर आदमी (नवगीत)
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कल से धोती अम्मा जी की (नवगीत?
Rakmish Sultanpuri
सुखमय यादें रह पाती क्या ? कविता
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नशा ए इश्क़ ये छोड़ा न जाए. गजल
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कविता –सच्चाई से मुकर न जाना
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खुदा तो हो नही सकता –ग़ज़ल
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खुदा मुझको मिलेगा न तो (जानदार ग़ज़ल)
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नभ के दोनों छोर निलय में –नवगीत
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हर एक रिश्ता निभाता पिता है –गीतिका
Rakmish Sultanpuri
ग़ज़ल–तेरे मेरे इश्क़ की
Rakmish Sultanpuri
दर्द ए रकमिश darde Rakmish
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दर्द के शहर में "ग़ज़ल"
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सो गए नभ के सितारे । नवगीत ।
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हुआ बेमज़ा है मज़ा आज मुझसे -ग़ज़ल
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तेरे मुस्कान के दम पर ,,,ग़ज़ल
Rakmish Sultanpuri
झूठी शम्मा यार जलाने से अच्छा ।
Rakmish Sultanpuri
अपने दिल से पूछो ग़ज़ल
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आँसुओं ने ख़त लिखा
Rakmish Sultanpuri
राष्ट्र वन्दना
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गजल --मेरा शहर देखा नही
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माँ-ममता की निधि
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ग़ज़ल-इलाज़ रो रहा कहीं हक़ीम खुद बीमार हैं
Rakmish Sultanpuri
ख़ुदी रो रहा हूँ रुलाता किसे मै ।
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गीतिका।मिलन का आ गया अपने पुनः त्योहार आँगन मे ।
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गीतिका।कपट हीन निःस्वार्थ हो जीवन का आधार ।
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ग़ज़ल।घरौंदा प्यार का ऐसे ही खण्डर तो नही होता ।
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