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कम किसी से नहीं गुणवती बेटियां
Rakesh Dubey "Gulshan"
कम किसी से नहीं गुणवती बेटियां
Rakesh Dubey "Gulshan"
बात दर बात हो फैसला कुछ नहीं
Rakesh Dubey "Gulshan"
मैं कब्र में सुकून से लेटा न रह सका वोटों से मेरी लाश के सौदे की बात सुन
Rakesh Dubey "Gulshan"
मुझमें न ढूँढ रोज़ फरिश्तों की सूरतें मेरा फ़लक से कोई मरासिम न था कभी
Rakesh Dubey "Gulshan"
बिछड़ी है आसमां से पलक पर झुकी है क्या आँखों में अश्कबार घटा ढूँढती है क्या
Rakesh Dubey "Gulshan"
वफ़ा करते दिले- बीमारे- उल्फ़त से नज़र भर देखते मुझको मुहब्बत से
Rakesh Dubey "Gulshan"
बरगला ये हवा रही है मुझे साथ अपने बहा रही है मुझे
Rakesh Dubey "Gulshan"
लक्ष्य बड़ा है देश हित, धीरज रखिये आप। जरा जरा सी बात पर, करिये नहीं विलाप।।
Rakesh Dubey "Gulshan"
ज़िंदगी की धूप ने झुलसा दिया सारा बदन
Rakesh Dubey "Gulshan"
नया साहिल बनाना चाहता है समंदर क्या जताना चाहता है
Rakesh Dubey "Gulshan"
ज़ख़्म आहिस्ता दुखाकर चल दिये
Rakesh Dubey "Gulshan"
वफ़ा पर हमारी न उँगली उठाना
Rakesh Dubey "Gulshan"
इम्तिहाँ मत लीजिये मेरी वफ़ा का
Rakesh Dubey "Gulshan"
राग अधरों पर सजाना आ गया
Rakesh Dubey "Gulshan"
आदमी के काम आना आदमी का काम है
Rakesh Dubey "Gulshan"
आज कुछ ऐसी कलमकारी हुई
Rakesh Dubey "Gulshan"
बात मतलब की करे संसार है
Rakesh Dubey "Gulshan"
अँधेरी बस्तियों को रोशनी का सिलसिला देना
Rakesh Dubey "Gulshan"
कौन अरबी फ़ारसी पढ़ कर कभी शायर हुआ
Rakesh Dubey "Gulshan"
कली बुझी बुझी हुई गुलों में ताज़गी नहीं
Rakesh Dubey "Gulshan"
लिपटकर हम न साहिल से कभी रोये यहाँ यारो जिये तूफ़ान की जद में हमें आंधी ने पाला है
Rakesh Dubey "Gulshan"
सोच समझ कर बोला कर राज़ न दिल के खोला कर
Rakesh Dubey "Gulshan"
बोलें सोच विचार कर, कह कर गये कबीर
Rakesh Dubey "Gulshan"
झूमकर जो कल उठी थी
Rakesh Dubey "Gulshan"
जख़्म जब भी जिगर का हरा हो गया
Rakesh Dubey "Gulshan"
आदमी अमीर हूँ
Rakesh Dubey "Gulshan"
न मुझको घाट का रक्खा न घर का
Rakesh Dubey "Gulshan"