राजेश 'ललित' Tag: कविता 92 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राजेश 'ललित' 17 May 2023 · 1 min read मत-गणना मत-गणना ----------------- मत-गणना जारी है। रुझान आने शुरू हो गये हैं। ऊंट भी करवट बदलने लगे हैं। कभी इस करवट कभी उस करवट। बयान बहादुर म्यानों में बयानों की तलवार... Poetry Writing Challenge · कविता 13 2 190 Share राजेश 'ललित' 18 May 2023 · 1 min read कोरोना कोरोना ---------------------- शहर सभी शमशान हो गये। गाँव ही सब सुनसान हो गये।। घर में ही अंजान हो गये। गली रास्ते वीरान हो गये।। लाशों के बाग़बान हो गये। बाज़ार... Poetry Writing Challenge · कविता 11 7 137 Share राजेश 'ललित' 16 May 2023 · 1 min read रंग भरें रंग भरें --------------- आओ बसंत रंग भरें प्रकृति में तुम्हारी इस कूची से पृथ्वी के कैनवस पर रंग भरें हरियाली भरें ठिठुरती सर्दी में देखो तो सरसों पीली पीली झूम... Poetry Writing Challenge · कविता 11 2 101 Share राजेश 'ललित' 26 Sep 2020 · 1 min read किस्से किस्से ————— सारे शहर में घूम घूम कर! झूठे क़िस्से :सच्चे क़िस्से! दीवारों के कान खड़े है? मन में कहे ही सुन लेते हैं! ऐसे क़िस्से:वैसे किस्से! हवा ज़हरीली बह... Hindi · कविता 11 2 488 Share राजेश 'ललित' 14 Feb 2021 · 1 min read प्रेम प्रेम ----------- नफ़रतों के जंगल में प्रेम अग्न हुआ मन हुलसा तन झुलसा राख में से निकलेगा वो प्रेम का नवांकुर कभी तो देखना तुम ----------- राजेश'ललित' Hindi · कविता 10 10 310 Share राजेश 'ललित' 6 Jul 2022 · 1 min read क्षणिकायें-पर्यावरण चिंतन क्षणिकाएँ --------------- पर्यावरण दिवस चिंतन -------------- जंगल ----------- टूटी टहनियों से, पेड़ बनता है कोई! कटे पेड़ों से, जंगल अटा पड़ा है। पेड़ों से बनायें दरवाज़े , खुलेंगे को हवा... Hindi · कविता 10 5 424 Share राजेश 'ललित' 6 May 2021 · 1 min read मुंह ढकिये कोरोना ने सब के मुँह ढक दिये। जैसे किसी को मुँह दिखाने लायक़ ही नहीं रहे। हमें हर काम अपने मुंह ढक कर करने हैं। इसपर एक नये क्लेवर की... Hindi · कविता 10 1 352 Share राजेश 'ललित' 21 Aug 2020 · 1 min read दोस्त दोस्त ——— दोस्त हो तो कहो दिल में पड़ी परतें खोलो कुछ कही कुछ मनकही कुछ अनकही दोस्त हो तो फूँको एक सिगरेट छल्लों के झरोखों से देखो मीठी यादों... Hindi · कविता 9 7 688 Share राजेश 'ललित' 30 Nov 2018 · 1 min read मां तपस्विनी --------------------------------------------- 'मां तपस्विनी' ----------------------------------------------- है कहां? वो घर तपोवन? सिकुड़ गया, घर का आंगन। कहीं किसी कोने में, तपस्विनी सी बैठी है; थकी मांदी नैनन मे नींद भरी है, चूल्हा,चौका,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 21 555 Share राजेश 'ललित' 22 Aug 2020 · 1 min read आषाढ के दिन आषाढ के दिन ——————- मन की उमस बहुत हुआ ताप बस अब तो बरस खुले बहाव के दिन कटोरा भर अभाव के दिन आषाढ़ के दिन छत से उड़ी तिरपाल... Hindi · कविता 9 10 626 Share राजेश 'ललित' 11 Nov 2022 · 1 min read क्षणिकायें दो क्षणिकायें पहली बेअसर दुआयें दूसरी स्वामी दीन दयालु जी के गोलोक गमन पर हैं:--- -------------------- क्षणिकायें -------------- तुम्हारी दुआओं की अब ज़रूरत ही न रही बद्ददुआओं का असर इतना... Hindi · कविता 9 3 174 Share राजेश 'ललित' 16 May 2023 · 1 min read बसंत में हिस्सा बसंत में हिस्सा ----------------- मुझे भी चाहिये बसंत में अपना हिस्सा कुछ खिलते हुये फूल पीली पीली सरसों जाती हुई शीत शरीर में थोड़ा गर्म होता रक्त मेरे पक्ष में... Poetry Writing Challenge · कविता 9 1 76 Share राजेश 'ललित' 26 Jan 2021 · 1 min read क्षणिकायें सर्दी की धूप ------------- मेरा आँगन और मै , दोनों ही परेशान हैं! धूप के न आने से!! मैने कंबल ओढ़ा, आँगन ने कोहरा, रात सिकुड़ती रही, ठिठुरती रही, कभी... Hindi · कविता 8 2 405 Share राजेश 'ललित' 14 May 2023 · 1 min read मां- एक अहसास मां- एक अहसास ----------------------- मां --------- माँ तुम आज नहीं पास पर तुम्हारा अहसास फिर से है आस पास आज बहुत मन है करूं तुमसे बात तुम्हारी गोद रखूं सर... Poetry Writing Challenge · कविता 8 1 244 Share राजेश 'ललित' 15 May 2023 · 1 min read नानी-नानी नानी-मानी --------------- नानी नानी ------------ कल तक मां थी आज बन गई नानी ओ कियानु तुझे अब कौन सुनाऊं कहानी ? कहां से लाऊं? कहीं का राजा? कहां से लाऊं?... Poetry Writing Challenge · कविता 8 1 262 Share राजेश 'ललित' 4 Feb 2022 · 1 min read सत्य का साथ सत्य का साथ ------------------------ सत्य का साथ नहीं छोड़ूँगा झूठ की बांह हर समय मरोड़ूंगा यह राह नहीं आसान मैं जानता हूं पांव हो जायें लहुलुहान और मंजिल मिले न... Hindi · कविता 8 5 515 Share राजेश 'ललित' 27 Jan 2021 · 1 min read क्षणिकायें क्षणिकायें ---------------------- मैने जब सुनी दिल की आवाज सुनी; दुनिया की सुनता, तो दीवाना होता::राजेश'ललित' ------ मुझसे मेरा हाल न पूछो, मुझसे मेरी ख़ता न पूछो: वजूद मेरा चुरा लिया... Hindi · कविता 7 2 409 Share राजेश 'ललित' 27 Jan 2021 · 1 min read भूख का गणित भूख का गणित ---------- पेट पर हाथ रख कर वह भूख पालता रहा जहां तक संभव था भूख को टालता रहा गाड़ी आई वह जा चढ़ा जब तक भूख थी... Hindi · कविता 7 327 Share राजेश 'ललित' 27 Jan 2021 · 1 min read भूख का गणित भूख का गणित ---------- पेट पर हाथ रख कर वह भूख पालता रहा जहां तक संभव था भूख को टालता रहा गाड़ी आई वह जा चढ़ा जब तक भूख थी... Hindi · कविता 7 1 262 Share राजेश 'ललित' 13 Dec 2018 · 1 min read इज्जत बचाती एक लड़की आजके समय बेटियां कहीं भी सुरक्षित नहीं है,इस संदर्भ में अपने विचार इस कविता के माध्यम से कहने का प्रयास किया है। ---------------------------------------------------------------------------- "इज्ज़त बचाती एक लड़की" ---------------------------------------------------------------------------- स्कूल जाती... Hindi · कविता 7 2 273 Share राजेश 'ललित' 10 Apr 2019 · 1 min read आ गये राजे महाराजे चुनावी सरगर्मी मे अपनी राह बनाती कविता -------------------------------------------------------------- आज के राजे-महाराजे ----------------------- आ गये आज के राजे-महाराजे ढोल बजाते सजा कर अपने अपने खोमचे ढेर सारे लेकर वादे खटी मीठी... Hindi · कविता 6 1 352 Share राजेश 'ललित' 30 Nov 2018 · 1 min read मां तपस्विनी यह कविता मां के अथक परिश्रम और निस्वार्थ भाव से सेवा करते हुए परिवार को एकजुट रखने का प्रयास करते हुए कठिन तपस्या करती है पर बदले में कुछ भी... Hindi · कविता 6 2 246 Share राजेश 'ललित' 30 Nov 2018 · 1 min read मां तपस्विनी यह कविता मां के अथक परिश्रम और निस्वार्थ भाव से सेवा करते हुए परिवार को एकजुट रखने का प्रयास करते हुए कठिन तपस्या करती है पर बदले में कुछ भी... Hindi · कविता 6 5 406 Share राजेश 'ललित' 19 Dec 2018 · 1 min read क्षणिकायें क्षणिकायें अक्सर लिखता हूं:लिखने की प्रेरणा मगर कवि बंधुओं और पाठकवृंद से मिलती है।आज की क्षणिका प्रस्तुत है --------------------------------------- "क्षणिका" ----------------------------------------- मत ढूंढो चांद को अमावस की रात है क्योंकि... Hindi · कविता 6 1 244 Share राजेश 'ललित' 3 Apr 2019 · 1 min read शब्द ' ----------------------------- शब्दों मत रुको कुछ कहो निरर्थक सा मत पड़े रहो शिला सी अल्हड़ नदी सा बहो वक्त के अनुसार बदलो अंदाजे बयां कुछ नया हो हाँ, तेवर रखो... Hindi · कविता 6 1 527 Share राजेश 'ललित' 7 Sep 2020 · 1 min read काठ की हांडी आज की कविता ‘काठ की हांडी’में काठ की हांडी आम आदमी का प्रतीक है जिसको बार बार प्रयोग करके फेंक दिया जाता है।वैसे ‘काठ की हांडी चढै न बारंबार’एक लोकोक्ति... Hindi · कविता 6 2k Share राजेश 'ललित' 20 Apr 2019 · 1 min read तलाश अभी जारी है सोलहवीं लोकसभा के चुनाव आ गये। नेता अपने घर से निकल कर मंचो पर सजने लगे हैं।उनकी इन बातों से उपजी यह कविता:- ---------------------------------------- तलाश जारी है -------------------------------------------- पाँच बरस... Hindi · कविता 5 1 517 Share राजेश 'ललित' 4 Mar 2017 · 1 min read "झूठ" " झूठ" कलयुग का महत्वपूर्ण तत्व है।सत्य कितना संभाल कर रखना पड़ता है।देखें कैसा लगता है यह "झूठ" आप को; -------------------------------- "झूठ" ------------------------------- जा रहा हूँ कब लौटूँगा ? कह... Hindi · कविता 5 539 Share राजेश 'ललित' 23 Jan 2017 · 1 min read "पोरस" "पोरस"रो नयी पीढ़ी शायद नहीं जानती,जिसने सिकंदर जैसे योद्धा का न केवल सामना किया अपितु हार के बावजूद उसकी आँखो में आँखे डाल कर उससे बराबरी का हक़ लेने में... Hindi · कविता 5 1 427 Share राजेश 'ललित' 2 May 2018 · 1 min read "जी तो रहा हूँ " "जी तो रहा हूँ " ---------------- जी तो रहा हूँ मगर ऐ ज़िंदगी तुझसे कटा कटा सा हूँ ध्यान से पढ़ना ज़रा ये खबर अख़बार फटा फटा सा हूँ मत... Hindi · कविता 5 1 231 Share राजेश 'ललित' 7 Feb 2018 · 1 min read बवाना की आग "बवाना की आग" ------------------------ बवाना की आग सब जल गया बची सिर्फ राख ही राख कुछ बेक़सूर लाशें कुछ लाचार सिसकियाँ दमघोटू आवाज़ें स्याह दीवारें किसे पुकारें कुछ कान में... Hindi · कविता 5 2 240 Share राजेश 'ललित' 20 Dec 2017 · 1 min read अरे,ग़रीबी ! सदियों से ग़रीबी और अमीरी के बीच खाई पाटने की कोशिश की जा रही है पर इसमें सफलता नहीं मिल पाई।ग़रीब और ग़रीबी हाथ में हाथ थामे अब तक शायद... Hindi · कविता 5 1 295 Share राजेश 'ललित' 12 Aug 2017 · 1 min read मरती धरती वैज्ञानिकों के बार बार चेतावनी देने के पश्चात् भी पर्यावरण में सुधार होने की बजाय हानि ही हो रही है ,जिससे धरती पर जीवन को ख़तरा हो गया है।पानी ,जंगल... Hindi · कविता 5 2 469 Share राजेश 'ललित' 19 Aug 2017 · 1 min read मुस्कुराती रहो मोनालिसा तेज़ी से बदलती हुई दुनिया में घटनाओं के प्रति हम उदासीन होते जा रहे हैं जैसे हमारे घर में लगी टी वी के उपर मोनालिसा की तस्वीर:- ------------------------- "मुस्कुराती रहो... Hindi · कविता 5 1 224 Share राजेश 'ललित' 29 Sep 2017 · 1 min read लफ़्ज़ो में न दफ्नाओ दो क्षणिकायें अलग अलग संदर्भों में प्रस्तुत हैं आशा है पसंद आयेंगी। ------------------ लफ़्ज़ों में न दफ्नाओ --------------- लफ़्ज़ों में न दफ्नाओ मेरे जज़्बातों को कहना है अभी बहुत कुछ... Hindi · कविता 5 1 241 Share राजेश 'ललित' 29 Sep 2017 · 1 min read लफ़्ज़ो में न दफ्नाओ दो क्षणिकायें अलग अलग संदर्भों में प्रस्तुत हैं आशा है पसंद आयेंगी। ------------------ लफ़्ज़ों में न दफ्नाओ --------------- लफ़्ज़ों में न दफ्नाओ मेरे जज़्बातों को कहना है अभी बहुत कुछ... Hindi · कविता 5 1 236 Share राजेश 'ललित' 10 Jul 2019 · 1 min read महफ़िल महफ़िल ----------———- ये वक़्त की महफ़िल है जनाब सब आयेंगे मिलने वाले तुम भी आना घर पर ही रख आना अपना अभिमान अपना ग़रूर अगली बार मिलो थोड़ी गर्माहट अपने... Hindi · कविता 4 272 Share राजेश 'ललित' 5 Sep 2019 · 1 min read खोदा पहाड़ यह कविता कुछ गाँव के लोगों के सामूहिक प्रयास से पहाड़ों को खोद कर एक रास्ता बनाने को लेकर लिखी है।जब आप सरकार और उसकी संस्थाओं से गुहार लगा थक... Hindi · कविता 4 377 Share राजेश 'ललित' 25 Dec 2016 · 1 min read "पोरस" "पोरस" ------------------------- जानता हूँ , सिकंदर हो तुम; तुम अपने जहाँ के। पर हूँ , पोरस मैं भी; जीवन में अपने; छोड़ूंगा नहीं, युद्ध का मैदान, अंत तक, जब तक,... Hindi · कविता 4 555 Share राजेश 'ललित' 21 Jan 2018 · 1 min read 'बसंत आ गया' शरद ऋतु में गर्मी की आहट अर्थात बसंत आने का संकेत।कुछ संकेत प्रकृति भी देती है।इसी से निकली'बसंत आ गया' -------------------------- "बसंत आ गया" ------------------------- बौरा गये हैं आम हर... Hindi · कविता 4 538 Share राजेश 'ललित' 12 Nov 2017 · 1 min read "धुँध " प्रदूषण के चलते आज पृथ्वी के अस्तित्व पर ख़तरा मँडरा रहा है।हवा का स्तर इतना ख़तरनाक हो गया है कि साँस लेना मतलब ज़हर लेना है और हम हल ढूँढने... Hindi · कविता 4 601 Share राजेश 'ललित' 7 Jan 2017 · 1 min read "क्षणिका" "क्षणिका" ------------------------- हवाओं ने फैलायी, थी तेरी आने की, ख़ुशबु , इंतज़ार भी किया, ताउम्र मैंने , संदेश हवा का, बस झूठा निकला ---------------------- राजेश"ललित"शर्मा Hindi · कविता 4 485 Share राजेश 'ललित' 29 Jan 2017 · 1 min read "क्षणिका" दोस्ती कभी नहीं मिटती;दबी रहती है,मन के भीतर मौक़ा मिलते ही छलक जाती है:- -------------------- "क्षणिका" ------------------------ दोस्त का संदेश आया कुछ ठहाके गूँज गये ज़हन में, कुछ गालियाँ उछलीं,... Hindi · कविता 4 1 364 Share राजेश 'ललित' 28 Jan 2017 · 1 min read "क्षणिका" क्या कुछ कहने के लिये शब्द ज़रूरी हैं?नहीं न---! ------------------------- "क्षणिका" ---------------------- लिखनी थी चिट्ठी उनको; शब्द हो गये गुम, और मैं गुमसुम; कोरा काग़ज़ हूँ ; क्या भेजूँ ?... Hindi · कविता 4 1 275 Share राजेश 'ललित' 27 Jan 2017 · 1 min read "क्षणिका" कभी कभी किसी के हँसने को या रोने को कोई वजह बता कर टालने की कोशिश करते हैं पर वस्तुस्थिति कुछ और होती है ,देखें कैसे:- —————————— "क्षणिका" ------------------------- मेरी... Hindi · कविता 4 259 Share राजेश 'ललित' 25 Jan 2017 · 1 min read "वजूद" देखें क्या हाल हो गया आदमी का रोटी कमाने में।क्या मैनें ठीक कहा? पढ़िये और बताइये :- ------------------------- "क्षणिका" "वजूद" ------------------------- वजूद मेरा खा गया शहर यह तेरा; पत्थर सा,... Hindi · कविता 4 1 200 Share राजेश 'ललित' 24 Jan 2017 · 1 min read "अन्याय" न्याय की आशा में लाखों लोग न्यायलय के चक्कर लगाते रह जाते हैं।मैं समझता हूँ यह उन लोगों रे साथ "अन्याय"है जो ग़रीब हैं।आप भी राय दें:- ------------------------- "अन्याय" -------------------------... Hindi · कविता 4 251 Share राजेश 'ललित' 20 Jan 2017 · 1 min read "बेटी की बेटी" प्रस्तुत कविता मेरी बेटी के यहाँ बेटी के जन्म के कुछ दिनों के बाद आनायास ही निकली क़लम से,उसकी निश्छल मुस्कान देख कर।आप भी पढ़िये:- ------------------------- "नातिन" देखी तुमने मेरी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 4 377 Share राजेश 'ललित' 20 Jan 2017 · 1 min read "दु:ख" दु:ख का मतलब सुख का जाना।दु:ख को किस प्रकार अभिव्यक्ति मिली है,बताईये ; ------------------------- "दु:ख" ------------------------- ढूँढ लिया मैंने अपना पता, हे,रे सुख! तू जा, रहूँगा, अब, मैं, सदा के... Hindi · कविता 4 237 Share राजेश 'ललित' 18 Jan 2017 · 1 min read "औक़ात" "औक़ात" ------------------------- मुझे है पता, मेरी औक़ात, तू बता ? क्या है तेरी जात* कितनी जायदाद ? है मेरे पास ! दो गज ज़मीन, कपड़ा दो हाथ। है तेरे पास,... Hindi · कविता 4 379 Share Page 1 Next