Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} Tag: कविता 49 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 25 May 2024 · 1 min read ये कैसी आज़ादी ? बेड़ियाँ तोड़ने को कहा था- तुम तो घर फूंक बैठी सखी! आज़ादी ज़रूरी थी गलत बंदिशों से - तुम तो रिश्तेदार ही तोड़ बैठी बहन! चाहा था कि कानून की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 59 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 20 May 2024 · 1 min read अतीत अतीत, वह अविरल ग्रन्थ , छुपी जिसमें सैकड़ों कहानियाँ। वो लम्हे, वो पल, जो गुजर गए, बस यादों की धूमिल निशानियाँ हर दिन, हर पल, अतीत के कुछ - स्याह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 101 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 20 May 2024 · 1 min read उनको मंजिल कहाँ नसीब उनको मंजिल कहाँ नसीब खो जाएँ जो राहों में, घूम लो चाहे सारी धरती सुकून अपनों की बाहों में II रूप, धन, यौवन - हासिल , तो क्या? सफल तो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 108 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 18 May 2024 · 1 min read चार बजे प्रात: चार बजे की तन्हाई में रजाई की नरम गरमाई में हमारी नींद से नयन हैं बोझिल उनकी मजलिस जमी हुई है!! सितारों की चमक और ख़्वाब में अनजाने रास्तों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 136 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 18 May 2024 · 1 min read विरक्ती क्या करे जीवन संचार – वह रक्त जो विरक्त हो, किस आस पर टिके संसार - रीढ़ ही न सशक्त हो, विरक्ति का अर्थ विपरीत , संघर्षरत सार विरक्त आत्मा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 100 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 15 May 2024 · 1 min read इतने दिनों के बाद कितने बहके क्षण न बेला महकी I किस रीते पल कोयल न चहकी II सपनों में चाँदनी से झिलमिलाई याद। आज खुल के हँसे कितने दिनों बाद II सजीव हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 79 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 10 May 2024 · 1 min read चलना हमारा काम है कभी सह लिया, कभी कह दिया, कुछ दुःख ही अपना बंट गया, हर्षित हुई , तुम मिल गए, कुछ दुःख का बादल छंट गया | क्या अभी मैं परिचय कहूं,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 88 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 10 May 2024 · 1 min read संगीत विहीन मन की वीणा बाजी, फिर भी : तन स्वच्छंद ,रण स्वच्छंद I हृदय की डफली झनकी तो क्या ? सनकी दौर, अवमानना घोर I भुजा का तबला थाप दिया ना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 75 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 10 May 2024 · 1 min read इक बार वही फिर बारिश हो इक बार वही फिर बारिश हो , इस बार मुकम्मल ख्वाहिश हो , हर बार की तरह खामोश रहो ना , गुफ्तगू की भी गुंजाइश हो I इक बार चाहे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 93 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 10 May 2024 · 1 min read वृद्धावस्था जब रूप और यौवन ढल जाएगा, जब हाथ रहेंगे कंपन में, तब भी तुम क्या साथ रहोगे ? बेडौल देखूं जब दर्पण में ! जब आँख की ज्योति धूमिल होगी,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 99 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 10 May 2024 · 1 min read मानव हो मानवता धरो विचार ही विचित्र हो, व्यवहार जो व्यथित करे, बोल हो तो कर्कश ही, सोच समझ से परे ! न रंग है न रूप है , न छांव है ना धूप... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 118 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 10 May 2024 · 1 min read पुस्तकों की पुस्तकों में सैर पन्नों पर रची कल्पना सृष्टि उड़ती परियां, वाचाल पक्षी और दिव्य दृष्टि ! एक दिन छोड़कर माया प्रवेश हुई पुस्तक में काया | बैठी छांव कल कल्पवृक्ष के और पारस... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 88 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 9 May 2024 · 1 min read परमपिता तेरी जय हो ! झरनों के बहते कल - कल में, सुनी है तेरी ही आवाज इंद्रधनुष के सतरंगों में, देखा तेरा ही अंदाज | प्रेम की परिभाषा में ,देखा तेरे हुनर का आगाज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 100 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 9 May 2024 · 1 min read दो भावनाओं में साथ प्रश्न फुरसत मिली तो पूछ रहा हूँ क्या- क्या दूं तुमको उपहार ? सखी मांग लो चाहे हीरा ! या रत्न जटित नौ – लखा हार ! उत्तर दे दो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 76 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 9 May 2024 · 1 min read पढ़े-लिखे पर मूढ़ जाओ तुम चले जाओ, अवमानना की नगरी में . मुड़ -मुड़ कर क्यों ताक रहे हो आशाओं की गगरी में ? लौट जाओ फिर अंधकूप में तुम्हें सत्य समझाए कौन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 109 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 9 May 2024 · 1 min read शालीनता की गणित जो रात आज मैं रुक जाती और कहो क्या कह पाते ? दुशाला शालीनता की क्या ओढ़े तुम रह पाते? कितने सवाल, कितनी शंका, याद है सीता मां और लंका?... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 90 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 9 May 2024 · 1 min read मासूम शैशव पुनीत रहे नन्हे कोमल प्यारे – प्यारे शिशु ईश्वर के कृति दुलारे I शिशु - तुम गुरु अवश्य ही बनना निति युक्त ही सुकार्य करना I डॉक्टर बनना -न बताना बेटा या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 37 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 9 May 2024 · 1 min read कांतिमय यौवन की छाया दमकता रूप नहीं ,कांतिमय यौवन की छाया आभा आसुरी -शक्ति नहीं, अप्रतिम प्रतिभा सी काया पाश्चात्य नग्न नर्तकी नहीं, चाहिए ‘अहल्या’ सी अति उत्तम ‘जीजा’ सी माता बन जा तू,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 152 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 9 May 2024 · 1 min read मेरे भैया मेरे अनमोल रतन वीर लिखूं कि धीर लिखूं या खुशी की शमशीर लिखूं काट के रख दर्द के दानव; छांट के रख दे दुख के बादलI आए घर में तुम जिस पल ;... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 61 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 9 May 2024 · 1 min read कविता के प्रेरणादायक शब्द ही सन्देश हैं। कोशिश कर, हल निकलेगा , आज नहीं तो, कल निकलेगा. अर्जुन के तीर सा सध जा, मरूस्थल से भी जल निकलेगा | मेहनत कर, पौधों को पानी दे, बंजर जमीन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 107 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 9 May 2024 · 1 min read परिवर्तन ही वर्तमान चिरंतन चिर निरंतर आदिकाल से नियम है प्रकृति का परिवर्तन भूतकाल अपरिवर्तनीय, भविष्य अनिश्चित परिवर्तन ही वर्तमान चिरंतन | उलझे, बेताला, बेसुरे- परिवेश में क्या वांछनीय है दिशाहीन बदलाव ? विभात्स... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 102 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 9 May 2024 · 1 min read न बीत गई ना बात गई गोधूलि की उस बेला से धूल में धूमिल रात गई । लहरों की लाई रेत रह गई,अहंकार की इमारत ढह गई। मौन तो मनो बात कह गई ना बीत गई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 93 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 9 May 2024 · 1 min read उत्कर्ष उमड़ के घटा घेर गई थी धौली सी उस बदली को , बरखा की बूंदे जब टपकीं कुछ राहत दी तब पगली को I बिजली चमकी ,मेघ भी गरजे, घने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 95 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 9 May 2024 · 1 min read अद्वितीय प्रकृति उन्माद ,उन्मुक्त विमुक्त चिर परिचित -तुम मदमाती बाला हरित ,पल्लवित ,पुष्पित ,रंगीन सुरा -समान मधुमति हाला I नूरानी ,सुहानी ,मन- भावनी , मन-मोहिनी,लुभावनी-दैविक छटा उमड़ती, घुमड़ती, चमकती, दमकती अठखेलियां करती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 84 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 9 May 2024 · 2 min read पाठको से प्रस्तुत कविता संग्रह मेरे जीवन की रोचक ,चुनौतीपूर्ण एवं जिजीविषा से परिपूर्ण यात्रा का कवित्त स्वरूप है। मोहभंग और अनास्था के कटु क्षणों ने मेरे काव्याभिव्यक्ति को प्रेरित किया। यह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 48 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Apr 2024 · 1 min read वेदना की संवेदना सुर विहीन कविता, तरंग रहित सरिता किस पथ पर हो गए अग्रसर हम I रक्त रंजित,कष्ट संचित वेदना दर्द चीत्कारे चीखे , लुप्त पर संवेदना II रूप नग्न, खुद ‘खुदी’... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 116 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Apr 2024 · 1 min read संवेदना का प्रवाह संवेदना शब्दों के जंजाल में,हर रूप-हर काल में ,समय के आगे नतमस्तक सम्वेदना। हर धड़कन में उसकी गूँज,रक्त सी धाराप्रवाह, ह्रदय के कोनों में बसी सम्वेदना। आँखों की भावना, ख़ुशी... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 69 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read क्या कभी ऐसा हुआ है? क्या कभी ऐसा हुआ है सब कुछ ही पैसा हुआ है ? क्या कभी यूँ भी हुआ है पूरी हर दिल की दुआ है? क्या कभी ऐसा भी होगा पंजाब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 96 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read प्रेम की परिभाषा विलग उसके लिए प्रेम -हृदय के उद्गारों की परिभाषा और वो तो है शिकारी- करे बस देह की आशा I उसके लिए है प्रेम- प्रियतम की पूर्णतया दिल से की पूजा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 97 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read डर के आगे जीत है ! नजदीकियाँ किसी की चुभने लगे तुम्हें जब फासले बढ़ा कर देखो ,शायद प्यार हो जाए ! ख़ुशी पाने को दांव पर -जब लग जाये खुशी ही तब दुखों को प्रेरणा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 131 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read कभी आओ मेरे शहर में कभी भूलो कभी भटको ,तो आओ मेरे शहर में कभी जागो कभी भागो ,तो मिल लो दोपहर में I कभी जब सांसें लगे ,पत्थर से अधिक बोझिल कभी गुम होने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 74 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read किसी दिन .... किसी दिन वो पल भुला देंगे , किसी रोज कर लेंगे किनारा हम , किसी सुबह मुस्कुरा के कह देंगे याद आते हो बहुत ही कम ! किसी शाम तनहा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 87 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read नूतन संरचना बजे जब मन की मधुर वीणा उठे जब तन में कोई तृष्णा हृदय के तार हो झंकृत हो नूतन स्वरूप संरचना I प्रकृति का हो सान्निध्य मन रहे न अनमना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 92 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read यहीं सब है यहीं सुख है ,यही दुख है यहीं स्वर्ग है ,यहीं नर्क भी साम्राज्य यहीं रावण का है मगर राम राज्य भी यहीं I भटक कर ,उलझ कर न होगा कुछ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 131 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read नूतन रूप धर के तो देख ! करो खोटी यादों का तर्पण तोड़ो निकृष्ट वादों का दर्पण जिसे भी जो चाहे फिर कर दो तन ,मन, धन ,गगन अर्पण I जला बेबसी की तस्वीरें लिख नई तू... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 82 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read शब्द जो कर दें निशब्द शब्दों का महत्व है अद्वितीय, उनके बिना जीवन असम्भव है। सभी भाषाओं में छुपे ये मोहक ,आकर्षक अलंकार शब्द तीर तो चुभ जायें, नहीं तो माधुर्य की झंकार। ये मोहक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 157 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read ये दिल किसे माने : अपने और बेगाने ? अपने और बेगाने, ये कैसे माने जाते हैं? दिल की बातों सही हैं- कैसे पहचाने जाते हैं। अपनों के साथ खुशी और दुख में, हर लम्हा बिताते हैं हरदम साथ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 62 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read निशाचार निशाचार दुख हैं ,दर्द हैं हर कोने में दरिद्रता के व्यापारी हैं । जीवन के मायने ही बिगाड़ दिए, आशा के संसार उखाड़ लिए। काले धुंधले रातों में, निशाचार की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 131 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read सपने सुहाने उज्जवल सपनों में खो जाओ, पीड़ा भूलकर जब भी सो जाओ। स्वप्न महल के सुरम्य परिसर में झूम जा, मनोरंजन कर, बिन परमार्थ जन्नत में भी घूम आ। कल्पना की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 55 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read भ्रमण भ्रमण का आनंद ले बंदे, अभी तो श्वास बाकी हैं ! नए स्थानों का कर तू सैर करोड़ों आस बाकी हैं ! गिरी की ऊँचाइयों पर बर्फ में खो भी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 106 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read तरंगिणी की दास्ताँ नदियों के लहरों की प्राकृतिक सुखद अनुभूति, दिल को आनंदित करे है अथाह जल विभूति। पानी की लहरों से मानो गुजरती चतुर्दिक राहें, हर नदी के हृदय में डूबी सैकड़ों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 53 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read विद्या का आलय:पी एम श्री केन्द्रीय विद्यालय धर्मशाला छावनी पहाड़ों के सानिध्य में, ऊंचाईयों के सामर्थ्य, स्थित है एक ज्ञान की जननी, के .वी. का मान... केन्द्रीय विद्यालय धर्मशाला: एक अद्वितीय स्थान_ छात्रों की एकजुटता, सबका सम्मान। प्रकृति की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 55 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read समय की धारा समय से जूझ कर देखो- वही आरम्भ है ,वही अंत है, शीत के धूप सा सुखकर, भास्कर सा अनादि अनंत है I व्यक्ति डूबने लगे जब दुःख के गहरे सागर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 76 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read देश की शान बन,कफन में लौट आया हूं किसी हृदय का उदगार सुन ही लो तुम आज , वीरगाथा वीर की , वीर वो वीरों का सरताज I { वीर- नाम , वीर – भाई , वीर- बहादुर}... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 104 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read परीक्षा काल याद हैं क्या आपको _ मासूम वो बचपन के दिन? घर से कूच करते थे ,भारी बैग-बस्ता के बिन मां कभी दही ,कभी शक्कर खाने को कहती थी और न... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 42 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read अद्वितीय प्रकृति उन्माद ,उन्मुक्त विमुक्त चिर परिचित -तुम मदमाती बाला हरित ,पल्लवित ,पुष्पित ,रंगीन सुरा -समान मधुमति हाला I नूरानी ,सुहानी ,मन- भावनी , मन-मोहिनी,लुभावनी-दैविक छटा उमड़ती, घुमड़ती, चमकती, दमकती अठखेलियां करती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 116 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read मैंने क्या कुछ नहीं किया ! धरती दे दी , गगन दिया रूप अनुपम , इंसानी स्वरुप दिया पूजा की महिमा भी दी वंदन की दी भावना कुदरत का हर रंग दिया रिश्ते दिए, उनका संग... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 60 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read कभी उत्कर्ष कभी अपकर्ष कारवां की चाह में, कंटक लगे उस राह में, झड़ते पत्तों के माह में , इच्छाओं के दाह में _ वो कर दृढ़ निश्चय चल पड़ा ! व्याप्त जब था... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 49 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 22 Feb 2024 · 1 min read मेरी अभिलाषा है प्रेम का प्रसार हो ,शांति का प्रचार हो , ना कहीं व्यभिचार हो ,ह्रदय हर इक उदार हो , शर्म की हो लालिमा और नेकी का विस्तार हो I मृगतृष्णा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 48 Share