Priya Maithil Language: Hindi 75 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Priya Maithil 27 Apr 2025 · 1 min read रिक्तता भावो का शून्य समागम है स्वप्नों की टूटी जाली है खंडहर हुए महल जीवन के जिनपर खुशियां गाली हैं लुप्त हुए क्षण की हमने बस स्मृतियां ढाली है दिन का... Hindi · कविता 1 140 Share Priya Maithil 30 Jan 2025 · 2 min read दुख मेरे भीतर सब रूखा सूखा है , एकदम दग्ध, कितनी भी कोशिश कर लूं न कविता बन पड़ती है न कहानी ,ना कोई लेख । मेरे मित्र ने कहा बुरा... Hindi · लेख 1 205 Share Priya Maithil 15 Nov 2024 · 1 min read दिवाली है दियो की रात और मैं आग सी जलती रहूं रुई ज्यों तिल में , दुखों के तेल में गलती रहूं क्या निशा है की जड़े हैं सब किवाड़ों पर... Hindi · कविता 2 243 Share Priya Maithil 31 Oct 2024 · 4 min read ऐसी दिवाली कभी न देखी ऐसी दीवाली न कभी देखी, ना कभी कल्पना ही की । कभी लगता है कोई भयानक सपना तो नहीं चल रहा, अभी नींद टूटेगी और हम चैन की सांस लेंगे।... Hindi · लेख 1 312 Share Priya Maithil 26 Oct 2024 · 2 min read मृत्यु मृत्यु के बाद का जीवन , जीवन की मृत्यु से भी अधिक कष्टकारक होता है।मेरे ही सारे दुख अंततः इस बड़े दुख से हार गए। नीरसता, सूनापन और पीड़ा क्या... Hindi · लेख 1 283 Share Priya Maithil 11 May 2024 · 1 min read ग्यारह मई मेरा जन्म दुनिया की अति साधारण घटना। नही हुई कोई आकाशवाणी मेरे होने पर नही बरसे पुष्प नही हर्षे देव किसी क्रांति की आशा प्रत्याशा ईश्वर को मुझसे रही नही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 4 2 307 Share Priya Maithil 5 May 2024 · 1 min read नीचे की दुनिया ऊपर से नीचे आते हुए भूल जाती है कविता चाहे जितनी ऊंचाई से शुरू हो नीचे आकर ही उतर पाएगी हृदय में, बचा सकेगी अर्थ अपने होने का ऊपर से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 2 273 Share Priya Maithil 3 May 2024 · 1 min read मैं क्या हूं तिमिर कण हूं या बसंती भोर हूं.. हूं समय , या समय का छोर हूं.. प्रार्थना हूं या प्रलय घनघोर हूं.. हूं अनिश्चित या तुम्हारी और हूं .. कोई अगोचर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 315 Share Priya Maithil 3 May 2024 · 1 min read बताओ प्रेम करोगे या …? चारों तरफ़ इश्क़ का कोलाहल है.. इश्क क्या,बड़ा सीमित,संकुचित, मौसमी बुखार सा उतरता चढ़ता रक्त में बहते हार्मोनों का असर.. वही जो पहली नजर में हो जाता है अकसर आंखो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 273 Share Priya Maithil 3 May 2024 · 1 min read तुम जाते हो.. देखो,यह अवनि की छाती आज धड़कती कम सी है। देखो, यह रूई की बाती आज तड़कती कम सी है। देखो,यह अंशुमाली में आज नही है तीखा ताप। देखो, चंदा की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 224 Share Priya Maithil 3 May 2024 · 1 min read रास्ते का फूल न बन पाई तो.. रास्ते का फूल ना बन पाई तो .. रास्ते का खार बन कर क्या करूं.. जो ह्वदय का हार ना बन पाई तो.. फिर ह्वदय का भार बन कर क्या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 295 Share Priya Maithil 3 May 2024 · 1 min read लाज़िम है लाज़िम है ये भी की लब चल रहे हो बरबस पर बात कही भी न पहुंच पाती हो.. कान सुन नही रहे हो, पर अभिनय करता चौखटा हो.. पटा हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 237 Share Priya Maithil 29 Apr 2024 · 1 min read पीड़ाएं सही जाती हैं.. पीड़ाएं सही जाती हैं.. पीड़ा की कहानियां कही जाती हैं जिनके मुख से , परे होते हैं उसके दुख से.. भूख की पीड़ा ,भूख की नहीं, जीवन की है.. इसे... Hindi · कविता 2 356 Share Priya Maithil 14 Apr 2024 · 1 min read बताओ प्रेम करोगे या ...? चारों तरफ़ इश्क़ का कोलाहल है.. इश्क क्या,बड़ा सीमित,संकुचित, मौसमी बुखार सा उतरता चढ़ता रक्त में बहते हार्मोनों का असर.. वही जो पहली नजर में हो जाता है अकसर आंखो... Hindi · कविता 6 5 281 Share Priya Maithil 13 Apr 2024 · 2 min read तुम्हारी याद..! जब तुम्हारी याद आती है मैं ढूंढती हूं तुम्हारा कोई निशान जो तुम्हारी मौजूदगी का अहसास कराए और महसूस करती हूं तुम्हारा होना यूं तो याद आना तुम्हारा, रोजगार है... Hindi · कविता 4 311 Share Priya Maithil 29 Mar 2024 · 1 min read तुम जाते हो। देखो,यह अवनि की छाती आज धड़कती कम सी है। देखो, यह रूई की बाती आज तड़कती कम सी है। देखो,यह अंशुमाली में आज नही है तीखा ताप। देखो, चंदा की... Hindi · Poem 3 3 270 Share Priya Maithil 23 Mar 2024 · 1 min read रास्ते का फूल ना बन पाई तो.. रास्ते का फूल ना बन पाई तो .. रास्ते का खार बन कर क्या करूं.. जो ह्वदय का हार ना बन पाई तो.. फिर ह्वदय का भार बन कर क्या... Hindi · Poem 4 2 331 Share Priya Maithil 22 Mar 2024 · 1 min read मैं क्या हूं? तिमिर कण हूं या बसंती भोर हूं.. हूं समय , या समय का छोर हूं.. प्रार्थना हूं या प्रलय घनघोर हूं.. हूं अनिश्चित या तुम्हारी और हूं .. कोई अगोचर... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता 4 322 Share Priya Maithil 5 Mar 2024 · 1 min read करते हैं जो हृदय- निमंत्रण झूठे हैं... करते हैं जो हृदय- निमंत्रण झूठे हैं... प्रेम-प्रणय के सब आमंत्रण झूठे हैं.. मन जुड़ते हैं , अपने निजी प्रयोजन से.. त्याग- समर्पण के चलचित्रण झूठे हैं... . Hindi · कविता 1 300 Share Priya Maithil 1 Mar 2024 · 1 min read मैंने कभी न मानी हार (1) *लाखो बार बुझा है दीपक* *लाखो बार मिटा है तेल* *लाखो बार कश्तियां डूबी* *लाखों बार हुई है देर* *पर सिंधु से आंख लड़ाकर* *करी हमेशा नैया पार* *मैने कभी... Hindi · कविता 3 278 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read जब हृदय में ..छटपटा- जाती.. कोई पीड़ा पुरानी... जब हृदय में ..छटपटा- जाती.. कोई पीड़ा पुरानी... जब रसा को मूक कर दे ..आत्मघाती कोई कहानी.. जब नयन में नीर ,,बनके तीर से गड़ने लगे, हो व्यथित जब कह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 235 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read मंजिल खुद अश्रु - सिक्त हुई .. मंजिल खुद अश्रु - सिक्त हुई .. उर शीतलता भी तिक्त हुई .. फिर क्यों मैं मधुसम गान सुनूं क्यों राह कोई आसान चुनूं?? पूजा था जिसको बन साधक.. बन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 393 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read घने तिमिर में डूबी थी जब.. घने तिमिर में डूबी थी जब.. किसने दीपक दिखलाया.. बैठी थी जब हो बेबस .. तब कहो कौन आगे आया.. अब जब राहों में खुद तारे .. तुम राह दिखाने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 244 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read कटा के ये पर आसमां ढूंढ़ती है... कटा के ये पर आसमां ढूंढ़ती है... इक नन्ही सी चिड़िया जहां ढूंढती है.. घटाओ के झोंको की भूखी थी वो.. अब पिंजरों में बाकी हवा ढूंढ़ती है... हर ज़र्रे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 237 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read दीवारें....., सिर्फ घरों में नहीं होती दीवारें....., सिर्फ घरों में नहीं होती दीवारें हर जगह है.... संकोच की लोभ की शंका की भ्रम की सोच की सोच के छोटेपन की दीवारें हर जगह हैं... पर हर... Poetry Writing Challenge-2 1 233 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read "नन्हे" ने इक पौधा लाया, "नन्हे" ने इक पौधा लाया, आंगन में था उसे लगाया। यह मेरे स्वप्नों की सीढ़ी, संग - संग मेरे रोज चढ़ेगा। हां, ये पौधा यहीं लगेगा!! पौधा बढ़ा,फूल थे फूले,... Poetry Writing Challenge-2 · Poem 1 236 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read जीवन की राहें पथरीली.. जीवन की राहें पथरीली.. हर पल इक नया झमेला है! तू इकलौता बर्बाद नहीं.. यहां हर एक शख्स अकेला है! ये चंद मिनट की मायूसी.. पर सबक बड़ा अलबेला है!... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 252 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read हां ख़ामोश तो हूं लेकिन......... हां ख़ामोश तो हूं लेकिन......... दिल में राज छिपाकर नहीं जीती मुस्कुराती हूं सबके सामने बेझिझक क्यूंकि में अपनी हंसी दबाकर नहीं जीती जो ना कह सके अपना मुझे............ उसको... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 372 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read पग - पग पर बिखरा लावा है पग - पग पर बिखरा लावा है यह जग बस एक छलावा है... जो बैठे है बन अति उदार वह उनका महज दिखावा है. प्रेम - प्रेम कह इठलाते जो,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 330 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read मोही हृदय अस्थिर, व्यथित मोही हृदय अस्थिर, व्यथित था, अधर मुस्काते रहे अठखेलियां करते नयन , नित स्वप्न छलकाते रहे गाते रहे मिसरी से मीठे, गीत, चित हरते रहे पीले मुखो पर सांझ के,... Poetry Writing Challenge-2 1 258 Share Page 1 Next