Priya Maithil 72 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Priya Maithil 14 Sep 2019 · 1 min read हिन्दी सूर्य हमारा है अलंकार और रस से सज्जित, प्यारी भाषा हिंदी है। भाव अनेक समाहित जिसमें, विस्मयकारी हिंदी है। संस्कृत से उत्पन्न हुई है, कालजयी एक तारा है। वैदिक युग से बहती आये,... Hindi · कविता 6 1 412 Share Priya Maithil 18 Aug 2019 · 1 min read कविता झूठ नहीं होती तुम जो लिखती हो वह झूठ है वृक्ष - सा दिखता महज एक ठूंठ है, किन्तु झूठ लिखा नहीं जा सकता,_" कहा मैने!" सागर गागर में समा सकता है! गूंगा... Hindi · कविता 2 2 483 Share Priya Maithil 18 Jun 2019 · 1 min read मेरी आंखो का तारा नाजों से पाला था जिसको.. छूने भी नहीं दिया गम को.. हर खुशी लुटाई थी जिस पर. जीवन का एक एक पल चुनकर.. अब वो मेरा ही राजकुंवर... दिन मुझे... Hindi · कविता 2 2 259 Share Priya Maithil 21 May 2019 · 1 min read करना है जो वो कर ही चले... करना है जो वो कर ही चलें, बातों से मन बहलाये क्यों... छोटी - छोटी भूले भूलें, इनको बेकार बढ़ाएं क्यों... कुछ घर मिट्टी ही रहने दें, हर घर को... Hindi · कविता 2 4 483 Share Priya Maithil 15 Feb 2019 · 1 min read चुनना केवल तुमको है "चुनना केवल तुमको है"" है टूट रहे नित- नियम अनेकों, उनका तुम यलगार करो.. क्षण- क्षण को बटोरो जीवन में, या खुल कर तुम बर्बाद करो.. यह तिक्त- मधुर गाथा... Hindi · कविता 2 2 447 Share Priya Maithil 15 Feb 2019 · 1 min read सच्चा प्यार किसी को कैद कर लेना मोहब्बत की सलाखों में उसे ये ताड़ना देना, कि तुम हो मेरी चाहो में परखना उसकी हर एक बात में गुम हो कहीं ,तुम हो... Hindi · कविता 5 1 289 Share Priya Maithil 24 Dec 2018 · 1 min read निर्णय कुछ शाखॆ टूट जाएगी मुरझा जाएंगी कुछ कलियां पत्तों का रंग बदल जाएगा मन भी शायद विद्रोह को मचल जाएगा सब कुछ निर्भर करता है "निर्णय"पर!! किसी की उलझी लटे... Hindi · कविता 2 2 387 Share Priya Maithil 24 Dec 2018 · 1 min read मैं कविता नहीं लिखती मैं कविता नहीं लिखती ये तो कुछ और है गहरे दरिया का छोर है अपने भीतर के दावानल को मिटाने के लिए चीखती खामोशियों का शोर है मैं कविता नहीं... Hindi · कविता 2 2 219 Share Priya Maithil 19 Dec 2018 · 1 min read मेरा क्या मुझमें बतलाना? जो दिया तुम्हीं से था पाया.. कब खुदको ऊंचा दिखलाया.. कब तोड़ के डोरी "मर्यादा" मन मेरा खुद पे भरमाया... मैंने तो इन अवसादों से.. सीखा है गम में मुस्काना...... Hindi · कविता 1 451 Share Priya Maithil 18 Dec 2018 · 1 min read रे फिर बापू मर जाते हैं!! स्वारथ की पोथी को पढ़कर, लोलुपता नभ पर चढ़कर , अपनी -अपनी ढोली ढपकर, प्रेम दया सब कुछ तजकर, जब हम निज मुख देख दरप में, तनिक नहीं सकुचाते है!... Hindi · कविता 1 1 356 Share Priya Maithil 11 Nov 2018 · 2 min read किसान उड़ाते है मखौल बुजदिली का मेरी... ये जो तमाशबीन बने बैठे है सियासत में तेरी.. कायर तो नहीं हूं...पर मजबूरियों से थक चुका हूं... अपनी टूटी उम्मीदें इन बाजारों में... Hindi · कविता 4 5 447 Share Priya Maithil 11 Nov 2018 · 1 min read जटिलता हृदय बड़ा उद्विग्न है.. सना हुआ है विघ्न में.. बड़ी विकट पड़ी घड़ी.. हूं तक रही खडी खड़ी.. है आज मौन खुद "धरा".. है किस जगह मेरी #धरा ये किस... Hindi · कविता 3 2 378 Share Priya Maithil 24 Oct 2018 · 2 min read भारतीय लोकतान्त्रिक चुनाव प्रणाली में युवाओं की भूमिका भारतीय लोकतान्त्रिक चुनाव प्रणाली अर्थात जनता का ,जनता द्वारा, जनता के लिए शासन!! किन्तु आज हमारे जनप्रतिनिधि अपने "मन के प्रतिनिधि" बनकर अपने स्वार्थ साधन में लगे हुए है! ये... Hindi · लेख 6 5 572 Share Priya Maithil 7 Oct 2018 · 1 min read आरक्षण बहुत हो चुका हो हल्ला अब तो मन की गांठें खोलो.. सब में ही गुण है प्रतिभा है.. इन्हें आरक्षण से मत तौलो इन भारत बन्द के खटको से.. हो... Hindi · कविता 3 566 Share Priya Maithil 2 Oct 2018 · 2 min read सच्ची श्रद्धांजलि अक्टूबर २०१८ #प्रिया मैथिल हाथ में लाठी, तन पे लंगोटी...दुबला -पतला शरीर, साधारण कद - काठी .....किन्तु कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि साधारण चेहरे मोहरे वाला ये असाधारण... Hindi · लेख 1 432 Share Priya Maithil 21 Sep 2018 · 1 min read क्यों राह कोई आसान चुनूं मंजिल खुद अश्रु - सिक्त हुई .. और शीतलता भी तिक्त हुई .. फिर क्यों मैं मधुसम गान सुनूं क्यों राह कोई आसान चुनूं?? पूजा था जिसको बन साधक.. बन... Hindi · कविता 3 248 Share Priya Maithil 16 Sep 2018 · 1 min read गोरा रंग गोरे रंग रूप पे मिटी हुई - सी सारी दुनियादारी है....!! ये कैसी आधुनिकता है...?!! ये कैसी समझदारी है....?!! माना कि प्राचीनकाल से ही ... सौंदर्य पे कविता भारी है....... Hindi · कविता 2 500 Share Priya Maithil 8 Sep 2018 · 2 min read फूल नहीं प्यारे मुझको केवल कांटे ही भाते हैं रक्त से जीवन रंजित कर ... जो तीक्ष्ण व्यथा दे जाते हैं... है फूल नहीं प्यारे मुझको... केवल कांटे ही भाते हैं!! जो दिखा मुझे मन का दर्पण कुछ कटु... Hindi · कविता 4 293 Share Priya Maithil 8 Sep 2018 · 4 min read राष्ट्रीय हिंदी दिवस १४ सितंबर २०१८. राष्ट्रीय हिन्दी दिवस कुछ समय पहले की बात है जब मैने # यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव २०१८ में हिस्सा लिया, जो कि मध्यप्रदेश के ३०० चिंतनशील युवाओ के... Hindi · लेख 1 3 326 Share Priya Maithil 23 Aug 2018 · 1 min read शर्मिंदा हूं मैं हां सांसे थोड़ी कम- सी हैं .... हां आंखें थोड़ी नम- सी है... थोड़ी सी टूटी -टूटी हूं... खुद से जो रूठी -रूठी हूं ... मरे -मरे इस जीवन में...... Hindi · कविता 4 300 Share Priya Maithil 17 Aug 2018 · 1 min read मन के पन्नों में उलझी मैं.. मन के पन्नों में उलझी में, जीवन पन्ने सुलझाती हूं। खुद को समझने में निष्फल, मैं औरों को समझाती हूं। फिर कलह हुआ, लो जंग छिड़ी, खुद से ही लड़ती... Hindi · कविता 3 1 316 Share Priya Maithil 17 Aug 2018 · 2 min read देश की #धड़कन अपने जीवन को दांव लगा, हर पल आहुति देते हैं! अपनी खुशियों की बलि चढ़ा, ना जाने क्या-क्या सहते हैं! है उनके दिल में भारत मां ... वे मां के... Hindi · कविता 3 420 Share Previous Page 2