डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम Tag: कविता 38 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Sep 2023 · 1 min read लखनऊ शहर हसरतों को लिए लखनऊ का शहर। झुग्गियों से भरा बाग तक का सफर। गोमती तीर पर आ बसी झुग्गियां। नींद से जागिये अब फँसी मुर्गियां। शोहदे ,मनचले अब जो टकरा... Hindi · कविता 1 140 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Sep 2023 · 1 min read हरतालिका तीज सावन का माह मान, शिव का विवाह करें। करें हरी चूड़ियों में, शिव का श्रृंगार है। हरियाली तीज में जो , रखें व्रत निर्जला जो । करें मनोकामना को ,पूर्णता... Hindi · कविता 175 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Jun 2021 · 1 min read रानी झाँसी लक्ष्मीबाई वीर छंद/आल्हा नाना की बहना मुख बोली,लक्ष्मीबाई नाम सुभाय। पढ़ती- लिखती सँग नाना के, उसको नाना खेल सुहाय।। खेल-खेल में व्यूह रचाये, दुर्ग तोड़ती,तीखे वार। बर्छी, ढाल, कृपाण, कटारी, थे... Hindi · कविता 1 4 420 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 30 May 2021 · 1 min read रानी झांसी आल्हा/वीर छंद, जीत कालपी रण में रानी,अंग्रेजों को थी ललकार। भीषण युद्ध हुआ रानी से,दोनों हाथों में तलवार।। जब-जब दुश्मन जाल बिछाता, झलकारी करती संहार। चंडी बनकर झपटी रानी, धर... Hindi · कविता 502 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 May 2021 · 1 min read आल्हा ऊदल बड़े लड़ैया, चम चम चमक रही तलवार। आल्हा, आल्हा -ऊदल बड़े लड़ैया, चम- चम चमक रही तलवार। मची खलबली रण में भारी, होने लगे वार पर वार।। जब- जब दुश्मन रण में आये,टूट पड़े ऊदल तत्काल। काट... Hindi · कविता 19 7 25k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 May 2021 · 1 min read सपूत पूत है सदा,ऋणी रहे न मात का। पंच चामर छंद सपूत पूत है सदा ,ऋणी रहे न मात का। कपूत पूत है सदा ,ऋणी रहे न तात का। अनेक पूत मातु ने, सदा जिया लिया सभी। सपूत... Hindi · कविता 1 2 289 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2021 · 1 min read अगर स्वदेश जान है, पंच चामर छंद अगर स्वदेश जान है, जवान आन बान है। किसान देश हिंद का, महान मान शान है । पढ़े लिखे पले बढ़े ,मगर कभी रुकेंं नहीं । भले... Hindi · कविता 4 8 417 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 May 2021 · 1 min read त्रिगुणात्मक प्रकृति पंञ्च चामर छंद प्रमादि दोष मोचनं सतोगुणं स्वभाव सं। तमोगुणादि लोचनं मनोबलं अभाव मं। रजोगुणादि पोषितं रजादि दोष भूषितं सतोगुणादि शोभितं नृपादि दोष मोचितं। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम वरिष्ठ परामर्श... Hindi · कविता 2 8 307 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Dec 2020 · 1 min read सारा जीवन व्यर्थ हो गया,अभी आर्थिक मंदी में। मित्रों समर्पित है कोरोना गीत। सारा जीवन व्यर्थ हो गया, अभी आर्थिक मंदी में। भूख प्यास हो गयी पराई, इसी आर्थिक बंदी में । धूप छांव का होश नहीं अब,... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 28 417 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Aug 2020 · 1 min read मदिरा सवैया प्रेम करें निज यौवन से सखि! भूल गये निज स्वारथ मा। निर्गुण प्रेम करें सगरे सखि! प्रेम किये परमारथ पा। प्रेम प्रतीति दिखे उर में सखि! प्रीत करो निह स्वारथ... Hindi · कविता 3 4 249 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Aug 2020 · 1 min read मदिरा सवैया धीर धरो धर धीरज साधक नींद धरो नित श्वानन सा। ध्यान बको सम धारण साधक कान धरो निज बातन मा। प्रेम सदा कर भ्रातन साधक सीख धरो निज माथन पा... Hindi · कविता 3 2 336 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read गीत रूप माला छंद साक्षर अभियान अब हो, वृक्ष वट की छाँव। योग्य पढ-लिख कर बनें तब, हो सुखी यह गाँव। ग्राम्य भारत ही बड़ा है, क्यों दुखी संसार। गाँव से... Hindi · कविता 260 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read श्री राम का कोप मित्रों मत सवैया छंद पर एक प्रयास समर्पित है आप सब सुधि जनों को प्रणाम करता हूँ।अगर कोई त्रुटि हो तो क्षमा प्रार्थी हूँ। समर्पित है । " श्री राम... Hindi · कविता 482 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read माँ सरस्वती वंदना मित्रोंहरिगीतिका छंद पर एक और प्रयास ,प्रस्तुत है। संसार से तम दूर कर मां, ज्ञान हमको दीजिये। मन है कुटिल कपटी हमारे ,दूर अवगुण कीजिये। मां ज्ञान के भंडार से... Hindi · कविता 4 247 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 Feb 2020 · 1 min read मत्त सवैया यदि राम कृपा हो हम सब पर , चरणों में शीश झुकाते हैं। शुचि भक्ति भाव में हम सब भर, पुनि पुनि यह शीश नवाते हैं। शबरी के बेर कृपा... Hindi · कविता 410 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 Feb 2020 · 1 min read मत्त सवैया यदि रक्तदान का अवसर हो, स्वेच्छा से इसका दान करें। इसके बदले जीवन देकर, शुचिता से जीवन दान करें। यदि रक्तचाप मधुमेह उच्च, तो जाँच परख कर दान करें। यदि... Hindi · कविता 242 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jan 2020 · 1 min read चौपइ छंद रक्त दान से खुशी अपार अब सब मिल करना बारम्बार। करे रक्त कमियों को पूर। जीवन से यह है भरपूर। आओ वीरो को कर गान। देश सपूतों का कर मान।... Hindi · कविता 2 572 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jan 2020 · 1 min read सदा मातु को मान, हंसगति छंद ,सदा मातु को मान। सदा मातु को मान, आज मैं रचता। शारद से वर माँग, कार्य सब करता। कागा करे पुकार, यहाँ जो आये। करे उदासी अंत, प्रिया... Hindi · कविता 1 441 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 30 Dec 2019 · 1 min read कह मुकरी कह मुकरी खेलूं जिस से रंग हमजोली , घूमे जिसमें घर-घर टोली , संभले जिससे रंग हुड़दंग, क्या सखि साजन , न सखि ढंग। जिस पर कान्हा रास रचाये, गोपी... Hindi · कविता 426 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 24 Dec 2019 · 1 min read कह मुकरी कह मुकरी 1)आखिर कैसे करूं उपाय, सहज भाव से रही बताये, जिससे मिलता हमको मेवा, क्या सखि पूजा, ना सखि सेवा। 2) जिसका सारा जग दीवाना ,चाहे घर हो या... Hindi · कविता 255 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Dec 2019 · 1 min read राष्ट्र कवि दिनकरजी को समर्पित छंद राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर की जयंती के अवसर पर ,उनकी स्मृति में राष्ट्रीय काव्य संगम द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें 40 के करीब कवियों ने भाग... Hindi · कविता 2 591 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Dec 2019 · 1 min read ठूंठ ठूंठ मत काटो यह ठूंठ, नहीं शेष हरित शाखाएं नही स्पन्दित अभिलाषाएं न ही पल्लव न ही पुष्प रह गया है केवल एक ठूंठ। खिल कर भी मैं रहा उदास,... Hindi · कविता 2 319 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Dec 2019 · 1 min read दरिया के किनारे थी एक बस्ती दरिया के किनारे, थी एक बस्ती। खुश नुमा रंगीन शाम मे, बसती थी जिन्दगी। किसको पता, किसको खबर थी, दरिया के सीने मे, हो रही थी हलचल। इस हलचल से... Hindi · कविता 403 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Nov 2018 · 1 min read मुक्तक - मां कहानी सुनाती ,सुलाते -सुलाते , बहाना बनाती ,रिझाते - मनाते । मां, तू है ममता की देवी रिचा की, सुनाती है ,लोरी ह्रदय से लगा के। बनाये ,खिलाये, हंसाये रूला... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 115 1k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Nov 2017 · 1 min read बाल दिवस पर चाचाजी का संदेश बाल दिवस पर चाचाजी का संदेश ----- शिक्षा का त्योहार मनाया, गुरुओं का सम्मान बढ़ाया, परीक्षा मे हर प्रथम आओगे , गुरूओ का जब सम्मान करोगे। मम्मी-पापा गुरु के साथ... Hindi · कविता 3 543 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Nov 2017 · 1 min read दिल्लगी की सजा है, दिल्ली दिल्लगी की सजा है दिल्ली, एक कविता धुन्ध देख कर मन घबराया, गगन कुहासा छाया स्मोग भरा वायु का कण कण, प्राण वायु को तरसे पल पल मन, संकट में... Hindi · कविता 3 229 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Oct 2017 · 1 min read शांति की खोज में शांति की खोज में जीवन केवल्य मुक्त ,अंतर्द्वंद युक्त है , सुख- शांति की खोज में , परेशान , हैरान मन है । मंदिर , मस्जिद , गुरुद्वारे सब बना... Hindi · कविता 3 419 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Oct 2017 · 1 min read जन मानस के मन की बात जनमानस के मन की बात जनता का दुख दर्द जमा है, सुख चैन जमा हैं बैंकों में । जीवन का विश्वास जगा हैं, अवनि और अम्बरतल में। रूपयों के लिये... Hindi · कविता 3 573 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Oct 2017 · 1 min read मैं और तुम मै और तुम तुम करुणा की मूर्तिमयी दिल , मै पत्थर दिल तन्हा हूँ । मै राह देखता लंबे पल तक तुम सुंदर पथ की कविता हो । तुम ममता... Hindi · कविता 3 368 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Oct 2017 · 1 min read सबसे बड़ा रुपैया सबसे प्यारा रूपैया बाप भइया न मइया, सबसे प्यारा रूपैया रूपैया चुनाव की जान हैं, रूपैया अर्थ की तान हैं। रूपये के लिये संघर्ष हैं, संघर्ष ही जीवन का सार... Hindi · कविता 2 445 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Oct 2017 · 1 min read जीवन पथ के सुनहरे पल जीवन पथ के सुनहरे पलः मेंने जीवन के अनमोल पलों को सजोंया है, स्वर्णिम अवसर पाकर मैने कुछ बोया है। अपनी आॅखों में मैने कुछ सजोंया है, नवसृजन हार नवजीवन... Hindi · कविता 3 921 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 Oct 2017 · 1 min read मैं चंचल हूँ मेघों के पार से आया करता हूँ । मैं चंचल हूं, मेघों के पार से आया करता हूं। मैं चंचल हूं , मेघों के पार से आया करता हूं। मै पावक हूं, पृथ्वी को भूषित , भष्मित करता... Hindi · कविता 3 356 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 Oct 2017 · 1 min read जीवन एक व्यापार हो गया जीवन एक व्यापार हो गया जीवन एक व्यापार हो गया , कृषक मौन , घर –द्वार बह गया । दाने –दाने को तरसे भाई , कातर नयनों से ताके काकी... Hindi · कविता 2 444 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Oct 2017 · 1 min read करवा चौथ पर एक सुंदर कविता --मयंक करवा चौथ पर एक सुंदर कविता --------मयंक --- तारों की छांव में , चौथ के चाँद को , अर्ध्य –दुग्ध की धार अर्पित कर , आराधना स्वीकार हो गयी है... Hindi · कविता 3 463 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Sep 2017 · 2 min read मातृ नमन जननी नमन । मातृ नमन -जननी नमन माँ बनने का अहसास अलग होता है , नव जीवन का अहसास अलग होता है , उदर मे पल रही संतान का सुख अलग होता है... Hindi · कविता 3 635 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 30 Aug 2017 · 1 min read जीवन एक व्यापार हो गया । कविता –जीवन एक व्यापार हो गया । जीवन एक व्यापार हो गया , कृषक मौन , घर –द्वार बह गया । दाने –दाने को तरसे भाई , कातर नयनों से... Hindi · कविता 1 317 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 29 Aug 2017 · 1 min read कविता --एकला चलो रे -- एकला चलो रे बचपन मे रेडियो पर रवीन्द्र संगीत सुनता था बंगला भाषा ना जानते हुए भी गुनता था एकला चलो रे गुरु देव का यह गीत आज भी गुनगुनाता... Hindi · कविता 480 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 24 Aug 2017 · 1 min read एकला चलो रे एकला चलो रे बचपन मे रेडियो पर रवीन्द्र संगीत सुनता था बंगला भाषा ना जानते हुए भी गुनता था एकला चलो रे गुरु देव का यह गीत आज भी गुनगुनाता... Hindi · कविता 518 Share