Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2020 · 1 min read

मत्त सवैया

यदि राम कृपा हो हम सब पर ,
चरणों में शीश झुकाते हैं।
शुचि भक्ति भाव में हम सब भर,
पुनि पुनि यह शीश नवाते हैं।
शबरी के बेर कृपा करके,
सँग लक्ष्मण राघव खाते हैं।
तब ऋषि मुनि सारे हाथ जोड़,
श्रुतियों की कथा सुनाते हैं।

डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव” प्रेम”

Language: Hindi
382 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
View all
You may also like:
उसकी जरूरत तक मैं उसकी ज़रुरत बनी रहीं !
उसकी जरूरत तक मैं उसकी ज़रुरत बनी रहीं !
Dr Manju Saini
दो सहोदर
दो सहोदर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
माँ ही हैं संसार
माँ ही हैं संसार
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
मातृभाषा हिन्दी
मातृभाषा हिन्दी
ऋचा पाठक पंत
जीवन सभी का मस्त है
जीवन सभी का मस्त है
Neeraj Agarwal
नियम
नियम
Ajay Mishra
*** चल अकेला.....!!! ***
*** चल अकेला.....!!! ***
VEDANTA PATEL
लोगों को जगा दो
लोगों को जगा दो
Shekhar Chandra Mitra
रक्षा के पावन बंधन का, अमर प्रेम त्यौहार
रक्षा के पावन बंधन का, अमर प्रेम त्यौहार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वक्त
वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ये जंग जो कर्बला में बादे रसूल थी
ये जंग जो कर्बला में बादे रसूल थी
shabina. Naaz
अगर गौर से विचार किया जाएगा तो यही पाया जाएगा कि इंसान से ज्
अगर गौर से विचार किया जाएगा तो यही पाया जाएगा कि इंसान से ज्
Seema Verma
पुण्यधरा का स्पर्श कर रही, स्वर्ण रश्मियां।
पुण्यधरा का स्पर्श कर रही, स्वर्ण रश्मियां।
surenderpal vaidya
उनकी ख्यालों की बारिश का भी,
उनकी ख्यालों की बारिश का भी,
manjula chauhan
💐प्रेम कौतुक-494💐
💐प्रेम कौतुक-494💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सोच समझकर कीजिए,
सोच समझकर कीजिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
होलिका दहन
होलिका दहन
Bodhisatva kastooriya
अधूरे ख्वाब
अधूरे ख्वाब
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
कुछ समय पहले तक
कुछ समय पहले तक
*Author प्रणय प्रभात*
"उजाड़"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ तो याद होगा
कुछ तो याद होगा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
बन्दे   तेरी   बन्दगी  ,कौन   करेगा   यार ।
बन्दे तेरी बन्दगी ,कौन करेगा यार ।
sushil sarna
मेरा विषय साहित्य नहीं है
मेरा विषय साहित्य नहीं है
Ankita Patel
छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं।
छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं।
लक्ष्मी सिंह
*सरस्वती जी दीजिए, छंद और रस-ज्ञान (आठ दोहे)*
*सरस्वती जी दीजिए, छंद और रस-ज्ञान (आठ दोहे)*
Ravi Prakash
बात
बात
Shyam Sundar Subramanian
అమ్మా దుర్గా
అమ్మా దుర్గా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
किसी नदी के मुहाने पर
किसी नदी के मुहाने पर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अपनेपन की रोशनी
अपनेपन की रोशनी
पूर्वार्थ
Loading...