PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 84 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 6 Jun 2023 · 1 min read शत् - शत् वन्दन माते! तेरा शत् -शत् वन्दन। तू ही जननी इस सृष्टि की, तू जाया ममता- दृष्टि की; तुझसे ही माॅं है यह जीवन, माते! तेरा शत् -शत् वन्दन। सबका आश्रय तेरा... Poetry Writing Challenge · कविता 8 458 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 5 Jun 2023 · 1 min read रेगिस्तान रेगिस्तान क्या है? दूर- दूर तक विस्तृत रेत ही रेत, पीला सोना ही सोना। सुंदर है बालू के टीले, मनोहर है मृगमरीचिका, दिन में उष्ण रात में शीतल, किरणें करती... Poetry Writing Challenge · कविता 8 4 495 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 4 Jun 2023 · 1 min read पत्थरों का निमंत्रण छोटे, मोटे नुकीले पत्थर देते हैं मुझे निमंत्रण आकर हमें गले लगा लो। अपने अनुभव की छैनी से हमको धीरे- धीरे गढ़ कर अपना कोई शिल्प सजा लो। हम न... Poetry Writing Challenge · कविता 6 613 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 3 Jun 2023 · 1 min read लड़की एक कोमल अहसास, उज्ज्वल विमल उजास, भविष्य की आस, होती है लड़की। स्नेह का जलजात, सिहरता सा प्रपात, प्रीत की सुवास, होती है लड़की। सागर से गहरी, जीवन की प्रहरी,... Poetry Writing Challenge · कविता 7 3 734 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 3 Jun 2023 · 1 min read अमर क्षण फूलों में गंध कौन रोक पाया है हमेशा के लिए। लाख बने बांध कौन रोक पाया है नदी की विनाश लीला। काल का अश्व किसने बांधा है। गुजर जाते हैं... Poetry Writing Challenge · कविता 8 423 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 3 Jun 2023 · 1 min read दिन ढलता जाता देखो! दिन ढलता जाता। रात को दे मौन निमंत्रण, रवि विहॅंसता भागे पथ पर, साॅंझ को ले आकुल अंतर, गोद में सिर रख सो जाता। देखो! दिन ढलता जाता। लौट... Poetry Writing Challenge · कविता 9 346 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 2 Jun 2023 · 1 min read आसमान हमारा आसमान धरती से जुदा हो गया है। आसमान! तुम्हें क्या हो गया है? तुम्हारा श्याम-सा तन स्वच्छ मुख धुएँ के बीच धुंधलाकर धुआँ- धुआँ हो गया है। निर्मल जल... Poetry Writing Challenge · कविता 8 4 411 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 2 Jun 2023 · 1 min read मेरा संबल मेरी आँखों में, मेरा सपना सही सलामत है। वह मेरे ह्रदय की, सबसे अनमोल अमानत है। राहों में हालातों ने, बेशक कांटे बोए हैं। जीवन की पगडंडी पर उनका भी... Poetry Writing Challenge · कविता 4 3 496 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 2 Jun 2023 · 1 min read मित्रता पहले झगड़े एक-दूसरे को परेशान किया। खूब सता करके अहम् का समाधान किया। फिर पता नहीं कब सामन्जस्य स्थापित हुआ? जाने किन विचारों, किन भावों ने दिल को छुआ? चेहरे... Poetry Writing Challenge · कविता 5 361 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 2 Jun 2023 · 1 min read बीज की अभिलाषा पेड़ के नीचे एक बीज था पडा़। सोच था मन में- क्या वृक्ष बनकर हो पाऊँगा खड़ा? क्या मिल पाएगी मुझको जल, हवा? क्या कर्त्तव्य-बोध वहन कर पाऊँगा मैं? क्या... Poetry Writing Challenge · कविता 8 486 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 2 Jun 2023 · 1 min read बचपन बचपन कुदरत का उपहार, मिलता सबसे अतुलित प्यार। बचपन एक महकता उपवन, निर्मल, निश्छल रहता है मन। बचपन एक सुहाना सपना, कोई दुश्मन न होता अपना। बचपन एक मधुर संगीत,... Poetry Writing Challenge · 25 कविताएं · कविता 4 348 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 2 Jun 2023 · 1 min read रात तारों की ओढ़नी पहने मचली कमसिन रात। झींगुरों की पहन पायल करती किससे बात? चाॅंद की चाॅंदनी में निखरा मासूम चेहरा। हर किसी में होड़ मेरे सिर बंधे सेहरा। मगर... Poetry Writing Challenge · 25 कविताएं 6 4 450 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 31 May 2023 · 1 min read आधुनिकीकरण यह आधुनिकीकरण ! मार दिया है जिसने मानवता को। फंसा दिया है मानव को अंतहीन मृग-मरीचिका में। हत्या कर दी है जिसने समस्त संवेदनाओं की। मानव सुन ही नहीं पाता... Poetry Writing Challenge · 25 कविताएं · कविता 4 352 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 31 May 2023 · 1 min read प्रार्थना प्रार्थना नहीं है शब्दों का व्यूह मात्र। पूजन, अर्चन, वन्दन भी नहीं है प्रार्थना के उपादान। फिर प्रार्थना क्या है? प्रार्थना एक दिव्यानुभूति है, सृष्टि के रचयिता के प्रति निश्शेष... Poetry Writing Challenge · कविता 6 491 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 30 May 2023 · 1 min read जीवन गीता पहचान इंसान की तन से नहीं, उसके किए कर्म से होती है। बदल देता है लेख नियति का और अपना भाग्य कर्मनिष्ठ मानव। जिस दिन कठिन कर्म पगडंडी पर चलता... Poetry Writing Challenge · कविता 6 428 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 30 May 2023 · 1 min read प्यार प्यार लिखता है अनमोल कविता। प्यार सिखाता है निश्छल समर्पण। प्यार से उपजती आर्द्र करूणा। प्यार से निकलते पवित्र प्रार्थना स्वर। प्यार से मिलता साकार ईश्वर। प्यार से होती मुग्ध... Poetry Writing Challenge · कविता 4 288 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 29 May 2023 · 1 min read गंगाजल पावन पुनीत गंगाजल बहता था जो छल-छल। धारा का उच्छल प्रवाह बहता था अविरल। जिसके दर्शन से, जिसके मज्जन से हो जाता था मन अकलुष और निर्मल। युगों से मानव... Poetry Writing Challenge · कविता 8 449 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 29 May 2023 · 1 min read प्रतीक्षा सदियों से किसकी करते हो प्रतीक्षा? बिछाते हो घास का कोमल बिछौना। चाॅंद-सूरज की जलाकर बाती। छेड़ते हो दिशाओं में नित नई रागिनी। जिसके लिए यह साज सब कौन है... Poetry Writing Challenge · कविता 3 424 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 29 May 2023 · 1 min read कर्म-हल पत्थर पर माथा पटकने से क्या फायदा? झटक देते हैं दामन देख असहाय को यही दुनियाँ का है कायदा। मुकाम कौनसा है जहाँ जिन्दगी को खतरा नहीं। गिराने वाले बहुत... Poetry Writing Challenge · कविता 8 4 459 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 29 May 2023 · 1 min read वही जीता जीवन यात्रा का सुख, अनायास पा लेने में कहाँ? अथक प्रयत्नों से, बाहों में समेट लेता जहां। पार कर गिरि-नद-नाले, दुर्लंघ्य शिखर, अन्तहीन मरूस्थल में, नंगे पाँव। जीतकर अतृप्त प्यास,... Poetry Writing Challenge · कविता 6 261 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 29 May 2023 · 1 min read एक प्रश्न कान्धे पर फटा हुआ सा कूड़े का बोरा लटकाए। कटे-फटे वसनों में मुश्किल से अपना तन छिपाए। शीत में वह ठिठरता गर्मी में सहता तीव्र तपन है। कूड़े-कचरे से कुछ... Poetry Writing Challenge · कविता 6 342 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 14 Sep 2022 · 1 min read हिंदी जग में न्यारी हिंदी ओ प्यारी हिंदी ! भावों की धरा तुम्हें ही पुकारती। माँ भारती के भाल को संवारती। शब्दों के पुष्प सजा साहित्यपुजारी, शीश झुका करें तुम्हारी आरती।... Hindi · कविता 11 10 1k Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 19 May 2022 · 1 min read पिता जीवन के सूत्रधार पिता हैं | इस जगत के आधार पिता हैं | पिता है तो सब कुछ अपना है, लगता मनोहर हर सपना है, इन्द्रधनुषी संसार पिता हैं |... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 75 124 1k Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 10 Dec 2021 · 1 min read बच्चा बच्चा जीवन बहार, भगवान का रूप| निश्छलता औ'प्यार का सुदृढ़ प्रतिरूप| तुतले शब्दों की कितनी प्यारी बोली| कानो में स्वर ने ज्यों मिश्री हो घोली| हार जीत की कुंठा से... Hindi · कविता 7 8 409 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 27 Nov 2021 · 1 min read वह है मेरे इस संसार में मैं हूँऔर एक वह है| वह मेरे लिए अजनबी, कुछ पहचाना सा, कुछ अंजाना सा, मगर मैंने उसे देखा नहीं सिर्फ महसूस किया है| उन पलों... Hindi · कविता 5 4 513 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 23 Nov 2021 · 1 min read अनाम रिश्ते कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं, जिनका नाम नहीं होता| पावन गंगा जल से भी क्योंकि- गंगाजल में धुलता है- पापियों का पाप भी, मगर, उन रिश्तो में कोई भी कालुष्य... Hindi · कविता 6 8 445 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 17 Oct 2021 · 1 min read कविता किसी की पीर किसी की व्यथा हूँ , जीवन की एक अकथ-सी कथा हूँ | कविता कह रहे हो तुम मुझे मगर , जिसने गढ़ा है मै उसका पता हूँ... Hindi · कविता 4 4 519 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 26 Aug 2021 · 1 min read कगार के वृक्ष कगार के वृक्ष तुम यूं ही उखड़ ना जाना । अपने साये में कुछ नई पौध जमा जाना । तुमको तो है अब जाना हो चुका चोल पुराना । थके... Hindi · कविता 5 3 298 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 16 Jun 2021 · 1 min read दर्द हँसती हुई जिंदगी को कैसा दर्द दिया है? तेरा दिया जहर अमृत समझ पिया है । पर हर रोज मैने माँगा तुझे दुआओं में, कितना कहर ढाया मुझ पर फिजाओं... Hindi · कविता 5 6 642 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 5 Jun 2021 · 1 min read द्वन्द्व मस्तिष्क और ह्रदय में यह कैसा द्वन्द्व प्रबल है? जीती हूँ जिसको वह अमिय है कि गरल है? दोहरापन अपने जीवन में कभी न आ पाया, अपनेपन से सबको बाँधा... Hindi · कविता 6 380 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 18 May 2021 · 1 min read बरसात का स्वागत कैसे करूँ स्वागत तुम्हारा? बताओ इस बार ,तुम बरसात । कोरोना के कहर से, व्यथित मनुष्य का गात । कितनो के अपने चले गए, कितने धन बल से छले गए?... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 45 46 1k Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 18 May 2021 · 1 min read बरसात - अनुपम सौगात धरा-गगन के मिलन का , अनुपम अवसर है बरसात । नयन-नीर से कर देता है, पुलकित वसुधा का गात । प्रस्फुटित हो उठती हर तरफ , दोनो की चिर प्रणय... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 52 48 2k Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 6 Feb 2021 · 1 min read मेरा प्यार मेरा प्यार सीमा नही रखता अनन्त है उसका विस्तार । घने जंगल, नदियाँ ,पर्वत, मलय पवन, विस्तृत गगन निखिल सृष्टि में है अकिंचन । उसका अनोखा चुम्बन, सांझ सवेरे छोड... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 38 93 1k Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 8 Jan 2021 · 1 min read कोरोना चारों तरफ सन्नाटा पसरा उफ! ये कैसी बीमारी है? ब्रिटेन में दूसरा स्ट्रेन फिर लाॅकडाउन की तैयारी है। कोरोना का हाहाकार मचा सारा संसार लाचार हुआ, इन्सान समझ ना पाया... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 54 95 2k Share Previous Page 2