pradeep kumar 71 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid pradeep kumar 17 Jul 2016 · 1 min read बेटी सयानी हो गयी। इस जहाँ में इश्क की अदभुत कहानी हो गई। श्याम की वंशी को सुन राधा दिवानी हो गयी।।1 चांद तारे हँस रहे हैं देखकर अपना मिलन। आज की ये शाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 694 Share pradeep kumar 12 Dec 2016 · 1 min read तब और महाभारत होगा। सुप्रभात मित्रों। सिंहासन के बगुले जब जब हंसों को ललकारेंगे। जब जब रावण सिया हरण को भेष जोगिया धारेंगे। जब जब भरी सभा में पंचाली का चीर हरण होगा। जब... Hindi · कविता 759 Share pradeep kumar 7 Jul 2020 · 1 min read पटकथा फिर से महाभारत की लिक्खी जा रही है। हर जुबां पर दंभ की चिड़िया तराना गा रही है। पटकथा फिर से महाभारत की लिक्खी जा रही है। है विषय अफसोस का यह, फिर धरा पर विश्व गुरु की,... Hindi · गीत 2 2 624 Share pradeep kumar 27 Aug 2016 · 1 min read सनम मेरा मुझसे चुराता है मुझको। रुलाता है मुझको हँसाता है मुझको। सनम मेरा' मुझसे चुराता है मुझको।। जिसे हर कदम पर सँभाला था मैंने। वही आज आँखें दिखाता है मुझको।। उन्हे देखकर के यही लग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 526 Share pradeep kumar 21 Jul 2016 · 1 min read मैं थका था पर मुझे चलना पडा़। इश्क में क्या क्या नहीं सहना पड़ा।। मैं थका था पर मुझे चलना पड़ा।। उस सितमगर से हुआ जब प्यार तो। हर घड़ी मुझको यहाँ जलना पड़ा।। की बहुत खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 529 Share pradeep kumar 31 Aug 2016 · 1 min read कभी कोई कभी कोई जलाता है बुझाता है कभी कोई कभी कोई। मेरी हस्ती मिटाता है कभी कोई कभी कोई।।1 बुरा चाहा नहीं मैनें जहाँ में तो किसी का भी। मुझे क्यूं आजमाता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 527 Share pradeep kumar 24 Jun 2020 · 1 min read तू ही है... मेरी हर नज्म है तू ही, मेरा हर गीत तू ही है। मेरा सपना मेरी चाहत, मुहब्बत प्रीत तू ही है। मेरे मनमीत मेरी जिंदगी है जिंदगी तुझसे। मेरे सीने... Hindi · मुक्तक 3 494 Share pradeep kumar 15 Jul 2016 · 1 min read वतन की शान लगते हैं। एक गजल मापनी ---1222 1222 1222 1222 कभी हैवान लगते हैं कभी शैतान लगते हैं। नहीं इंसान अब लेकिन यहाँ इंसान लगते हैं।। उन्ही का हल नहीं मिलता जमाने में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 445 Share pradeep kumar 18 Jul 2016 · 1 min read हम सबयकायर कहलायेंगे। *********************************** घर में घुस आये अरि को यदि सबक नहीं सिखलायेंगे। सिंहासन के साथ साथ हम सब कायर कहलायेंगे। आने वाली संतति हम पर थूकेगी, गाली देगी। इतिहासों के पन्ने... Hindi · मुक्तक 1 510 Share pradeep kumar 21 Jun 2020 · 1 min read पिता पिता रूप भगवान का, पिता तीर्थ का नाम। चरण पिता के पूज ले, बन जाएंगे काम।। "दीप" संगणक सम पिता, पिता ज्ञान विज्ञान। पल भर में करते पिता, हर मुश्किल... Hindi · दोहा 2 2 462 Share pradeep kumar 27 Aug 2016 · 1 min read नहीं मिला इंसान यहां। बेहद दुखी मन से एक मुक्तक। खुद को खुदा समझता कोई, और कोई भगवान् यहाँ। इंसानों ने आज भुला दी, इंसानी पहचान यहाँ। कांधे लाश उठाये माँझी, आठ मील तक... Hindi · मुक्तक 1 502 Share pradeep kumar 7 Aug 2016 · 1 min read जिंदगी हर कदम आजमाती रही। मैं सँभलता रहा ये गिराती रही। जिंदगी हर कदम आजमाती रही।। हर कोई साथ मेरा गया छोड़, पर। मुफलिसी साथ मेरा निभाती रही।। जब मुझे ये लगा भूल तुझको गया।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 506 Share pradeep kumar 5 Dec 2016 · 1 min read खुश्बुएँ प्यार की। खुश्बुएँ ये प्यार वाली फिर लुटाने दो मुझे। साख अपने इस वतन की अब बचाने दो मुझे।। जो अमन के नाम पर भी बन चुके धब्बा उन्ही। दुश्मनों का आज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 487 Share pradeep kumar 13 Nov 2016 · 1 min read बुरा है इश्क जालिम गजल हँसाता है रुलाता है रुलाता है हँसाता है। बुरा है इश्क ये जालिम सभी को आजमाता है।। नहीं वो बात करता है जहाँ के सामने मुझसे। अकेले में मगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 480 Share pradeep kumar 10 Sep 2016 · 1 min read अनुमान क्यों लिक्खूं। मुझे मालूम है सच तो भला अनुमान क्यों लिक्खूँ। मैं पूँजीवाद का झूठा बता गुणगान क्यों लिक्खूँ। गरीबी भूख लाचारी अभी जिंदा है' भारत में। बता बापू ते'रे सपनों का'... Hindi · मुक्तक 442 Share pradeep kumar 19 Jun 2020 · 1 min read स्वप्न न बेचे... रोटी की खातिर सबकुछ, बेचा लेकिन, स्वप्न न बेचे। हमनें चौराहों पर रखकर काले जामुन केले बेचे। चीकू सेब संतरे लीची नीबू आम करेले बेचे।। सब्जी बेची लेकिन अपने मन... Hindi · गीत 5 2 400 Share pradeep kumar 21 Jul 2016 · 1 min read कवि अंगारे लिख डालो। सरहद पर जो खडे़ हुये हैं शेर हमारे लिख डालो। उठो सपूतों भारत माता के जयकारे लिख डालो। भारत माँ की महिमा गाकर जोश जगा दो जन जन में। इन... Hindi · मुक्तक 1 2 412 Share pradeep kumar 30 Jul 2016 · 1 min read खुद को इतना संत करो। हिंदुस्तानी गरिमा को अब अक्षुण्ण और अनंत करो। कोई गाली दे जाये मत खुद को इतना संत करो। जब अभियान चलाया है तो भारत स्वच्छ करो बिलकुल। जहरीली बेलें जो... Hindi · मुक्तक 458 Share pradeep kumar 15 Jul 2016 · 1 min read संविधान पर थूका है। भारत माँ की आन बान औ स्वाभिमान पर थूका है। अलगावी नेताओं ने अब संविधान पर थूका है। अपनी दिल्ली चुप है फिर भी जाने किस मजबूरी में। सिंह समक्ष... Hindi · मुक्तक 1 2 460 Share pradeep kumar 18 Jul 2016 · 1 min read बचाने श्याम आयेगा। तुम्हारे हाथ में जब भी छलकता जाम आयेगा। लबों पर तब हमारा ही सनम इक नाम आयेगा।।1 कहीं गीता में कृष्णा ने जो बातें सत्य हैं बिलकुल। करोगे जो बुरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 437 Share pradeep kumar 30 Jul 2016 · 1 min read दुनिया मुझे जलाती है। रात दिन अब मुझे रुलाती है। याद अकसर तेरी सताती है।। मौत से क्या गिला करूँ यारों। जिंदगी जब ये आजमाती है।। चांद भी देखकर लगे जलने। रुख से परदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 412 Share pradeep kumar 16 Aug 2020 · 1 min read हो गये हैं...... मुजरिमों के मार्गदर्शक, मित्र, थाने हो गये हैं। इसलिए ही जुर्म के मौसम सुहाने हो गये हैं।। काटनी है जिंदगी उनको सजा के रूप में अब। स्वर्ग में तब्दील सारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 431 Share pradeep kumar 17 Jul 2016 · 1 min read मन उजला सा दर्पण हो। काम क्रोध का ढेर नहीं हो मन उजला सा दर्पण हो। उर में सत्य अहिंसा के सँग सेवा भाव समर्पण हो। मिला यहीं पर सब कुछ तुझको यहीं रखा रह... Hindi · मुक्तक 2 429 Share pradeep kumar 10 Sep 2016 · 1 min read सियासी राग सियासी राग गाया जा रहा है। हमें उल्लू बनाया जा रहा है।। गडे़ मुर्दे उखाडे़ जा रहे हैं। मगर सच को दबाया जा रहा है।। गरीबी को मिटा पाये नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 395 Share pradeep kumar 7 Mar 2020 · 1 min read कौवे के अखबार में, युगों-युगों से ही रहे, भेड़ भेड़िये मीत। कौवे के अखबार में, छपा गिद्ध का गीत।। जब से बगुले ने सुने, मीठे मछली बैन। तब से पागल प्रेम में, दिखता है... Hindi · गीत 1 1 517 Share pradeep kumar 22 Jun 2020 · 1 min read राजनीति अंग-अंग में भरी कुटिलता, रोम-रोम में मक्कारी। कोरोना से कहीं भयानक, राजनीति है बीमारी।। ये लाशों का अम्बार देख खुश, होती है मुस्काती है। ये रंग बदलती गिरगिट सा, घड़ियाली... Hindi · गीत 2 3 393 Share pradeep kumar 14 Jun 2020 · 1 min read कृष्ण सो रहे अपनों में संग्राम छिड़ा है, चादर ओढ़े कृष्ण सो रहे।। त्याग चुकी है आज केंचुली, राजनीति परिभाषाओं की। ज्येष्ठ मास की धूप सरीखी, तपे चाँदनी आशाओं की।। धर्म सरीखे शब्द... Hindi · गीत 3 2 375 Share pradeep kumar 5 Aug 2020 · 1 min read राम नाम से बड़ा न और कोई मंत्र है। महिमा अपार राम नाम की जो माप सके। जग में न बन सका अभी कोई यंत्र है। राम है अनंत कथा राम की अनंत और, राम हैं पुराण राम नाम... Hindi · घनाक्षरी 4 2 384 Share pradeep kumar 27 Aug 2016 · 1 min read नजरें मिलाऊं कि नजरें चुराऊं। गजल जहाँ को भुला दूं मैं खुद को भुलाऊँ। मगर है न मुमकिन तुम्हे भूल जाऊँ।। सभी जख्म रिसने लगे हैं मेरे अब। कलेजे को किससे कहां मै सिलाऊं।। बुरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 374 Share pradeep kumar 27 Aug 2016 · 1 min read मैं हूँ दीप वो जो सदा ही जला हूँ। नहीं मैं रुकूंगा नहीं मैं रुका हूँ। सचाई के पथ पर सदा ही चला हूँ।। कमी ढूँढने में लगे क्यूं हो मेरी। कहा कब है मैनें कि मै देवता हूँ।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 341 Share pradeep kumar 23 Jul 2016 · 1 min read चंद्रशेखर आजाद। अमर शहीद महान क्रांतिकारी पं० चंद्रशेखर आजाद जी के जन्मदिवस पर कोटि कोटि नमन करते हुये कुछ पंक्तियाँ। जिसने बल पौरुष साहस को एक नया आयाम दिया। जिसने अंग्रेजी शासन... Hindi · कविता 1 377 Share pradeep kumar 12 Aug 2020 · 1 min read भला क्यों? हो गया है जब बिछुड़ना ही सुनिश्चित, और थोड़ा वक्त अब माँगूँ भला क्यों ? प्यास सागर भी बुझा पाया नहीं जब, ओस की बूँदों से फिर विनती क्या करनी।... Hindi · गीत 2 345 Share pradeep kumar 15 Jul 2016 · 1 min read लाहौर तिरंगा देखोगे। कश्मीर के ताजा हालातों से व्यथित होकर दिल से निकलीं कुछ पंक्तियाँ। शोर सुनाई देता है अब आदमखोर सियारों का। फिर वर्चस्व फैल रहा है घाटी में गद्दारों का।। जला... Hindi · कविता 1 3 360 Share pradeep kumar 16 Jul 2016 · 1 min read हाथ में इक खत पुराना आ गया। हाथ में इक खत पुराना आ गया। याद फिर गुजरा जमाना आ गया।। 1 प्यार से देखा उन्होने जब हमें। तो हमें भी मुस्कुराना आ गया।। 2 जल गया सारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 367 Share pradeep kumar 22 Feb 2020 · 1 min read गैरों की बाहों में..... राजतिलक के अवसर पर ही, सपनों को वनवास मिला। गैरों की बाहों में हमको, अपनों का विश्वास मिला। । कितने रावण पीली चादर, ओढ़ जगत में राम हुये। धवल चाँँदनी... Hindi · गीत 2 2 331 Share pradeep kumar 17 Jul 2016 · 1 min read गान तेरा सदा गुनगगुनाता रहूं। गीत तेरे लिखूं छंद तेरे लिखूं गान तेरा सदा गुनगुनाता रहूं। रक्त अपना बहा सरहदों पर ते'री, भारती कर्ज तेरा चुकाता रहूं।। शारदे दीजिये धार तलवार सी, नित कलम को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 332 Share pradeep kumar 2 Oct 2020 · 1 min read वीणावादिनि वर दे। शब्द शब्द अक्षर अक्षर में, सार समाहित कर दे। जन के मन की पीर लिखूँ माँ, वीणावादिनि वर दे।। सच को सच कहने से माते, वर दे कभी न हारूँ।... Hindi · गीत 3 2 340 Share pradeep kumar 5 Dec 2016 · 1 min read किसान भूखा है। किसी की चाहतें प्यासी, कोई अरमान भूखा है। कहीं मजदूर भूखे हैं, कहीं किसआन भूखा है।। जिसे हो देखना देखो, निगाहों से मेरी आकर। सड़क फुटपाथ चौराहों पे हिंदुस्तान भूखा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 323 Share pradeep kumar 13 Jul 2020 · 1 min read अब भी गतिविधियों से हो रहा, "दीप" यही आभास। राजनीति की कोख में, अब भी कई विकास।। प्रदीप कुमार "दीप" सुजातपुर, सम्भल Hindi · दोहा 4 2 305 Share pradeep kumar 15 Jul 2016 · 1 min read लूट मुक्तक। राष्ट्रवाद का झंडा कुचला, नेताओं ने लातों में। जनता को ठेंगा दिखलाया, बस बातों ही बातों में। ख्वाब दिखाते रहे रात भर, भोली भाली जनता को। दिया लूट कर... Hindi · मुक्तक 1 1 297 Share pradeep kumar 24 Aug 2016 · 1 min read रूठा रुठा सा लगता है मुझको ये भगवान तभी। गजल ज्यादा पैसे की चाहत है, भूल गया मुस्कान तभी।। खुदा देवता बनना चाहा नही रहा इंसान तभी।। दया भावना बची न बिलकुल इंसां एक मशीन बना। अंदर से हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 348 Share pradeep kumar 12 Sep 2020 · 1 min read सत्ता के सुरूर में..... कुछ काले कारनामे कर रहे मातहत, कुछ काले काम वे जो आप किये जा रहे। रौब से दबाव से प्रभाव से स्वभाव से ही, मौन जो विरोध के आलाप किये... Hindi · घनाक्षरी 2 1 292 Share pradeep kumar 18 Jul 2020 · 1 min read संक्रमित शुभकामनाएं कागजों में कैद होकर, जी रही घुट-घुट दुआएं। कौन हैं हम? पूछती हैं, संक्रमित शुभकामनाएं।। हाथ में लेकर दिये जो चल रहे थे, ठोकरें खा खाइयों में गिर गये हैं।... Hindi · गीत 6 1 303 Share pradeep kumar 24 Aug 2020 · 1 min read हम अकेल कामना पुष्पों की लेकर, कंटकों के राजपथ पर, हम अकेले चल रहे हैं।। कर रहीं हैं राज जग पर, ओढ़ कर उजले कफन को, कुछ मरी संवेदनाएं। फिर रही हैं... Hindi · गीत 1 276 Share pradeep kumar 27 Jun 2020 · 1 min read आजादी के बाद आजादी के सपने टूटे, आजादी के बाद। जलीं बस्तियाँ धू धू करके, किसका कहें कसूर। जाति धर्म के फोड़े फुंसी, बन बैठे नासूर।। जितना मरहम मला घाव पर, उतनी पड़ी... Hindi · गीत 4 1 275 Share pradeep kumar 28 Jul 2020 · 1 min read हमको बाँध न पाये बुद्ध तथागत अपना मन,तन, फक्कड़ मस्त कबीर। हमको बाँध न पाये कोई, दुनिया की जंजीर।। तेरा-मेरा, इसका-उसका, अपना और पराया। सबकुछ कोरा झूठ सत्य यह, लोभ मोह की माया। हीरे... Hindi · कविता 6 5 278 Share pradeep kumar 27 Aug 2016 · 1 min read शस्त्र होती कलम है कलमकार की। है मुझे अब जरूरत न तलवार की। शस्त्र होती कलम है कलमकार की।। 1 लूट चोरी डकैती तथा अपहरण। हैं यही सुर्खियाँ आज अखबार की।।2 साथ सच का निभाना हमेशा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 264 Share pradeep kumar 3 Mar 2020 · 1 min read नागयज्ञ होना चाहिए। हद से अधिक धैर्यशीलता का सदियों से, दामन पे लगा हुआ दाग धोना चाहिए। हमने बहुत कुछ खोया शांति हेतु अब, शत्रुओं से बोल दो कि उन्हें खोना चाहिए। शोणित... Hindi · घनाक्षरी 2 1 270 Share pradeep kumar 10 Sep 2016 · 1 min read जवानियाँ प्रणम्य हैं। हमको दिलातीं याद शहीदों की बार बार देश में बनी हैं जो निशानियाँ प्रणम्य हैं। प्रेरणा बनी हैं आज बलिदान देने हेतु बलिदानियों की वो कहानियाँ प्रणम्य हैं। जिनकी रगों... Hindi · कविता 267 Share pradeep kumar 15 Jul 2016 · 1 min read सहिष्णु एक मुक्तक। कल तक तो इन सबको देखो होती चिंता भारी थी। बात बात पर जीभ सभी की पैनी छुरी कटारी थी। आज सहिष्णु चुप बैठे हैं घाटी के हालातों... Hindi · गीत 1 1 269 Share Page 1 Next