Omendra Shukla Language: Hindi 60 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Omendra Shukla 2 Feb 2017 · 1 min read जीवन संघर्षो भरा है “भाग उठा होके परेशान जीवन के झंझावातों से दर्द बहुत है इस जीवन में हर पल चुभते है काँटों से , छोटी बातें,अधूरी यादें सब छूट यहाँ पे जाते है... Hindi · कविता 363 Share Omendra Shukla 2 Feb 2017 · 1 min read अध्यात्म विमुख होता जग “एक दुविधा सी मन में उठती है दिल असमंजस से भर जाता है ज्ञान की डोली में जब कोई विद्या की अर्थी छोड़ जाता है , करके शिक्षा का उद्यमीकरण... Hindi · कविता 399 Share Omendra Shukla 2 Feb 2017 · 1 min read ।।गणतंत्र बना गवारतंत्र ॥ “गणतंत्र बन गया गँवारतंत्र अब कुछ लोगो के कुंठित विचारों से सच्चाई कर रही मुजरा कोठे पे अंधे कानून के उन राहों पे , हो गया बहुत ही बड़ा अर्थ... Hindi · कविता 556 Share Omendra Shukla 2 Feb 2017 · 1 min read ॥ सत्ता के स्वार्थी ॥ हाइकू पैसठ साल बर्बादी भारत की सुध ना आई , गरीब लोग अर्धनग्न शरीर जलता पेट , मिटे गरीब ना गरीबी है मिटी सत्ता लोलुप , हुआ है दुःख सत्ता ना... Hindi · हाइकु 1 475 Share Omendra Shukla 2 Feb 2017 · 1 min read वीर हिन्द के वासी हम “हम वीर हिन्द के वासी है हमसे ना टकराना तुम हो जाओगे खण्ड-खण्ड प्रतिखण्ड हमसे ना टकराना तुम, क्या भूल गए उस सागर को एक घूंट में पी डाला था... Hindi · कविता 264 Share Omendra Shukla 2 Feb 2017 · 1 min read गणतंत्र मुबारक हो तुमको "हर चौराहे पे जहां सीता लुटी जाये और चंद रुपयो मे वर्दी बीक जाये नेताओ के ऐश मे देश बलि हो जाये वह गणतंत्र मुबारक हो तुमको , जहां गरीब... Hindi · कविता 343 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read एक कविता भारतीय सेना के नाम "आज कुत्तो ने शेरो को छेडा है शेरो कि मांद मे किया बसेरा है बहुत हो गया है अब भाईचारा सब्र का बांध अब तोडा है, टुट पडो अब इन... Hindi · कविता 1 1k Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read बिकाऊ मिडीया "सुबह-सुबह वो अखबार के पन्ने कुछ नये समाचार ले आते है खाली पडे इस मन मे फिर से वो ढेर सारी बाते भर जाते है, कहीं आतंक के मुद्दे है... Hindi · कविता 450 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read मेरे सपनो का विजय पर्व "किस जीत कि हम बात करे और कौन सा विजय मिल पाया है ना तो बुराई मिटी है यहा अभी और ना सच जिन्दा रह पाया है, मासुम चेहरोे मे... Hindi · कविता 268 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read कटघरे मे जीवन है कटघरे मे जीवन "मन हि मन है अब नाराज यहां ना मन का कुछ कर पाता हू जीवन जीने कि लालसा लेकर खुद से हि पराया हो जाता हू, रोज... Hindi · कविता 316 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read मजदुर हूं मै,मजबुर नही "जीवन कण्टक भरा है मेरा ना हार मै कभी मानने वाला हर दर्द मै सहके जी लेता हू मजदुर हू मै, मजबुर नही , सिमटके रह जाती है कहानी अक्सर... Hindi · कविता 262 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read विमुद्रिकरण जिस मुद्रा के खातिर, बदले थे तेवर हमने आज उसीने छिन लिये हमसे हि तेवर अपने, भूल गये थे सब रिश्ते नाते जग से था मुह मोड लिया खत्म हुआ... Hindi · कविता 531 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read गजल गज़ल :-- तू महलो कि रानी है जन्नत सी तेरी कहानी है । मै विराना सा सायर हु विरानी मेरी जवानी है । अबला सी तु चंचल है सरपत सी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 303 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read गजल "हर पल गुजर रहा है,अब धीरे-धीरे कोई इश्क कर रहा है,अब धीरे-धीरे, बादलो बरस जाओ जरा आज फिर कोई याद कर रहा है,अब धीरे-धीरे, वो यादो का समुन्दर फिर उमड... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 353 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read गजल "नहीं मांगु खुदा से मै और भी कुछ जो इक बार गर तु मुझे मिल जाये , और भी हंसी हो जाये ये तराने फिर जो तेरे लबो के यहां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 271 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read गजल "नहीं आती है नींद मुझे रातो को तुम रोज ख्वाबो मे आना छोड दो, ना हंस पाता हु मै तेरी खामोशी से यूं खामोश रहके सताना छोड दो, तेरी मुस्कान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 304 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read गजल "ऐ !खुदा क्यु खफा है तु आज मुझसे जरा मुझे इस खफा कि खता तो बता हु जुस्तजु मे तेरी फिरता मै दर-बदर रहता है किस जहां मे तु,पता तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 297 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read गजल "रोज-रोज ख्वाबो मे आना छोड दो होठो पे नये गीत गुनगुनाना छोड दो, नाकाम है तुम्हारी कोशीशे सारी यहा हर बार तुम ये इश्क जताना छोड दो, नजरअंदाज करती रही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 258 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read भारत कि तस्वीर "फटे पूराने कपडो मे,वो बाहर घुमके आता है गरीबी नाचती रहती है,और वो भूखा सो जाता है, तरसती हुयी निगाहे,दो रोटी के निवाले को सुबह से होती सांझ,जीन्दगी के सवालो... Hindi · कविता 389 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read बदलता परिवेश और परिवार "समय बदला,बदले रिश्ते और बदला घरबार है दुनिया बदली,जहां है बदला और बदला परिवार है, गुजरे वो दिन यारो जब घर छोटे बन पडते थे रिश्तो मे था प्यार और... Hindi · कविता 1k Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read वृक्ष हमारे जीवनसाथी "दर्द से शिथिल इस दुनिया मे कौन है मेरा नाम ये तो मेरी माटी जाने अथवा जाने राम, ना सुख कि मै आस करु ना करु किसी से कभी मै... Hindi · कविता 302 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read "याद आते हो हमेशा,चोरी-चोरी"-गजल "देखा करते है तुझे हम चोरी-चोरी इश्क करते है तुझे हम चोरी-चोरी, नही हटती निगाहे चांद से मुखडे से दिल मे समाने लगी है तु चोरी-चोरी, इश्क करते है तुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 654 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read "नया वर्ष मंगलमय हो " "हर साल आते है ,ये नये साल आते है पूराने छुट जाते है,नये सब साथ आते है नये वादे,नये इरादे,नये रिश्तो का संगम हो रखो ध्यान कभी पूराने कि अहमियत... Hindi · कविता 259 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read "इश्क करना नही आता " -गजल "हंसना नही आता, हमे रोना नही आता रहूं पास जो तेरे,तो खफा होना नही आता, लिखे थे यहां मुकद्दर मे कुछ साज जो मेरे आज भी उन्हे हमे बयां करना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 664 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read "बेटियाँ पराया धन होती है ||” “नन्हे-नन्हे क़दमों से घुटनों के बल तेरा चलके आना बैठ गोंद में मेरी फिर चंचलता अपनी फैलाना , अपने नन्हे-नन्हे हाथो से चेहरे पे थपकियाँ देना कान पकड़ना ,नाक नोचना... Hindi · कविता 502 Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read "बेटियाँ पराया धन होती है ||” “नन्हे-नन्हे क़दमों से घुटनों के बल तेरा चलके आना बैठ गोंद में मेरी फिर चंचलता अपनी फैलाना , अपने नन्हे-नन्हे हाथो से चेहरे पे थपकियाँ देना कान पकड़ना ,नाक नोचना... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 569 Share Omendra Shukla 14 Jan 2017 · 1 min read ||बदहाल किसान |हाइकू || ||बदहाल किसान |हाइकू || “पालनहार होता विमुख आज अधिकारों से , लुटते इन्हे प्रकृति और नेता बिखरे आंसू , पेट की आग खत्म होती उम्मीदे जलता पेट , प्रगति चर्चा... Hindi · हाइकु 407 Share Omendra Shukla 14 Jan 2017 · 1 min read ||बचपन की याद दिलाता है || “वो बचपन के भी क्या दिन थे वो पापा की डांट,माँ की दुलार और दादी का प्यार वो पीपल के वृक्षों पर गिद्धों का मंडराना चहक-चहक चिड़ियों का गीत सुनाना... Hindi · कविता 392 Share Omendra Shukla 14 Jan 2017 · 1 min read ||खादी ,खाकी और मीडिया || “हुयी मुलाकात खाकी और खादी की नीलामी के बाजार में हाल पूछ एक दूजे का हुए मशगूल शब्दों के व्यापार में, सबसे श्रेष्ठ हु मै अब भी किया है गुलाम... Hindi · कविता 515 Share Omendra Shukla 14 Jan 2017 · 1 min read ||मेरी नन्ही परी || “नन्हे नन्हे क़दमों से अपने वो पास जो दौड़ी आती है लग गले से वो मेरे फिर किस्से सभी सुनाती है, मम्मी की डांट,दादी का प्यार हस हंसके मुझे बताती... Hindi · कविता 4k Share Omendra Shukla 14 Jan 2017 · 1 min read ||विरह की वेदना || “टुकुर टुकुर वो आखों से ताके जुबां से कुछ कह ना पाये सावन की हरियाली भी दिल की अगन बढ़ा जाये , पिया गए परदेश जो हमरे नैनन में जल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2k Share Omendra Shukla 14 Jan 2017 · 1 min read ||इंद्रधनुषी जीवन || “कुछ नगमे अधूरे अब भी है कुछ गीत नए होठो पे बाकी है सपनो के उस दर्पण में कुछ ख्वाब अभी भी बाकी है , इंद्रधनुषी इस जीवन में फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 251 Share Omendra Shukla 14 Jan 2017 · 1 min read ||बदलते गांव और हम || “सहसा कुछ बीते वर्षों में देखो कैसे बदले है गांव होते थे खेत खलिहान कभी जहाँ आज कारखाने लगे पड़े है वहां , प्रदुषण को नित्य बढ़ाते है तरह-तरह के... Hindi · कविता 287 Share Omendra Shukla 14 Jan 2017 · 1 min read ||संघर्षो भरा जीवन || “भाग उठा होके परेशान जीवन के झंझावातों से दर्द बहुत है इस जीवन में हर पल चुभते है काँटों से , छोटी बातें,अधूरी यादें सब छूट यहाँ पे जाते है... Hindi · कविता 278 Share Omendra Shukla 14 Jan 2017 · 1 min read ||गणतंत्र और गँवारतंत्र || “गणतंत्र बन गया गँवारतंत्र अब कुछ लोगो के कुंठित विचारों से सच्चाई कर रही मुजरा कोठे पे अंधे कानून के उन राहों पे , हो गया बहुत ही बड़ा अर्थ... Hindi · कविता 468 Share Omendra Shukla 14 Jan 2017 · 1 min read ||देशहित के लिए खुद में परिवर्तन जरुरी || “हर साल बदलते जाते है हम कैलेंडर नए -नए से घर में ना सोचा कभी है हमने कुछ बदलाव करने की खुद में , देख समाचार देश दुनिया के रोज... Hindi · कविता 520 Share Omendra Shukla 14 Jan 2017 · 1 min read ||टुटा दिल || “आज फिर से ये वक्त कुछ बेरहम सा लगता है क्यूँ बसंत का मौसम ये पतझड़ सा मुझको लगता है , क्यूँ महफ़िलों में छाया है तन्हापन क्यूँ संगीत बेसुरा... Hindi · कविता 339 Share Omendra Shukla 14 Jan 2017 · 1 min read ||एक विद्यार्थी का माँ को सन्देश || “माँ नहीं पढ़ना है मुझको अब ना विद्यालय मै जाऊंगा अनपढ़ रहना है अच्छा ना गाली तुझे मै दिलाऊंगा, पढ़-लिखके लोग जहाँ पे अपने ही देश को गाली देते है... Hindi · कविता 262 Share Omendra Shukla 12 Jan 2017 · 1 min read “क्यूँ बहके है आज अरमान फिर से” “क्यूँ बहके है आज अरमान फिर से क्यों आँखे नम हो आयी है पिया मिलन को क्यूँ तड़पा दिल क्यूँ बहारे फिर खिल आयी है , वो यादे जो रूठी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 307 Share Omendra Shukla 12 Jan 2017 · 1 min read ||इश्क़ की राह || “कुछ यादें सुनी सुनी सी रोती है अब भी दिल में कुछ वादे तन्हा तन्हा से बिखरे पड़े है लब पे, यादों की उन शाख पे फिर से कुछ फूल... Hindi · कविता 1 263 Share Omendra Shukla 12 Jan 2017 · 1 min read “तुम थे ना कभी वादों में मेरे” “तुम थे ना कभी वादों में मेरे ना ही थे कभी इरादों में क्यों आया दिल सहसा तुमपे चंद मीठी मीठी बातों में , क्यूँ जीना बनता है गद्दारी बिन... Hindi · कविता 261 Share Omendra Shukla 12 Jan 2017 · 1 min read ||बेवफा इंसान || “कैसे करे उम्मीदे वफ़ा हम हर शख्स यहाँ बेवफा होता है होता है जो दिल के पास बहुत खंजर वही चुभोता है, हर दिल बेवफा हुआ यहाँ है हर शक्ल... Hindi · कविता 451 Share Omendra Shukla 12 Jan 2017 · 1 min read ||इश्क़ का दर्द || “तुम जब जब याद आओगे हरदम मुझको तड़पाओगे बसे हो जो तुम यादों में मेरे हर लम्हा ख़ामोशी बढ़ाओगे , टूटे वादे ,रूठे किस्से नए अरमान कौन सजाएगा यादों की... Hindi · कविता 1 587 Share Omendra Shukla 12 Jan 2017 · 1 min read ||पुराने प्रेम की दस्तक || “सालों लगे भुलाने में तुमको फिर से याद तुम क्यूँ आये हो पत्थर दिल कर गए थे जिसको उससे मंदिर नए बनाये है , यादों की चिता में जली हु... Hindi · कविता 215 Share Omendra Shukla 12 Jan 2017 · 1 min read ||प्रेम की बगावत || “बिन तेरे सबकुछ हारा हूँ मै गम का तेरे मारा हूँ सुना-सुना है हर लम्हा यादों में हर पल गुजारा हूँ जब प्यार अकेला हो जाता है बिन प्रेमी संग... Hindi · कविता 444 Share Omendra Shukla 12 Jan 2017 · 1 min read ||कागज के टुकड़े || “कहते है तस्वीरें होती है कागज की पर ताकत बहुत होती है इनमे कहीं पत्थर दिल में प्रेम आभास तो कहीं आँखे होती है नम इनसे , वो भूली पुरानी... Hindi · कविता 337 Share Omendra Shukla 12 Jan 2017 · 1 min read ||अधूरी मुलाकात || “बेहिचक उन गलियों की ओर आँखे फिर से खीच जाती है आना जाना तेरा होता था जिनमे कभी उन क़दमों के निशां में खो जाती है पाने को एक झलक... Hindi · कविता 250 Share Omendra Shukla 12 Jan 2017 · 1 min read ||अधूरे ख्वाब || “एक ख्वाब लिए आखों में जिन्दा पुतले ढल जाते है पुरे करने को हर ख्वाब हमारे रह जाते है खुद के ख्वाब अधूरे बसती है ख्वाबों की एक दुनिया फिर... Hindi · कविता 991 Share Omendra Shukla 12 Jan 2017 · 1 min read अजनबी “मुद्दतो से दबे थे राज जो दिल में उन्हें बहकने से कैसे रोक पाता बड़ी हसरते थी उस खुद्दार दिल की उन्हें बंदिशों में कैसे रख पाता, वफ़ा का नाम... Hindi · कविता 271 Share Omendra Shukla 12 Jan 2017 · 1 min read ||तन्हापन || “लगा है आज अपनापन फिर छूने इन तन्हाईयों को समेट तन्हा सासों की डोर कर वीरान फिर इस जीवन को कहता कहानी आज फिर इस पतझड़ से जीवन की तस्वीरों... Hindi · कविता 442 Share Page 1 Next