निखिल कुमार अंजान 59 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid निखिल कुमार अंजान 19 Jul 2019 · 1 min read शिव.... शून्य से भी परे है जो वो शिव है कल्पना का स्वरुप ही शिव है जड़ से चेतन हो जाना ही शिव है ध्यान मे मग्न होना ही तो शिव... Hindi · मुक्तक 2 1 582 Share निखिल कुमार अंजान 2 Jun 2019 · 1 min read सुंदरता क्या है..... ये बता सुंदरता क्या है तू भला उसे कैसे तोलता है मेरे शरीर को आँखों से नाप कर ही तु मुझे सुंदर बोलता है मेरे पतले पतले होंठ मेरे नितंब... Hindi · कविता 387 Share निखिल कुमार अंजान 28 May 2019 · 1 min read नानी का घर...... ग्रीष्मकाल का अवकाश आते ही मुझे ननिहाल बहुत याद आता है माँ की भी माँ होती है वो जिसको हम पर इतना सारा दुलार आता है जिसकी गोद मे कभी... Hindi · कविता 529 Share निखिल कुमार अंजान 26 May 2019 · 4 min read लहू का मजहब....... राजीव देखो कल बाबा की सर्जरी है और तुम्हे ब्लड का इंताजम करना है ऑपरेशन से पहले तुम्हे पता ही है कि उनका ब्लड ग्रुप ओ नेगेटिव है जो की... Hindi · कहानी 1 305 Share निखिल कुमार अंजान 14 May 2019 · 1 min read न मै कवि न शायर हूँ.... न मै कवि हूँ न शायर हूँ न उम्दा लिखने लायक हूँ शब्दों के साथ खेलता हूँ अक्सर मन के भाव को कागज पर उकेरता हूँ लिखने का रोग है... Hindi · कविता 569 Share निखिल कुमार अंजान 8 May 2019 · 6 min read कुंठा..... हाँ हाँ तुम कमाती हो और मै मुफ्त की रोटियां तोड़ता हूँ मनु ने आक्रोश मे चिल्लाकर कहा मुझसे यह सब और बर्दाश्त नही होता मै अब इन सबसे छुटकारा... Hindi · कहानी 305 Share निखिल कुमार अंजान 5 May 2019 · 1 min read कौन है इस जग मे अपना...... कोई नही है इस जग मे अपना सब मिथ्या है सब माया है किसी ने स्नेह का स्वांग रचा किसी ने शब्दों से भरमाया है पल पल बीत रही जिंदगी... Hindi · कविता 1 3 338 Share निखिल कुमार अंजान 3 May 2019 · 3 min read मनकही....... मनकही.. . बचपन की यादें...... आज के समय मे जिंदगी कितनी फास्ट हो गई है किसी के पास किसी के लिए समय ही नही है वही बोरिंग रोजर्मरा की लाइफ... Hindi · लेख 555 Share निखिल कुमार अंजान 20 Apr 2019 · 3 min read मीरा.... सात वर्षीय मीरा की आँखों मे चमक और चेहरे पर खुशी देखकर मन जितना प्रसन्न था उससे कहीं ज्यादा उसके कोमल हृदय मे प्रेम और मानवता देख मै भावविभोर हो... Hindi · कहानी 332 Share निखिल कुमार अंजान 17 Apr 2019 · 1 min read माँ शब्द नही संसार है...... यह सिर्फ शब्द नही संसार है जीवन का मजबूत आधार है रोम रोम मे उसके होती ममता वह निस्वार्थ वाला प्यार है अपनी खुशियाँ न्यौछावर कर बालक की मुस्कान मे... Hindi · कविता 666 Share निखिल कुमार अंजान 15 Apr 2019 · 1 min read करप्शन..... अंजान साहब सुबह का अखबार पढ़ते हुए कहते हैं ओह हो आजकल देश मे भ्रष्टाचार बहुत बढ़ गया है जँहा देखो वहीं झूठ और बेईमानी नजर आती है... तभी अंजान... Hindi · कहानी 271 Share निखिल कुमार अंजान 7 Apr 2019 · 1 min read मेरी आवाज भी ले ले...... मेरी आवाज भी ले ले मेरे जज्बात भी ले ले ओ जाने वाले तू............ जाने से पहले सुन तो ले इस दिल का हाल भी ले ले कदरदान तो बहुत... Hindi · कविता 362 Share निखिल कुमार अंजान 6 Apr 2019 · 1 min read परिचय..... मन की मन मे रह जाए कौन समझ पाए दिजो परिचय अपना तो चरित्र समझ आए !! परिचय दिजो ऐसा उत्तम छवि बनाए तनिक विवरण मे ही सारा सार बताए... Hindi · मुक्तक 273 Share निखिल कुमार अंजान 21 Mar 2019 · 1 min read रंग उड़े गुलाल उड़े...... रंग उड़े गुलाल उड़े फाल्गुन मे गुलशन खिले धरा की छटा भी निखरे मिटा वैमनस्य मन से लग गले दिल से दिल खिले करके होलिका का दहन सत्य की जीत... Hindi · कविता 303 Share निखिल कुमार अंजान 15 Mar 2019 · 1 min read सरेराह बलात्कार होता है.. सड़कों पर रोज बलात्कार होते हैं हवस भरी निगाहों का शिकार होते हैं राम के भेष मे रावण का किरदार होते हैं निगाहों मे सिर्फ अंगों के उभार होते हैं... Hindi · कविता 213 Share निखिल कुमार अंजान 4 Mar 2019 · 1 min read वो ऊँ है...... वो ऊँ है निराकार है हर ज्योत मे है समाहित त्रिलोकी नाथ है देवों का देव महादेव कहलात है वह शिव शंकर भोले नाथ है है एक ऐसी ध्वनी जो... Hindi · कविता 1 503 Share निखिल कुमार अंजान 16 Feb 2019 · 2 min read हिंद की माटी...... हिंद की माटी से बना माटी मे मिल जाऊंगा माँ भारती की खातिर मर मिट भी जाऊंगा धरती माँ का आँचल अपने लहू से भीगा जाऊंगा बुरी नजर रखने वाले... Hindi · कविता 383 Share निखिल कुमार अंजान 14 Feb 2019 · 1 min read ..... भूला तो नही होगा तू अभी कल की ही तो बात थी घर मे घुसकर मारा था तूझे बचा ले तू खुद को इतनी भी तेरी तो औकात नही थी... Hindi · कविता 256 Share निखिल कुमार अंजान 12 Feb 2019 · 1 min read स्त्री ने ही जन्म दिया..... स्त्री ने ही जन्म दिया स्त्री ने ही पालन पोषण किया स्त्री ने ही दिया प्यार सहकर तिरस्कार जीवन भर हर मोड़ पर निभाया साथ फिर भी होते रहे अत्याचार... Hindi · कविता 246 Share निखिल कुमार अंजान 8 Feb 2019 · 1 min read नेता जी...... नेता जी आजकल थोड़े ज्यादा व्यस्त हैं क्या करें इस रुट की सभी लाइनें सुस्त हैं पाँच वर्ष बीत जाने दो सब दुर्सुत करेगें फिर तो आपके घर आकर भी... Hindi · कविता 287 Share निखिल कुमार अंजान 5 Feb 2019 · 1 min read शब्द महल...... शब्दों का महल बनाना है मजबूत नीव रख एक आधार बनाना है दिल से दिल तक पहुँच इक सुंदर संसार बनाना है लिख लिख कर शब्द अपने एक मुकाम बनाना... Hindi · कविता 260 Share निखिल कुमार अंजान 1 Feb 2019 · 1 min read न मै राम न मै रावण...... न मै राम न मै रावण न ही हूँ मै श्रावण कलयुग का इंसान हूँ हाँ जी मै बेईमान हूँ हमेशा दूजे पे ऊँगल उठाता खुद की तरफ हैं जो... Hindi · कविता 257 Share निखिल कुमार अंजान 22 Jan 2019 · 1 min read गणतंत्र दिवस....... अपने तिरंगे को सलाम वीर जवानों को प्रणाम शत शत नमन करता हूँ उन सबको जो हो गए हैं देश की माटी पे कुर्बान गणतंत्र का आया उत्सव हर देशवासी... Hindi · कविता 287 Share निखिल कुमार अंजान 5 Jan 2019 · 1 min read हम पढ़े लिखे थोड़े कम है....... हम पढ़े लिखे थोड़े कम है इसलिए जीवन मे मिर्च मसाले थोड़े कम है पर उपर वाले का कर्म है दुआ मे उससे मांगते रहम है ए मेरे खुदा अपनी... Hindi · कविता 1 275 Share निखिल कुमार अंजान 30 Dec 2018 · 1 min read नव वर्ष... न्यू वाली नही इसमे कोई बात है बदलना कैलेंडर को हर साल है हिंदी महीनों के हिसाब से तो अपना नव वर्ष कुछ समय पश्चात है लेकिन हम ठहरे कॉपी... Hindi · कविता 441 Share निखिल कुमार अंजान 30 Dec 2018 · 1 min read सर्द होती ये रातें..... सर्द होती ये रातें कोई ओडे़ कंबल कोई आग है तापे जाड़े से बचने हेतू ओड के लिहाफ रुम हिटर है चलाए जो थोड़ा संपन्न है वह शरीर को गर्म... Hindi · कविता 248 Share निखिल कुमार अंजान 24 Dec 2018 · 1 min read ये जिंदगी सिगरेट के जैसी है..... ये जिंदगी सिगरेट के जैसी है समय उसको ऐसे पीता है कि सुख धुँआ और गम राख मे तबदील हो जाता है सुखी धुँए की तरह हवा मे उड़ता है... Hindi · कविता 584 Share निखिल कुमार अंजान 22 Dec 2018 · 1 min read नाराज न होना अंदाज न खोना....... नाराज न होना अंदाज न खोना कुछ पाने के लिए बेहिसाब न रोना अधूरा बेशक रहे जाए दिल का कोना फिर भी साहेब आप जमीर मत खोना हर अंधेरी रात... Hindi · कविता 236 Share निखिल कुमार अंजान 19 Dec 2018 · 1 min read एक नारी होना गुनाह है क्या...... इक नारी होना गुनाह है अपने बारे मे सोचना गुनाह है या फिर जीना ही गुनाह है...... क्यों हमें अपने जज्बातों को मारना पड़ता है क्यों जिंदगी की डोर को... Hindi · कविता 360 Share निखिल कुमार अंजान 18 Dec 2018 · 1 min read ओह चुनाव आ गए..... ओह चुनाव आ गए अरे बाबा ये तो दिन कमाल आ गए हो हल्ला फिर से मचेगा आरोप प्रत्यारोप का दौर चलेगा प्रत्याशी इक दूजे की उड़ाएगें जनता के पैसे... Hindi · कविता 234 Share निखिल कुमार अंजान 12 Dec 2018 · 1 min read मेरे शब्द..... अक्सर जब खुद से दूर जाता हूँ तो लिख लेता हूँ खुद को समेटकर फिर वापस वहीं पाता हूँ कुछ ख़्वाब बुन लेता हूँ कभी तो छला जाता हूँ किस्मत... Hindi · कविता 458 Share निखिल कुमार अंजान 9 Dec 2018 · 1 min read यूं ही तेरा आना जाना..... वो तेरा यूं ही मिलना मिल के फिर बिछड़ना सांसों मे मेरी घुल जाना लबों पे तेरा नाम आना लगता है सब कुछ पुराना काश न आती तू ऐसे तो... Hindi · कविता 365 Share निखिल कुमार अंजान 5 Dec 2018 · 1 min read वो अंजान.... मासूम सा था नादान सा था वो इश्क हैरान परेशान सा था चेहरे पर लटकती थी जो जुल्फें लगता उससे वो बेईमान सा था वो जो कच्ची उमर का इश्क... Hindi · कविता 403 Share निखिल कुमार अंजान 2 Dec 2018 · 1 min read राम मंदिर.... राम मंदिर बना लो अयोध्या को सजा लो भेजा है राम को जो वनवास साहब उनको भी तो वापस बुला लो मंदिर मे तो सदियों से रहते आए भगवान अब... Hindi · कविता 399 Share निखिल कुमार अंजान 28 Nov 2018 · 1 min read इश्क बदनाम हुआ...... इक रोज इश्क बदनाम हुआ भरी महफिल सरे आम हुआ सफेद पोशाक पहन के भी रंगीन उनका मिजाज हुआ गली गली चल रहे किस्से थे बाँट दिए मोहब्बत के पर्चे... Hindi · कविता 2 3 251 Share निखिल कुमार अंजान 27 Nov 2018 · 1 min read भूख.... वो चोर नही था खुद की बेबसी पर उसका जोर नही था वो आनाथ था इसलिए समाज मे भी उसका कोई और नही था लाचारी का मारा था छोटा सा... Hindi · कविता 2 4 550 Share निखिल कुमार अंजान 25 Nov 2018 · 1 min read आम आदमी.... आम आदमी की मांग रोटी कपड़ा और मकान नही बेचना चाहता कोई अपना ईमान हर कोई चाहता है सम्मान..... लालच का ये ऐसा खेल दिखाते आम आदमी को है खास... Hindi · कविता 3 6 515 Share निखिल कुमार अंजान 19 Nov 2018 · 1 min read किसी के दिल के अल्फाज....... किसी की चाहत अल्फाजों मे लिख रहा हूँ शायद मै उसके जज्बातों को समझ रहा हूँ किसी को किसी के लिए तरसते देखा है आँखों से उसकी आँसूओं को बरसते... Hindi · कविता 2 470 Share निखिल कुमार अंजान 17 Nov 2018 · 1 min read बनारसी इश्क...... मै हो गया बनारस तू मुझमे अस्सी घाट सी बसती है घूमता फिरता हूँ तुझमे हर तरफ तू ही तू दिखती है गंगा घाट है तू मेरा जिस मे लगा... Hindi · कविता 4 463 Share निखिल कुमार अंजान 14 Nov 2018 · 1 min read बाल दिवस..... नन्ही आँखें बड़े सपने आस पड़ोसी सब लगते थे अपने सच्चा मन भोली सूरत करते थे मासुमियत से शरारत भरी हरकत बचपन था कितना सुहाना नाना नानी के घर भी... Hindi · कविता 1 320 Share निखिल कुमार अंजान 13 Nov 2018 · 1 min read भूखे को रोटी का निवाला दे दो...... किसी भूखे को रोटी का निवाला दे दो किसी गरीब को शिक्षा का उजियारा दे दो हो अगर काबिल तो किसी को सहारा दे दो छत और वस्त्र नही है... Hindi · कविता 3 2 554 Share निखिल कुमार अंजान 13 Nov 2018 · 1 min read दोस्त दोस्त....... वो दोस्त दोस्त करते रहे हम उनकी खुशीयों के वास्ते मरते रहे काश दोस्ती का सिलसिला यूँही चलता ए मेरे दोस्त तू कभी न मुझसे बिछडता वक्त की धार को... Hindi · कविता 1 610 Share निखिल कुमार अंजान 13 Nov 2018 · 4 min read ईश्वर....... ईश्वर..... अंजान की आँखों से लगातार आँसू बहे जा रहे थे....... एक छोटी बच्ची के चेहरे पर मुस्कान थी...... क्योंकि वह ईश्वर और धर्म का अर्थ समझ चुका था....... जबकि... Hindi · कहानी 1 242 Share निखिल कुमार अंजान 11 Nov 2018 · 1 min read माँ.... माँ..... जिसने मुझको जन्म दिया बड़े ही प्यार दुलार से मेरा पालन पोषण किया मेरी नटखट शैतानियों को भी नजरअंदाज कर मुस्कुरा दिया ममता का सारा सागर मुझ पर लुटा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 27 682 Share निखिल कुमार अंजान 9 Nov 2018 · 2 min read न तहज़ीब है न तमीज है........ न तहज़ीब है न तमीज है बड़े दिल फेंक और बदतमीज है जिंदगी के समुद्र में गोता लगा रहे हैं परायों से अंजान रिश्ता निभा रहे हैं कहते हैं लोग... Hindi · कविता 2 2 277 Share निखिल कुमार अंजान 8 Nov 2018 · 1 min read लड़ लेंगे तुझसे ए जिंदगी...... लड़ लेंगे तुझसे ए जिंदगी आँखों में आँखें डाल के रजा मंजूर हो न हो जंग के लिए ललकार है करती रही दगा तू मुझसे हर मोड पे तेरी दुश्मनी... Hindi · कविता 3 2 382 Share निखिल कुमार अंजान 8 Nov 2018 · 1 min read ऐ दोस्त मेरे... ए दोस्त मेरे कब से था इंतजार तेरा आ बैठ ये घर है तेरा मुझको न थी खबर तेरे आने की मिलने को तुझसे बेचैन है दिल मेरा कब मिलेंगे... Hindi · कविता 2 2 204 Share निखिल कुमार अंजान 6 Nov 2018 · 2 min read ये दीपावली ऐसी सोच वाली..... दीपावली आ गई है और हर साल की तरह इस वर्ष भी लोग इस बहस मे लगे हुए है कि पटाखे नही छोड़ो कोई कह रहा है कि क्यों नही... Hindi · लेख 3 4 285 Share निखिल कुमार अंजान 5 Nov 2018 · 1 min read हरि हरि की माला... जो हरि हरि की माला जपते पकड़े गए नाबालिगों का शोषण और दुराचार करते बने बैठे हैं ये जो धर्म के ठेकेदार लूट लेते अपने ही लोगों की अस्मत और... Hindi · कविता 4 277 Share निखिल कुमार अंजान 5 Nov 2018 · 1 min read सीने मे दबाए बैठे हैं..... सीने मे दबाए बैठे थे गम को भुलाए बैठे थे खुद को समझाए रहते थे बस हर दिन हर पल यही कहते थे गुजर जाएगें ये दिन भी जो मेरे... Hindi · कविता 2 221 Share Page 1 Next