निखिल कुमार अंजान 59 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 निखिल कुमार अंजान 5 Nov 2018 · 1 min read स्त्री.... स्त्री ही परम सत्य है उससे ही जगत है ज्ञान की देवी भी एक नारी है सृष्टि सृजन मे अहम भूमिका तुम्हारी है कण कण मे अंश स्त्री का है... Hindi · कविता 3 2 223 Share निखिल कुमार अंजान 5 Nov 2018 · 1 min read न तू गलत न मै सही....... न तू गलत न मै सही ये तो वक्त की साजिशें थी कि दूरियां हो गई..... गलतफहमी का धुँआ जब छटेगा तब सब कुछ साफ साफ दिखेगा और फिर मै... Hindi · कविता 3 2 220 Share निखिल कुमार अंजान 5 Nov 2018 · 1 min read नारी और नर..... नारी और नर जैसे लहरे और समंदर क्या है इनमे अंतर कोई ये बताए क्यों इनमे भेद जताए जब होता दोनो का संगम सृष्टि मे एक नया शिशु लेता जन्म... Hindi · कविता 3 323 Share निखिल कुमार अंजान 5 Nov 2018 · 1 min read न मै मंदिर मे...... न मै मंदिर मे हूँ न मै मस्जिद मे हूँ न किसी चौराहे पे न किसी चौबारे पे हूँ फुर्सत से देख ए बंदे मै तेरी मन की दीवारों मे... Hindi · कविता 2 176 Share निखिल कुमार अंजान 4 Nov 2018 · 1 min read न वफा मिली न वफादार रहे.... न वफा मिली न वफादार रहे जिंदगी तेरा हर पल शुक्रगुज़ार रहे तू पल पल मुझको सिखाती रही रंग लोगों के दिखाती रही........... वक्त का भी शुक्रगुज़ार हूँ नही किसी... Hindi · कविता 2 410 Share निखिल कुमार अंजान 4 Nov 2018 · 1 min read यौवन को बचा के रखा...... यौवन को बचा के रखा सबसे छुपा के रखा कतरा कतरा इश्क मे भीगा सा तेरा हर लम्हा होंठों पे तेरे मुस्कान है दिल मे मचा तूफान है पल पल... Hindi · कविता 2 391 Share निखिल कुमार अंजान 4 Nov 2018 · 1 min read वो बचपन.......... वो अल्हड़ पन वो मस्ती वो बचपन की बस्ती किताबों मे खोई सी थी वो मासूम सी हस्ती क्या हसीन थी वो यादों की कश्ती........ वो स्कूल न जाने का... Hindi · कविता 1 228 Share निखिल कुमार अंजान 4 Nov 2018 · 1 min read सब की दिवाली.... न ये तेरी न ये मेरी ये सब की दिवाली है ये अंधकार पर प्रकाश के पर्व वाली है यह सबके साथ मिलकर बनाने वाली है अंधेरा है जिस गरीब... Hindi · कविता 1 220 Share निखिल कुमार अंजान 4 Nov 2018 · 1 min read आली रे आली ये दिवाली.... आली रे आली ये दिवाली नही है अब ये दिलवाली होंठों पे फरेबी मुस्कान और जेब है खाली पटाखो की जगह अब बजा रहे हैं हाथों से ताली वाह ये... Hindi · कविता 1 245 Share Previous Page 2