Dr MusafiR BaithA 429 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr MusafiR BaithA 18 Mar 2024 · 1 min read सच की मिर्ची सच है कि राम कृष्ण झूठ है देवी देवता झूठ है अल्ला ईश्वर झूठ है झूठ की खेती है धार्मिक विश्वास सगरे इसके नाम पर मानवी आडंबर सारे, व्यर्थ के... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · काव्य प्रतियोगिता · सत्य की खोज 3 45 Share Dr MusafiR BaithA 20 Mar 2024 · 1 min read खोज सत्य की आरंभिक मनुष्य का आई क्यू काफ़ी कमज़ोर रहा होगा तभी तो उसने प्राकृतिक सत्य की थाह में अलौकिक असत्य सत्य अनेक गढ़ लिए आंधी तूफान, सर्दी गर्मी, धूप छांव, सूखा... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 55 Share Dr MusafiR BaithA 24 Apr 2024 · 1 min read मौतों से उपजी मौत वह था इतना अकिंचन क्षुधा आकुल कि काफी हद तक मर गई थीं भूख की वेदनाएं उसकी और अन्न से ज्यादा भूख से ही अचाहा अपनापा हो गया था उसका... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 26 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read दशरथ मांझी होती हैं चीटियाँ मेरे आवास परिसर में चीटियों ने बालू का एक ज़खीरा खड़ा कर रखा है जो उनके कद एवं अनथक अप्रतिहत श्रम के हिसाब से कम नहीं है एक पहाड़ बनाने... Poetry Writing Challenge · कविता 2 406 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read लोहा ही नहीं धार भी उधार की उनकी जो कुछ बुरा है अपने जीवन में किया-धरा नहीं अपना वह उनने धरा दिया जबरन और अनधिकार उनके जीवन में जो भी दिखती है धार वह सब है बहुजनों से... Poetry Writing Challenge · कविता 2 352 Share Dr MusafiR BaithA 19 Jun 2023 · 9 min read कबीरपंथ से कबीर ही गायब / मुसाफ़िर बैठा करीब छह सौ साल पहले कबीर धरती पर आकर चले गए, उनके विचारों का प्रभाव जबरदस्त हुआ. सामंती समाज था हमारा तब. हिन्दू धर्म में परम्परा से चलते आ रहे... Hindi · लेख 2 271 Share Dr MusafiR BaithA 27 Jun 2023 · 1 min read घृणा आंदोलन बन सकती है, तो प्रेम क्यों नहीं? घृणा आंदोलन बन सकती है, तो प्रेम क्यों नहीं? Quote Writer 2 106 Share Dr MusafiR BaithA 28 Jun 2023 · 16 min read ’जूठन’ आत्मकथा फेम के हिंदी साहित्य के सबसे बड़े दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि / MUSAFIR BAITHA यह हमारे लिए काफी क्लेषदायक है कि हिंदी साहित्य के सर्वाधिक ख्यातिप्राप्त एवं लोकप्रिय दलित हस्ताक्षर ओमप्रकाश वाल्मीकि अब स्मृतिशेष हैं। विकराल कैंसर रोग ने उन्हें असमय ही लील लिया,... Hindi · लेख · संस्मरण 2 312 Share Dr MusafiR BaithA 29 Jun 2023 · 1 min read किसी की प्रशंसा एक हद में ही करो ताकि प्रशंसा एवं 'खुजाने' म किसी की प्रशंसा एक हद में ही करो ताकि प्रशंसा एवं 'खुजाने' में फ़र्क बना रहे! Quote Writer 2 206 Share Dr MusafiR BaithA 4 Aug 2023 · 1 min read मस्जिद से अल्लाह का एजेंट भोंपू पर बोल रहा है मस्जिद से अल्लाह का एजेंट भोंपू पर बोल रहा है इधर, मन्दिर से ईश्वर का दलाल लाउडस्पीकर से न जाने क्यों, दोनों में अदृश्य दृश्य बैठे देवता के मुंह को... Quote Writer 2 234 Share Dr MusafiR BaithA 6 Aug 2023 · 1 min read भारत का ’मुख्यधारा’ का मीडिया मूलतः मनुऔलादी है। भारत का ’मुख्यधारा’ का मीडिया मूलतः मनुऔलादी है। Quote Writer 2 94 Share Dr MusafiR BaithA 23 Apr 2024 · 1 min read नए पुराने रूटीन के याचक नए साल के पहले दिन लोगों का नया रूटीन है धर्मस्थलों पर जुटे हैं वे अपने कर्तव्य अकर्तव्य अपने आराध्यों को सौंपकर अगले तीन सौ पैंसठ दिन के कील कांटे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 17 Share Dr MusafiR BaithA 24 Apr 2024 · 1 min read सुख का मुकाबला उस अमीर का सुख मुझे बहुत विपन्न दिखा और उस गरीब का सुख बहुत सम्पन्न एक चेहरे पर सुख गर्व सजा मग़र सूजा दिखा था जबकि दूजा मुख मुझे दुख... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 22 Share Dr MusafiR BaithA 1 May 2024 · 1 min read यथार्थ का सीना (2013 की जम्मू और कश्मीर की प्राकृतिक आपदा से प्रेरित) विगलित मिथ का यथार्थ करते हो मिथ की दुर्गंध जीवन की कथा में फेंटते हो यार हद भद्दा मजाक करते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 15 Share Dr MusafiR BaithA 16 Feb 2023 · 1 min read ईश्वर का जाल और मनुष्य ईश्वर व्यर्थ की धारणा है और मनुष्य के सम्यक स्वाभाविक विकास में बड़ी बाधा है। ~डा. मुसाफिर बैठा Hindi · Quote Writer · कोटेशन 1 272 Share Dr MusafiR BaithA 16 Feb 2023 · 1 min read जीवन का फलसफा/ध्येय यह हो... जब तुम आए जगत में, जगत हँसा तुम रोए। ऐसी करनी कर चलो, तुम हँसो जग रोए।। ~ क्रांतिधर्मी कवि कबीर Hindi · Quote Writer · दोहा 1 336 Share Dr MusafiR BaithA 19 Feb 2023 · 1 min read लीकछोड़ ग़ज़ल / MUSAFIR BAITHA धर्म से लगकर कोई साफ शफ्फाफ रचना हो नहीं सकती। सड़े कीचड़ के सहारे कोई काम की चीज़ धुलती है क्या? धर्म का उपजीव्य है भीख जिसे दान या चंदा... Hindi · ग़ज़ल 1 260 Share Dr MusafiR BaithA 20 Feb 2023 · 1 min read आखिर मैंने भी कवि बनने की ठानी MUSAFIR BAITHA कल कविता चला बनाने मैं पर मैटर ही था ना मिलता सोचा, मेरे माइंड की कमजोरी है कि मैं कविता नहीं बना सकता पर याद आ गई वो घटना जब... Hindi · कविता 1 163 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read आम्बेडकर मेरे मानसिक माँ / MUSAFIR BAITHA यह देह जैविक जननी की जनी हुई है बाकी सब आम्बेडकर-माँ का दिया हुआ शब्द जो मैं बोलता हूँ तर्क जो तेरे विरुद्ध रखता हूँ चाय–पानी जो मैं तुम्हारे साथ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 185 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read कविता का प्लॉट (शीर्षक शिवपूजन सहाय की कहानी 'कहानी का प्लॉट' के शीर्षक से अनुप्रेरित है) बाबा साहेब से आभा पाकर मेरा धूसर चेहरा ऐसे चमकता है जैसे मोची के सधे हाथों पॉलिश पा कोई जूता! उधर वह शतरंजबाज धर्म की ओट ले बाजदफ़ा ऐसे लगाता... Poetry Writing Challenge · कविता 1 283 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read आम्बेडकर ने पहली बार इस महामानव ने वर्णाश्रयीयों के चुंगल और आत्मघाती धार्मिकता से वैज्ञानिक सोच, स्वस्थ एवं खुद्दार जीवन की ओर मोड़ सकने का वाया भारत का संविधान रास्ता दिया था रास्ता जो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 214 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read स्त्रियों में ईश्वर, स्त्रियों का ताड़न ईश्वर पूरी स्त्रियों में नहीं होता मात्र आस्तिक स्त्रियों में होता है आस्तिक स्त्रियों में भी पूरी शक्ति और मन से वह सवर्ण स्त्रियों के भीतर उतरता है इसमें भी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 199 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read उसका प्यार वह मुझसे घृणा रखते हुए और, उसे जज्ब कर बाहरी तौर पर प्यार का इजहार ऐसे करता है जैसे कि मेरा मान भी उसने अपनों में अटा रखा हो! जैसे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 247 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read ईश्वर का घर किसी चालाक आदमी ने ईश्वर को बनाया बनाकर बताया कि हर जगह रहता है वह लेकिन उसके लिए घर बनाया उसे आलीशान घर तक में बिठा आया आलम यह है... Poetry Writing Challenge · कविता 1 292 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read ईश्वर, कौआ और आदमी के कान ईश्वर को गढ़ने वाले आदमी ने बताया ईश्वर ने दुनिया बनाई है दुनियाभर के जीव जंतु बनाए हैं उनके गुण अवगुण भी निर्धारित करता है वह चलाता है उन्हें लोगों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 241 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read धर्म, ईश्वर और पैगम्बर मुसलमानों के पास अल्लाह नाम का ईश्वर है जो अशरीरी है और एक पैग़म्बर भी हुआ शरीरी उनका अल्लाह के इक्विवैलेंट कुव्वत वाला मगर वे न तो अपने ईश्वर का... Poetry Writing Challenge · कविता 1 275 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read बड़ी मछली सड़ी मछली नदियां जलचरों का घर होती हैं प्राकृतिक आहार शृंखला में घर के भीतर ही कमजोर को मजबूत जलचर खा डालते हैं बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है –... Poetry Writing Challenge · कविता 1 321 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read संस्कारधर्मी न्याय तुला पर उस 'जजमान' 'न्यायाधीश प्रवर ने अपने पंडित कुलजात कुलपंडित के किशोरवय पुत्र को भी दिया था ब्रह्मगंधी अधिमान अपने घर आए पिता-पुत्र दोनों के चरण छू लिए थे उसने जबकि... Poetry Writing Challenge · कविता 1 212 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read सायलेंट किलर भारतीय हिंदू संस्कार में बेटा होने एक खुशी की थाली बजती थी। यह परम्परा जनाना थी कोरोना-प्रकोप पर विज्ञान युग में थाली बज रही है। थाली बजाने का संस्कार यह... Poetry Writing Challenge · कविता 1 264 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read थोथा चना वसुधैव कुटुम्बकम सारे जहाँ से अच्छा... है प्रीत जहाँ की रीत सदा... सत्यमेव जयते आदि इत्यादि जैसे उच्च उत्तंग उदात्त उन्मत्त मानवीय भावों के ठकुरसुहाती छद्म कपटी उद्घोष जहाँ हैं... Poetry Writing Challenge · कविता 1 267 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read आए गए महान आए गए बुद्ध फिर भी समाज की सही न सेहत, आबोहवा अशुद्ध आए गए महावीर फिर भी समाज तोड़क औ’ हिंसक ही बन रहे पीर आए गए नानक फिर भी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 124 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read चाँद से वार्तालाप ऐ चाँद! सूरज ने तुम्हें सोलहों कलाएं दीं बेवजह धरती के लिए जैसे भारत की धरती के मनुपुत्रों ने छल-बल लिए समस्त दलितों के विरुद्ध अकड़ने के लिए ऐ चाँद!... Poetry Writing Challenge · कविता 1 186 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read नए पुराने रूटीन के याचक नए साल के पहले दिन लोगों का नया रूटीन है धर्मस्थलों पर जुटे हैं वे अपने कर्तव्य अकर्तव्य अपने आराध्यों को सौंपकर अगले तीन सौ पैंसठ दिन के कील कांटे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 251 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read मनुष्यता बनाम क्रोध आदमी में जिस अनुपात में क्रोध आना घट जाता है उसी अनुपात में उसका सयानापन बढ़ता है मनुष्यता सिकुड़ती है और बढ़ती है भीरूता गो कि इस भीरूता में भी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 120 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read कुत्ते कुत्ते यदि पालतू नहीं हैं नस्ल विशेष के नहीं हैं और न ही पागल तो हिंसक नहीं होते काट नहीं खाते मालिकों के आगे वे दुमहिलाऊ होते हैं शीशनवाऊ होते... Poetry Writing Challenge · कविता 1 199 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read प्रेम पत्र बचाने के शब्द-व्यापारी वह घोषित रूप से प्रेम पत्र बचाने के एजेंडे पर है प्रेम पत्र बचाना जबकि उसका ध्येय हो नहीं सकता कतई उसके पुरखों ने कब की है प्रेम पत्र की... Poetry Writing Challenge · कविता 1 203 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read नए मुहावरे का चाँद नीम रौशनी चाँद की शीतल होती रात की नीम अंधेरा चाँद का गहना सा है धरती का नीम रौशनी और अंधेरा दुन्नो मिल जब डाले डेरा धरती जाती सँवर ग़ज़ब... Poetry Writing Challenge · कविता 1 131 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read कैलेंडर नया पुराना रात को सोया जब कैलेंडर ज़िंदा था मेरे शयनकक्ष में टंगा सुबह देखा हर्फ हर्फ उसके निस्तेज हो गए हैं गर्दनें लटक कर उनकी भेंट चढ़ गई हैं समय की... Poetry Writing Challenge · कविता 1 257 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read घर फुटपाथ ही जिनका घर है कहने को घर वे बच्चे ईंट से ईंट सजाकर घर बनाना खेल रहे हैं मां बाप उनके इन्हीं ईंट के भट्ठे के मालिक का घर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 323 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read औरत की हँसी कोई औरत यदि हँस रही है तो जरूर कोई मार्के की बात होगी, अच्छी बात होगी यह औरत के पक्ष की बात हो सकती है मर्द पर उनकी जीत की... Poetry Writing Challenge · कविता 1 463 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read घूर गांवों में शहराती गांवपंथियों के बीच में घूर लग जाता है सबेरे-सकाल सूरज उगकर भी नहीं उगता या उगता है देर से अक्सर इन कुहासा भरे शीत दिवसों में ऊष्मादायी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 429 Share Dr MusafiR BaithA 16 Jun 2023 · 2 min read भांथी के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने / मुसाफ़िर बैठा भांथी जैसे विलुप्ति के कगार पर पहुंचे देसी यंत्र किसी किसी लोहार बढ़ई के दरवाजे पर अब भी गाड़े और जीवित बचे मिल सकते हैं गांवों में जो कि सान... Hindi · कविता 1 338 Share Dr MusafiR BaithA 19 Jun 2023 · 1 min read खारिज़ करने के तर्क / मुसाफ़िर बैठा मुझे उसे समंदर बनाये जाने पर गहरा एतराज लगा। मैंने उसकी सही औक़ात की जगह दिखाने को उसे रेगिस्तान कहना चाहा। याद आया रेगिस्तान में भी दुबई, कतर जैसी समृद्ध... Hindi · कविता 1 238 Share Dr MusafiR BaithA 19 Jun 2023 · 1 min read फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा कोरोना की तरह फैलकर बीत गया पिता दिवस साथ इसके फ़ेसबुक पर पिताई रस्मी हुंआ हुंआ भी थम गया शुक्र है कि इस वायरस का जीवन चक्र तय था चौबीस... Hindi · कविता 1 186 Share Dr MusafiR BaithA 22 Jun 2023 · 2 min read स्त्री-देह का उत्सव / MUSAFIR BAITHA भूमंडलीकरण के इस दौर में पश्चिम समाज की तमाम उत्सवधर्मिता हम चाहे अचाहे कर रहे हैं आयातित अपने बुद्धि विवेक को ताखे पर रखकर भी अपने देश की देह का... Hindi · कविता 1 185 Share Dr MusafiR BaithA 23 Jun 2023 · 2 min read नदिया के पार (सिनेमा) / MUSAFIR BAITHA याद आ रहा है, जब सीतामढ़ी के बासुश्री टॉकीज में यह फ़िल्म लगी थी तो फ़िल्म के 25 वें सप्ताह के अंतिम दिन सिनेमाहॉल मालिक की तरफ से दर्शकों को... Hindi · संस्मरण 1 301 Share Dr MusafiR BaithA 25 Jun 2023 · 1 min read आरक्षण बनाम आरक्षण / MUSAFIR BAITHA वर्णश्रेष्ठताजनित सामाजिक आरक्षण भकोस रहे कुछ सज्जन चाणक्य प्रणीत साम-दाम-दण्ड-भेद में से माकूल पेंच भिड़ाकर बस इसी योग्यता के बूते अपने लिए और अपनी परवर्ती पीढ़ियों के लिए कई सरकारी... Hindi · कविता 1 266 Share Dr MusafiR BaithA 25 Jun 2023 · 1 min read जब तुम आए जगत में, जगत हंसा तुम रोए। जब तुम आए जगत में, जगत हंसा तुम रोए। ऐसी करनी कर चलो, तुम हंसो जग रोए।। Quote Writer 1 331 Share Dr MusafiR BaithA 25 Jun 2023 · 2 min read अरर मरर के झोपरा / MUSAFIR BAITHA बचपन की बारिश का यादों में दखल अब भी जीवन में बचा बसा है इतना कि भीग जाता है जब तब उसकी गुदगुदी से सारा तनमन मेरे समय के नंग... Hindi · कविता 1 153 Share Dr MusafiR BaithA 27 Jun 2023 · 9 min read बगिया के गाछी आउर भिखमंगनी बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA बगिया के गाछी आउर भिखमंगनी बुढ़िया / बज्जिका लोक कहानी / प्रस्तुति : MUSAFIR BAITHA एगो भिखमंगनी बुढ़िया रहे. ओकर मरदावा मर गेल रहे, जेकरा से ओकरा कए गो बच्चा... Maithili · बाल कहानी 1 1 289 Share Page 1 Next