Ram Krishan Rastogi 1269 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ram Krishan Rastogi 26 Sep 2018 · 1 min read एक बड़े राजा का बेटा--आर के रस्तोगी एक बड़े राजा का बेटा दो दिन से मुर्दा सा लेटा तीन महात्मा सुन कर आये चार दवा के टुकड़े लाये पांच मिनिट घिस गर्म कराई छ: छ: घंटे बाद... Hindi · कविता · बाल कविता 4 3 8k Share Ram Krishan Rastogi 24 Jul 2021 · 6 min read मासूम शिव भक्त – एक सच्ची कहानी शंकर एक अनाथ लड़का था। उसको जंगल में रहने वाले शिकारियों के एक गिरोह ने पाला था। उसके पास कोई औपचारिक शिक्षा भी नहीं थी – वह केवल एक चीज... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 23 28 7k Share Ram Krishan Rastogi 12 Nov 2022 · 1 min read बाल कविता हिन्दी वर्णमाला :बाल कविता हिन्दी वर्णमाला ********************** क से कबूतर, ख से खरगोश, देना कभी न किसी को दोष। ग से गमला, घ से होता है घर, मिले सबको अपना पक्का घर।... Hindi · बाल कविता 5 5 7k Share Ram Krishan Rastogi 15 Dec 2020 · 1 min read मत पूछो यारो,कोरोना में दिन कैसे काट रहा हूँ मत पूछो यारो मुझसे,कोरोना में दिन कैसे मै काट रहा हूँ | अपने मन की बाते करके तुमसे,अपना दुःख मै बाँट रहा हूँ || हो गई पढाई ऑनलाइन पर,बच्चो के... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 123 165 5k Share Ram Krishan Rastogi 1 Nov 2018 · 1 min read माँ --आर के रस्तोगी माँ पहली शिक्षक है,वह ही मात भाषा सिखाती है वह भले गीले में सोये,बच्चे को सूखे में सुलाती है माँ नौ मास कोख में रखती है प्रसव पीड़ा भी सहती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 40 158 4k Share Ram Krishan Rastogi 22 Mar 2021 · 1 min read उम्र को हराना है तो शोक को जिंदा रखिए उम्र को हराना है तो शोक जिंदा रखिए घुटने चले न चले,मन उड़ता परिंदा रखिए। बुढापा तो आता है एक उम्र के बाद सभी को। जिंदगी को हमेशा हर तरह... Hindi · मुक्तक 5 4 4k Share Ram Krishan Rastogi 29 Oct 2020 · 1 min read बाप धूप में,माँ चूल्हे में जलती है ,तब कहीं औलाद पलती है बाप धूप में,माँ चूल्हे में रोज जलती है, तब कहीं औलाद मुश्किल से पलती है | बड़े होकर कहे,क्या किया है तुमने हमारा , यही बात माँ बाप को हमेशा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4k Share Ram Krishan Rastogi 3 Apr 2021 · 1 min read शराब पर दोहे शराब पर दोहे *********** शराब कभू न पीजिए,ये है विष समान। इससे न होत है,जीवन का कल्याण।। शराब है नहीं समस्या का समाधान। इसके होत है हमेशा ही बुरे परिणाम।।... Hindi · दोहा 3 5 4k Share Ram Krishan Rastogi 27 Aug 2022 · 1 min read अगर तुम्हे कुछ बनना है अगर तुम्हे कुछ बनना है, परिश्रम तुम्हे करना होगा। सूरज की तरह ही तुमको, निरन्तर तुम्हे चलना होगा।। कहा है कृष्ण ने गीता में, कर्म तुम्हारा जीवन होगा। अच्छे कर्म... Hindi · कविता 2 3 2k Share Ram Krishan Rastogi 1 Feb 2021 · 1 min read लिखता रहा इश्क भरे खत लिखता रहा इश्क भरे खत ********************* लिखता रहा इश्क भरे खत पर मैं उनको जलाता रहा, इस तरह मोहब्बत के सबूत मै हमेशा मिटाता रहा। चलता रहा ये सिलसिला उसकी... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 53 95 2k Share Ram Krishan Rastogi 2 Apr 2018 · 1 min read दुश्मन को कभी मित्र न मानो -रस्तोगी मिली कहीं तुलसी की माला लेकर उसे गले में डाला तन में अपने राख लगाई बैरागी सा रूप बनाया | माथे पर टीका लगाया चंदन से उसको सजाया जैसे बनी... Hindi · कविता 2k Share Ram Krishan Rastogi 11 Mar 2022 · 1 min read पति पत्नी की नोक झोंक पर हास्य व्यंग मै सीधी सादी गैया हूं, तुम मरखने सांड प्रिय। मै किसी बगिया की कोयल हूं, तुम किसी दरबार के भांड प्रिय।। मै सुबह सुबह उठती हूं तुम सोने मे कुंभकर्ण... Hindi · कविता 5 5 2k Share Ram Krishan Rastogi 7 Jun 2022 · 1 min read मर्द व नामर्द की पहचान डट जाए जो युद्ध के मैदान में,उसे मर्द कहते है। पीठ दिखाकर जो भाग आए,उसे नामर्द कहते है।। होता है जिसके दिल में दर्द,उसे मर्द कहते है। दिल होते हुए... Hindi · कविता 4 7 2k Share Ram Krishan Rastogi 2 Jul 2021 · 5 min read भगवान के दर्शन - एक सच्ची दर्द भरी कहानी देश में लॉक डाउन व कोरोना काल चल रहा था | सभी लोग अपने अपने घरो में बंद थे | सारी सडके सुनसान पड़ी थी | केवल पुलिस वाले ही... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 28 25 2k Share Ram Krishan Rastogi 4 Sep 2018 · 1 min read मैंने हर रोज जमाने को रंग बदलते देखा है --आर के रस्तोगी मैंने हर रोज जमाने को रंग बदलते देखा है उम्र के साथ जिन्दगी के ढंग बदलते देखा है वो जो चलते थे तो शेर के चलने का होता था गुमान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2k Share Ram Krishan Rastogi 1 Jul 2021 · 6 min read क्या भगवान है ? एक सच्ची कहानी एक मेजर के नेतृत्व में 15 जवानो की एक टुकड़ी हिमालय पर्वत में अपने रास्ते पर थी उन्हे ऊपर कही तीन महीने के लिए दूसरी टुकड़ी के लिए तैनात होना... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 27 40 1k Share Ram Krishan Rastogi 18 May 2021 · 1 min read न भूलेंगे हम वो बरसात की रात न भूलेंगे हम वो बरसात की रात ************************ न भूलेंगे हम वो बरसात की रात, जिनसे हुई मेरी पहली मुलाकात। घनघोर घटाएं घिर रही थी गगन मे, दामिनी भी दमक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 63 58 1k Share Ram Krishan Rastogi 16 May 2021 · 1 min read जब से हुई है उनसे मेरी मुलाकात जब से हुई है उनसे मेरी मुलाकात ************************* जब से हुई है उनसे मेरी मुलाकात, दिल में होने लगी है प्यार की बरसात। नन्हीं नन्हीं बूंदे पड़ने लगी है अब,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 65 56 1k Share Ram Krishan Rastogi 28 May 2022 · 1 min read मां बाप की दुआओं का असर ले लो दुवाये अपने मां बाप की, इससे बड़ी दौलत न है आप की। जो जीवन में इससे बंछित हो पाया, उसने जीवन में कभी सुख न पाया।। जैसा बोओगे,वैसा... Hindi · कविता 4 8 2k Share Ram Krishan Rastogi 19 May 2021 · 1 min read बरसात के दिन भूले नहीं हम बरसात के दिन भूले नहीं हम ********************** बरसात के दिन भूले नहीं हम, बचपन को याद करते अब हम। लौटा दे कोई बचपन अब हमारा, उसका एहसान सदा मानेंगे हम।।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 73 60 1k Share Ram Krishan Rastogi 20 Nov 2019 · 1 min read एक हास्य रचना -सलवार दिवस --आर के रस्तोगी साथियों आज सलवार दिवस है | आज के दिन बाबा रामदेव जी रामलीला मैदान से सलवार पहन कर भागे थे | योग की दुनिया में,उठी जो ललकार किसकी थी |... Hindi · मुक्तक 1 3 1k Share Ram Krishan Rastogi 23 May 2021 · 1 min read साजन सजनी की बरसात कर रही है कुछ इशारे,ये बे मौसम बरसात, सजनी साजन से मिले,कह रही ये बरसात। अबकी बार हो रही ,हरेक घर में बरसात, न जाने कब होगी, मेरे घर में... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 70 41 1k Share Ram Krishan Rastogi 25 Jun 2019 · 1 min read दुपट्टे पर एक गजल ---आर के रस्तोगी दुपट्टे पर एक गजल दुपट्टा अब तो आउट ऑफ़ फैशंन हो गया | अब तो बेचारा ये फटकर बेकार हो गया || समझते थे कभी इसे शर्म-हया की निशानी |... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1k Share Ram Krishan Rastogi 14 Apr 2022 · 1 min read गरीब के हालात कोई नही जाना चाहता है,गरीब के करीब। ये फितरत देखी इस जमाने की अज़ीब।। कहते हैं नेता कोई न रहेगा देश में गरीब। सच्चाई को बताओ जाकर इनके करीब।। चिनते... Hindi · कविता 4 6 1k Share Ram Krishan Rastogi 28 Jun 2021 · 1 min read कौन कहता है, बुढ़ापे में इश्क नहीं होता कौन कहता है,बुढ़ापे में इश्क नहीं होता ****************************** कौन कहता है,बुढ़ापे में इश्क का सिलसिला नहीं होता। आम तब तक मीठा नहीं होता जब तक पिलपिला नहीं होता।। कौन कहता... Hindi · शेर 4 1k Share Ram Krishan Rastogi 1 Aug 2019 · 1 min read वो जिन्दगी भी क्या,जो छाँव छाँव चली ---आर के रस्तोगी हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली | कुछ सुनेहरी यादे,मेरे संग पाँव पाँव चली || सफर धूप का किया,तो ये तजुर्बा हुआ | वो जिन्दगी ही क्या,जो छाँव छाँव... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1k Share Ram Krishan Rastogi 5 Jul 2022 · 1 min read गुरु की महिमा पर कुछ दोहे गुरु बिन न बुद्धि मिले,गुरु बिन न होए ज्ञान। गुरु बिन न पथ मिले,गुरु बिन न मिटे अज्ञान।। गुरु तीनों देव है,इससे बड़ा जग में न कोय। जो इसकी शरण... Hindi 5 9 1k Share Ram Krishan Rastogi 30 May 2022 · 1 min read कविता में मुहावरे धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का। दलबदलू रहता न सत्ता का न पाट का। सत्ता के लालच में जो पाला बदलता है, उल्टा पहाड़ा पढ़ता सोलह दूनी... Hindi · मुक्तक 3 4 1k Share Ram Krishan Rastogi 4 Aug 2019 · 1 min read इस जीवन की चादर में ,साँसों के ताने-बाने है ---आर के रस्तोगी इस जीवन की चादर में, साँसों के ताने -बाने है | दुःख की थोड़ी सी सलवट है , सुख के कुछ फूल सुहाने है || क्यों सोचते ,आगे क्या होगा... Hindi · कविता 2 1 1k Share Ram Krishan Rastogi 15 Apr 2022 · 1 min read मै हूं एक मिट्टी का घड़ा मै हूं एक मिट्टी का घड़ा, सड़क किनारे मै हूं पड़ा। बुझाता हूं मै सबकी प्यास, कुम्हार मुझे लिए है खड़ा।। खुदाने से खोदकर मिट्टी लाता है, तब कहीं कुम्हार... Hindi · कविता 1 4 1k Share Ram Krishan Rastogi 15 May 2022 · 1 min read माँ बाप का बटवारा सन्नाटा छा गया बटवारे के किस्से में । माँ ने पूछा, मै आई किसके हिस्से में ? कहते है सभी लोग आज माँ का दिन है। मै कहता हूँ,कौन सा... Hindi · कविता 3 3 1k Share Ram Krishan Rastogi 24 May 2021 · 1 min read एक गजल बरसात पर एक गजल बरसात पर ***************** कल रात उनसे ख्वाब में बात हो गई, जिस बात का डर था वहीं बात हो गई। घटाएं घिरी और बिजली चमकने लगी, अंधेरा छाया... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 57 49 1k Share Ram Krishan Rastogi 16 Feb 2019 · 1 min read प्रेम गीत कैसे लिखू,जब चारो तरफ गम के बादल छाये हुए है --आर के रस्तोगी प्रेम गीत कैसे लिखू,जब चारो तरफ गम के बादल छाये है | नमन है मेरा उन शहीदों को,जो तिरंगा ओढ़ कर आये है || चारो तरफ शोक लहर है,जनता में... Hindi · कविता 3 1 1k Share Ram Krishan Rastogi 15 Jun 2022 · 1 min read सच्चे मित्र की पहचान मित्र वही जो बुरे वक्त पर तुम्हारे काम आए। बने सुख दुख का साथी सच्चा मित्र कहलाए।। बन जायेगे सभी मित्र जब दौलत है होती। बने उस वक़्त वह मित्र... Hindi 6 9 1k Share Ram Krishan Rastogi 20 Jun 2022 · 1 min read बुढ़ापे में अभी भी मजे लेता हूं बुढ़ापे में अभी भी जवानी के मजे लेता हूं। रसीले आम को अभी भी मै चूस लेता हूं।। बुढ़ापे में भले ही मेरे सारे दांत टूट गए है। फिर भी... Hindi · कविता 8 12 1k Share Ram Krishan Rastogi 4 Aug 2022 · 1 min read तिरंगे महोत्सव पर दोहे तिरंगे में तीन रंग,है भारत की जान। केसरिया श्वेत हरा,है इसकी पहचान।। तिरंगे में तीन रंग,सेना के तीन अंग। भारत की रक्षा करते,दुश्मन होवे दंग।। पूरे भारत देश में,उड़े तिरंगा... Hindi · दोहे 3 4 1k Share Ram Krishan Rastogi 14 Apr 2022 · 1 min read कौन किसके बिन अधूरा है कविता बिन कवि अधूरा है, सरिता बिन सागर अधूरा है। जब तक उनका न हो संगम, काव्य व जल संचय अधूरा है।। स्वर बिन व्यंजन अधूरा है, व्यंजन बिन शब्द... Hindi · मुक्तक 2 2 1k Share Ram Krishan Rastogi 25 Mar 2018 · 1 min read सेक्स मंडी पहले ये कोठो में लगती थी अब ये कोठियो में लगती है पहले ये छिप कर लगती थी अब ये सरे आम लगती है पहले ये शहर से बाहर लगती... Hindi · कविता 1k Share Ram Krishan Rastogi 21 Mar 2022 · 1 min read कविता पर कुछ मुक्तक कवि की शान है कविता, कवि की जान है कविता। सुख दुःख के साथ है ये, कवि का मान हैं कविता।। कवि की अभिलाषा है कविता, कवि की जिज्ञासा है... Hindi · मुक्तक 2 3 1k Share Ram Krishan Rastogi 16 Apr 2022 · 1 min read पिता पिता बाहर कड़ी धूप में जलता है। तब कही घर में चूल्हा जलता है।। पिता एक उम्मीद है एक आस है। परिवार की हिम्मत व विश्वाश है।। पिता बाहर से... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 40 75 1k Share Ram Krishan Rastogi 2 Jun 2022 · 1 min read दो जून की रोटी दो जून की रोटी,प्रभु सबको मिल जाए। छोटी हो या मोटी,ये सबको मिल जाए।। दो जून की रोटी,बड़ी किस्मत से है मिलती। मेहनत करता है मजदूर तब कही ये मिलती।।... Hindi · कविता 7 16 1k Share Ram Krishan Rastogi 4 Jun 2021 · 1 min read ग्रुप का अर्थ ग्रुप का अर्थ ********* बनाए जाते है जो ग्रुप,उनमें मन मिलाए जाते है। बिखरे हुए जो मोती,उन्हे माला में पिरोए जाते है।। टूट जाता है जब एक मोती बडा दुःख... Hindi · कविता 1 4 1k Share Ram Krishan Rastogi 14 Apr 2022 · 1 min read झरने और कवि का वार्तालाप पर्वतो की गोद से निकल, एक झरना ये सोचने लगा। पता नही मेरे भाग्य में क्या लिखा, क्यू मै पर्वतों से अब बिछड़ने लगा।। सोचते सोचते वह आगे बढ़ा, पर्वतों... Hindi · कविता 6 2 1k Share Ram Krishan Rastogi 27 Feb 2022 · 1 min read बारूद के ढेर पर बैठी है आज ये दुनिया बारूद के ढेर पर बैठी है आज ये दुनिया, पता नही किधर जायेगी आज ये दुनिया। जब से हुआ है युद्ध रसिया यूक्रेन का, भयभीत हो गई है अब सारी... Hindi · मुक्तक 1 1 925 Share Ram Krishan Rastogi 15 Jun 2022 · 1 min read बुढ़ापे में जीने के गुरु मंत्र बुढ़ापे को जवानी की तरह जियो, पानी को भी अमृत की तरह पियो। कट जायेगा आसानी से बुढ़ापा तुम्हारा, हर गम को खुशी की तरह तुम जियो।। बुढ़ापा जीवन में... Hindi 7 13 984 Share Ram Krishan Rastogi 25 Jan 2022 · 1 min read डोली व अर्थी में वार्तालाप डोली व अर्थी में वार्तालाप ******************** एक डोली चली,एक अर्थी चली, दोनो में इस तरह कुछ बाते चली। अर्थी बोली डोली से, तू पिया के घर चली, मै प्रभु के... Hindi · कविता 3 2 901 Share Ram Krishan Rastogi 13 May 2022 · 1 min read आदमी कितना नादान है आदमी स्वयं ही बुरा है, दूसरो को बुरा बताता है। वह अपने स्वार्थ के लिए, दूसरो को खूब सताता है।। आदमी कितना नादान है, मंदिर में शंख घंटा बजाता है।... Hindi · कविता 7 9 990 Share Ram Krishan Rastogi 26 Jun 2022 · 1 min read दूल्हे अब बिकते हैं (एक व्यंग्य) दूल्हे बाजार में अब बिकते है। ऑन व ऑफ लाइन बिकते है।। दुल्हो का बाजार लगा हुआ है। हर तरीके से वह सजा हुआ है।। दूल्हे सजधज कर खड़े हुए... Hindi · हास्य-व्यंग्य 7 13 1k Share Ram Krishan Rastogi 10 Apr 2022 · 1 min read मेरे दिल के करीब,आओगे कब तुम ? मेरे दिल के करीब,आओगे कब तुम ? आकर मुझे गले से लगाओ कब तुम ? चूड़ियां लाई हूं मैं अभी मीना बाज़ार से। आकर चूड़ियों को पहनाओगे कब तुम ?... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 5 874 Share Ram Krishan Rastogi 17 May 2022 · 2 min read पति पत्नी की नोक झोंक (हास्य व्यंग) मेरी पत्नी सुबह सुबह रामायण पढ़ती है। फिर तो सारे दिन वह महाभारत करती है।। वैसे तो रामायण पढ़कर, राम राम करती है। फिर तो सारे दिन गाली की बौछार... Hindi · कविता 9 16 995 Share Page 1 Next