Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2020 · 1 min read

बाप धूप में,माँ चूल्हे में जलती है ,तब कहीं औलाद पलती है

बाप धूप में,माँ चूल्हे में रोज जलती है,
तब कहीं औलाद मुश्किल से पलती है |

बड़े होकर कहे,क्या किया है तुमने हमारा ,
यही बात माँ बाप को हमेशा खलती है |

करते है काम माँ बाप सुबह से शाम,
तब कही गृहस्थी की रोटी चलती है |

हो जाती हैअलगऔलाद शादी के बाद,
यही बात तो माँ बाप को खूब खलती है |

कर न बैठे कुछऔलाद गुस्से में आकर,
कभी कभी ये बात मस्तिष्क में बलती है |

और क्या लिखे रस्तोगी,औलाद के बारे में ,
यह सोच कर कलम भी न उसकी चलती है

1 Like · 4289 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
*शादी के खर्चे बढ़े, महॅंगा होटल भोज(कुंडलिया)*
*शादी के खर्चे बढ़े, महॅंगा होटल भोज(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
I knew..
I knew..
Vandana maurya
जिंदगी के वास्ते
जिंदगी के वास्ते
Surinder blackpen
पग-पग पर हैं वर्जनाएँ....
पग-पग पर हैं वर्जनाएँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
3051.*पूर्णिका*
3051.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उफ ये सादगी तुम्हारी।
उफ ये सादगी तुम्हारी।
Taj Mohammad
बसंत का मौसम
बसंत का मौसम
Awadhesh Kumar Singh
बोलो ! ईश्वर / (नवगीत)
बोलो ! ईश्वर / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*कभी तो खुली किताब सी हो जिंदगी*
*कभी तो खुली किताब सी हो जिंदगी*
Shashi kala vyas
मैं पढ़ने कैसे जाऊं
मैं पढ़ने कैसे जाऊं
Anjana banda
__सुविचार__
__सुविचार__
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
कहो जय भीम
कहो जय भीम
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
माँ
माँ
Shyam Sundar Subramanian
प्रेम
प्रेम
Prakash Chandra
जड़ता है सरिस बबूल के, देती संकट शूल।
जड़ता है सरिस बबूल के, देती संकट शूल।
आर.एस. 'प्रीतम'
सुनो कभी किसी का दिल ना दुखाना
सुनो कभी किसी का दिल ना दुखाना
shabina. Naaz
कुछ काम करो , कुछ काम करो
कुछ काम करो , कुछ काम करो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
सारे यशस्वी, तपस्वी,
सारे यशस्वी, तपस्वी,
*Author प्रणय प्रभात*
इश्क में हमको नहीं, वो रास आते हैं।
इश्क में हमको नहीं, वो रास आते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शासक सत्ता के भूखे हैं
शासक सत्ता के भूखे हैं
DrLakshman Jha Parimal
शुभ् कामना मंगलकामनाएं
शुभ् कामना मंगलकामनाएं
Mahender Singh
सत्य को सूली
सत्य को सूली
Shekhar Chandra Mitra
💐 Prodigi Love-47💐
💐 Prodigi Love-47💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रंगों का नाम जीवन की राह,
रंगों का नाम जीवन की राह,
Neeraj Agarwal
धरती को‌ हम स्वर्ग बनायें
धरती को‌ हम स्वर्ग बनायें
Chunnu Lal Gupta
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
🌳वृक्ष की संवेदना🌳
🌳वृक्ष की संवेदना🌳
Dr. Vaishali Verma
"मुद्रा"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...