Mahendra Narayan Language: Hindi 76 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahendra Narayan 26 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल ये कौन छेड़ा तितलियों को खिल न पाये गुल छिप गये हैं पत्तों में नहीं हाथ आये गुल हैं अजीब उसकी क्यों मंज़र निगाहों में देखे मुझे जब भी लगे... Hindi 1 21 Share Mahendra Narayan 12 May 2024 · 1 min read जा रहा है दिन का चेहरा लाल हुए जा रहा है सूर्य क्या कमाल हुए जा रहा है पशु पक्षी तरू लता नर हैं विकल सकल जन बेहाल हुए जा रहा है तप... Hindi 1 27 Share Mahendra Narayan 1 May 2024 · 1 min read नवगीत - बुधनी नागफनी सी पाँव में उसके फटी बिवाई। नंगे पैरों से ही सिर पर , बोझा लेकर चलती। माथे पर है टिकुली लटकी, रही पसीना मलती। पेट की रोगी, कर नही... Hindi 1 25 Share Mahendra Narayan 29 Apr 2024 · 1 min read गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14 ऊहापोह लिए मन मेरा शेयर का बाजार लगे उठापटक करती रहती हैं, . इच्छाएँ पलकों जैसी। आशंकाएँ घेरे रहती , सिर मेरा अलकों जैसी। कुछ ज्यादा करना चाहूँ तो, मंदी... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 3 51 Share Mahendra Narayan 28 Apr 2024 · 1 min read ग़ज़ल अब दे नही सकेगा कोई भी दगा मुझे सबने बनाके रख दिया है आईना मुझे नज़रों को लग गयी है नज़र उनकी अदा से नज़रों ने किया उन पे इस... Hindi 1 33 Share Mahendra Narayan 1 Apr 2024 · 1 min read ग़ज़ल रस्ता, मंजिल बातें हुईं पुरानी अब, नये शब्द में लिक्खें नई कहानी अब । बीमारी से आज की पीढ़ी लड़ती है, खाद केमिकल खाकर पले जवानी अब । प्यास तिज़ारत... Hindi 2 37 Share Mahendra Narayan 4 Mar 2024 · 1 min read ग़ज़ल टीस मन से हमारे निकल जायेगी रंग मसले का फिर ये बदल जायेगी पेड़ पर जैसे पत्ते नये आतें हैं होके पतझड़ बहारों में ढ़ल जायेगी लोग कहतें हैं मुझमें... Hindi 1 59 Share Mahendra Narayan 17 Feb 2024 · 1 min read चला गया दुःख की वह प्रस्तावना लिखकर चला गया शैली निगमन भावना लिखकर चला गया क्या लिखूँ क्षणों को जिसमें मैं स्वयं नही मैं इक अबूझ कामना लिखकर चला गया टकरा के... Hindi 1 88 Share Mahendra Narayan 13 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल प्यार का हर इक पन्ना प्यारा होता है लिखा हुआ दिल का गलियारा होता है आँखों ने जो लिखा अश्क की पानी से पढ़ने वाला आँख का तारा होता है... Hindi 2 2 97 Share Mahendra Narayan 4 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल चाहत सी हो गयी है तेरे यूँ ख़ुमार की । पैमाना बन गया हूँ तेरे ऐतबार की। लगने लगा है घर तेरा मैख़ाने की तरह I रहती है तलब अब... Hindi 2 1 120 Share Mahendra Narayan 19 Jan 2024 · 1 min read ग़ज़ल गुलों में खुशबू हूँ भरने दे मुझे टूटकर अब तो विखरने दे मुझे फिज़ां में सख़्त सियासत है अभी सुकूँन में हवा से गुज़रने दे मुझे दूर बैठा मज़लूम बहुत... Hindi 2 102 Share Mahendra Narayan 16 Jan 2024 · 1 min read ग़ज़ल बात निकली है खिड़कियों से कहीं खुला पर्दा है आँधियों से कहीं रोशनी छिप गयी है बादल में चाँद को देख कनखियों से कहीं वो ख़फा होके हँस रहा होगा... Hindi 1 114 Share Mahendra Narayan 12 Jan 2024 · 1 min read सज़ल शीत में वातावरण यूँ गल रहा है। लुकाछिपी करके सूरज छल रहा है। हो गयी है रात लम्बी इस तरह कि । शाम में ढ़लने को दिन मचल रहा है।... Hindi 1 87 Share Mahendra Narayan 6 Jan 2024 · 1 min read ग़ज़ल वो वफाओं का आईना होगा प्यार से हमको देखता होगा इम्तहाँ लेगा वो टकरा हमसे कही पत्थर कहीं शीशा होगा छिप न पायेगा शरम नजरों में जब भी खोलेगा सामना... Hindi 1 113 Share Mahendra Narayan 2 Jan 2024 · 1 min read ग़ज़ल नही होता है गुनाहों से वफा का रिश्ता । दर्द देता ही है जो रखता सजा का रिश्ता । ख़ूबसूरत वो वफाई में उतना लगता है । जितना रखता है... Hindi 1 112 Share Mahendra Narayan 18 Dec 2023 · 1 min read ग़ज़ल आज ग़ज़ल से बात हुई अनजाने में । गाने लगा हूँ उसको मैं अफसाने में । अपने ग़म को ओढ़ काफिया रहती है। और रदीफ़ लगा है खुशी निभाने में... Hindi 1 116 Share Mahendra Narayan 30 Nov 2023 · 1 min read ग़ज़ल चर्चा जो चली है तो कोई बात हुई होगी ख़त कोई मिला होगा मुलाकात हुई होगी ग़र राज़ धुआँ होगा सुलगा जरूर होगा छिपता ही गया होगा जब रात हुई... Hindi 2 160 Share Mahendra Narayan 22 Nov 2023 · 1 min read ग़ज़ल फूलों सी मुस्कान तुम्हारे अधरों की कालियाँ हैं पहचान तुम्हारे अधरों की बोल घोल दो मिस्री सारे आलम में बातें लगती गान तुम्हारे अधरों की रंग लाल बन जाते सारे... Hindi 1 1 172 Share Mahendra Narayan 7 Sep 2023 · 1 min read ग़ज़ल गिरगिट की तरह रंग बदलतें हैं लोग क्यों चेहरे से अपने रोज उतरतें हैं लोग क्यों यह जानते हुए कि हस्र ज़िन्दगी का क्या जी करके भी बेमौत यूँ मरतें... Hindi 4 138 Share Mahendra Narayan 4 Aug 2023 · 1 min read जिस बस्ती मेंआग लगी है जिस बस्ती मेंआग लगी है पानी पानी है प्रेमनगर में बस नफरत है और बेईमानी है भीड़ तो है हर एक घर में कौन कहानी कहता है मरघट सा सन्नाटा... Hindi 1 967 Share Mahendra Narayan 15 Jul 2023 · 1 min read फितरत की बातें हिम्मत से हिम्मत की बातें करता हूँ जब भी मैं किस्मत की बातें करता हूँ कहतें सब मिल जाता मुझको बिन माँगे मैं नही अब चाहत की बातें करता हूँ... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 5 179 Share Mahendra Narayan 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल आँखों का भी मौसम रोज बदलता है देख ज़माना इक दूजे को चलता है बंजर कही, कहीं हरियाली होती है मन का बादल जैसे जहाँ पिघलता है लोग आईना एक... Hindi 2 145 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read उनका तो दिन रात एक है टूटे उनचन सा उनका मन है, बैठे सोयें बात एक है। घुने खाट सा उनका तन है , उनका तो दिन रात एक है । करें खेत में करें सड़क... Poetry Writing Challenge 2 87 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read मजलूमों की गालों पर न्याय पाँच जूतों से होता , इज्जत की चौपालों पर I लगता है सामंती थप्पड़ , मजलूमों की गालों पर I पाँव पखारे अब भी पीता , बैठे नहीं चबूतर... Poetry Writing Challenge 1 113 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read हे पथिक ! पिक बोलती , दिक् खोलती , तू सो रहा अब जाग। हे पथिक! किस गहन गह्वर से है बाधित राग । गिर पड़ी वर्षा की बूँदें, तू पड़ा पर्यंक पर... Poetry Writing Challenge 1 132 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read मेरे जैसा दिन भी टूटा मेरे जैसा दिन भी टूटा . I शाम हुई ज्यों धुँधली आशा I ढूँढ़ ढूँढ कर नव परिभाषा । स्वयं स्वयं के मन की कोई, आज धुँए में धँसी निराशा... Poetry Writing Challenge 1 62 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read लिखता हूँ टूटे - टूटे खाट का छप्पर लिखता हूँ। घुरहू का मैं फटा मुकद्दर लिखता हूँ I जिसका है रसराज सुशोभित फटी बिवाई। भरती मिट्टी की परतें हैै दुःखी लुगाई। उस... Poetry Writing Challenge 3 72 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read इच्छाओं की आग लगी है इच्छाओं की आग लगी है, रद्दी भरे खयालों में I नेकी -उत्तर छिपे हुए हैं, उलझे बदी सवालों में । ऊबड़-खाबड़ कर्म - राह पर, चलते मूँदे आँखों को। देती... Poetry Writing Challenge 2 75 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read बरसो मेघा ताक रही घूँघट पट खोले, नील गगन प्यासी नदिया। रूठ गये क्यों प्रकृति के स्वामी, सूख रही मन की बगिया । खेत सरोवर फटे हृदय से, सूखे अधर पुकार रहे... Poetry Writing Challenge 1 74 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read सन्तराये दिन हमारे सन्तराये दिन हमारे, कभी अमावस ज्यों थे कारे , चहक रही खुशियाँ अब सारी , पहले जो घुटती रहती थी। मेड़ पर जैसे भटकटैया, अच्छी लगती जो चुभती थी। पीछे... Poetry Writing Challenge 1 121 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read बैठ हवा की झूलों पर काँटों से उलझा रहता हूँ , देख तितलियाँ फूलों पर। खुशबू से लिपटा रहता हूँ , बैठ हवा की झूलों पर..। जब जब प्रेम की पाती पढ़ते , पेड़ किनारे... Poetry Writing Challenge 1 83 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read देह मोबाइल देह- मोबाइल में चले , इण्टरनेटी साँस । सोशल मिडिया खून है , गुग्गल जैसे माँस ॥ उँगली से हैं नाचते , मन के सारे भाव सारी दुनिया जेब में,... Poetry Writing Challenge 1 48 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read शाम सन्तरी शाम संतरी सुनो ! बना दो रात रसीली ... गिरे न उल्का पिण्ड, भाग्य पर मेरे आकर । शुभाति-शुभ हो चन्द्र, मुझे लगे आज दिवाकर ।। खिले चाँदनी मन की,... Poetry Writing Challenge 1 120 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read इंकलाब गाना होगा साथ गर्जना करने को अब , सबको मिलकर आना होगा । नीला शेर बने जो गीदड़, इंकलाब ही गाना होगा । घास पात बन कर कब तक तुम , भेड़ों... Poetry Writing Challenge 1 84 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read जल रहा है तपिश शीतल जल रहा है..। दिन हथेली मल रहा है...। सुबह रूठी मुरमुराकर । अरूण से नज़रें चुराकर ॥ दोपहर खल खल रहा है..। छाँव ढूँढे छाँव को ही। पाँव... Poetry Writing Challenge 1 40 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read उस जंगल की बात निराली उस जंगल की बात निराली, शेर गाय से डरता है । कथा सुना के पत्नी को यह, दम्भ एक पति भरता है । चालाकी से एक लोमड़ी , चीते को... Poetry Writing Challenge 1 113 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read एक कबूतर छ्त पर बैठी एक कबूतर दाना खाती सहमी सी थी वह भूखी थी डरी हुई सी ऊपर नीचे सिर करती पर मरी हुई सी जठराग्नि भारी यौवन पर यह दिखलाती... Poetry Writing Challenge 1 92 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read तय हमीं को करना है सात समन्दर-सा फैला मन, इसमें क्या-क्या भरना है तय हमी को करना है । कहीं उफनती लहरें देती, ज्वार सुखों का आ करके। और कहीं उद्वेग का भाटा, जीवन-तट पर... Poetry Writing Challenge 2 94 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read कठिन हालात लिखे अक्षर ने लिख दिया दुपहरी, कैसे होठ प्रभात लिखे? प्रेम-दिवस पर द्वेष न हो तो चाँद चाँदनी रात लिखें । रोज शाम को मदिरा छलके, जाम हथेली से पकड़े, सुनकर... Poetry Writing Challenge 1 56 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read नींद की गोली सपनों को जो बेच रहें हैं खाते रहें नींद की गोली ... I दिन भर जिनका बहा पसीना खेतों में , खलिहानों में । बिना धूप के गर्मी सह गए... Poetry Writing Challenge 1 78 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read उपहार मिलेगा अब विटपों को लतिकाओं का, उन्हें गले में हार मिलेगा..। उपवन जो वीरान हो गये, मधुमासी गुलजार मिलेगा..। इठलायेंगी नित्य तितलियाँ, रंग बिरंगी लेकर दुनिया । आलोकित कर दिखलायेंगी, मधु... Poetry Writing Challenge 1 106 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read मैं हिन्दी अविनाशी हूँ मैं भारत हूँ ,भाग्य विधाता , जनगण मन की काशी हूँ । पादप शुचि से महा उदधि हूँ, मन-मति से कैलाशी हूँ ॥ मैं देखी हूँ ऋचा सृजन को ,... Poetry Writing Challenge 2 84 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read सरिता है आभास पत्थर पत्थर लिख रहा, पानी का इतिहास l नदियाँ पर्वत से उतर, देती यह विश्वास.... ॥ प्रेम सभी के हृदय में, सूखा कोई सिक्त । द्रवित कहीं होता अधिक, रहता... Poetry Writing Challenge 2 88 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read पीड़ा को झरते देखा जीवन-पर्वत के जंगल में, मन-मृग को चरते देखा। सरिता की प्यासी आँखों से, पीड़ा को झरते देखा ॥ चपला चंचल विपदाओं की, भयाक्रांत करती गिरती ॥ मेघों की गर्जना डराती,... Poetry Writing Challenge 1 149 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल - ये कौन छेड़ा तितलियों को खिल न पाये गुल छिप गये हैं पत्तों में नहीं हाथ आये गुल हैं अजीब उसकी क्यों मंज़र निगाहों में देखे मुझे जब भी लगे... Hindi 3 1k Share Mahendra Narayan 13 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल - ख़्वाब मेरा ख़्वाब मेरा आज का अच्छा लगा इक हकीकत से उठा परदा लगा तेरे आने की रिवाइत थी ज़ुदा साथ में बढ़ता मेरा रुतबा लगा रोशनी से डर रहे साये बहुत... Hindi 1 161 Share Mahendra Narayan 4 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल ख़ामोशी इक रात मुहब्बत तेरी हर इक बात मुहब्बत तेरा मिलना और बिछड़ना दोनों के हालात मुहब्बत हँसना, रोना , खाना , पीना होता जो इक साथ मुहब्बत हँसना मुझको... Hindi 1 261 Share Mahendra Narayan 8 Apr 2023 · 1 min read गीत झिलमिलाते स्वप्न सी आभास हो तुम भोर के पहली किरण की आस हो तुम रात की अनुगूँज अन्तर्वेदना हो मूर्तिमय शबनम प्रभाती चेतना हो मखमली सी सांध्य रवि के पास... Hindi 1 248 Share Mahendra Narayan 8 Apr 2023 · 1 min read ग़ज़ल - रहते हो अरमानों में आग लगाते रहते हो क्यों ऐसे तुम मुझे जलाते रहते हो मजा सजा है साबित करते रहते हो हॅंसा हँसा कर मुझे रुलाते रहते हो चोट बात की... Hindi 1 928 Share Mahendra Narayan 6 Mar 2023 · 1 min read ग़ज़ल प्यार का हर इक पन्ना प्यारा होता है लिखा हुआ दिल का गलियारा होता है आँखों ने जो लिखा अश्क की पानी से पढ़ने वाला आँख का तारा होता है... Hindi 3 274 Share Page 1 Next