manisha joban desai 34 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid manisha joban desai 20 Jul 2017 · 1 min read काफी नहीं ? बैठे रहते है जब हम खोये हुए सपनो की खोज मैं, आसमान से टपकते पानी से संवेदना हथेली पर शायद फिर से संजोले पर .. ये जो समय है वो... Hindi · कविता 2 433 Share manisha joban desai 13 Jan 2017 · 1 min read प्यारी सी बेटियाँ इस दुनियामें ऐसा कोई काम नहीं है जो बेटियों ने करके नां दिखाया है , छोटी सी वो गुड़िया बनकर रहती हे पापा मम्मी की जान बनकर रहती हे ,... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share manisha joban desai 27 Apr 2018 · 2 min read अपने या पराये कहानी अपने पराये सुजीता दोपहर की चाय बना रही थी, की डोरबेल बजी।सोफे पर बेठी उसकी सासने उसके हस्बैंड का लेबोरेटरी से आया नया रिपोर्ट लिया और पढ़कर, "हे भगवान,ये... Hindi · कहानी 1 3 560 Share manisha joban desai 17 Mar 2018 · 1 min read होली सात रंगों से भरी राते चले, दिल को बहला रही बाते चले। झूमती बेले अदा से बाग मे, गीत प्यारे साथ में गाते चले। ज़िन्दगी फूलो भरी राहे बनी, आपके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 269 Share manisha joban desai 9 Dec 2017 · 1 min read सिर्फ हादसा? हँसती खेलती एक ज़िन्दगी, शाम ढलते ऑफिस से निकलकर, है दिल्ली की सड़क पर ..., ओवरटाइम से... सुनहरे सपने को जोड़ती, घरपर मोबाइल से कहेती, बस, मम्मी अभी आयी... आज... Hindi · कविता 1 390 Share manisha joban desai 28 Oct 2017 · 1 min read कटते वन ....उजड़ते जंगल कटते वन ....उजड़ते जंगल हो रहा, कुदरत संग खिलवाड़ ! माँ धरती की छाती पर होते वार !..... देते छाया और श्र्वास सभी को ये वृक्ष तो , फिर भी... Hindi · कविता 1 304 Share manisha joban desai 28 Feb 2017 · 2 min read लकी लकी, सुबह के नौ बज़े सृजन चायका कप लिये टीवी देख रहा था की मोबाईल की रिंग.... "सो रहे थे क्या ?" आवाज़ सुनकर सृजन की आवाज़ में ख़ुशी छा... Hindi · लघु कथा 1 647 Share manisha joban desai 24 Jan 2017 · 1 min read ज़िंदगी तो है... ज़िंदगी तो है पर यहाँ साथ में ही ये गम क्यो है , हरपल यहाँ खुश,तो आँख उसकी नम क्यों है। हार जाता है अक्सर यहाँ सच रहेता तन्हा यूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 239 Share manisha joban desai 23 Jan 2017 · 2 min read मुहिम मुहिम कैसे हो पारसजी ?कहते हूँए विमलजी बंगलो की सोसायटी में बने गार्डन की बेंच पर बैठकर बातें करने लगे। "आज जल्दी ऑफिस से ... ?" "आपको तो पता है... Hindi · लघु कथा 1 285 Share manisha joban desai 23 Jan 2017 · 1 min read खुशबु रिश्तो की -लघुकथा खुशबु रिश्तो की बाबूजी एकदम गुस्सा होकर चिल्ला रहे थे ,"कभी ऐसा हुूँआ ही नहीं की में भूल गया हूँ।" और सर्वेंट वगैरह कांपने लगे। ८०० रुपये गायब हुए थे... Hindi · लघु कथा 1 331 Share manisha joban desai 21 Jan 2017 · 2 min read क्यों ऐसा? क्यों ऐसा ? विश्वा जल्दी से अपनी कंपनी की बस से उतरती हुई घर के कम्पाउंड में दाखिल हुई ।बाहर ही उसकी सर्वेंट मिली , "भाभीजी ,आपके ननंद और नंदोईजी... Hindi · लघु कथा 1 405 Share manisha joban desai 15 Jan 2017 · 1 min read प्यारी सी बेटियाँ जीतने प्यार सब का जग उतर आती है यहाँ, काम जुदा कोइ ऐसा बेटियाँ भरती है यहाँ। मात पिता से कभी दुःख नहीं गाया है कभी, दिलपर सह ले पर... Hindi · कविता 1 402 Share manisha joban desai 12 Dec 2016 · 9 min read कुछ तूटा है दिलमें... कुछ टूटा है दिल में .... मानसी बहेेती नदी की लहरों को रेलिंग के पास खड़ी हुई एकटक देखे जा रही थी ।बस ,ये ज़िंदगी तो यूँही बहेती जा रही... Hindi · कहानी 1 1 456 Share manisha joban desai 15 Dec 2016 · 1 min read गज़ल तुम जो मेरे यहाँ ही अगर हो , जिंदगी की रात की तो,सहर हो। यूँ न मंजिलें तन्हा को मिलती प्यार की जो ना राह गुज़र हो। अेक मन में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 256 Share manisha joban desai 16 Dec 2016 · 1 min read यूॅंही मन के आकाश में..... यूँही कभी मन के आकाश में उड़ते चले आते हे यादो के पंछी ..... वो छोटी सी आँखे ,जो कभी तितली देख हँस दिया करती थी ..... वो नाजुक सी... Hindi · कविता 1 249 Share manisha joban desai 13 Dec 2016 · 5 min read स्त्री-शक्ति स्त्री शक्ती स्त्री और पुरुष इस विश्व की धरोहर मानें जाते हे ।। कही दोनेा में से कोई एक दूसरे से ज्यादा जरूरी या ताकतवर है, उसके विवाद में न... Hindi · लेख 694 Share manisha joban desai 13 Dec 2016 · 9 min read समजौता समझौता अभी तो सुबह के ८- ३० हुए थे ।। जल्दी तैयार होकर नित्या एक्स्ट्रा क्लास के लिए अपनी कार लेकर निकल ही रही थी कि रीमा आंटी और उनकी... Hindi · कहानी 317 Share manisha joban desai 24 Dec 2017 · 1 min read इंतज़ार भी रो पड़ा, याद करते अभी तो कहाँं खास है, हम तो इस जगा कितने उदास है। बात जो निकली इंतज़ार भी रो पड़ा, ये कहाँ आ गये मिलने की न आस है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 430 Share manisha joban desai 22 Dec 2017 · 2 min read मनमुटाव 'ऐसी बातो से नाराज़ नहीं होते बेटा' कहते हुए रेणुकाजी ने ससुराल से वापस आयी बेटी को समझाया. प्रेमविवाह करके एक साल पहले विशाला दूसरे शहर गयी थी ।सबसे अच्छी... Hindi · लघु कथा 298 Share manisha joban desai 13 Dec 2016 · 4 min read शाम का साया शाम का साया तेज दौड़ती हुई ट्रेन की खिड़की के पास बैठी हुई तक्षवी, उड़ती हुई लटो को संभालती घड़ी में टाइम देख रही थी । बस, अब आधा घंटा... Hindi · कहानी 1 457 Share manisha joban desai 25 Nov 2017 · 1 min read ये कैसी बारिश? लघुकथा ये कैसी बारिश? खिडकी के पास खड़ी होकर मन्वीता रीमझीम गीरती बारिश देख रही थी।पेड़ की लहेराती शाखो पर रंगीन फूल नृत्यमग्न झूल रहे थे।अभी पिछले महीने ही मन्वीता... Hindi · लघु कथा 820 Share manisha joban desai 13 Dec 2016 · 9 min read मेरा विश्र्वास मेरा विश्र्वास यूॅंही माेल में घूमते हुए आठ बज चुके थे। मौनवी ने मोबाइल से नरीत को बताया , "मुझे थोड़ी देर लग जायेगी ,मै अपनी ड्रेसमेकर के यहाँ जाकर... Hindi · कहानी 322 Share manisha joban desai 13 Dec 2016 · 7 min read मेरा आत्मसम्मान मेरा आत्मसम्मान मेरा आत्मसम्मान रात ऐसे मध्यम सी ढल रही थी । अपनी बाल्कनी से नीचे झाँकते हुअे, रितीमा विहार का इंतजार कर रही थी ।धीमी बारिश भी आ रही... Hindi · कहानी 305 Share manisha joban desai 9 Jun 2017 · 21 min read कुछ फैसले दिल के "इतना सुहाना मौसम और ये पहाड़ के बीच घिरा हुआ काटेज काश,तुम मेरे साथ होते तो बात ही कुछ और थी ..." सोचते हुए आसका ने बेंच पर से अपना... Hindi · कहानी 512 Share manisha joban desai 9 Jun 2017 · 3 min read अब क्या कहें? "जितवन .....क्या कर रहे हो बाहर ? देखो ये कोन आया है ?" माँ की आवाज़ सुनकर अपने स्कूटर की लाइट ठीक कर रहा जित जल्दी से घर के अंदर... Hindi · कहानी 455 Share manisha joban desai 13 Dec 2016 · 1 min read गज़ल आज खुदसे प्यार करने दो हमें ओर थोडा ओर कहने दो हमें। जिंदगी के दिन तो बस चार है, दिल में ही यार रहने दो हमें। राह यूँही मूड जायेंगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 297 Share manisha joban desai 14 Dec 2016 · 1 min read गीतीका दिल में है जो वही बातें कहें। आप ही के साथ यूँ गाते रहें छिड़ गए है सूर प्यारे, मन में दिल से अपने सभी नाते रहें । * ज़िंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 292 Share manisha joban desai 14 Dec 2016 · 1 min read गज़ल आपका वो मिलना तो याद है दिलका वो खिलना तो याद है। जिस तरहा बिछड़े थे मोड़ पर और तुम्हें ही गवाँना याद है। देखते है सब नज़ारे राह पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share manisha joban desai 14 Dec 2016 · 1 min read गज़ल ऐक शाम हॅसी अजनबी हो गई, सांस मेरी भी अनकही हो गई जो चहेरे थे अभी है कहां, जिन की परछाई प्यारी हो गई। हम जब कभी भी गये जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 214 Share manisha joban desai 12 Dec 2016 · 4 min read स्वरिता 'अरे ,चलो देर हो रही है 'कहते हुँऐ अंगना अपनी छोटी सी बेटी स्वरिता को हाथ खींचकर कार में बिठाने लगी । 'नहीं आना हे मुझे आपके साथ मम्मा,मुझे यहाँ... Hindi · कहानी 304 Share manisha joban desai 3 Jan 2017 · 5 min read ये मेरा दोष है? ये मेरा दोष है? अपने वार्डरोब से जल्दी से साड़ी निकालकर पहन ली और पर्स के साथ हॉस्पीटल चेकअप की फ़ाइल लिए हुए सुविधा ने रूम लोक किया ।इतने में... Hindi · कहानी 281 Share manisha joban desai 29 Dec 2016 · 1 min read है सभी तो सफर में... है सभी तो सफर में इस जिंदगी में जो यहाँ, फिरते है अक्सर उदास ज़िंदगी मे जो यहाँ। पलभर भी कभी ये लम्हें पाते खुशी के कहाँ? खुदको बस आ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 293 Share manisha joban desai 21 Dec 2016 · 1 min read आओ तो सही... नज़रमें तुम्हें बसा लेंगे यूॅ आओ तो सही, दिल के कमरे में हमें छूपाओ तो सही। छा रही है चुपकी सी इन हवाओ में कहीं, बात प्यारी सी कभी आकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 312 Share manisha joban desai 21 Dec 2016 · 1 min read किनारा चुन लिया... खिलते हो फूल या कांटे उन को पूछा न ज़रा, एक सुनहरा- सा ख्वाब बुन लिया है ज़रा। शायद कहीं तेज़ हुई दिल की वो धड़कनें, प्यार की उस आवाज़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 391 Share