Mahender Singh Language: Hindi 789 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahender Singh 24 Oct 2017 · 1 min read विज्ञान वरदान या अभिशाप बिन सैंस तोले कौन, **सैंस(sense)से जो आई है, सुविधा बहुत बढ़ाई है, उसी साइंस(science)ने, आखिर नींद हमारी उड़ाई है, . तन गई मिसाइल जगह जगह, तू बता जरा, हमारी सैंस कहाँ छुपाई है, माना... Hindi · कविता 2 1 6k Share Mahender Singh 28 Feb 2018 · 1 min read होली उत्सव पर हास्य-कविता (व्यंग्य) हिंदुओं के प्रत्येक उत्सव पर्व त्योहार में सरकार का एक अंग दखल देता आया है. खासकर हिंदुत्व की पार्टी सत्ताधारी होने के बाद. लगता है होली रुप बिड़कुले लकड़ी ईंधन... Hindi · कविता 1 2k Share Mahender Singh 15 Jul 2021 · 1 min read पतंग झूमते उसे आते देखते, चढते उसे आकाश में देखते, . कटी है जुडी है जरा डोर को संभाल पाते अटक गई सांस गर्दन से लिपट कर . उतर गई एक... Hindi · कविता 4 4 1k Share Mahender Singh 10 Nov 2017 · 1 min read रचना का उद्देश्य:-*आत्म-जागृति* *सोचा कुछ विषय दोहन करें, इस तन मन धन पर विचार करें, बहस करें विवेक जगे, विषय हो धर्म वा राजनीति, भाषा-संभाषा करने को, उपयुक्त उत्तर नहीं बचा हो पास... Hindi · कविता 1 2 1k Share Mahender Singh 14 Aug 2017 · 1 min read मजदूर की व्यथा (पीड़ा) "मजदूर की व्यथा" दो वक्त की रोटी को, जिंदगी छोटी पड़ जाती है, सुबह का निवाला खाकर, जब धूप निकल आती है, . संध्या होने तक कष्ट सहा-भरपूर, कष्ट और... Hindi · कविता 1 1 977 Share Mahender Singh 31 Aug 2021 · 1 min read दस्तूर गौरव बेटा जो तुम्हारी समझ की डोर है न. जो अपने जेब में रखते है, वे बाजीगर होते हैं, कुछ नहीं होता उनके पास, फिर भी सारा *मीना बाजार* दिखला... Hindi · लघु कथा 5 4 899 Share Mahender Singh 18 Mar 2020 · 2 min read ठग वो भी है जो मनुष्य की व्यवस्था को ईश्वर की बताते हैं किसी दूसरे ने गलत किया, इसलिये हम सही हैं, को जायज ठहरा कर, काम करनेवाले भी, #धार्मिक होते है #व्यंग्य. . किसी की गलतियों पर, खुद को सुकून देने के... Hindi · लेख 2 2 1k Share Mahender Singh 7 Aug 2021 · 1 min read आयोजन चीजे तो बहुत सामने रखी हमने, ध्वनि और रोशनी उनमें विशेष.. दोनों में माध्यम और तरंगें खास. अब जरा बताओ कैसे ब्राह्मण श्रेष्ठ और अन्य पतित वा भ्रष्ट हैं. Hindi · शेर 3 2 1k Share Mahender Singh 13 Sep 2021 · 2 min read एक मच्छर एक मच्छर / एक परजीवी हजारों अण्डे उत्पत्ति स्थान पानी की सतह इसमें भी नर मादा नाम एनाफिलीज और क्यूलेक्स. प्रभावशाली क्यूलेक्स उम्र भी ज्यादा अण्डे जो देने है. भोजन... Hindi · लेख 4 5 822 Share Mahender Singh 7 Jul 2021 · 3 min read कंगाली में आटा गीला "आपदा में अवसर" श्लोगन सुनने में कितना प्यारा लगता है. नीचे कहानी में पढ़कर देख लो. दिनभर के काम से हारे थके मांदे रौनक अपनी बीवी और तीन बच्चों के... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 909 Share Mahender Singh 19 Nov 2017 · 1 min read कविता हास्य व्यंग्य भी ! हास्य व्यंग्य :- . आजकल चिल,थ्रील,सस्पैंस का जमाना है, इसलिए मिर्च-मसालों का ज्यादा प्रयोग होता है, जिसे भी देखिये, या तो, खाने में लगा है, या लगाने में, . अब... Hindi · कविता 1 1 818 Share Mahender Singh 16 Nov 2021 · 1 min read इतिहास के झरोखे एक वो चरखा था, बढा जिस पर आज, चस्पा है, खटकता था, वो जिनको, उनके मुँह पर तमाचा है . विरासत तेरी अशेष है, भूल जाते लोग कभी के, मर्यादा... Hindi · शेर 2 2 1k Share Mahender Singh 3 Nov 2018 · 1 min read माँ की अलंकार महिमा माँ लफ्ज़ जब भी बोला जाता है ! जननी तेरा ही चेहरा नजर आता है ! माँ एक अलंकार संपूर्ण समर्पण ! प्राकृतिक चरित्र तेरा ही नज़र आता है! अस्तित्व... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 2 760 Share Mahender Singh 15 Oct 2017 · 1 min read हास्य-कविता:- हास्य भी ..सीख भी हे प्रभु ! उन्हें बहुत सारे पटाखे दे देना, जिन्होंने हमसे पटाखे छीने है , उनको लकड़भगा सी चाल देना, जब चले-चाल हर जोड़ पटाखे-सम आवाज करे, उनकी कब्ज तोड़... Hindi · कविता 1 1 785 Share Mahender Singh 7 Nov 2017 · 1 min read प्रेम प्यार धन किसे मिलता है ! *प्रेम बरसता है, प्रेम झलकता है, प्रेम फैलता है, प्रेम आनंद है, प्रेम एक अहसास है, एक संदेश है, झलक है उसके होने की, प्रेम कभी बँटता नहीं, सबके लिए... Hindi · कविता 1 1 799 Share Mahender Singh 24 Jul 2019 · 2 min read कुछ लोग ज्यादातर गलत समझते हैं जी हाँ दुनिया का एक बहुत बड़ा तबका ऐसा है, खासकर भारत में जहाँ धर्म धार्मिकता के नाम पर लोगों को सोच को सीमित किया गया है, ऐसा इसलिये है... Hindi · लेख 4 1 749 Share Mahender Singh 11 Apr 2022 · 1 min read चिट्ठी का जमाना और अध्यापक एक हास्य व्यंग्य *.*.*.*.*.*.*.* डाकघर और चिट्ठी कालीन समय में. दो चार पांच गावों एकाध पढ़े लिखा व्यक्ति मिला करते थे. चिट्ठी लिखना और पढना, एक मुश्किल भरा दौर था,... Hindi · कविता 2 805 Share Mahender Singh 5 Jul 2021 · 3 min read अच्छे दिन सबकुछ ठीकठाक चलते चलते अचानक, एक आवाज उठी, एक तूफान सा आया, एक सुनामी जैसे सबकुछ ध्वस्त करके, एक नये भौगोलिक क्षेत्र का निर्माण होने वाला हो, कुछ समस्याएं जैसे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 7 10 690 Share Mahender Singh 1 Feb 2021 · 1 min read कुछ खत मोहब्बत के नाम कुछ खत मोहब्बत के,जस् उड़ते पंछी, उन्मुक्त गगन में, जुडे हुए डोर जीवन से. कबूतर को माध्यम बना, खत उसे डाला. जीवन को उसके, रंग में अपने ढहाला. रंग भरे... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 54 745 Share Mahender Singh 30 Jun 2019 · 1 min read बज़्म इन पत्थरों में अल्लाह ईश्वर. खोजने वालों.. थोडा संभलों जरा.. इन बस्तियों में कौन बसता है. . ??ये भी कोई राज है. बहुमत नाराज है.? बेटा भूखा आज है. घर... Hindi · कविता 5 1 748 Share Mahender Singh 12 Oct 2021 · 3 min read गणतंत्र दिवस एक महोत्सव मेरी माता जी का जन्म लगभग नौ दशक पहले हुआ, श्रीमती चम्पा देवी मेरी माता श्री का नाम है, मैं उनकी सबसे छोटी संतान जो राष्ट्र में चली आपातकाल समय... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 7 11 684 Share Mahender Singh 22 Jul 2021 · 1 min read प्रबंधन क्या मिलेगा आपको. लोगों की बद दुआ लेकर, पीछा करेगी आसमां श्मशान सफर तक, आपका मकसद क्या है लाचारी, बेरोजगारी फैला देना, क्या मिलेगा तुम्हें, न विदेश नीति न व्यापार... Hindi · लघु कथा 6 4 663 Share Mahender Singh 30 Sep 2021 · 1 min read हसरतें बचा ही क्या, जब दिल की हसरते ही गिर गई, क्या मायने है,जब खुद की बातें ही याद नहीं, क्या फर्क पडता है, अब लोग मांगकर खाये या मारकर.. चल... Hindi · शेर 4 3 685 Share Mahender Singh 2 Jan 2018 · 1 min read पहेली है सुलझाओ तो जाने.., खुद-गर्ज जमाना, बड़ा एहसान-फ़रोस निकला, . मेरा शौक नहीं जरूरत थी, बीवी ने रोका.. बच्चों ने टोंका, जीते जी नहीं गया टोटा, लिखे बगैर रहा न गया, . जरूरतें सीमित... Hindi · कविता 1 1 677 Share Mahender Singh 12 Jul 2021 · 2 min read दफन रहस्य से भरपूर कहीं भ्रम, मोह, माया जाल जैसे *विपीन को जीवन में चौतरफ़ा रहस्यमयी घटनाओं से आच्छादित परतों को परत दर परत भेदने की ठान रखी हो, आने वाली... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 5 675 Share Mahender Singh 28 Sep 2021 · 1 min read विचित्र हैं संयोग अभिनय के चरित्र के आधार की समझ न हो, तो पहचान चलचित्र बन जाते है. अक्ल बडी के भैंस, पार्टी बडी के नेता. पिल्ला पालूंगी जरूर चाहे जान चली जाइयो. सब यथार्थ... Hindi · कविता 3 2 827 Share Mahender Singh 13 Nov 2017 · 1 min read आज गीदड़ भी शेर है, *भिगा हुआ हु पर लिप्त नहीं, किंतु "प्रेस के कोट" वाले दूर रहे ! शायद क्रीज खतरे में हो, गंदा तो पहले से ही बहुत है, . इतिहास को देखकर... Hindi · शेर 1 1 626 Share Mahender Singh 8 Dec 2019 · 1 min read धोखे और सलीके आज समाज आहत ! धोखे से नहीं ! सलीके से आहत है ! चिंता है राम घनश्याम री, ✍️ कथा गाथा पकडे माथा प्रकृति अनजान सी भेष कब से पहचान... Hindi · कविता 3 1 735 Share Mahender Singh 22 Dec 2020 · 1 min read कोरोना और स्वस्थवृत्त विचलितता कैसी कौन भ्रम संशय कैसा लडना क्यों भागना क्यों हो तेजस् जैसा विवेक जगा ज्ञान विज्ञान उग्र भय कैसा पंच-तत्व ये पिण्डारा पवन से भय कैसा जानकर अंजान हो... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 26 619 Share Mahender Singh 7 Dec 2017 · 1 min read सभी सम्मानजनक महापुरुषों को समर्पित रचना !! झुकने पर ही उसकी हर रहमत उनको मिली है, तभी तो एक सामान्य से ऊँची उनकी तस्वीर सजी है, एक विशिष्ट प्रयास के बाद ही माला उनके गले में डली... Hindi · कविता 1 1 604 Share Mahender Singh 25 Jul 2021 · 1 min read मातृत्व बच्चे तो बच्चे होते, के आपणा के गैर, आपणा तो राजा भोज,गैर कहे सो बैर. निज देह मोह तजे, तज भूख और प्यास, खुद गीले सोय कर, सूखा रखे आसपास.... Hindi · दोहा 4 3 634 Share Mahender Singh 3 Jun 2021 · 1 min read कौन है ये ऊपर वाला ? जी हाँ, पटकथा, ऊपर वाला लिखता है, आदमी तो बेचारा, उस पर अभिनय करता है, और लोग ऊपर वाले को भूलकर, वह दर्जा, उसी को दे देते हैं, वे और... Hindi · लेख 4 4 659 Share Mahender Singh 6 Oct 2021 · 1 min read परवाने जिस दिन खुद से प्यार हो जायेगा, दूसरों से लडना नहीं पड़ेगा, उस कीटपतंग से सीखना नहीं पड़ेगा, हो जाता है, किस तरह कुर्बान, दीपक की लौ से लिपटकर.. मेरे... Hindi · शेर 4 3 847 Share Mahender Singh 31 Oct 2017 · 1 min read शौक है लेखन पर मैं कॉपी-पेस्ट नहीं करता* *मैं कौन हु ? क्या मैं चोर हु ? पर मैं चोरी नहीं करता, मै लिखता हु पर कॉपी पेस्ट, कॉपीराइट नहीं करता, क्या लिखना है, तथ्यों पर गौर नहीं... Hindi · कविता 1 1 656 Share Mahender Singh 17 Oct 2021 · 2 min read मकर सक्रांति उत्सव हमारे जीवन में पंच मूल तत्व पृथ्वी अग्नि जल वायु और आकाश तत्व जीवन में आधार हैं, इनके अलावा नौ ग्रह वा पृथ्वी का एक उपग्रह चंद्रमा खगोलीय पिंडों की... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 8 598 Share Mahender Singh 28 Nov 2017 · 1 min read दोहे जो सम्मोहन तोड़े ! अक्सर अक्षर बिन पढ़े ! पढ़ लेता है ...इंसान..! विवेक रुप तीसरा नेत्र है उनका ज्ञान, उन विद्वानों का क्या करें ! रटे रटाये मंत्र है जिनका ज्ञान ! .... Hindi · दोहा 2 2 667 Share Mahender Singh 15 Sep 2017 · 1 min read *दोहे और भक्ति-आंदोलन* 1. ममता उतनी ही भली,जासे उपजे ध्यान, उस सहयोग का कौन मूल्य,जो बना दे असहाय, 2. प्रेमी खोजने मैं चला, प्रेमी मिला न कोई, जो मिले सो दिलज़ले.. दिल का... Hindi · दोहा 1 1 623 Share Mahender Singh 19 Oct 2023 · 1 min read तुम्हारी सब अटकलें फेल हो गई, तुम्हारी सब अटकलें फेल हो गई, जब उसने सीने से लगकर कहा.. मैंने उसे जाति धर्म तोड कर चुना वह सुन्दर वा अच्छी शक्सियत है. Hindi · Quote Writer 826 Share Mahender Singh 29 Dec 2019 · 1 min read परिपक्वता पापा के दोस्त और बेटे के दोस्त, एक लघुकथा जो परिपक्वता पर आधारित, एक रात मैंने अपने बेटे गौरव को शिक्षार्थ नींद से जगाया, और एक समस्या का ब्यौरा दिया,... Hindi · लघु कथा 5 2 626 Share Mahender Singh 14 Aug 2021 · 1 min read सुई धागा और कैंची सुई कहने से चुभ नहीं जाती, कैंची कहने से कोई कट नहीं जाता, चलते संभलकर कोई. कोई कंटक पैर में चुभ न पाता, चुभ भी गर, जाता, सुई से ही.... Hindi · कविता 3 3 705 Share Mahender Singh 21 Mar 2018 · 1 min read कविता तुम मेरे हृदय की धड़कन हो. #विश्व कविता दिवस. पर हार्दिक शुभकामनाये क्यों रूठी रूठी हो तुम कविता. मेरा काव्य से नहीं था कोई नाता. . मेरे हृदय का जब कवि जगा. मालूम न था मुझे.... Hindi · कविता 1 1 653 Share Mahender Singh 22 Aug 2019 · 1 min read बज़्म 2 हमने सुन ली तुम भी सुन लो अपने दिल से अज़ब कहानी छूट जाये तो कहना मन से बेईमानी दिख रहा है सतत खडा है सुनो कहानी फितरत देती मंशा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 627 Share Mahender Singh 7 Jan 2018 · 1 min read आभार आपका जो कंठ मेरा चुना. तमन्नाओं रुख मोड़ लो अपना, ये घर घर नहीं रहा अब..तुम्हारा अपना, जाग गया.. वो ,, जो अक्सर हर किसी का नहीं जगता, अब चैन है अमन है हर गुस्ताखी... Hindi · मुक्तक 2 1 581 Share Mahender Singh 13 Aug 2021 · 1 min read विचार मंथन आदिकाल में खोया नहीं, वर्तमान से है अनजान, भविष्य चिंता झलक रही. देखों अनजान इन्सान. . बोया बबूल तलाकात नहीं, पसंद सुस्वादु आहार, विज्ञापन देख ते लुभावने , नापसंद करते... Hindi · दोहा 4 4 587 Share Mahender Singh 9 Aug 2021 · 1 min read मन की पुष्टि एक दृश्य जो देखते बनता है, सप्तरंगी इंद्रधनुष एक घोडे पर सवार एक बोझिल तुरंग चित्रित करते कैनवास है कौन सा दृश्य. जिसे कहे हम. एक दृश्य जो देखते बनता... Hindi · कविता 3 2 629 Share Mahender Singh 7 Oct 2021 · 1 min read विपक्ष का दमन (लोकतंत्र खत्म) एक नेता जनता की सेवा के बहाने प्रवेश करता है, देश के नागरिकों को कूटनीति से दो धड़ो में बांटता. एक का पक्ष लेकर होशियारी से चहेता बन जाता. दूसरे... Hindi · कविता 5 4 569 Share Mahender Singh 12 Sep 2017 · 1 min read महाकवि,जगत् मसीहा मार्ग-दर्शक*बाबा साहब* *आदर्श-युक्ति* जिम्मेदारियों में नहीं है बोझ इतना, जितना रिश्तों ने ...उलझा दिया, सीखना था बस स्वावलंबी बनना, इसमें भी जाति-वर्ण का महाजाल बिछा दिया, दलदल है ये समाज में,सभ्यता है... Hindi · कविता 1 1 607 Share Mahender Singh 14 Oct 2021 · 1 min read छल सब पर सबल जब तक निकले ना, मन में से छल, नहीं टिकेगा ठिकाने बुद्धि और बल. . छल के बल पर आज,शासक पुरोधा. इससे बडा नहीं कोई दुनिया में योद्घा. . छल... Hindi · दोहा 6 7 594 Share Mahender Singh 21 Aug 2021 · 1 min read अनुभूति प्रेम रोग. हृदय शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, प्रवाह और प्रभाव अनूठे. प्रेम जीवन का अंगीकार. हृदय में उत्पन्न ज्वार उसे बिमार नहीं होने देते. प्रेम ही संचरण, तर्पण,... Hindi · लेख 3 4 670 Share Mahender Singh 1 Sep 2021 · 2 min read विवेक और बुद्धपुरुष समझ विचार करके पैदा होती है, View वीव यानि देखना. सिर्फ़ आँखों से देखना. अधूरा है. बड़ा अच्छा शब्द है. विवेक ! देखने के साथ-साथ सोचना विचारना. अर्थात मनन करना.... Hindi · लेख 4 6 552 Share Page 1 Next