Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2021 · 1 min read

आयोजन

चीजे तो बहुत सामने रखी हमने,
ध्वनि और रोशनी उनमें विशेष..
दोनों में माध्यम और तरंगें खास.
अब जरा बताओ कैसे ब्राह्मण
श्रेष्ठ और अन्य पतित वा भ्रष्ट हैं.

Language: Hindi
Tag: शेर
3 Likes · 2 Comments · 1143 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
*
*"हिंदी"*
Shashi kala vyas
2285.
2285.
Dr.Khedu Bharti
पावन सावन मास में
पावन सावन मास में
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
उदासी
उदासी
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
Adhere kone ko roshan karke
Adhere kone ko roshan karke
Sakshi Tripathi
औरत
औरत
Shweta Soni
* रामचरितमानस का पाठ*
* रामचरितमानस का पाठ*
Ravi Prakash
ग़ज़ल /
ग़ज़ल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कहां गए तुम
कहां गए तुम
Satish Srijan
ईमान
ईमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मरने वालों का तो करते है सब ही खयाल
मरने वालों का तो करते है सब ही खयाल
shabina. Naaz
नैतिक मूल्यों को बचाए अब कौन
नैतिक मूल्यों को बचाए अब कौन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बिन फले तो
बिन फले तो
surenderpal vaidya
तेरे जवाब का इंतज़ार
तेरे जवाब का इंतज़ार
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
कवि दीपक बवेजा
बिताया कीजिए कुछ वक्त
बिताया कीजिए कुछ वक्त
पूर्वार्थ
अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...?
अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...?
मनोज कर्ण
#बैठे_ठाले
#बैठे_ठाले
*Author प्रणय प्रभात*
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
शेखर सिंह
साहिल पर खड़े खड़े हमने शाम कर दी।
साहिल पर खड़े खड़े हमने शाम कर दी।
Sahil Ahmad
"मैं" का मैदान बहुत विस्तृत होता है , जिसमें अहम की ऊँची चार
Seema Verma
तुम मेरे बादल हो, मै तुम्हारी काली घटा हूं
तुम मेरे बादल हो, मै तुम्हारी काली घटा हूं
Ram Krishan Rastogi
हार हमने नहीं मानी है
हार हमने नहीं मानी है
संजय कुमार संजू
हाई रे मेरी तोंद (हास्य कविता)
हाई रे मेरी तोंद (हास्य कविता)
Dr. Kishan Karigar
ले चल मुझे भुलावा देकर
ले चल मुझे भुलावा देकर
Dr Tabassum Jahan
"बल"
Dr. Kishan tandon kranti
विचार और विचारधारा
विचार और विचारधारा
Shivkumar Bilagrami
क्या ढूढे मनुवा इस बहते नीर में
क्या ढूढे मनुवा इस बहते नीर में
rekha mohan
हवस
हवस
Dr. Pradeep Kumar Sharma
छह ऋतु, बारह मास हैं, ग्रीष्म-शरद-बरसात
छह ऋतु, बारह मास हैं, ग्रीष्म-शरद-बरसात
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...