Mahender Singh Tag: लेख 158 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahender Singh 18 Mar 2020 · 2 min read ठग वो भी है जो मनुष्य की व्यवस्था को ईश्वर की बताते हैं किसी दूसरे ने गलत किया, इसलिये हम सही हैं, को जायज ठहरा कर, काम करनेवाले भी, #धार्मिक होते है #व्यंग्य. . किसी की गलतियों पर, खुद को सुकून देने के... Hindi · लेख 2 2 1k Share Mahender Singh 13 Sep 2021 · 2 min read एक मच्छर एक मच्छर / एक परजीवी हजारों अण्डे उत्पत्ति स्थान पानी की सतह इसमें भी नर मादा नाम एनाफिलीज और क्यूलेक्स. प्रभावशाली क्यूलेक्स उम्र भी ज्यादा अण्डे जो देने है. भोजन... Hindi · लेख 4 5 820 Share Mahender Singh 24 Jul 2019 · 2 min read कुछ लोग ज्यादातर गलत समझते हैं जी हाँ दुनिया का एक बहुत बड़ा तबका ऐसा है, खासकर भारत में जहाँ धर्म धार्मिकता के नाम पर लोगों को सोच को सीमित किया गया है, ऐसा इसलिये है... Hindi · लेख 4 1 744 Share Mahender Singh 3 Jun 2021 · 1 min read कौन है ये ऊपर वाला ? जी हाँ, पटकथा, ऊपर वाला लिखता है, आदमी तो बेचारा, उस पर अभिनय करता है, और लोग ऊपर वाले को भूलकर, वह दर्जा, उसी को दे देते हैं, वे और... Hindi · लेख 4 4 657 Share Mahender Singh 21 Aug 2021 · 1 min read अनुभूति प्रेम रोग. हृदय शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, प्रवाह और प्रभाव अनूठे. प्रेम जीवन का अंगीकार. हृदय में उत्पन्न ज्वार उसे बिमार नहीं होने देते. प्रेम ही संचरण, तर्पण,... Hindi · लेख 3 4 661 Share Mahender Singh 1 Sep 2021 · 2 min read विवेक और बुद्धपुरुष समझ विचार करके पैदा होती है, View वीव यानि देखना. सिर्फ़ आँखों से देखना. अधूरा है. बड़ा अच्छा शब्द है. विवेक ! देखने के साथ-साथ सोचना विचारना. अर्थात मनन करना.... Hindi · लेख 4 6 552 Share Mahender Singh 7 Sep 2021 · 1 min read आज की महाभारत धृतराष्ट्र संजय से पूछता है, संजय अधर्मियों ने छल के सहारे लेकर, इंटरनेट बंद कर दिया है. . फिर भी संजय बताओ, कुछ अपने विवेक से, कुछ तो बताओ ???... Hindi · लेख 5 5 579 Share Mahender Singh 12 Mar 2022 · 1 min read आपका नियामक कौन सोच विचार मनन मंथन तर्क-वितर्क मनुष्य के मन की प्रकृति होती है. यह एक सतत प्रवाह है. कोई इसे ताकत तो कोई इसे कमजोरी बनाकर नुकसान उठा लो, या फिर... Hindi · लेख 2 3 580 Share Mahender Singh 31 May 2018 · 2 min read स्वतंत्रता तुम्हारा जन्म सिद्ध अधिकार है, मुझे कभी नहीं लगा मैं एक चिकित्सक हूँ. डॉक्टर हूँ, वैध या भौतिक प्रतिभूति हूँ...। मैं स्वयं को एक सेवक समझने की भूल करता रहा, लोग बदल चुके थे,लोगों के... Hindi · लेख 2 1 534 Share Mahender Singh 12 Oct 2019 · 1 min read भगवान की परिकल्पना कमजोर असहाय मंदबुद्धि कर्महीन आलसी लोगों का मार्ग है तथाकथित धर्म. कुछ चालाक लोग के लिए. बचने का मार्ग ..भी, कूडेदान की तरह इस्तेमाल गलतियां करके भगवान को जिम्मेदार बताना.... Hindi · लेख 4 2 597 Share Mahender Singh 19 Jun 2021 · 1 min read साझा आप किसकी मानते हो, शायद, अपनी, ना ..ना..ना ये तो बहुत बडी जानकारी की बात की बात है, शायद, दूसरों की, हाँ यह आम बात है. ऐसा आसान भी, पल्लू... Hindi · लेख 2 1 554 Share Mahender Singh 17 Sep 2021 · 1 min read बिन कहे सब समझ जाना बिन कहे सब समझ जाना हर महीने मन की बातों में स्थान पाना. बिन रोएं दूध मिल जाना एक छोटी रेखा के साथ बढ़ी रेखा खींच देना. ये काम जनता... Hindi · लेख 1 1 535 Share Mahender Singh 20 Aug 2021 · 1 min read एकमात्र अव्यवस्थित प्राणी संपूर्ण सृष्टि के जीव प्राणी जरायुज अण्डज उष्मज सब प्राकृतिक व्यवस्थाएं बैठा लेते है. आदमी के अलावा. . पक्षी अस्थाई घौंसले बनाते है, अण्डे देकर सेंचन के लिए... पक्षी बन... Hindi · लेख 4 4 532 Share Mahender Singh 20 Mar 2019 · 1 min read गूँगे और गुड़ का स्वाद. यह देश कुछ चालाक/शातिर लोगों का है. यहाँ पर बुद्ध बुद्धू समझे जाते है अधिकतर लोग जानते है. समझता कोई कोई है. और जो जानता है समझता है वो. चाहते... Hindi · लेख 3 1 611 Share Mahender Singh 14 Nov 2021 · 1 min read शिक्षा के आयाम *शिक्षा का मतलब ही तथ्यों को तह तक जानना है. . 'क्या सोचना चाहिए' ? मतलब ??? शिक्षा बतायेगी. कभी नहीं, ये जीव चेष्टा का प्रश्न है. . "कैसे सोचना... Hindi · लेख 3 2 551 Share Mahender Singh 14 Apr 2022 · 1 min read बाबा साहेब जन्मोत्सव बाबा साहेब भीमराव रामजी अम्बेडकर, पर जितने संगठन और शोध, चल रहे है, उन्हें जानकर, ऐसा लगता है, जो उनकी कार्य शैली रही, उसको समझने में और क्रियान्वित करने में... Hindi · लेख 7 4 528 Share Mahender Singh 2 Sep 2021 · 1 min read अट भी पट भी भक्तों की....कडी नंबर एक किसी ने सही कहा है. *जनता जैसा राज यानि सत्ता चाहती है. वैसा ही शासन राज करता है,* विपीन एक बात बार-बार कहे जा रहा था, जैसे उसे बहम ही... Hindi · लेख 4 4 509 Share Mahender Singh 20 Oct 2020 · 1 min read देश और भेष बहुआयामी क्षेत्र से जो देश परहेज़ रखता हो उसे ✍️ कोई भी हरा सकता है. ब्यौरे अतीत के होते है. वर्तमान योजना रहित भविष्य एकदम धुंधला अंधकारमय. राग एक ही... Hindi · लेख 1 2 590 Share Mahender Singh 19 Nov 2021 · 1 min read विचार परिचय जो दिखाया जाता है, उसको धरातल नहीं, जो हुआ ही नहीं,उसको आसमान . . विचारों को महत्व नहीं, नही विचारधारा को लगाम, तेरा अपना कुछ नहीं, अब सुना तेरा पैगाम.... Hindi · लेख 2 2 570 Share Mahender Singh 28 Oct 2017 · 1 min read मुझे भारतीय होने पर गर्व है, *हिंदू धर्म और संभावना* . क्या अब वक्त आ गया है ? क्या हिंदू धर्म ...., ज्यादातर पाखंड से भरा हुआ ? क्या उसे आधुनिकता और विज्ञान के सहारे की... Hindi · लेख 2 2 511 Share Mahender Singh 29 Oct 2017 · 1 min read शिक्षा प्रणाली पर व्यंग्यात्मक आलोचना, *एक अनपढ़ को अक्षर ज्ञान देकर अक्षर जोड़ने वा वाक्य पढ़ना तो सिखाया जा सकता है, . विवेक ज्ञान जागृति साक्षर को अनपढ़ से ही सिखने पड़ते हैं, . समाज... Hindi · लेख 1 1 505 Share Mahender Singh 20 Jul 2021 · 1 min read धार्मिक जवानी मनुष्य विचारवान है. वह याद रख सकता है. वह कल्पना कर सकता है, वह हंस सकता है, वह परिवार नियोजन कर सकता है. वह मूलभूत आवश्यकताओं को जुटा सकता है... Hindi · लेख 8 5 509 Share Mahender Singh 23 Feb 2022 · 1 min read कल की खुशी का कारण बातें कहाँ खुश कर पाती हैं. ये तो स्वप्न है जो कल पता नहीं कैसे आ गया. खाते में .. कुछ रकम आ गई. नोट पुराने से नये और एक... Hindi · लेख 3 3 488 Share Mahender Singh 18 Jan 2020 · 2 min read व्यवाहरिक छलावा और गुलाम भारत. एक *व्यवहार एक *वाद और एक ही *विवाद एक *जरूरत एक *आदत और एक ही *फसाद धर्म और उसके उत्पाद. -----////--//-/-------//-- इन सबसे जन्मे पूँजीवाद/उद्योग/समाजवाद/साम्यवाद/नाजीवाद/फासिज्म एक *योजना *आपसी-तालमेल में प्रमुख... Hindi · लेख 3 2 532 Share Mahender Singh 18 Mar 2022 · 1 min read संगठन यानि दो के बीच ठन जाना संग+ठन दो समूहों में आपसी ठनी रहना. संगठनों की संख्या उन्तीस/तीस लाख . सवर्णों के हाथ मंदिर का पुस्तैनी कटोरा है. बाबा साहब संगठनों के नाम पे दे गये. उनके... Hindi · लेख 4 538 Share Mahender Singh 24 Sep 2021 · 1 min read आत्म-निर्भर भारत सबका साथ सबका सहयोग सबका विकास सबका विश्वास सबका प्रयास . ये दर्शनशास्त्र मंत्र बताया है. वित्त मंत्री सीतारमण ने. . सरकार की जनता की जेब में ही, काला धन... Hindi · लेख 3 4 508 Share Mahender Singh 21 Jul 2019 · 1 min read आदमी परिचय का मोहताज़ है *लोग यानि भीड़ *आदमी यानि बोझ तले दबा हुआ, *मनुष्य मतलब मन-अनुकूल *व्यक्ति यानि एकल *इंसान मतलब प्रकृति पर्सनैलिटी के दायरे सेहत से चरित्र के सिर्फ़ कामवासनाओं से कहीं ज्यादा... Hindi · लेख 4 1 505 Share Mahender Singh 31 Mar 2019 · 1 min read जादूगरी और हकीकत जादूगरी एक खेल है या हकीकत या हाथ की सफाई या नजरों का खेल शायद सबको मालूम है. और जिसे मालूम नहीं है वह भी जानता है. उसका हकीकत से... Hindi · लेख 4 1 512 Share Mahender Singh 16 Oct 2021 · 1 min read मौन मौन की भी अपनी, एक भाषा होती है. समझता कौन है ,सब उतावलेपन में हैं. मौन को प्रवेश के लिए स्थान चाहिए, सब लबालब भरे पडे़ है, बस वही नहीं.... Hindi · लेख 2 2 495 Share Mahender Singh 1 Dec 2017 · 1 min read धर्म की कहानियां//निजता की दुश्मन है !!! शराब बे-आबरु करती है ! कौन नहीं जानता ! लेकिन धर्म के पाशों से जमाना ! क्यों हैं ?? अनभिज्ञ !!! . सोम-रस सुरा का पान करने वाले किसी भी... Hindi · लेख 1 1 469 Share Mahender Singh 25 Dec 2017 · 1 min read पच्चीस दिसंबर एक विशिष्ट दिवस ! संविधान कहता है सभी धर्मों का सम्मान करो ? आज के दिन को बड़ा दिन कहा जाता है ? आज क्रिसमस दिवस है , ईशा मसीह के जन्म दिवस को... Hindi · लेख 1 1 489 Share Mahender Singh 4 Sep 2021 · 1 min read इंटरनेट युग सोच लो अभी भी देखा करो इंटरनेट बहुत तेज गति से अपने पांव पसार है. लेकिन वह सबकुछ नहीं है. मानव/मनुष्य/आदमी/इंसान उसके बनाने और संचालन में एक अहं भूमिका अदा... Hindi · लेख 3 2 471 Share Mahender Singh 18 Mar 2022 · 1 min read होला बैसाखी खेती से जुडे उत्सव यै उत्सव/पर्व नहीं है. हिंदू धर्म पर अमिट दाग. भारत विदेशी आक्रांताओं से ग्रस्त रहा है. अवर्ण्य लोगों पर भूभाग पर कब्जा करके अपने फायदे में इतिहास को थोप देना.... Hindi · लेख 4 1 443 Share Mahender Singh 30 Oct 2017 · 1 min read *मैं नास्तिक हु और आप * *किसी ने मुझसे कहा, कि तुम तो चिढते हो, सोच छोटी है आपकी, मैंने स्वीकार किया और जवाब दिया, *तुनक मिजाज है जो, हूनर की तस्वीर है वो* मुझ से... Hindi · लेख 1 1 470 Share Mahender Singh 29 Dec 2021 · 2 min read खौफ किस बात का कैटेगरी जनता में एक आकलन है. जो सारणी बनती है, वो स्वाभाविक है. ये मत एक वैज्ञानिक मत है, जिसे धर्म सिरे से नकार देते है. आस्था और विश्वास के... Hindi · लेख 1 1 445 Share Mahender Singh 5 Apr 2020 · 2 min read न्यायालय और व्यवस्था एक *महिला मित्र ने पूछा है की :- क्या *न्यायालय में *न्याय मिलता है ? . अब ये भला कोई *पीडित थोड़े पूछेगा ! एक *अहंकार से ग्रस्त मनुष्य ही... Hindi · लेख 5 3 491 Share Mahender Singh 2 Oct 2021 · 1 min read मिस्टर गांधी अभिनय और आस्था आप सभी से एक प्रश्न ??? आस्था पर सवाल न उठाने के सूत्र के कारण. धार्मिक मिस्टर गांधी, का बचाव.. मिस्टर गांधी ने सामाजिक व्यवस्था के बदलाव के खिलाफ क्या... Hindi · लेख 5 5 441 Share Mahender Singh 8 Dec 2021 · 1 min read धर्मांतरण धर्म और जाति का जन्म से ही थोपी एक व्यवस्था है. इसे व्यक्ति तोड़ सकता है. धर्मांतरण एक मौलिक अधिकार. इसे नवजीवन/द्विज समझे. तब ही आदमी, जानकर/जागकर विवेक, समझ और... Hindi · लेख 2 1 491 Share Mahender Singh 14 Dec 2021 · 1 min read संपादकीय राजसत्ता *धर्म, राजसत्ता प्राप्त करने का मुख्य द्वार है @कथन @बाबा साहेब ? प्रवेश द्वार किसे बताया गया और क्यों ? क्योंकि भीड़ से सृजन औद विनाश करवा लेना. दोनों ही... Hindi · लेख 2 2 422 Share Mahender Singh 15 Nov 2017 · 1 min read बोध कैसे जगे ! मैं बोलता हूँ....! लोग भड़क जाते हे ! शताब्दियों से सोए है ! जागरण का नाम नहीं ! पाखंड है मृत कपि-ललाट, विश्वास नहीं होता, पकड़े हो खुद से ..!... Hindi · लेख 1 1 465 Share Mahender Singh 31 Dec 2019 · 1 min read झाडफूंक और चिकित्सा भारत विभिन्नताओं का देश है. यह परिवेश हर क्षेत्र में झलकता है. चिकित्सा के क्षेत्र में ईलाज में भी. ईलाज से पहले बीमारी का उद्गम/उद्भव मालूम आवश्यक है. बीमारियों के... Hindi · लेख 5 1 442 Share Mahender Singh 19 Sep 2017 · 1 min read *नफरत का मूल कारण कूटनीति* मिर्च मसाला बिखरा पड़ा, जो चाहे जैसी सब्जी,व्यंजन ले बनाये, तीखे फिके के चक्कर में...., भूखा ही रह जाए......., अर्थातः- भूखा व्यक्ति पसंद नहीं देखता, जो पसंद देखे वह भूखा... Hindi · लेख 1 1 455 Share Mahender Singh 8 Oct 2019 · 1 min read राष्ट्रवाद और विवेक एक आदमी धर्म अधर्म के मार्ग पर जब तक नहीं चल सकता जब तलक उसके पास अपना ज्ञान/विवेक बोध नहीं होता . तब तक वह किसी #विचारधारा का #संवाहक ही... Hindi · लेख 4 2 446 Share Mahender Singh 28 Aug 2017 · 1 min read साध और संगत.....खुद की भली, परिणाम चाहिए, सम्मोहन से बचे, स्वावलंबी बने, स्वतंत्रता की पहली शिक्षा, आप्त-वचन किसी महापुरुष के वचन हैं, आपके नहीं, उनका अंध-अनुकरण या अंध-अनुशरण की बजाय उसका अनुभव लेकर स्वयं सिद्ध... Hindi · लेख 1 1 431 Share Mahender Singh 13 Nov 2017 · 1 min read हम कुछ कहना चाहते पर कह नहीं पाते, *हम कुछ कहना चाहते है, पर खुद से कुछ कह नहीं पाते, किसी की आड़ में कहते है, . जिन्हें हम आप्त वचन कहते है, किसी के वचन,किसी की तस्वीर,... Hindi · लेख 1 1 454 Share Mahender Singh 1 Jan 2022 · 1 min read स्नेहिल अभिनंदन 2022 कोई छेड़छाड़ करे तो छिड़ जाओ कोई भेड़े तो भीड जाओ. क्रिया की प्रतिक्रिया देते रहो फिर क्या नया, क्या पुराना ! 2021 की जगह 2022 हो जाओ. एक नया... Hindi · लेख 1 1 450 Share Mahender Singh 6 Jan 2018 · 1 min read एक छत एक सूत्र में बंधे रहने के लिए हम क्या करें, मुझे नहीं लगता हमारे देश समाज में, कोई ऐसा.. मंच/ताकत/छत बची है, . संविधान के अलावा, जो इस समाज को एक छत्र के नीचे, संजोएं रख सके !! ?? .... Hindi · लेख 1 1 464 Share Mahender Singh 25 Apr 2019 · 1 min read असाध्य महामारी कौओं की पंचायत चौकीदारों की जमात फफूँद का रोग बेमौसम पनपती खरपतवार ऐसे महामारी रोग हैं जो लाइलाज़ प्रचंडता पर है. ये बीमारियां परिवार, समाज, समुदाय सबको प्रभावित/खोखला करेगी.? Hindi · लेख 4 1 399 Share Mahender Singh 15 Jul 2019 · 1 min read नास्तिकता नकार या स्वीकार धर्म की स्थापना वा धर्म की हानि दोनों का प्रकृति वा अस्तित्व पर एक समान नुकसान. मनुष्य किसी भी विचारधारा का हिस्सा बनकर सर्वप्रथम निजत्व को अस्वीकार करता है. जबकि... Hindi · लेख 4 2 441 Share Mahender Singh 9 Nov 2017 · 1 min read हस्ताक्षर सरकारी और गैर-सरकारी* *अपने हस्ताक्षर कर करके देखता हु मिल न सका इनको स्थान, सरकारी खजाने की हिस्सेदारी में, कर करके देखता हु कोई मना न कर दें इनको, तुम्हारे नहीं है भाई,अपनी... Hindi · लेख 2 1 443 Share Page 1 Next