भूरचन्द जयपाल 591 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read *** मैं जिसे पसन्द हूं *** बहुत बार मन में ऐसा ख्याल आता है कि मै जिसे पसन्द हूँ उसे में मिला नही मगर मुझे वो पसन्द है मुझे अब भी पता नहीं फिर भी मुझे... Hindi · मुक्तक 1 208 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read ***** मिट्टी के घरोंदे सा ***** मिट्टी के घरोंदे सा हमारा दिल है जरा सी ठेस लगते ही टूट जाता है । मकां तो फिर भी बना लिए जाते हैं टूटा हुआ दिल फिर बनाने से... Hindi · कविता 1 446 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read ***** निशा आती है ****** निशा आती है दिनभर की थकान के बाद अँधेरा धीरे धीरे घना होता जाता है पर फिर भी थके हारे श्रमिक के मन को भाती है क्योकि वह दिनभर की... Hindi · कविता 1 478 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read *** दूर चले जायेंगे हम **** .दूर चले जाऐंगे हम दुनियां से तेरी पर प्यार तो करेंगे हम तुमसे ओ सनम ।। इकरार तो करेंगे हम तुमसे ओ सनम ।। दूर ................................................तेरी ।। पर याद तो... Hindi · गीत 1 463 Share भूरचन्द जयपाल 9 Feb 2017 · 1 min read *** तेरी ख्वाहिश *** क्या कहूं एक तेरी ख्वाहिश है कि मिटती ही नहीं जितना करता हूं तेरा दीदार उतना ही खाली होता जाता हूं तेरे साथ भरी भरी ये जिंदगी सुकून से जीने... Hindi · कविता 1 377 Share भूरचन्द जयपाल 13 Feb 2017 · 1 min read ***** मंजिलें मेरे कदमों तले ****** मै मंजिलों की तलाश में भटका नहीं बोलो कहां आज मंजिले मेरे क़दमो तले ढूंढू तो बोलो कहां मन-मधुप विचलित सा आज तेरे साये को है काश तेरी-मेरी मंजिलें मिलती... Hindi · मुक्तक 1 222 Share भूरचन्द जयपाल 13 Feb 2017 · 1 min read ग़ज़ल:-नफ़रत की आंधियां बसर की जिस शज़र के नीचे जिन्दगी अपनी रोशनी पसर क्या आज उस शज़र तक पहुंची नफ़रत की आंधिया इस असर तक पहुंची प्यार के अमर शज़र ले सफर तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 257 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read *** ये मूरत तेरी **** ये मूरत तेरी दिल में उतर आई है तेरी सूरत पे लिखा जो ** मेरा नाम ** दिखलाई नहीं देता आँखों से दिल की नज़र से झांके दिल में ऐसी... Hindi · कविता 1 281 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read **** फ्रेंडशिप डे **** फ्रेंडशिप डे की हार्दिक शुभकामनाऐ मेरे सभी फेसबुक फ्रेंड्स को बधाई ** हम समझते हैं मित्रता केवल हमउम्र लोगों से ही हुआ करती है कतई नहीं -मित्रता छोटे-बडे अमीर-गरीब का... Hindi · कविता 1 320 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read **** घबराहट *** मेरी पहली कविता *********** मर रहा था मगर डर रहा था मौत से नहीं मै घबराहट से मर रहा था कहने जा रहा था दो चार पंक्तियां मुर्दा लाश की... Hindi · कविता 1 275 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read *** लोग कहते हैं **** लोग कहते हैं कि आप बहुत बड़ी-बड़ी कविताऐ लिखते है हम पढ़ते-पढ़ते थक जाते हैं जम्हाई आने लगती है मैंने कहा भइया...बीबी उवाच प्रवचन सुनते हो सिर धुनते ही और... Hindi · कविता 1 210 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read *** बुधवारी त्योंहार **** मुफ़्त में कोई बांटता नही मुहब्बत के लड्डू ये कोई बुधवारी त्योंहार नही है जो गणेश जी के भोग लगाया और सिजदा करके बडी आसानी से खा .......लिया अगर खा... Hindi · कविता 1 506 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read ** हमारी शुभकामनाऐ *** ना दुखी हो इतना तूं शुक्र मना............. पांव ही दबवा रही है नानुकर मत करना वरना ........ गला दबाने में देर नहीं करने वाली है । चाहत को दिल में... Hindi · कविता 1 184 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read *** भूकम्प **** लातूर का जब भूकम्प आया लोगों ने बहुत पूछा.........पर भूकम्प का कारण किसी ने ना बताया ...... अब नेपाल का भूकम्प आया कई शोध हुए .......... भूकम्प का पता लगाने... Hindi · कविता 1 274 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read ** मां के चरणों में सादर नमन ** माँ से पत्नी प्यारी होती है पति की पत्नी असाध्य बीमारी होती है फिर भी माँ से पत्नी प्यारी होती है ।। ***क्यों ? आप बुद्धिजीवी हैं सोच समझकर जवाब... Hindi · मुक्तक 1 481 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read ** दम्पति *** मेरी पत्नी अक्सर मुझसे पूछा करती दम्पति का मतलब मैं हरबार टाल देता वो नाराज़ होती आप हिंदी पढ़ाते हो फिर भी नही बताते आज मैंने दम भरा चाहे कुछ... Hindi · कविता 1 392 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read ** सही कहा ** अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता सख्त हो तो दांत जरूर तोड़ सकता है ।। मशक्कत इतनी ही कर थकान ना हो तुझको निकम्मा बन कर बैठा तो मकान कहां... Hindi · शेर 1 248 Share भूरचन्द जयपाल 16 Feb 2017 · 1 min read *** वार्धक्य का प्रेम *** वार्धक्य में ज्यादातर लोग दुखी होते हैं क्यों ?************************************7*7 उम्र ना देखो दोस्तों मेरी मेरा ज़िगर तो देखो ग़म झेलता है किस क़दर इसका फिगर ना देखो क्या उम्र रोकती... Hindi · कविता 1 262 Share भूरचन्द जयपाल 16 Feb 2017 · 1 min read *आँख के आंसू ने बरसात की बूँद से कहा* आँख के आंसू ने बरसात की बूँद से पूछा किस तरह इतनी ऊंचाई से गिरकर ........ ... ........भी तुम शीतल रहती हो क्या तुन्हें गिरने का जरा भी दुःख नहीं... Hindi · कविता 1 198 Share भूरचन्द जयपाल 16 Feb 2017 · 1 min read * किसी के मन में चाहत ना हो * मत टूट शीशे की तरह मत बिखर शीशे की तरह कहीं मेरे मासूक के क़दम इन टुकड़ों पर ना पड़ जाये लहूलुहान ना हो जाये कहीं मेरे मासूक के नाजुक... Hindi · मुक्तक 1 253 Share भूरचन्द जयपाल 16 Feb 2017 · 1 min read *** मन का पंछी ** ?मन का पंछी उड़ ना जाये रे बडी भौर हुई मन दिल को ये समझाये बन्ध पिंजरे में पंछी रे कैसे उड़ ये पाये रे बिना पंखो का पंछी कहीं... Hindi · गीत 1 355 Share भूरचन्द जयपाल 16 Feb 2017 · 1 min read *** मैं वो शायर नहीं ***** मैं वो शायर नहीं हूँ दोस्तों जो अपने ग़म को सीने में छुपा कर शायरी में बयां करता है दफ़न मुहब्बत कर दुनियां से बयां करता है करता नहीं मुहब्बत... Hindi · कविता 1 297 Share भूरचन्द जयपाल 16 Feb 2017 · 1 min read ** तेरे इंकार में ** तेरे इन्कार में भी इकरार नज़र आता है तेरी नफ़रत में भी प्यार नज़र आता है हमें इतना मालूम है कि तुम्हें हम पर एतबार ज़रूर आता है तेरे गरूर... Hindi · मुक्तक 1 221 Share भूरचन्द जयपाल 18 Feb 2017 · 1 min read ** बीता हुआ समय ** बीता हुआ समय लौटकर नहीं आता उसकी क़ीमत आंकना बड़ा मुश्किल होता है लेकिन हम लौटकर फिर-फिर आते रहेंगे तुम्हारी जिंदगी में यूं एक ख्वाब की तरह जो सोने ना... Hindi · कविता 1 357 Share भूरचन्द जयपाल 18 Feb 2017 · 1 min read ** मेरे जीवन साथी ** मेरे जीवन साथी छुपाकर चाँद सा मुखड़ा क्यों मुझसे शर्माती हो पलकें नीची झुकाके क्यों अपना छुपा प्यार दर्शाती हो उठाओ इन नैनों को मेरी ऒर प्यार से ताकि मै... Hindi · कविता 1 1k Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2017 · 1 min read ** शादी के बाद ** आ रहा था एक युवक हट्टा कट्टा मुस्डण्डा सा मूछों पर ताव लगाते हुए पर मूछें उसके नहीं थी अँगुलियों का दाब लगाते हुए आ रहा था मै डॉक्टर था... Hindi · कविता 1 746 Share भूरचन्द जयपाल 20 Feb 2017 · 1 min read * तेरी मुस्कुराहट * प्रेम सागर उथला है थाह कभी आती नहीं । इक बार डूबने से चाह कभी जाती नहीं ।। *बहुत प्यारी तेरी मुस्कुराहट * दिल को छू जाती है ये आँखें... Hindi · कविता 1 461 Share भूरचन्द जयपाल 21 Feb 2017 · 1 min read *** आखिर क्यों ? जीवन की सन्ध्या बेला में डूबता सूरज ऐसा लगता है जैसे मेरा सारा तेज अपने साथ ले गया हो जीवन सूना सूना सा लगने लगता है अँधेरा फिर और उदासी... Hindi · कविता 1 330 Share भूरचन्द जयपाल 21 Feb 2017 · 1 min read ** मुक्तक ** * गुल-ए-गुलशन से कोई फूल तो चुनना होगा । अरे भ्रमर फिर पछतायेगा जब ग़म-ए-उल्फ़त से चूर तुझे होना होगा ।। भीड़ में चलते हुए आदमीं ने भीड़ से कहा... Hindi · मुक्तक 1 444 Share भूरचन्द जयपाल 21 Feb 2017 · 1 min read ** आईना जब झूठ बोलता है ** *आईना जब झूठ बोलता है मुस्कुराता हुआ चेहरा दिल मजबूर बोलता है तस्वीर दिखती जो आईने में कुछ और हाल-ए-दिल कुछ और कहते हैं आईना कभी झूठ नहीं बोलता आजकल... Hindi · कविता 1 982 Share भूरचन्द जयपाल 21 Feb 2017 · 1 min read * नमन उस नदीश को * नमन उस नदीश को जिसने झेला नदियों के वेग को नमन उस नदीश को जिसने झेला विष शेष अशेष का नमन उस नदीश को जिसने झेला वेग हृदय आवेश का... Hindi · कविता 1 250 Share भूरचन्द जयपाल 24 Feb 2017 · 1 min read * ऐ स्वर्णपिंजर के अनुरागी * ऐ स्वर्णपिंजर के अनुरागी क्या तुमने कभी यह सोचा है ? उन्मुक्त हवा में भी आता है आनन्द पिंजरे से सतगुणा ज्यादा मान बैठा स्वर्ण पिंजर को परिधि इससे उन्मुक्त... Hindi · कविता 1 250 Share भूरचन्द जयपाल 24 Feb 2017 · 1 min read स्तुति * शिव शंभो शिव शंभो * शंभो शिव शंभो प्रभो शूलपाणे प्रभो शंभो शिव शंभो प्रभो शूलपाणे प्रभो शिवाकांत त्रिपुरारे हर हर शंभो शंभो काशीपते विश्वनाथ पुरारि शिवषम्भी आज मैं आया तेरी शरण में नाथ पार... Hindi · कविता 1 574 Share भूरचन्द जयपाल 26 Feb 2017 · 1 min read ** मुझे जुकाम था ** * मेरी आँखों से लगातार आँसू बहे जा रहे थे मै अपने आँसू पोंछता पोंछता थक गया था मै जार जार रो रहा था न जाने मुझे क्या हो रहा... Hindi · कविता 1 476 Share भूरचन्द जयपाल 26 Feb 2017 · 1 min read *** शुक्र मना *** ना दुखी हो इतना तूं शुक्र मना............. पांव ही दबवा रही है नानुकर मत करना वरना ........ गला दबाने में देर नहीं करने वाली है चाहत को दिल में दबाये... Hindi · कविता 1 1 565 Share भूरचन्द जयपाल 26 Feb 2017 · 1 min read * पति एकता जिंदाबाद * रविवार का दिन था पीड़ित-प्रताड़ित-पति जुलूस के साथ नारे लगा रहे थे .............. पति एकता जिंदाबाद पति एकता जिंदाबाद इतने में पत्नियों का हुजूम आया .......मै जोर जोर से नारे... Hindi · कविता 1 574 Share भूरचन्द जयपाल 26 Feb 2017 · 1 min read ** मुहब्बत का खजाना *** फ़िजा में आज घुली है जमाने-भर की आबे-बू कुछ क्षण गुस्ल कर लूं प्यार की बारिश में यूं खुदा की खुदाई आये मेरे आँचल में चुपके से मुझे ना ग़म... Hindi · कविता 1 364 Share भूरचन्द जयपाल 27 Feb 2017 · 1 min read * चार शेर * जीना चाहा था मगर जिंदगी ना मिली । मौत भी अब हमसे अपना दामन छुड़ा के चली ।। लोग कहते हैं अब भी मै जिन्दा हूँ मगर जिंदगी को अलविदा... Hindi · शेर 1 304 Share भूरचन्द जयपाल 28 Feb 2017 · 1 min read ** टप टप पानी ** . टप टप पानी बह रहा है न जाने ये क्या कह रहा है कहीं वियोगिनी की आँखों से कहीं बादल की बाहों से न जाने टप टप ये क्यूं... Hindi · कविता 1 268 Share भूरचन्द जयपाल 28 Feb 2017 · 1 min read * जानिसार महबूब * महसूस करें उसे खुशबू कहते है जान का प्यासा हो उसे दुश्मन कहते हैं । जिसके मिलने से जान में जान आ जाये उस जानेबर जानिसार महबूब कहते हैं ।।... Hindi · मुक्तक 1 272 Share भूरचन्द जयपाल 1 Mar 2017 · 1 min read ** बादल का गर्जन ** ** बादल का गर्जन भौरों का गुंजन इक कसक जगाता है दिल सहम जाता है बादल के गर्जन से बदन नम है वर्षण से दिल में जगाता अगन है भँवरा... Hindi · कविता 1 244 Share भूरचन्द जयपाल 1 Mar 2017 · 1 min read ** मौसम बडा नालायक है ** मौसम बडा नालायक है ज़रा रखता नहीं है ख्याल सोहबत छूट जायेगी जब महबूबा रूठ जायेगी तब कैसे गुजरेगी ख्याले रात जब दूरियां दरमियां होंगी मीठी मीठी ये जो ठंडक... Hindi · कविता 1 508 Share भूरचन्द जयपाल 3 Mar 2017 · 1 min read ** अपने ही रंग में ** . कुछ खास लोग जो अपनी भावनाओं का इजहार बेहतर तरीके से करते है । एक अच्छे मुकाम को हासिल करते हैं ।। ?मधुप बैरागी होली के रंग में साजन... Hindi · कविता 1 364 Share भूरचन्द जयपाल 4 Mar 2017 · 1 min read *** होली के रंग *** होली के रंग खेलो प्रीतम संग लाल है गुलाल गाल है गुलाल तन है लाल लाल मन है लाल लाल खेले है हर बाल आये हर साल होली का त्योंहार... Hindi · गीत 1 443 Share भूरचन्द जयपाल 5 Mar 2017 · 1 min read ** होली खेलत नन्दलाल ** . राधिका गोरी संग ब्रज की छोरी संग बनवारी बिहारी अब होली खेलत नन्दलाल बचाये भोली राधा अपने अपने तन के तंग अंग माने ना चंचल कान्हा डारे फिर फिर... Hindi · गीत 1 344 Share भूरचन्द जयपाल 5 Mar 2017 · 1 min read ** होली के पावन पर्व पर ** ****??****** होली के पावन पर्व पर मनभेद मतभेद मिटाकर मेरे सभी मित्रों के लिए मुँह मीठा कीजिए और दिल में मधुर कल्पना करते रहिए सुबह तक रंगो में सराबोर होने... Hindi · कविता 1 442 Share भूरचन्द जयपाल 6 Mar 2017 · 1 min read ** चलना थोड़ी दूर था ** चलना थोड़ी दूर था उसमे ही क़दम लड़खड़ा गये फिर क्या जिंदगीभर साथ निभाओगे तुम याद करके वो वादे और कसमे हमनशीं कभी तुम पे तो कभी खुद पे आती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 444 Share भूरचन्द जयपाल 6 Mar 2017 · 1 min read ** ऐ हुस्नवाले ** ऐ हुस्नवाले तूं इश्क का एहतिराम कर यूं ठुकरा ना बेदर्दी इबादत-ए-इश्क । तेरी फ़ितरत नही क्या फ़जल-ए-दोस्त अदावत है किस वज़ह से इजहार कर। क्या एतबार नहीं मेरे इश्क... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 470 Share भूरचन्द जयपाल 7 Mar 2017 · 1 min read ** ये दिल हुआ ना कभी अपना ** ये दिल हुआ ना कभी अपना हुआ पराया होकर भी अपना खायी ज़ालिम जमाने की ठोकर दर-दर डर-डर आपा खो कर ये दिल की लगी है नही दिल्लगी मंजर इश्क-ए-तूफां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 631 Share भूरचन्द जयपाल 7 Mar 2017 · 1 min read *** हम दिल के मरीज *** हम दिल के मरीज़ भी कितने अजीब हैं कहते हैं अपनी बहाना गैरों का करते हैं चश्मदीद वो अपना नहीं जानते हम हैं उसे ख़ुदा कहें या ईश्वर रहबर अपना... Hindi · कविता 1 258 Share Previous Page 2 Next