मधुसूदन गौतम Tag: ग़ज़ल/गीतिका 35 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मधुसूदन गौतम 22 Sep 2024 · 1 min read बिटिया प्यारी *बेटी दिवस पर विशेष* आई दुनिया में बिटिया प्यारी , गूंजी नन्ही सी किलकारी। परी सुहानी घूमा करती, उछल कूद गोदी में करती, कभी मटकती ,कभी लिपटती, पापा संग अठखेली... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 433 Share मधुसूदन गौतम 9 Jan 2021 · 1 min read चाहत या चाह किसी की चाह से बोलो ,कभी होता भलापाया। सभी की चाह होती है ,यही जग की सदा पाया। मगर फिर चाह भी रखना फ़क़त कितना जरूरी है। बिना इस चाह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 8 743 Share मधुसूदन गौतम 29 Dec 2020 · 1 min read तेरी चाहत में मापनी --212 122 222 212 दिल भटक भटक कर बंजारा हो गया। (तेरी चाहत में।) दिल तड़प तडफ़ कर आवारा हो गया। ( तेरी चाहत में ) तुम तो हाथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 632 Share मधुसूदन गौतम 6 May 2020 · 1 min read पियक्कड़ संत कभी मर्ज़ी से पीते हैं ,कभी मुफ्त में पीते हैं। कभी बेशर्म बनकर के ,कभी इज़्ज़त से जीते हैं। कोई फोकट पिलाये तो ,बना सरकार भी डाले। पड़े ज़रूरत वतन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 586 Share मधुसूदन गौतम 15 Apr 2020 · 1 min read डर के साये में डर के साये में जिये जाते है। खुद को तन्हा से किये जाते है। वक्त इक दिन यह चला जाएगा, घूँट संयम के पिये जाते है। डर के साये में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 694 Share मधुसूदन गौतम 19 Mar 2020 · 1 min read समझते हो ना तुम शब्दों को गोली मारो,मेरा मौन समझते हो ना। अपना रिश्ता क्या है भूलो,मैं हूँ कौन समझते हो ना। रिश्ते क्या है स्वाद बदलते , पककर शब्दो की भट्टी में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 432 Share मधुसूदन गौतम 28 Feb 2020 · 1 min read जला वतन को ये आग बोलो ,किसने लगाई, ये पूछ टीवी एंकर रहे है। जला वतन को बेशर्म सारे , अजब सी बातें पूछ रहे है। बड़ा मजा ये लेते थे बुजदिल, लगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 681 Share मधुसूदन गौतम 28 Feb 2020 · 1 min read जला वतन को ये आग बोलो ,किसने लगाई, ये पूछ टीवी एंकर रहे है। जला वतन को बेशर्म सारे , अजब सी बातें पूछ रहे है। बड़ा मजा ये लेते थे बुजदिल, लगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 437 Share मधुसूदन गौतम 18 Oct 2019 · 1 min read स्वाभिमान की चिड़िया स्वाभिमान की चिड़िया भी लगती बिलकुल अलबेली है। सबको अच्छी लगती है पर उड़ती निपट अकेली है। नाज़ुक इतनी होती है, बातों से घायल होती है। वो बात अलग है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 578 Share मधुसूदन गौतम 28 Sep 2019 · 1 min read न देवर कोई भी न साली *एक ग़ज़ल* ★????????????★ मुहब्बत से दुनियाँ ये सारी मिलेगी।★00★ न धन से कुई कामयाबी मिलेगी ।★00★ ? ये। हालात नफरत के जारी रहे तो।★ किसी दिन ये दुनियाँ ही खाली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 580 Share मधुसूदन गौतम 27 Sep 2019 · 1 min read ..........मिलेगी हँसी जब तुम्हारी अदा की मिलेगी। अजी जान अपनी तो जाती मिलेगी।00 ख़ुदा हुस्न से गर किसी को नवाज़े। मुहब्बत सही में बिचारी मिलेगी।01 दबाकर लबो को न हँसना सनम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 671 Share मधुसूदन गौतम 23 Sep 2019 · 1 min read खुद को मिटाती रही 212 212 212 212 बहर - लाल ला लालला, ला लला ला लला। ************************** काफ़िया आती (ई) रदीफ़ रही **************************** चैन अपना सदा वो लुटाती रही। दर्द अपना सभी से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 278 Share मधुसूदन गौतम 22 Sep 2019 · 1 min read याद आते है चुनावो की करें चर्चा तो मंजर याद आते है। सड़क पर जोश में बच्चे ज़ुदा नारे लगाते है। बड़े नेता हमारे दर पे दौड़े दौड़े'आते है। चुनावो में ये मंजर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 350 Share मधुसूदन गौतम 8 Sep 2019 · 1 min read दिव्यमाला गतांक से आगे......... ******************************** उधर कन्हैया झूल रहे थे ,अपनी माँ के हाथों में। हुए अचानक भारी कान्हा, सह न सकी माँ हाथों में। मात यशोदा बिठा कान्ह को,अंदर आगई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 771 Share मधुसूदन गौतम 6 Sep 2019 · 1 min read एक ग़ज़ल की शक्ल में कलम घिसाई एक ग़ज़ल शक्ल में कलम घिसाई ****************************** मतला * कदमो में हिन्द के अब महताब देखता हूँ। सारी जमी हो अपनी यह ख़ाब देखता हूँ। ★ कोई नही है सानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 537 Share मधुसूदन गौतम 20 Aug 2018 · 1 min read कलम घिसाई। बहर 212 2122 212 2122 *कलम घिसाई* काफिया---आन रदीफ़--सा है। ******************************** रीत सब को निभानी,इश्क़ कुरबान सा है। प्यार जिसका ख़ुदा है ,यार रहमान सा है। याद आते है लम्हें, साथ तेरे बिताए। आज तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 1k Share मधुसूदन गौतम 10 Aug 2018 · 1 min read कलम घिसाई ग़ज़ल के रूप में वाचिक मापनी 2222 22 22 प्रत्येक पंक्ति 16 मात्रिक *पर कलम घिसाई* समान्त –अर पदान्त ―लगता है। ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ समान्तर धुन― मैं पल दो पल का शायर हूँ। ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ *मतले 10*... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 411 Share मधुसूदन गौतम 15 Jul 2017 · 2 min read सम्पूर्ण मतले वाली गजल वज़्न - 22 22 22 22 अर्कान - फैलुन फैलुन फैलुन फैलुन काफ़िया - अर रदीफ़ - गैर मुरद्दफ ( बिना रदीफ़ के ) ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आधारित धुन--मैं पल दो पल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1k Share मधुसूदन गौतम 12 Jul 2017 · 1 min read पति गये परदेश गये पति परदेश सखी री कब तक पन्थ निहारु। मेरे इस मन के आंगन को कब तक रोज़ बुहारू। इस तन के तान तम्बूरे के भी नित ही तार उतारू।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 770 Share मधुसूदन गौतम 6 Jul 2017 · 1 min read गजल 2122 2122 2 जब हवा मद मस्त चलती है। यह दवा सी सबको लगती है।*0* रुत चली आई बड़ी प्यारी सी। देख कर तबियत मचलती है।*1* शाख पर कलियाँ खिली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 409 Share मधुसूदन गौतम 6 May 2017 · 1 min read न हो सकी बेबहर गजल ********************************* भले ही हमसे खिदमत नवाजिश न हो सकी। पर कभी किसी खातिर साजिश न हो सकी। 0 नजर न आई दुनियां को हमारी शक्सियत। महज इसलिए कि... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 709 Share मधुसूदन गौतम 18 Apr 2017 · 2 min read गजल 2122 2122 212 पर मतला रात से है मोगरा महका हुआ । गंध से लगता सनम बहका हुआ।**0** अशआर आपसे मुझको छुपाना क्या भला। आपके कब सामने पर्दा हुआ। *1* कौन लिखता है यहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3k Share मधुसूदन गौतम 8 Apr 2017 · 1 min read क्या फायदा? क्या फायदा बहर-212 212 212 212 ++++++++++++++++++++++++ धुन ++ तुम मगर साथ देने का वादा करो..... +++++++++++++++++++++++ **मतला** जान सब पर लुटाने से क्या फायदा। मान खोकर कमाने से क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 650 Share मधुसूदन गौतम 4 Apr 2017 · 1 min read तीन मुक्तक रामनवमी पर जय श्री राम जय श्री राम के नारे तो लोमहर्ष हुए। लेकिन उसी समाज के द्वारा खंडित तुम्हारे आदर्श हुए। हें राम आज की दुनियां में आदर्श आपके जो भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 813 Share मधुसूदन गौतम 1 Apr 2017 · 1 min read टूट जाएगा कलम घिसाई गजल की शक्ल में। आधारित गाना~ बहारो फूल बरसाओ ...... मतला अगर है साँस छोटी सी तो नगमा टूट जाएगा। किया वादा जो गाने का वो' वादा टूट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 354 Share मधुसूदन गौतम 24 Mar 2017 · 1 min read के लिए गजल की शक्ल में कलम घिसाई 212 212 212 212 कौन डरता यहाँ निज कफन के लिए। चाहिए मौत हमको वतन के लिए।**0** राज सुखदेव ने वार तन को दिया।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 549 Share मधुसूदन गौतम 8 Mar 2017 · 1 min read ले जाओ घर से 2122 212 1 22 जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से। उड़ने मत दो परिंदों को पर से। जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से। चंद अशार लिखवादो सुखनवर से।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 544 Share मधुसूदन गौतम 4 Mar 2017 · 1 min read गीत * आखिर मिलना क्या है ?* इनका जीना मरना क्या है ? इनसे आखिर मिलना क्या है ? मख्खी मच्छर कीट पतंगे। निर्धन निर्बल नीच लफंगे। अपने लिय ही यह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 341 Share मधुसूदन गौतम 27 Feb 2017 · 1 min read वेलेंटाइन पर गजल लो सुनो अब हाल दिल क्या हो गया। इश्क का ही भूत सारा हो गया।* 0* * साथिया होती है मजबूरी कभी। देखिये तो फिर भी लिखना हो गया।*1* *... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 431 Share मधुसूदन गौतम 19 Feb 2017 · 1 min read निशाने आ गया वज़्न - 2122 2122 212 आज में तुमको बताने आ गया। दिल मिरा तेरे निशाने आ गया। ज़ीस्त सारी कट गई इक़ साँस में। प्यार जब मुझको डुबाने आ गया।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 560 Share Page 1 Next