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28 Feb 2020 · 1 min read

जला वतन को

ये आग बोलो ,किसने लगाई,
ये पूछ टीवी एंकर रहे है।
जला वतन को बेशर्म सारे ,
अजब सी बातें पूछ रहे है।

बड़ा मजा ये लेते थे बुजदिल,
लगा के कैमरे यहां वहां पर,
मिले मसाला इन्हें जहां भी ,लगाते मजमा ये वहां पर,
ये इनकी बरसो की थी जो मेहनत,
ये देश कैसे जलेगा आखिर,
हुई फलीभूत जब ये कोशिश,
पता नही फिर ,क्यो पूछ रहे है।

इन्हें न मतलब किसी वतन से ,न इनको लेना किसी धर्म से।
इन्हें तो इनकी कमाई प्यारी ,लाचार अपने इसी कर्म से।
नज़र न आई अच्छाई इनको ,न ही कभी भी नज़र आएगी,
दिखा छेद यह माँ वसन पे ,बेशर्म बनकर मुस्कुरा रहे है।
ये आग बोलो लगाई किसने ,टीवी एंकर पूछ रहे है।

कलम घिसाई

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