तुम्हारी उँगलियों की छुअन को..
तुम्हारी उँगलियों की छुअन को, भूलना मुमकिन नहीं, तुम्हारी ज़िद से, जद्दोजहद से, मुकरना मुमकिन नहीं, तुम्हारे नयनों की गहराईयों को, समझना संभव नहीं, तुम्हारी याद-ए-गुल-ओ-गुलज़ार बिखेरना संभव नहीं। —...
Poetry Writing Challenge