Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 190 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Dec 2025 · 1 min read जो बीत गयी, सो बात गयी मेज पर पड़े मेरी डायरी के पन्ने आज कुछ ज्यादा ही फड़फड़ा रहे थे मानो दिन भर की तन्हाई के बाद वे भी मुझसे बातें करने को व्यग्र थे। मैं... 18 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 22 Nov 2025 · 2 min read शिकायत पापा से ऊपर से कुछ सख्त भीतर से बेहद मुलायम जिन्दा है पिता तो मेरी कायनात है कायम। हजार दुःख सहते हुए वह मेरी रोटियां जुटाता है, सबका पेट भर स्वयं अक्सर... 2 5 58 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 25 Oct 2025 · 5 min read बेटियां " अरे पम्मी आओ अंदर चाय पीकर जाना " श्रीमती शर्मा ने पम्मी और उसके पति को अंदर बुलाते हुए कहा। " आ रहे आंटीजी , थोड़ा मम्मी से मिल... 2 5 63 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 24 Oct 2025 · 3 min read कौन था भैया ? मेरे संध्या करने का समय हो रहा था, मैं छत पर बनाये अपनी गृह- वाटिका में जैसे ही आसन लगा कर बैठने को था, उस चिड़िया के जोड़े को अचानक... 3 5 56 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 23 Oct 2025 · 8 min read सफर सफर आज मैंने देखा तो जोखू की झोपड़ी थोड़ी ठीक लग रही थी, अन्दर एक साफ चादर व बाहर एक दरीनुमा कुछ बिछा हुआ था I दिल को एक सुखद... 2 5 52 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 18 Oct 2025 · 1 min read चलो इस बार..... चलो इस बार दीपावली कुछ ऐसे मनाते है बाजार के अंतिम छोर पर बैठे कुम्हार के सब दिये और मिट्टी के खिलौने बिना मोल भाव के खरीद हम घर लाते... 1 1 76 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 17 Oct 2025 · 6 min read मन्नत " ऐ रिक्शा वाले भैया स्टेशन चलोगे क्या ? " सुमि अपने लगेज के साथ पीजी छात्रावास से निकल कर सड़क पर आते हुए एक रिक्शे को रोकते हुए पूछ... 1 3 90 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Oct 2025 · 5 min read लालच कल रात से नानक बुखार में तप रहा था। पिछले कई दिनों से दीपावली के कारण उसके द्वारा किये जाने वाले काम में तेजी आ गयी थी। वह भी अधिकाधिक... 116 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 15 Oct 2025 · 5 min read बोनस " जीतू कल से तुम भी मेरे साथ काम पर चलो , मालिक से बोल कर तुम्हारा भी काम लगवा देंगे। मेरे मालिक बहुत दयालु है , जरूर मेरी बात... 1 5 105 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 9 Oct 2025 · 7 min read मंगलसूत्र " आपलोगो के मरीज का ऑपरेशन अब कल होगा। " ऑपरेशन रूम से बाहर निकलते हुए डा ० मोहित बोले। मै आगे कुछ पूछता उसके पहले ही वह तेजी से... 2 4 118 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 7 Oct 2025 · 6 min read सूदखोर आज रविवार था। आदतन मैं थोड़ा देर से उठा, वह भी जब श्रीमतीजी ने पंखा बंद कर दिया। उठते ही आदेश हुआ की जाकर चाय के लिए दूध ले आऊं।... 1 5 116 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 3 Oct 2025 · 1 min read रावण से प्रेम आज का रावण राम से हम प्रेम रावण से नफरत करते हैं , आइए रावण की गलतियों पर एक नजर डालते हैं I किसी की बहन का नाक-कान काटना क्या... 3 7 127 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 27 Sep 2025 · 7 min read रक्त सम्बन्ध " रितेश ड्राइवर से बोल दो अब घर चला जाये , अब कोई काम नहीं है। कल फिर समय से आ जायेगा। " डाक्टर साहब ने सोफे पर बैठते हुए... 3 90 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Sep 2025 · 5 min read काशी - दर्शन एकाएक मोबाइल की घंटी बजी, मै हड़बड़ा कर उठ बैठा। उधर से फोन पर मेरे छोटे सुपुत्र रिक्की थे । " पापा दीनदयाल स्टेशन -मुगलसराय आ गया, इसके बाद वाराणसी... 2 2 206 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 8 Sep 2025 · 6 min read ऐसा भी होता है क्या? " अंकल आपकी टिकट कन्फर्म हो गयी " घर में प्रवेश करते हुए विशु बोला I " गुड, बहुत अच्छा " कहते हुए मै अपने काम में लग गया I... 1 2 80 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 1 Sep 2025 · 1 min read पुराने फोटो एल्बम का दर्द आज अपनी एक पुरानी फाइल को खोज रहा था , अचानक एक पुराना फोटो एल्बम दिख गया था I अपने अभीष्ट को त्याग अब मै उसे ही देखने लगा था,... 2 4 68 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 23 Aug 2025 · 2 min read जिंदगी बिना गलती के भी गलती मै अपनी मान लेता हूँ , कोई रूठे नहीं मुझसे मै ऐसा काम करता हूँ सबब जीने का ऐसा ही बने जब ऐ मेरे साथी... 2 100 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 7 Aug 2025 · 7 min read नहीं में हाँ पिछले कई दिनों से मां का बुखार था कि उतर ही नहीं रहा था। घर की माली हालत भी ऐसी नहीं थी कि किसी अच्छे बड़े डाक्टर को दिखाया जा... 138 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 4 Aug 2025 · 1 min read मेरा गाँव शहर के कोलाहल से दूर मेरा गाँव मुझे भाता है, पहाड़ों के बीच बसा मेरा गाँव सदा याद खूब आता है I जैसे ही कुछ छुट्टियाँ मिलती मैं तुरंत गाँव... 111 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 18 Jul 2025 · 1 min read शिवमय यह जीवन मेरा शिवमय यह जीवन मेरा शिवमय जग ही सारा है , जन्म लगायत मृत्यु तलक शिव बस तेरा सहारा है। शिवमय पूरित संसार सकल ब्रह्माण्ड बना यह शिव से ही है... 97 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jul 2025 · 1 min read आज का सावन आज का सावन मुझे कितना उदास लगता है, बिन वारि के इसका अहसास मुश्किल होता है। याद आता है मेरे बचपन का अप्रतिम वह सावन, वारि की अनवरत लड़ियों से... 108 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 13 Jun 2025 · 2 min read मौत का क्रूर जरिया मौत का क्रूर जरिया धूसरित कितने स्वप्न बस एक पल में हो गये , हमें क्या, हम एक हादसा कह कर निकल लिये। सपने कितने संजोये थे अपनी सपनीली आँखों... 3 4 71 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2025 · 1 min read जिनसे ख़त्म हो जाती है उम्मीदें, जिनसे ख़त्म हो जाती है उम्मीदें, उनसे फिर शिकायत नहीं रहती। थक जाओगे खुद को सही साबित करते , अच्छा है गलत मानकर पीछा छुड़ा लो। Quote Writer 1 184 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 5 Jun 2025 · 1 min read चीख कटते पेड़ के नेपथ्य से आ रही थी चीख कितने दिन हुए जब कोरेना काल मे मांग रहें थे तुम सब ऑक्सिजन की भीख I फिर भी विकास के नाम... 2 6 87 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 4 Jun 2025 · 1 min read श्वासों की डोर नखरे तेरे लाख उठाये लाख यतन कर पाला तुमको , याद आ रहा हर पल वो कितना लाड लगाया तुमको। खुश कितना होते थे हम जब चलना तुम्हे सिखाये थे... 1 5 92 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 8 May 2025 · 1 min read सिन्दूर (ऑपरेशन सिंदूर) चुटकी भर सिन्दूर की, मांग बड़ी है आज। ऑपरेशन सिन्दूर से , बची हमारी लाज।। शौर्य हमारे सैनिकों का, देख रहा संसार I नेतृत्व हमारा है सबल,कूच-कूच अब मार I... 2 3 119 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 26 Apr 2025 · 6 min read दायित्वबोध कार्यालय से आते ही मैंने अपना बैग रखने के पहले ही टीवी ऑन कर दिया था। पहलगाम हमले के बाद से मेरा लगभग रोज का यही हाल था। अपने शीर्ष... 2 8 106 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 23 Apr 2025 · 2 min read खोलो द्वार सीमाओं का पहलगाम का सामूहिक भीषण ये था नरसंहार, मांग रहा अपनो से ही अब अपनो का ही है हिसाब। हमारी उदारता का है ये कैसा हमको सिला मिला , खामोश सिंह... 2 4 135 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 22 Apr 2025 · 1 min read कागज की नाव दैहिक प्यार से विलग हो आत्मिक प्यार का लगाव , प्रष्फुटित हो ह्रदय में तब निष्काम प्रेम की वो छांव। लक्षित है जहाँ से तब सनातन मोक्ष की वो राह... 3 7 103 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 15 Apr 2025 · 1 min read मै समय हूँ मै समय हूँ मेरा कोई आगत ना अतीत है, रहता हूँ वर्तमान में कोई छाया नहीं प्रतीत है। पृथ्वी का समय अलग अंतरिक्ष का अलग, हमारे शास्त्रों में वर्णित समय... 1 5 102 Share Page 1 Next