Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 146 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 2 min read दृष्टिबाधित भले हूँ दृष्टिबाधित भले हूँ पर हीन भावना नही दिव्यदृष्टि धारी हू, दया की दरकार नही राह खुद अपना बनाते हम रहते है सागर को नदी की दरकार कभी है नही। दूसरे... Poetry Writing Challenge-2 118 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read दादी की वह बोरसी कितना सर्द मौसम है पर वो सुहानी शाम है , जलती अंगीठी के पास ही बस केवल आराम है आता है गांव याद हमें दादी की वह बोरसी, जिसमे डालते... Poetry Writing Challenge-2 90 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 2 min read दीवाली धन वैभव संपदा से आकंठ भरपूर यह दीवाली जमती नही मुझे अपने बचपन की दीवाली है याद आ रही बरबस अभी। अब की सोकाल्ड रंगोलियों में वह कसक और अपील... Poetry Writing Challenge-2 147 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read भाईदूज रक्षाबंधन पर आयी नहीं शायद बीमार पड़ी थी वह, भाईदूज में बहना मेरी अब दौड़ी दौड़ी आयी वह। मेरे पसंद की लिए मिठाई कुमकुम लाल चटकता सा, लिए मोगरे की... Poetry Writing Challenge-2 98 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read दो जून की रोटी भार्या ने कहा कि मैं अब बस एक गृहणी हूँ, अपना असल वजूद खो बस जीवन संगिनी हूँ। बस एक काम करने की मशीन बन रह गयी हूँ, कितना भी... Poetry Writing Challenge-2 91 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read भार्या आज सुबह ही भार्या ने मुझे कोसना शुरू किया मेरा जॉब छुड़वा कर जिंदगी को झंड है बनाया। कम से कम चार पैसे सदा मेरे हाथ रहते थे कभी भी... Poetry Writing Challenge-2 123 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read क्या खोया क्या पाया जीवन की सांध्य बेला है आओ आकलन कर ले, क्या खोया, क्या पाया आओ कुछ तो सोच ले। बचपन में माँ बापू का अनवरत अनुशासन , उसके बाद से लगातार... Poetry Writing Challenge-2 119 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read आ अब लौट चले आ अब लौट चले बहुत देर तक गंगा तट पर रहा प्रतीक्षा करता प्रिये हो रहा दिवाकर अस्तांचल सोचा आ अब लौट चले। रक्ताभ नीर नदी की मानो उष्ण सूर्य... Poetry Writing Challenge-2 106 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 2 min read मदनोत्सव बीते कई दिनों से विभिन्न राजनैतिक चर्चाओं में पूरा शहर व देश मसगूल था , बसन्त की आहट का किसी को कदाचित पता ही नहीं चला था I अचानक आज... Poetry Writing Challenge-2 122 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read सांसों के सितार पर श्वास तेरी सुन प्रिये तब तलक चलती रहे मंदाकिनी में जब तलक वारि जल बहती रहे। प्रिये मेरी सांसों पर आज भी अधिकार तेरा टूट कर जाती बिखर मिलता न... Poetry Writing Challenge-2 111 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read मानवता यूक्रेन रूस में जंग छिड़ी है जग में हाहाकार मची, परमाणु युद्ध के मुहाने पर मानवता फिर कराह रही। मिथ्या वर्चस्व हेतु दोनों ने कितने जानो की दावँ लगा दी... Poetry Writing Challenge-2 108 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read अंजुरी भर धूप अंजुरी भर धूप जो काश मिल गयी होती मेरे भी तन की सिलवटे शायद दूर हो गयी होती। शीत की लंबी सर्द राते कटते नही कटती काश भोर में ही... Poetry Writing Challenge-2 50 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 17 Feb 2024 · 1 min read तेरी मधुर यादें तेरी मधुर यादें तेरे संग बीती जो मीठी मीठी यादें है मेरे काव्यसंग्रह के वो नवगीत बन गये काल के कपाल पर गीत नये गाते हुए कंठहार बन मेरे सुर... Poetry Writing Challenge-2 133 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 17 Feb 2024 · 1 min read नम आँखे सुहानी शाम कितनी हो भरा हो प्रेम अंतस में , बिना तेरे लगे फीका नहीं मन लागे उपवन में । कहा बेशक था हमने कि बड़े शिद्दत से चाहा था,... Poetry Writing Challenge-2 162 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Feb 2024 · 1 min read नव्य द्वीप का रहने वाला नव्य द्वीप का रहने वाला ले आया हूँ प्रेम की गागर, चाह मेरी की अब समेट लू तेरे प्यार की पूरी सागर। भर भर के अतिरेक प्रेम था सदा किया... Poetry Writing Challenge-2 1 99 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Feb 2024 · 2 min read मेरे मरने के बाद तुमको सन्मार्ग की राह पर प्रेरित करते हुए जीवन के तीसरे पायदान पर आ गया अब तो जीवन का कुछ वर्ष ही बचा है पर आज भी अपने आपको खाली... Poetry Writing Challenge-2 1 115 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Feb 2024 · 1 min read नन्ही परी परियों की दुनियां की वह एक नन्ही परी, कभि लगती गुड़िया सी कभि लगती जलपरी। उसके कोमल कपोल रक्तिम हथेलियां, नन्हे से पॉव उसके मोहक उंगलियां। रेशम से बाल उसके... Poetry Writing Challenge-2 1 103 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Feb 2024 · 1 min read अधूरी ख्वाहिशें अधूरी ख्वाहिशों का बाजार ये यहाँ ख्वाहिशों के सौदागर, मिट्टी को धवल कागजों में लपेट कर बेचते हुए बाजीगर। किसकी कब पूरी हुई यहाँ हर वह ख्वाहिशें शिद्दत से, देखा... Poetry Writing Challenge-2 1 116 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Feb 2024 · 1 min read अमृतकलश संसार में पदार्पण के पूर्व ही पय से परिपूर्ण अमृतकलशो का उपहार परमात्मा ने हमें दिया उपरांत इसके भी उसके ऊपर अविश्वास करने का कोई कारण है क्या ? मां... Poetry Writing Challenge-2 141 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Feb 2024 · 1 min read पतंग मुस्कुराती पतंग बलखाती, इठलाती आसमान की ऊंचाई को स्पर्श करती अंजाम से अज्ञान अबोध बनी मुसलसल मचल रही। चाहे अनचाहे हमे जीवन का पावन संदेश दे रही है निष्काम भाव... Poetry Writing Challenge-2 2 147 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Feb 2024 · 1 min read आओ गुफ्तगू करे बनाओ राम का मंदिर मेरा भगवान आया है, करे प्रांगण में गुफ्तगू ये मेरे मन में आया है। सजी गलियां अवध की है सजा उपवन यहाँ सारा , प्रभु घर... Poetry Writing Challenge-2 105 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Feb 2024 · 1 min read एकांत में रहता हूँ बेशक एकांत में रहता हूँ बेशक पर अकेला मैं नहीं हूँ वसूलों पर ही कायम जमीर का सौदा नहीं। हार मत, प्रतिकार कर तब दिन तेरा फिर जायेगा बिन लड़े जो... Poetry Writing Challenge-2 128 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 27 Oct 2023 · 1 min read मित्र एक मित्र थे कृष्ण के जिन्हे सुदामा जाना अमर आज भी जानिए इनका ये दोस्ताना। मित्र मिले तो अस मिले जैसे मिला था कर्ण मित्र सुयोधन हेतु किया जिसने मृत्यु... 127 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 15 Sep 2023 · 1 min read हिंदी मेरी माँ हिंदी मेरी माँ हिंदी मेरी प्यारी माँ है आओ माँ को प्यार करें, तमिल तेलगु प्यारी मौसी इनका भी सम्मान करें। पंजाबी गुजराती बंगला सगी मौसिया याद करे, भोजपुरी मेरी... 207 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 24 Aug 2023 · 2 min read लम्हे बापू की अपेक्षाओं का बोझ लादे सतरंगी सपनें संजोये मैं पढ़ने बनारस आ गया था पर चाह कर भी कुछ विशेष कर नहीं पा रहा था। साहित्य का प्रेमी मै... 308 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 28 Jul 2023 · 1 min read भ्रम हताश मैं विचर रहा था इस बियाबान में न कोई मंजिल न कोई रास्ता था मेरे लिए इस संसार में। एक शीतल बयार बन के तुम अचानक से आ गयी... 203 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 11 Jul 2023 · 1 min read मेरी फितरत चले थे संग मंजिल को लिए एक तेरा ही भरोसा , मुझे मझधार में ही छोड़ा मिला नही तेरा सहारा। सफर बीता है दिन का जब निपट निशा तब आयी... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 341 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jul 2023 · 1 min read मेरा सोमवार पप्पू भैया, पप्पू भैया बचा ला हमके आवा , कार से हमके दाब के ऊ निकल गइल देखा। सुबह की सैर से वापसी मंदिर के सामने से था कातर आवाज... 237 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 8 Jul 2023 · 1 min read मझधार मझधार चले थे संग मंजिल को लिए एक तेरा ही भरोसा , मुझे मझधार में ही छोड़ा मिला नही तेरा सहारा। सफर बीता है दिन का जब निपट निशा तब... 430 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 6 Jul 2023 · 1 min read गुरू केवल एक दिन गुरू का,हमको नही सुहाय। अपने गुरु को सब दिवस,हिय में रखना भाय।। हिय में रखना भाय, गुरु ज्ञान की खान। पूजो हर दिन गुरुचरण,करो सदा सम्मान।। कहे... 270 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 5 Jul 2023 · 1 min read बना एक दिन वैद्य का बना एक दिन वैद्य का, कहे धरा का देव इनके अंतस में छिपे, जानो सभी त्रिदेव जानो सभी त्रिदेव, सब देवन पर भारी हरते पूरे जग की ये सभी बीमारी... 2 197 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 23 Jun 2023 · 2 min read केतकी का अंश आज अंश कुछ ज्यादा ही उदास हो रहा था अपनी मां केतकी को द्वार तक छोड़ने भी नहीं आ रहा था। केतकी के अतिरेक पुचकारने के बाद भी वह आंगन... 350 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 2 min read पतग की परिणीति आकाश के आंचल में पवन की ले बलैया उड़ती हुई पतंग बस एक पतंग नही है जीवन का एक व्यापक दर्शन और संदेश है। वह निर्द्वन्द उड़ती प्रतीत होती है... Poetry Writing Challenge 262 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read मां, तेरी कृपा का आकांक्षी। हे हंसवाहिनी ! ज्ञान दायिनी ! अज्ञानता हरो तुम मेरी, जीवन – ज्योति जला हिय में तम दूर करो तुम तो मेरी। आज तूलिका शिथिल हुई है इसको आलस ही... Poetry Writing Challenge 274 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read अंजुली स्नेह सिंचित अंजुली आकांक्षायें है सिमटी हुई, निष्काम भाव से चल पड़ा जहाँ भाग्य ने सोचा वहीं। साक्षी अतिरेक कर्म का संघर्षमय जीवन मेरा, सतत सोचता हूँ भाग्य ने मेरे... Poetry Writing Challenge 63 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read बस इतनी सी चाह बस इतनी सी चाह भगवन धरा स्वर्ग फिर बन जाये त्याग भेद भाव सब जन पुनः एक दूसरे के हो जाय। कितने धर्म व कितने पंथ मानव का घुट रहा... Poetry Writing Challenge 83 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read उधार की जिंदगी मन है कहीं और ही बसता तन उदास है मधुवन में , जीवन अब उधार सा लगता कान्हा अब तेरे उपवन में । बेशक राधा के हुए नहीं मीरा भी... Poetry Writing Challenge 82 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read स्वप्न व यथार्थ निकट से यह जीवन यथार्थ ही लक्षित है, परे यह बस स्वप्न ही सर्वदा परिलक्षित है। भ्रम जैसे क्षितिज के ऊपर आकाश का है, आकाश के ऊपर भी बस एक... Poetry Writing Challenge 72 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read मृत्यु प्रेयसी बनी हमारी लम्हा लम्हा शाम ढल रही रफ्ता रफ्ता सांस घट रही सरक रहा जीवन ये रेत सा मोह हमारी भंग हो रही। बढ़ती रही उमर हमारी जन्मदिवस हम रहे मनाते, पैर... Poetry Writing Challenge 86 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read चश्मे का फ्रेम हर बार तुम अपने चश्मे का फ्रेम बदल देते हो और स्वयं को युवा महसूस होने का अनचाहा भ्रम पाल लेते हो। पर सच्चाई यह कि अब उम्र तुम पर... Poetry Writing Challenge 195 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read बुढ़ापे का बोझ ताउम्र खुशगवार मौसम व रंगीले संसार का लुत्फ लिया जीवन को जी भर के तबियत से जिया पर बेशक आज तलक जीवन से मोहभंग नही हुआ। जाग्रत विवेक के सहारे... Poetry Writing Challenge 283 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read वर्ण व्यवस्था अतीत की वर्ण व्यवस्था था कर्म प्रधान होता रहा, फिर भी इस सत्य को आज कोई स्वीकारता कहाँ। मांस - भक्षी भूदेव आज सर्वत्र है विचरण कर रहे, तिलक लगाए... Poetry Writing Challenge 290 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read विलाप विकास के एक-एक आयाम चढ़ते गये नेपथ्य से विनाश की आवाज अनवरत अनसुनी करते रहे। अंतिम पायदान पर जैसे ही कदम रखा हे भगवान ! यह क्या और कैसा संसार... Poetry Writing Challenge 200 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read होली एक रूपक होली एक रूपक हिरण्यकश्यप शंका का प्रतीक है प्रह्लाद श्रद्धा का पर्याय है जब तलक आप संदेह के वश श्रद्धा के अंकुर को पहाड़ो से गिरा पत्थर से दबाओगे पानी... Poetry Writing Challenge 247 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read उम्मीद का दामन थामे आस्थाएं व मान्यताएं निरन्तर तिरोहित हो रही थी, जबकि उन्हें परिष्कृत कर उत्तम बनाने की सोच थी। उम्मीद का दामन थामे सदियां गुजरती रही, पर बात थी कि बस वहीं... Poetry Writing Challenge 154 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read जानकी का परित्याग वस्तुतः जानकी का परित्याग है एक काल्पनिक कथा जिसे न वाल्मीकि न ही तुलसी ने है कहा। यह क्षेपक है मात्र किदवंतियां है इसका स्रोत इसे कभी भी मानस या... Poetry Writing Challenge 159 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read जिंदगी एक पहेली जिंदगी एक पहेली कल भी थी, आज भी है और शायद कल भी रहेगी, जितना इसे सुलझाने की कोशिश होगी यह और भी उलझेगी, परेशान करेगी और शायद यह पहेली... Poetry Writing Challenge 251 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read हँसते जख्म निज कल्पनाशक्ति का सृजनात्मक उपयोग किया, इस असार जीवन को जीने का अभिनव परयास किया। ज्यों- ज्यों जीवन आगे बढ़ा सपनों को लगा पंख मिलने, आहिस्ता मद का हुआ प्रवेश... Poetry Writing Challenge 239 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read भविष्य भविष्य से अंजान फिर भी उसे सँवारते है, उसकी चिंता में अपना वर्तमान भी गवांते है। अतीत से ले सीख वर्तमान आज उद्दीप्त है, भविष्य के लिये भी एक दीपक... Poetry Writing Challenge 161 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read हैसियत इतना विशाल ब्रह्मांड अनेकों आकाशगंगाए सरसों भर पृथ्वी पर रत्तीभर मुल्क अब सोचिये, रत्ती भर पर हमारी हैसियत क्या है ? फिर भी हमें गुमान है। छल ,दम्भ ,द्वेष ,... Poetry Writing Challenge 166 Share Previous Page 2 Next