Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 146 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read माटी की मूरत अपनी सीरत से ही सदा याद किया जाता है कोई सूरत से नही यह तो बस मिट्टी की मूरत धूसरित होता ही है सही । इसे जितना सजाने संवारने में... Poetry Writing Challenge 177 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read अधूरा सफर चले साथ थे मंजिल को एक तेरे ही भरोसे पर, मिला नही पर तेरा सहारा दिया छोड़ बीच राह पर। सफर दिवस का बिता जब निपट निशा तब आयी थी,... Poetry Writing Challenge 220 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read साईं तेरी याद बाजार से खरीदी गयी मूर्ति यदि धन देती है, लोग कहते है कि फिर वह बेची क्यों जाती है ? तुम्हे किसी ने देखा नही पर जन्म से तुम्हे सुना... Poetry Writing Challenge 143 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read पत्थर की बाँसुरी लोग कहते है कि पत्थरदिल कभी रोते नही कभी पहाड़ों से गिरते झरनों को तुमने कभी देखा क्यो नहीं ? वृक्षों के बारे में एक आम राय है ये कि... Poetry Writing Challenge 190 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read देवों के देव महादेव मुक्ति का धाम यह काशी यहाँ हर कोई तेरा पुजारी, पर आज उल्टी हवा चली ममता पर मौत है भारी। मौत की ले कामना कई मंगल मौत पर मनाते है,... Poetry Writing Challenge 212 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read सोलह आने सच सोलह आने सच आज यह बात भी सिद्ध हो गयी, एक बार प्रकृति पुनः पुरुष पर भारी हो गयी। प्रकृति पर विजय के दावे खोखले सिद्ध हो रहे, उसकी मार... Poetry Writing Challenge 1 228 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read शबरी के बेर शबरी के बेर प्रतीक है एक भाव का श्रीराम के समरसता समभाव का। प्रतीक है एक व्यक्ति का अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ता का एकटक अड़े रहना एक प्रतिभा का।... Poetry Writing Challenge 85 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read गवाही वक्त ने अपनी छाती पर अनेक दंश झेले एक से बढ़ कर एक अनहोनियों को देखे। फिर भी अनवरत अपने सफर पर अबाध चलता रहा पर पता नही क्यो आजकल... Poetry Writing Challenge 83 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read नमन हे मॉं सरस्वती हे तूलिके तू नमन कर साहित्य की इस देवी को जिससे तेरी पहचान बनती नमन हे मॉं सरस्वती । नमन हे मॉं सरस्वती हे श्वेत हंस विराजनी वीणा करों में... 155 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read सूर्य सष्ठी- छट याद आ रहा मुझे आज भी जब माँ स्नान किया करती थी, फिर लोटे में जल लेकर वह नित्य सूर्य को जल देती थी। वैसे ही सूर्य अस्त होने पर... 326 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read सृजन व सृष्टि इधर काफी दिनों से विश्वासघात ने विश्वास को कलंकित कर रखा था विश्वास शब्द पर से ही सबका विश्वास उठ गया था ऐसा ही कुछ आजकल प्रतीत हो रहा था।... 265 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read गम व खुशी खुद से बहस करोगे तो हल निकल ही जायेगा दावा है कि गम भी खुशी में बदल जायेगा। दूसरे से किये गए बहस बस नये सवाल पैदा करता है खुशी... 1 171 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read विद्या एक सागर है विद्या एक सागर है निरापद सब जीवन के मोती है इसीमे गहराई में ही डूब कर तुम पाओगे सार जीवन का इसीमे। कुछ लोगो को देखा है हमने छिछले सागर... 183 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read कलियुग सा संसार हम सभी को चाहिये पत्नी हो तो सीता जैसी, हम भी कभी राम बनेंगे क्या यह भी सोचा है क़भी? सतयुग बने संसार यह की कामना हम सबकी है, प्रवृत्तियां... 148 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read पांच इंद्रियों से प्रेम बहस पंच ज्ञानेंद्रियों की छिड़ गयी पांच कर्मेन्द्रियों से किससे कौन श्रेष्ठ ठहरा लग गयी शर्त तब दोनों में। एक उपासक विद्या का दूजे से धन संपदा बरसती, फिर भी... 183 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read तीलियाँ कहीं चूल्हे जलाती है कहीं हुक्के जलाती है, मुखिया के चाहने पर कहीं ये घर जलाती है। छोटी से डिबिया में हजारों टन की शक्ती है, श्मशान में कितनो को... 265 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read सबका जीवन हो गतिमान ईश कृपा सब पर बरसे सबका जीवन हो गतिमान, नये वर्ष के इस अवसर पर स्थापित हो ये प्रतिमान। बेशक कुछ कमियां होगी उस बीते हुए वर्ष में जहां दूर... 132 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read अंजुली स्नेह सिंचित अंजुली आकांक्षायें है सिमटी हुई, निष्काम भाव से चल पड़ा जहाँ भाग्य ने सोचा वहीं। साक्षी अतिरेक कर्म का संघर्षमय जीवन मेरा, सतत सोचता हूँ भाग्य ने मेरे... 279 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read जिस दिशा में नफरत थी विश्व शांति का स्वप्न सँजोये विश्व भ्रमण को निकली थी नही अछूता वह कोना भी जिस देश मे नफरत रहती थी। प्यार बाँटना रीति हमारी नफरत है पनाह मांगती हमने... 317 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read आओ कृष्ण मुरारी आओ है धरा ओज से उद्वेलित पर मची हुई है हाहाकार, आस यही अब आवे कोई इस धरती का पालन हार। भीषण हिमप्रकोप से आज कॉप उठी जनता है सारी, रास... 181 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read प्यास बुझती है जहाँ प्यास ज्ञान की हो तो जीवन संवर जाता है दौलत की प्यास में आदमी भिखारी बन जाता है। धनी बनने पर आमादा तो गुरबत का भय सताती है उड़ने का... 107 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read बस इतनी सी चाह बस इतनी सी चाह भगवन धरा स्वर्ग फिर बन जाये त्याग भेद भाव सब जन पुनः एक दूसरे के हो जाय। कितने धर्म व कितने पंथ मानव का घुट रहा... 93 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read उधार की जिंदगी मन है कहीं और ही बसता तन उदास है मधुवन में , जीवन अब उधार सा लगता कान्हा अब तेरे उपवन में । बेशक राधा के हुए नहीं मीरा भी... 104 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read स्वप्न व यथार्थ निकट से यह जीवन यथार्थ ही लक्षित है, परे यह बस स्वप्न ही सर्वदा परिलक्षित है। भ्रम जैसे क्षितिज के ऊपर आकाश का है, आकाश के ऊपर भी बस एक... 47 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read मृत्यु प्रेयसी बनी हमारी लम्हा लम्हा शाम ढल रही रफ्ता रफ्ता सांस घट रही सरक रहा जीवन ये रेत सा मोह हमारी भंग हो रही। बढ़ती रही उमर हमारी जन्मदिवस हम रहे मनाते, पैर... 83 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read चश्मे के फ्रेम हर बार तुम अपने चश्मे का फ्रेम बदल देते हो और स्वयं को युवा महसूस होने का अनचाहा भ्रम पाल लेते हो। पर सच्चाई यह कि अब उम्र तुम पर... 48 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read झुनझुना ताउम्र खुशगवार मौसम व रंगीले संसार का लुत्फ लिया जीवन को जी भर के तबियत से जिया पर बेशक आज तलक जीवन से मोहभंग नही हुआ। जाग्रत विवेक के सहारे... 74 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read अतीत की वर्ण व्यवस्था अतीत की वर्ण व्यवस्था था कर्म प्रधान होता रहा, फिर भी इस सत्य को आज कोई स्वीकारता कहाँ। मांस - भक्षी भूदेव आज सर्वत्र है विचरण कर रहे, तिलक लगाए... 73 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read विलाप विकास के एक-एक आयाम चढ़ते गये नेपथ्य से विनाश की आवाज अनवरत अनसुनी करते रहे। अंतिम पायदान पर जैसे ही कदम रखा हे भगवान ! यह क्या और कैसा संसार... 67 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read होली एक रूपक हिरण्यकश्यप शंका का प्रतीक है प्रह्लाद श्रद्धा का पर्याय है जब तलक आप संदेह के वश श्रद्धा के अंकुर को पहाड़ो से गिरा पत्थर से दबाओगे पानी मे डुबाने या... 57 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read मौत मृत्यु ही एक अटल सत्य है मृत्यु से क्या डरना। जानते हम सभी है है सबको एक दिन अवश्य मरना। जीवन तो क्षणभंगुर ठहरा ही फिर भी उसी से करते... 65 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read उम्मीद का दामन थामे आस्थाएं व मान्यताएं निरन्तर तिरोहित हो रही थी, जबकि उन्हें परिष्कृत कर उत्तम बनाने की सोच थी। उम्मीद का दामन थामे सदियां गुजरती रही, पर बात थी कि बस वहीं... 54 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read जानकी का परित्याग वस्तुतः जानकी का परित्याग है एक काल्पनिक कथा जिसे न वाल्मीकि न ही तुलसी ने है कहा। यह क्षेपक है मात्र किदवंतियां है इसका स्रोत इसे कभी भी मानस या... 88 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read जिंदगी एक पहेली जिंदगी एक पहेली कल भी थी, आज भी है और शायद कल भी रहेगी, जितना इसे सुलझाने की कोशिश होगी यह और भी उलझेगी, परेशान करेगी और शायद यह पहेली... 73 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read हँसते जख्म निज कल्पनाशक्ति का सृजनात्मक उपयोग किया, इस असार जीवन को जीने का अभिनव परयास किया। ज्यों- ज्यों जीवन आगे बढ़ा सपनों को लगा पंख मिलने, आहिस्ता मद का हुआ प्रवेश... 73 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read ब्रह्मांड इतना विशाल ब्रह्मांड अनेकों आकाशगंगाए सरसों भर पृथ्वी पर रत्तीभर मुल्क अब सोचिये, रत्ती भर पर हमारी हैसियत क्या है ? फिर भी हमें गुमान है। छल ,दम्भ ,द्वेष ,... 62 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read हैसियत पिछले दिनों मैने, इस ब्रह्मांड में हमारी हैसियत क्या है? इस पर एक रचना लिखा था। जो पढ़ नही पाये हो, कृपया पिछली पोस्टिंग देखे,अपनी सोच व आँख को खुली... 247 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read भविष्य भविष्य से अंजान फिर भी उसे सँवारते है, उसकी चिंता में अपना वर्तमान भी गवांते है। अतीत से ले सीख वर्तमान आज उद्दीप्त है, भविष्य के लिये भी एक दीपक... 154 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read माटी की मूरत अपनी सीरत से ही सदा याद किया जाता है कोई सूरत से नही यह तो बस मिट्टी की मूरत धूसरित होता ही है सही । इसे जितना सजाने संवारने में... 126 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read अधूरा सफर चले साथ थे मंजिल को एक तेरे ही भरोसे पर, मिला नही पर तेरा सहारा दिया छोड़ बीच राह पर। सफर दिवस का बिता जब निपट निशा तब आयी थी,... 214 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read साईं तेरी याद बाजार से खरीदी गयी मूर्ति यदि धन देती है, लोग कहते है कि फिर वह बेची क्यों जाती है ? तुम्हे किसी ने देखा नही पर जन्म से तुम्हे सुना... 279 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read पत्थर की बाँसुरी लोग कहते है कि पत्थरदिल कभी रोते नही कभी पहाड़ों से गिरते झरनों को तुमने कभी देखा क्यो नहीं ? वृक्षों के बारे में एक आम राय है ये कि... 241 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read देवों के देव महादेव मुक्ति का धाम यह काशी यहाँ हर कोई तेरा पुजारी, पर आज उल्टी हवा चली ममता पर मौत है भारी। मौत की ले कामना कई मंगल मौत पर मनाते है,... 249 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read सोलह आने सच सोलह आने सच आज यह बात भी सिद्ध हो गयी, एक बार प्रकृति पुनः पुरुष पर भारी हो गयी। प्रकृति पर विजय के दावे खोखले सिद्ध हो रहे, उसकी मार... 141 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 10 Jun 2023 · 1 min read शबरी के बेर शबरी के बेर प्रतीक है एक भाव का श्रीराम के समरसता समभाव का। प्रतीक है एक व्यक्ति का अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ता का एकटक अड़े रहना एक प्रतिभा का।... 86 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 28 May 2021 · 3 min read बरसात आयोजन समिति को मेरा सादर अभिवादन ! आदरणीय, आपके मंच द्वारा आयोजित काव्य प्रतियोगता “ बरसात “ हेतु मेरी यह प्रविष्टि स्वीकार करे। प्रमाणित करता हूं कि मेरी यह रचना... Hindi · कविता 296 Share Previous Page 3