सिन्दूर (ऑपरेशन सिंदूर)

चुटकी भर सिन्दूर की, मांग बड़ी है आज।
ऑपरेशन सिन्दूर से , बची हमारी लाज।।
शौर्य हमारे सैनिकों का, देख रहा संसार I
नेतृत्व हमारा है सबल,कूच-कूच अब मार I
चुटकी भर सिन्दूर की ,कीमत दिया बताय।
सिंह बना गीदड़ सुनो, घुसा मांद में जाय।।
इस पीले सिन्दूर की, महिमा बड़ी अपार।
खींच पती को लाती है , यमराजन के हाथ।।
इस सिन्दूर की शक्ति अब, देख रहा संसार।
रहा प्रतीक्षित युद्ध जो , हुआ आर या पार।।
है सिन्दूर श्रृंगार नहि , बना आज है काल।
धूल – धूसरित हो रहे, जो रहे बजाते गाल।।
दर्प बना सिन्दूर है, मातृशक्ति की आज।
दुर्दिन दिन उनके हुए, करे निमंत्रित काल।।
चीख चीख सिन्दूर अब, कहती देखो राज।
हुआ कलेजा ठण्ड अब, बहू बहनो की आज।।
निर्मेष मेरे सिन्दूर को, अब मत छेड़ो भाय।
दुस्साहस जो कर दिया , सर्वनाश हो जाय।।
निर्मेष