के.आर.परमाल 'मयंक' Language: Hindi 103 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid के.आर.परमाल 'मयंक' 18 Apr 2021 · 1 min read समता-मसीहा कलम ने जिसकी सम्पूर्ण जग में, बिखेर दिए हैं जलवे अपने | करो नमन उसको देशवासी, जिसकी बदौलत समता यहाँ है ||1|| तुम्हारी नियत में खोट लगता, इसलिए समता मिटा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 371 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 14 Apr 2021 · 1 min read *डॉ.भीमराव जी अम्बेडकर* भीमराव अम्बेडकर जी ने, सबसे सुन्दर विधान लिखा है| जाति-पाँति मतभेद मिटाकर, समतामूलक वितान लिखा है| दुर्दिन दूर करन की खातिर, पिछड़ों का अधिकार लिखा है| नारी – दलित उद्धारन... Hindi · कविता 1 1 504 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 14 Apr 2021 · 1 min read दुर्व्यसन जुआँ-सट्टा-दुर्व्यसन लक्षण, पैसा-प्रतिष्ठा-स्वजीवन भक्षण। ना इनसे हो परिवार रक्षण, 'मयंक' त्याग दुर्व्यसन तत्क्षण। पढ़-लिखकर बन साक्षर, त्याग कुलक्षण, ज्ञान प्राप्त कर | सुख-आनंदालय लहराकर, परिवार में सुध्यान व्याप्त कर |... Hindi · कविता 486 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 9 Apr 2021 · 1 min read दलदल बनी राजनीति राजनीति दल दल बनी, नेता भये त्रिशूल| पानी सूखा आँखों का, उड़ती बेशर्म धूल|| सत्ता की चाहत बढ़ी, विभक्त करें नाकूल| धर्म-जाति-वर्ग भेद में, प्रमत्तक्रम अनुकूल|| Hindi · कविता 2 591 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 28 Mar 2021 · 1 min read 'अबकी फीकी होली' धरा, हवा व पेड़ बचेंगे, मानव ज्ञान कमाल से| पर्यावरण दुरुस्त रहेगा, धुआँ-धूल-धमाल से| अबकी बार रंग खेलने, ना निकलो तुम होली में| कोरोना की गहन मार है, बैठे रहो... Hindi · कविता 2 533 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 28 Mar 2021 · 1 min read 'सुन्दर वितान' भीमराव अम्बेडकर जी ने, सबसे सुन्दर विधान रचा है| जाति-पाँति मतभेद मिटाकर, समतामूलक वितान रचा है| दुर्दिन दूर करन की खातिर, पिछड़ों का अधिकार रचा है| नारी - दलित उद्धारन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 642 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 25 Mar 2021 · 1 min read कोरोना का पुनरागमन लो फिर आ गया कोरोना, स्कूलों की ताला बंदी, बच्चों की मानसिक वृद्धि पर, आज़ादी की ताला बंदी| प्रायवेट शिक्षकों पर फिर आई, बेबाक आर्थिक तंगी| इक तरफा है कहर... Hindi · कविता 2 1 402 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 22 Mar 2021 · 1 min read बूँद की बलि देख दशा जल की मेरी जान जली, मिला न जल वहाँ मची खलबली| जल की हर बूँद देती अपनी बलि, बूँद ने कहा मैं छोड़ धरा चली||1|| सुन हरी धरा... Hindi · गीत 2 411 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 21 Mar 2021 · 1 min read ''काव्य प्रतियोगिता'' साहित्य दहलीज प्रपोज़ करने वाले, आज एक-दूजे को ओट कर रहे हैं| अपनी कलम से चोट करने वाले, अब एक-दूजे को वोट कर रहे हैं| सोने और लोहे में अंतर... Hindi · कविता 1 596 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 20 Mar 2021 · 1 min read *प्रार्थना-गीत* आप सभी गुणी जनों से निवेदन है कि आने वाली 14 अप्रेल को बाबा साहब की जयंती पर बच्चों के बीच ये *प्रार्थना-गीत* अवश्य गाएँ| जिससे वर्तमान एवं आने वाली... Hindi · गीत 1 549 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 20 Mar 2021 · 1 min read 'दो दिल मिलन की घड़ी आ गई' मिलन की घड़ी आ गई, समझो दो दिल मिलन की घड़ी आ गई| चाँद परछाई सागर में जब दिखने लगे, तितली फूलों से छुप-छुपके मिलने लगे| समझो दो दिल मिलन... Hindi · मुक्तक 356 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 18 Mar 2021 · 1 min read गिन्नी रिश्ते हेतु सुहागा 1. कर सकूँ विचरण भावों के पंख दे दो, भर सकूँ रंग धनु सा गगन निरंक दे दो| कर डालूँ सराबोर रिक्त भावों से मन, "मयंक" विमल बुद्धि की सु-तरंग... Hindi · कविता 2 443 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 16 Mar 2021 · 1 min read बदलती फ़िजा बदल रही है फ़िजा, आवो हवा शहर की, अब है फ़िक्र किसे अमृत वा ज़हर की| लगा है 'मयंक' जिसे देखिए स्वारथ में, कहाँ खबर है किसी को सुनहरे प्रहर... Hindi · कविता 1 346 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 16 Mar 2021 · 1 min read *बदल रहा तसवीर अपनी* कलम की लकीर से लिख रहा तकदीर अपनी, कर्मों की शमशीर से बदल रहा तदवीर अपनी| मन का - मनका बिखर रहा अनवरत संसार में, 'मयंक' मोती पिरो-पिरो बदल रहा... Hindi · शेर 1 1 482 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 16 Mar 2021 · 1 min read "कनकलता" मंद-मंद मुस्का रही प्रभात किरण की लाली, मूँछों पर दे ताव खड़ी कनकलता हरियाली| चमचम चमके स्वर्णिम गेहूँ हरे खेत की बाली, पीत अम्बरी ओढ़ चुनरिया चले पवन निराली| 'मयंक'... Hindi · कविता 2 1 615 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 15 Mar 2021 · 1 min read महाविभूति बामुश्किल जन्मती हैं ऐसी महाविभूतियाँ, युगों-युगों पर्यन्त पूजी जाएँ जिनकी मूर्तियाँ| संत पेरियार, बाबा अम्बेडकर, संत रैदास, साहब कांशीराम शाह, फुले, बुद्ध-सी हस्तियाँ|| आज भी कुर्बानियों का दौर है मयंक,... Hindi · कविता 1 437 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 9 Mar 2021 · 1 min read *श्रङ्गार* रुनक-झुनक पायलिया बाजे, नुपुर पैर इतराय| चमचम चमचम चमके बिंदया, मुखड़ा दमके जाय|| कांति स्वर्णिम फूलों से गाल पर, केश लता लहराय| अधर-लालिमा नाक-नथनिया, माँग सिन्दूर भराय|| कानन कुण्डल बालन... Hindi · कविता 1 362 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 7 Mar 2021 · 1 min read तिरस्कृत-वेदना जला रहे हैं बिना आग के, बीज भेद के उगा रहे हैं | ऊँच-नीच की परिपाटी में, ज़हर समाज में जगा रहे हैं| रुला-रुलाकर खून के आँसू , ढाते ज़ुल्म... Hindi · कविता 1 586 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 7 Mar 2021 · 1 min read *रिश्तों में दरार* मन आई खिन्नता बढ़ती गई भिन्नता लुप्त हुई प्रसन्नता रिश्तों में पड़ी दरार||1|| अपने-पराये अनजाने आने लगे ताने-बाने देने वाले जाने-माने रिश्तों में पड़ी दरार||2|| अंतर मतभेद हो बुद्धि न... Hindi · हाइकु 1 366 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 7 Mar 2021 · 1 min read एक शेर मेरे दूर जाने पर कभी अश्क न बहाना, बिन सोचे-समझे कहीं इश्क न लड़ाना। समन्दर से भी गहरी है मयंक मोहब्बत, थाह की चाहत में व्यर्थ वक्त न गँवाना। ✍के.आर.परमाल... Hindi · शेर 2 539 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 5 Mar 2021 · 1 min read 'नेताजी का पारितोष है सस्ता' 1. गैससिलेंडर हुआ और महँगा महँगा पेट्रोल डीज़ल भी महँगा कपडे़ खाद्य तेल सब महँगा साड़ी - बिंदिया चुन्नी - लहँगा नेताजी का पारितोष है सस्ता आका छोड़ बाकी सब... Hindi · कविता 1 305 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 4 Mar 2021 · 1 min read कुरीति विनाशक सोतों को जगाया तुमने रोतों को हँसाया| तुमने उस अनैतिक कुरीति को जलाया| बड़े विद्वान तुम, सबसे महान तुम तुम से बड़ा ना कोई बन पाया ||1||...... जात-पात कुरीति मनु... Hindi · गीत 321 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 3 Mar 2021 · 1 min read मेरी ज़िन्दगी जाया ना करो आते ही तुम्हारे बदल जाते ये नज़ारे, जाते भी तुम्हारे बदल जाते ये नज़ारे| आ-जाकर इस तरह वक़्त ज़ाया न करो, आकर मेरी ज़िन्दगी फिर जाया ना करो| आते हो... Hindi · गीत 4 370 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 1 Mar 2021 · 1 min read *मुफ़लिसी का जादू* बोलता हूँ कुछ तो दुनिया मुखालिफ हो जाती है, मेरे लफ़्ज़ों का क्या इतना असर होता है !! चलो मुफ़लिसी ने दुनिया जानने का हुनर तो दिया, अपना पराया कौन... Hindi · कविता 1 1 414 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 1 Mar 2021 · 1 min read *प्रिये तुम्हारे बिना* सूना सूना लगा सारा जग तुम्हारे बिना, ज़हर-सा लगा हर पल तुम्हारे बिना| मछली जैसे है तड़पती पानी के बिना, आसमान अधूरा जैसे चाँद-तारे बिना| नदिया हो बेढब जैसे किनारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 509 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 25 Feb 2021 · 1 min read विचरते भावों को फिर पंख देते हैं विचरते भावों को चलो आज फिर पंख देते हैं, गगन में उड़ते पंछी को चलो फिर संग देते हैं| चुरा लें लो गगन सारे, चाँदनी चाँद और तारे, बिखरते चाँद-तारों... Hindi · मुक्तक 2 1 398 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 24 Feb 2021 · 1 min read वृद्धावस्था चला निरंतर बहुत मगर, लड़खड़ा रहा हूँ अब, जरा ज़रा-सी याद में, मैं बड़बड़ा रहा हूँ अब| अब कोई अपना 'मयंक', थाम ले दामन मेरा, दन्तहीन नखशिर गल, मैं तड़फड़ा... Hindi · शेर 391 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 24 Feb 2021 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल बीहड़ कटीली राह में तुम ढूँढ़ते हो क्या, पत्थर दिलों-से कभी पसीजते हैं क्या ! लाख करो कोशिश सिर मारने की तुम, बेईमान कानों में भी जूँ रेंगती है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 284 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 23 Feb 2021 · 1 min read मुझे देखिए चलता ही जा रहा हूँ!! मुझे देखिए चलता ही जा रहा हूँ, ग़मों को समूल मिटाता ही जा रहा हूँ | हसरत लिए दिल सदा जीतने की, मोहब्बत से नफ़रत हटाता जा रहा हूँ ||१||... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 320 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 22 Feb 2021 · 1 min read 'दर्द कम लगता है' ज़िन्दगी तेरा हर ज़ख्म मरहम लगता है, कोशिश की फिर भी दर्द कम लगता है| तमन्ना है कि हौसले बुलंदियाँ छुऐं अपने, सफलता का हर पल सुगम-सा लगता है| Hindi · शेर 1 1 359 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 22 Feb 2021 · 1 min read आँखों से दिल में समाए बार-बार!! ज़ख्म हरे रहे भले, भरे बाजार में, दर्द से कराहते रहे, भरे बाज़ार में| चलो याद तो रहे, वो इसी बहाने, वरन बेच दिए होते,सरे बाज़ार में|| कुरेदते रहे ज़ख्म... Hindi · शेर 1 266 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 21 Feb 2021 · 1 min read 'आज़ादी का उत्सव' प्यारे आओ आज़ादी का उत्सव मिल के मनाते हैं, त्यागो सारी दुविधाएँ भारत माँ को शीश झुकाते हैं| ना हिन्दू ना मुस्लिम कोई ना सिख ना कोई ईसाई, सबसे पहले... Hindi · कविता 1 293 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 20 Feb 2021 · 1 min read 'निर्मल स्वच्छ अंतर्मन हो' स्वच्छ छवि मण्डित हो अद्भुत पावन गंगा-सा हर घर निर्मल हो! मंदिर-मस्जिद-गिरजाघर और गुरुद्वारा सा हर घट निर्मल हो! ऊँचे विचार दया और करुणा सहानुभूति हो हर जन-मन में! परोपकार... Hindi · कविता 1 6 410 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 20 Feb 2021 · 1 min read "कहो कहाँ क्या तुमने कमाया!" धन दौलत ज़ायदाद ज़मीन, जगत तुमने क्या खूब कमाया| महल अटारी सदन दुमंजिल, मज़बूरों को बस नाच नचाया| कहो कहाँ क्या तुमने कमाया! रोशन आसमां पहले तुम्हारा, पाई धरा सब... Hindi · कविता 3 2 371 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 18 Feb 2021 · 1 min read आसान नहीं शिक्षक बन जाना पिघल मोम-सा खुद जल जाना, झुलस आगमय सौ बार जलाना | चित्त अबोध स्वरूप की खातिर, आसान नहीं शिक्षक बन जाना | ठोकर दर-दर ठोकर सह-सहकर, दीपक-सा जल सिहर-सिहरकर |... Hindi · कविता 2 269 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 18 Feb 2021 · 1 min read सृजन तुम्हारी मुट्ठी में श्रम सार्थक अधिकारी मैं, दाना है तुम्हारी मुट्ठी में| दिन-रात अथक प्रयास मेरा, है सार तुम्हारी मुट्ठी में|| पल भर भला विश्राम कहाँ, रुक जाए सृजन, पवन रुकी इक पल... Hindi · मुक्तक 1 274 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 16 Feb 2021 · 1 min read कुन्देन्दु श्वेताम्बरी कुन्देन्दु विराज कुमुद नयनी, सुर कंठ विराज वीणावादिनी| हे पद्मासना! श्वेताम्बरी, हे! जग-जननी मातेश्वरी| चरणों में दे स्थान हमें, हे भगवति! गीता धारिणी| हो हृदय तरंगित तारों से, झंकृत हो... Hindi · कविता 1 272 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 14 Feb 2021 · 1 min read पुलवामा रणवीर नमन हे वीर! तुम्हारा बलिदान, सदा रहेगा याद हमें| नमन हिन्दुस्तान करे, सदा पुलवामा वीर तुम्हें|| आवाम सुरक्षित हे रणवीरो! देश तुम्हारे ही बूते| ताक़त हमारे देश की, हिम्मत तुम्हारे बलबूते|... Hindi · कविता 2 2 329 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 12 Feb 2021 · 1 min read 'सुमंगल जन्म दिवस' जन्म दिवस के सुअवसर पर, मंगल कामना देता हूँ| पूरण हो हर चाह आपकी, अंतरंग सदा दुआएँ देता हूँ|| कष्ट तनिक भी छू न पाएँ, कंटक सब प्रसून बनें| जीवनभर... Hindi · कविता 3 3 343 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 11 Feb 2021 · 1 min read पुत्रियाँ पितृ अंतर्नोद हैं पुत्रियाँ, मातृ हरित गोद हैं पुत्रियाँ! आकाश से ऊँची, संसार से विशाल, समुद्र से भी गहरी हैं पुत्रियाँ! चाँद सी शीतल, चाँदनी सी उज्ज्वल सूरज सी तेज़,... Hindi · कविता 3 2 529 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 9 Feb 2021 · 1 min read 'वर्षगाँठ-शुभकामना' खुशियाँ हज़ारों चेहरे, खिलाती रहें आपकी, युग-युग शुभ घड़ी, मुस्कुराती रहे आपकी! आशियाना जहां बने, गुलज़ार बने ज़िन्दगी, कदम जहाँ-जहाँ पड़ें, हस्ती खिले आपकी!! खिले गली आँगन हँसे, बिखरे सुगंध... Hindi · कविता 1 1 381 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 7 Feb 2021 · 1 min read 'अंतरंग अर्द्धाङ्गनी' अंतर्मन अंतरंग, तुम मेरी जीवन तरंग, पुष्पित नंदनवन, तुम मेरी सुमधुर गंध| अंग अंग सुकांति, अनवरत मेरी शांति, व्योम-क्षिति मिलन, तुम प्रिय विश्रांति| पल पल चहल पहल, तुम मेरी शुभेक्षा,... Hindi · कविता 2 3 360 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 6 Feb 2021 · 1 min read 'सत्ता-प्रहरी' सुना न देखा आज तक, राजा बोबै शूल | सत्तामत्त प्रमुख जी, राज-धरम गये भूल || बनी बनाई मिट गई, राजन सिगरी बात | उँगली ऊँची कर रहे, जिनकी न... Hindi · कविता 2 2 350 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 5 Feb 2021 · 1 min read बिरह का पंछी!! तुम्हारे बिरह की श़मा में जल रहा हूँ, तुम्हारी यादों के संग-संग चल रहा हूँ ! ख़लने लगा हूँ अब दोस्तों को अपने, सोचते हैं वे कि मैं बेढंग चल... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 57 1k Share के.आर.परमाल 'मयंक' 4 Feb 2021 · 1 min read *पाषाण दिल* बीहड़ कटीली राह में तुम ढूँढ़ते हो क्या, पत्थर दिल भी कभी पसीजते हैं क्या ! लाख करो कोशिश सिर पटकने की तुम, बेईमान कानों में भी जूँ रेंगती है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 5 356 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 31 Jan 2021 · 1 min read ये है हिन्दुस्तान हमारा निर्जीवों में भरा उजाला, जीवों में अंधियारा| पत्थर मूरत लड्डू खावै, पंडा घर उजियारा || मूरख मिल सब मंगल गावैं, फूँकें शंख स्वान | ये है हिन्दुस्तान हमारा ये है... Hindi · कविता 389 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 30 Jan 2021 · 1 min read *खत-ए-मोहब्बत लिख रहा हूँ* महर हो नज़र सबकी मेरी कलम पर, खत-ए-मोहब्बत जहाँ लिख रहा हूँ| समकेतिक हैं रिश्ते अतुल्य छबि में, फ़रमान में बस 'माँ' लिख रहा हूँ|| प्रीत है क्या जिसने करके... Hindi · कविता 1 3 371 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 28 Jan 2021 · 1 min read *वक्त की नज़ाकत बदल गई* वक्त की नज़ाकत बदल गई, तदवीर इंसा की बदल गई! ज़माना करवट ले गया, शहादत खुदा की बदल गई! वक्त ए दरम्यां हुकुमत है जुल्मी, इबादत यूँ ही बदल गई!... Hindi · कविता 1 2 304 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 21 Jan 2021 · 1 min read 'अनुशासन अच्छा चाहिए' शासन अच्छा चाहिए, अनुशासन अच्छा चाहिए| जीवन सफल बनाना है तो, स्वशासन अच्छा चाहिए|| रहो फ्री ना, करो कोई पेशा, कद्र समय की करो हमेशा| पेशा हेतु भी तो, अनुशासन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 309 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 15 Jan 2021 · 1 min read *मैं तुम्हें बुद्धिमान बना दूँगा* तुम यत्न करो बढ़ने का, मैं नित नयी गंग बहा दूँगा| तुम अपने मन आयाम कहो, मैं नये संचार उन्हें दूँगा|| तुम यत्न जन-निर्वाह करो, मैं नित नये महल गढ़ा... Hindi · कविता 1 302 Share Page 1 Next