Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2021 · 1 min read

बिरह का पंछी!!

तुम्हारे बिरह की श़मा में जल रहा हूँ,
तुम्हारी यादों के संग-संग चल रहा हूँ !
ख़लने लगा हूँ अब दोस्तों को अपने,
सोचते हैं वे कि मैं बेढंग चल रहा हूँ !

मोहब्बत-ए-खत इज़हार कर रहा हूँ,
तड़पन है दिल से इकरार कर रहा हूँ!
आलोकता चकोर, चाँद आसमान में ,
याद में सही प्यार बेशुमार कर रहा हूँ!!

लिखूँ कैसे खत अनंत याद के पुलिंदे,
यूँ सोच लो बस फरियाद में हैं ज़िन्दे!
आओगी तुम फिर बुलाओगी मिलने,
बस इक इसी इंतज़ार में पल रहा हूँ !

सहूँ कब तलक मैं असह्य ताने-बाने,
कुरेदते हैं सब बेवज़ह जाने-माने!
जाने और कितना तड़पाओगी तुम,
दूर-ए-अनल दिल-जान जल रहा हूँ !

तन की खबर है ना मन का पता है,
मालूम न मुझ को हुई क्‍या खता है !
पंछी बिरह का जहाज-ए-समंदर,
पूरब से पश्चिम विहार कर रहा हूँ!

दिल-ए-जहाँ में ले आशा की किरणें,
वन-वन विचरण करती मन की तरंगें!
पावस पतंगा मेहमान ज्यों ‘मयंक’,
सावन-फुहार बेज़ुबान जल रहा हूँ !

‌‌रचयिता : के.आर.परमाल ‘मयंक’
[धारपुरा, होशंगाबाद {म.प्र.}]

15 Likes · 57 Comments · 964 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"मैं नारी हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
वही है जो इक इश्क़ को दो जिस्म में करता है।
वही है जो इक इश्क़ को दो जिस्म में करता है।
Monika Verma
हर रात की
हर रात की "स्याही"  एक सराय है
Atul "Krishn"
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
Shiva Awasthi
जब तुम आए जगत में, जगत हंसा तुम रोए।
जब तुम आए जगत में, जगत हंसा तुम रोए।
Dr MusafiR BaithA
*आया पहुॅंचा चॉंद तक, भारत का विज्ञान (कुंडलिया)*
*आया पहुॅंचा चॉंद तक, भारत का विज्ञान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मुरझाए चेहरे फिर खिलेंगे, तू वक्त तो दे उसे
मुरझाए चेहरे फिर खिलेंगे, तू वक्त तो दे उसे
Chandra Kanta Shaw
*तुम  हुए ना हमारे*
*तुम हुए ना हमारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
शिव अविनाशी, शिव संयासी , शिव ही हैं शमशान निवासी।
शिव अविनाशी, शिव संयासी , शिव ही हैं शमशान निवासी।
Gouri tiwari
पड़ोसन के वास्ते
पड़ोसन के वास्ते
VINOD CHAUHAN
दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
Phool gufran
मारुति
मारुति
Kavita Chouhan
अनिल
अनिल "आदर्श "
Anil "Aadarsh"
दीपावली २०२३ की हार्दिक शुभकामनाएं
दीपावली २०२३ की हार्दिक शुभकामनाएं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तेरी जुस्तुजू
तेरी जुस्तुजू
Shyam Sundar Subramanian
2477.पूर्णिका
2477.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
नया युग
नया युग
Anil chobisa
ठगी
ठगी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को।
जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को।
सत्य कुमार प्रेमी
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
Er.Navaneet R Shandily
कहानी-
कहानी- "हाजरा का बुर्क़ा ढीला है"
Dr Tabassum Jahan
फर्श पर हम चलते हैं
फर्श पर हम चलते हैं
Neeraj Agarwal
* भावना में *
* भावना में *
surenderpal vaidya
किसी को इतना मत करीब आने दो
किसी को इतना मत करीब आने दो
कवि दीपक बवेजा
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
AJAY AMITABH SUMAN
अज़ीब था
अज़ीब था
Mahendra Narayan
उसे मलाल न हो
उसे मलाल न हो
Dr fauzia Naseem shad
........?
........?
शेखर सिंह
💐प्रेम कौतुक-488💐
💐प्रेम कौतुक-488💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...