मनोज कर्ण Tag: कविता 274 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 2 min read ओ माँ… ओ माँ… ~~°~~°~~° ओ माँ… आज गोबर थापती तेरी तस्वीर, पुरानी याद आ गयी। आँख भर आयी,वो पुराने पल यादकर, मेरे तकदीर की तदबीर थी तू। अब वो तेरी रूहानी,... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 207 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 2 min read हे तात ! कहा तुम चले गए… हे तात ! कहा तुम चले गए… ~~°~~°~~° हे तात ! कहा तुम चले गए… दर्शन न कोई मुलाकात, जहांँ तुम चले गए..। संग तेरे जो बीता था बचपन ,... Poetry Writing Challenge · कविता 347 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read जीवन-रथ के सारथि_पिता जीवन-रथ के सारथि_पिता ~~°~~°~~° सारथि जीवन-रथ के , देवता तुल्य पिता हैं जग में। अन्नदाता भयत्राता पिता ही हैं , सृजनकर्ता भी वही जग में। माता को यदि तुम,सारे तीर्थ... Poetry Writing Challenge · कविता 64 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read पितु संग बचपन पितु संग बचपन ~~°~~°~~° अमीरी अभिशाप बने ना, वात्सल्य प्रेम और बचपन का, धन-दौलत दुश्मन न बन जाए,बालपन और पितृधन का। पितु संग बीते जो बचपन,तो होता परिवर्धन संस्कारों का... Poetry Writing Challenge · कविता 92 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read पिता की अभिलाषा पिता की अभिलाषा ~~°~~°~~° शिकायत नहीं जग से मुझको , बस तेरे खुशी को ही तो जीता हूँ । तुझे स्नेह भरा अमिय सागर देकर मैं , युगों-युगों से हलाहल... Poetry Writing Challenge · कविता 122 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read पिता की व्यथा पिता की व्यथा ~~°~~°~~° जब पड़ी हो मार जग में,अपने ही हित को साधने , क्या कोई नचिकेता खड़ा होगा,फिर से यम के सामने। जब पिता पुत्र की राहें अलग,तन्हा... Poetry Writing Challenge · कविता 88 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read पितृ स्वरूपा,हे विधाता..! पितृ स्वरूपा,हे विधाता..! ~~°~~°~~°~~°~~°~~° व्योम उर सा अनंत विस्तृत,स्नेह का साम्राज्य तेरा , आये थे हम,तेरी कृपा से ,पर ये तो है सौभाग्य मेरा। स्वप्न चुन-चुन, द्रव्य गिन-गिन,हसरतें बनाते प्रतिदिन,... Poetry Writing Challenge · कविता 90 Share मनोज कर्ण 31 May 2023 · 1 min read कुश्ती दंगल कुश्ती दंगल ~~°~~°~~° यौन शोषण कुश्ती में अब ,नामी पहलवान घुट रहा है, क्या जमाना आ गया है,आज का इंसान बिक रहा है। सभी दांवपेच कुश्ती में अब ,हो गया... English · कविता · कुश्ती दंगल 4 2 1k Share मनोज कर्ण 28 May 2023 · 1 min read उधेड़बुन उधेड़बुन ~~°~~°~~° मन ख्वाबों में, सपने सजोता रहा, तन सोता रहा… दिल अठखेलियों में मग्न है, देखकर वो अल्हड़पन और नादानियां, चांद बादलों की ओट में छिप गया, मैं तकता... Hindi · कविता 2 321 Share मनोज कर्ण 26 May 2023 · 1 min read बसहा चलल आब संसद भवन बसहा चलल आब संसद भवन (मैथिली काव्य) ~~°~~°~~°~~°~ राजदंडक निसानी बनल,शिवजी कऽ गण , देखू बसहा चलल आब,नव संसद भवन । नंदी एलखिन्ह जेऽ,सेंगोल केऽ रूप बनौने , शिव करथिन्ह... Maithili · कविता · बसहा चलल आब संसद भवन · मैथिली कविता · सेंगोल 2 500 Share मनोज कर्ण 23 May 2023 · 2 min read हिन्दुत्व_एक सिंहावलोकन हिन्दुत्व_एक सिंहावलोकन ~~°~~°~~° अतीत की स्मृतियों से , अश्कों के अल्फाज पुछते हैं। खता तो दुश्मनों ने की थी , पर मेरे क्यूँ जख्म गहरे हैं। बटी थी हिन्द की... Hindi · कविता · जय हिंदुत्व · हिन्दुत्व एक सिंहावलोकन 3 987 Share मनोज कर्ण 14 May 2023 · 2 min read रिश्तों की डोर रिश्तों की डोर ~~~~~~~~~~~ पीहर छोड़ चली आई मैं, किस निर्मोही के संग, पी की बतिया,पी संग रतिया सब हो गई है भंग। वो कातिल अदाएं, वो मासूम शरारतें, क्यों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 434 Share मनोज कर्ण 5 May 2023 · 1 min read चाँद से बातचीत चाँद से बातचीत ~~°~~°~~° सायं पीला चाँद,दिखा था नभ पर, पुलकित विहस रहा वो मुझ पर । कहता मुझको दूर गगन से , ध्यान पड़ा है,क्यूँ इतने दिनों पर ।... Hindi · कविता · चाँद से बातचीत 1 674 Share मनोज कर्ण 30 Apr 2023 · 1 min read मूकनायक मूकनायक बनकर कोई चल पड़ा है... ~~°~~°~~° मूकनायक बनकर कोई चल पड़ा है, मूकदर्शक अब हमें रहना नहीं है.... सोचने का समय नहीं है, घर से निकलो, मार्गदर्शक बनना है... Hindi · कविता · गीत · मूकनायक 7 1k Share मनोज कर्ण 23 Apr 2023 · 1 min read समलैंगिकता-एक मनोविकार समलैंगिकता-एक मनोविकार ~~°~~°~~° लैंगिक असमानता से व्याकुल हैं हम आज , बदला है परिवेश,कितना पीड़ित है ये समाज। पहचान मिटा देंगे हम लिंगों की , करेंगे अब हम समानता का... Hindi · कविता · समलैंगिकता एक मनोविकार 3 4 480 Share मनोज कर्ण 23 Apr 2023 · 1 min read शिखर ब्रह्म पर सबका हक है शिखर ब्रह्म पर सबका हक है ~~°~~°~~° ऋषि गोत्रीय चंद मांसाहारी , विप्र महान तन जनेऊधारी। वेद कर्म का मान जो भूला , झूठ सत्य का ज्ञान वो भूला ।... Hindi · कविता · शिखर ब्रह्म पर सबका हक है 3 2 623 Share मनोज कर्ण 12 Mar 2023 · 1 min read लहरों पर चलता जीवन लहरों पर चलता जीवन ~~°~~°~~° कभी द्वंद्व रहा,कभी स्वच्छंद रहा , लहरों पर चलता जीवन है । बेफ़िक्र रहा जो हर ग़म से , मन उदात्त कराता वो बचपन है।... Hindi · कविता · लहरों पर चलता जीवन · हिन्दी कविता 1 436 Share मनोज कर्ण 8 Mar 2023 · 1 min read होली का रंग होली का रंग ~~°~~°~~° होली का रंग वीभत्स नहीं , ये अश्लील नहीं रंग जीवन है। ये राग-रंग का है पर्व सदा , निर्मलता सौहार्द संजीवन है। हिरण्यकशिपु पिशाच था... Hindi · कविता · हिंदी कविता · होली का रंग 2 809 Share मनोज कर्ण 27 Feb 2023 · 1 min read परमपूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज परमपूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ~~°~~°~~° दृष्टिहीन होकर भी जग में, जो काम किया आप जगद्गुरु। भूलेगा ये जग नहीं कभी भी , रामलला का हुआ है काज शुरू। राघव... Hindi · कविता · परमपूज्य स्वामी रामभद्राचार्य · प्रार्थना 3 916 Share मनोज कर्ण 23 Feb 2023 · 1 min read गुनहगार तू भी है... " गुनहगार तू भी है " ~~°~~°~~° गुनहगार तू भी है, जिसने हकीकत को नजरअंदाज किया। तलवारें पास थी पर, खुलेआम खुद पे ही क्यों वार किया। कलम थी कागज... Hindi · कविता · गुनहगार तू भी है · समान नागरिक संहिता · हिन्दी कविता 5 1k Share मनोज कर्ण 19 Feb 2023 · 2 min read वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता ~~°~~°~~° करके विनष्ट संस्कार अपना हम, यदि वेलेंटाइन डे मनाते हैं। तो वेलेंटाइन की आत्मा को हम, अतिघोर कष्ट पहुंचाते हैं। अनीति व्यभिचार पसरा पश्चिम में,... Hindi · कविता · वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता · हिन्दी कविता 2 2 702 Share मनोज कर्ण 18 Feb 2023 · 1 min read शिव स्तुति शिव स्तुति ~~°~~°~~° माया के जंजाल से, शिव हमें तुम मुक्त कर दे । राग से वैराग्य करके, शिवत्व का वरदान दे दे। क्रोधाग्नि में जलूँ क्यों मैं, कामरिपु विषहार... Hindi · कविता · गीत · महाशिवरात्रि · शिव स्तुति 7 4 756 Share मनोज कर्ण 15 Feb 2023 · 1 min read शाकाहार बनाम धर्म शाकाहार बनाम धर्म ~~°~~°~~° शाकाहार ही है, धर्म का पहला आधार चाहे कोई भी धर्म हो,शुध्द होवे आहार हिंसा है यदि निर्दोष के प्रति,तो धर्म कैसा दया करूणा से ही... Hindi · कविता · शाकाहार बनाम धर्म · हिन्दी कविता 3 2 418 Share मनोज कर्ण 13 Feb 2023 · 1 min read अंधभक्ति अंधभक्ति_एक विचारधारा ~~°~~°~~° विचारधाराएं पनपती नहीं कहीं भी खुद से , कालक्रम के संग-संग ये बनायी जाती है । विश्व के सफल देशों का इतिहास उलटकर देखो , वतनपरस्ती बचपन... Hindi · अंधभक्ति · कविता · हिन्दी कविता 3 910 Share मनोज कर्ण 5 Feb 2023 · 1 min read संत रविदास संत रविदास ~~°~~°~~° रैदास के चरणों में मन को , भक्तिपद सागर मिलता है । ऊंच नीच का भेद मिट जाता , मानुष से मानुष जुटता है... हिन्दू हो या... Hindi · कविता · रविदास जयंती · संत रविदास 3 417 Share मनोज कर्ण 4 Feb 2023 · 1 min read हिडनवर्ग प्रपंच हिडनवर्ग प्रपंच ~~°~~°~~° पकड़ी है रफ्तार जिस तरह, भारत की अर्थव्यवस्था शनैः शनैः लोट रहा है साँप अहर्निश आक्षिप्त हृदय पर शनैः शनैः फैलाया जो रोग विभीषिका कोहराम मचा था... Hindi · कविता · हिडनवर्ग प्रपंच · हिन्दी काव्य 3 4 883 Share मनोज कर्ण 29 Jan 2023 · 1 min read वृद्धाश्रम वृद्धाश्रम ~~°~~°~~° आइ हम देखलहुँ शहर के बीचोबीच , सए शैय्यावला सुसज्जित वृद्धाश्रम। सोचलहुँ जेऽ सभटा ठीके चल रहल अइ , देश सतत् प्रगति के दिस जा रहल अछि। परंच... Maithili · कविता · मैथिली कविता · मैथिली छन्दमुक्त काव्य · वृद्धाश्रम 2 230 Share मनोज कर्ण 22 Jan 2023 · 1 min read ज़ख्म शायरी ज़ख्म शायरी ~~°~~°~~° ज़ख्म अभी और भी गहरा होगा , दिल फिर बेजान सा पत्थर बनेगा । दिल में अब न कोई ख़लिश ही होगी , न तो लब हिलेंगे... Hindi · कविता · ज़ख्म शायरी · शायरी 1 890 Share मनोज कर्ण 19 Jan 2023 · 1 min read बुद्ध के विचारों की प्रासंगिकता बुद्ध के विचारों की प्रासंगिकता ~~~~~~~~~^~~~~~~~~~ मिथ्या ज्ञान का आभास जिन्हें , वो अहंकार दिखाया करते हैं। बुद्ध की गरिमा को ठेस पहुचाँकर , बुद्ध की प्रतिमा लगाया करते हैं।... Hindi · कविता · बुद्ध के विचारों की प्रासंगिकत 2 444 Share मनोज कर्ण 18 Jan 2023 · 1 min read कनि बुझू तऽ जानब..? कनि बुझू तऽ जानब..? ~~°~~°~~° युरोप अमेरिका सभ जाल बिछौलक , रूस युक्रेन में निरर्थक युद्ध करेलक । निजस्वार्थ लेल कतेको जान ओ लेलक , रूस पर मिलकेऽ ओ प्रतिबंध... Maithili · कनि बुझू तऽ जानब · कविता · मैथिली कविता 4 1 377 Share मनोज कर्ण 15 Jan 2023 · 1 min read आरक्षण का दरिया आरक्षण का दरिया (छन्दमुक्त काव्य) ~~°~~°~~° मैं आरक्षण का दरिया... चला था संसद से निकलकर , सुदूर गांवों तक जाना था मुझे । शहर कस्वा देहात , हर इलाके को... Hindi · आरक्षण का दरिया · कविता · छन्दमुक्त काव्य 2 2 490 Share मनोज कर्ण 15 Jan 2023 · 1 min read वाणशैय्या पर भीष्मपितामह वाणशैय्या पर भीष्मपितामह ~~°~~°~~° हे अर्जुन वाणशैय्या पर , मुझको लिटा दो , बाण गुच्छों का सेज तुम,शिरहन बना दो। सूरज का रथ देखो, अभी दक्षिण मुड़ा है , प्रण... Hindi · कविता · वाणशैय्या पर भीष्मपितामह 3 747 Share मनोज कर्ण 12 Jan 2023 · 1 min read स्वामी विवेकानंद स्वामी विवेकानंद (स्वामी विवेकानंद की जयन्ती पर विशेष) ~~°~~°~~° सजी थी उम्मीदें धरा पर , व्योम तक हुंकार भरना था । चला वो युवा सन्यासी निकल कर , विश्व में... Hindi · कविता · स्वामी विवेकानंद 3 2 1k Share मनोज कर्ण 11 Jan 2023 · 1 min read जाति जनगणना जाति जनगणना ~~°~~°~~° जाति गिनु , थाती गिनु , करु ने अप्पन जोगार यौ। अंगरेजक नीति अपनाउ, बचाबु अप्पन सरकार यौ। जाति गिन गिन नेता खुश अई, आयत फेर आरक्षण... Maithili · कविता · गीत · जाति जनगणना · मैथिली कविता 2 2 480 Share मनोज कर्ण 10 Jan 2023 · 1 min read हिन्दी दिवस हिन्दी दिवस (हिन्दी दिवस पर विशेष) ~~°~~°~~° अंग्रेजी संग गलबहियाँ , अधर करे ठिठोली बस। करते दिन भर मम्मी डैडी , मनाते बस हिन्दी दिवस। भूल गये भारतेंदु युग को... Hindi · कविता · हिन्दी दिवस 2 2 777 Share मनोज कर्ण 8 Jan 2023 · 1 min read कहाँ गया रोजगार...? कहाँ गया रोजगार...? ~~°~~°~~° कहाँ गया रोजगार...? खत्म हुआ रोजगार...! बीए बीकाॅम एमए पढकर , होगा न अब चमत्कार। चला गया रोजगार...! ड्राईवर प्लंबर वेल्डर फीटर , सीखा न कोई... Hindi · कविता · कहाँ गया रोजगार · गीत 3 2 343 Share मनोज कर्ण 6 Jan 2023 · 1 min read ज़ख़्म दिल का ज़ख़्म दिल का ~~°~~°~~° लम्हा लम्हा जागीर हड़प ली , दहलीज पर हम बैठे ही रहे। धरा ज़ख़्मी हैं जिन अंगारों से , उन्हें आसमाँ हम तकते ही रहे। अनल... Hindi · कविता · ज़ख़्म दिल का 2 347 Share मनोज कर्ण 3 Jan 2023 · 1 min read भ्राता हो तुझ सा बलराम... भ्राता हो तुझ सा बलराम... ~~°~~°~~° सप्तमपुत्र देवकी नंदन , रोहिणी सुत बल असुरनिकंदन । सुभद्रा कृष्ण संग बसे पूरी धाम , भ्राता हो तुझ सा बलराम । शेषावतार कहें... Hindi · कविता · गीत · भ्राता हो तुझ सा बलराम 3 702 Share मनोज कर्ण 2 Jan 2023 · 2 min read करपात्री जी का श्राप... करपात्री जी का श्राप... ~~°~~°~~° श्राप फलित होता है , संतो का श्राप फलित होता है... भून दिया था गोलियों से पल में , जिसने संसद को घेरा था ?... Hindi · कविता 3 542 Share मनोज कर्ण 1 Jan 2023 · 1 min read एक दिया ऐसा हूँ मैं... एक दिया ऐसा हूँ मैं... एक दिया ऐसा हूँ मैं , वर्षों से अहर्निश जलता हूँ । देख तेरी कुटिया को प्रतिदिन , रवि सा प्रखर ,ऊष्म करता हूँ। थकता... Hindi · एक दिया ऐसा हूँ मैं · कविता 2 247 Share मनोज कर्ण 31 Dec 2022 · 1 min read हार फिर होती नहीं... हार फिर होती नहीं... ~~°~~°~~° मन ठान ले यदि जीत है , तो हार फिर होती नहीं... सोचता है मन यदि , पर्वत शिखर की ऊचाईयाँ। यदि देखता समुन्दर निकट... Hindi · कविता · गीत · हार फिर होती नहीं 2 617 Share मनोज कर्ण 29 Dec 2022 · 1 min read वीर साहिबजादे वीर साहिबजादे (गुरु गोविंद सिंह जयंती पर विशेष) ~~°~~°~~° नहीं छोड़ेंगे कभी धर्म अपना , चाहे दीवार में चिनवा दो , धरा से व्योम तक की ये गूंज , अब... Hindi · कविता · गुरु गोविंद सिंह जयंती · वीर साहिबजादे 4 2 826 Share मनोज कर्ण 24 Dec 2022 · 2 min read वैदेही का महाप्रयाण वैदेही का महाप्रयाण ~~°~~°~~° अब रहना है जिस हाल, रहो इस जग में ! माँ सीते तो चली भूमि के तल में... तूने न्याय कभी जाना ही नहीं , अटल... Hindi · कविता · वैदेही का महाप्रयाण 3 811 Share मनोज कर्ण 17 Dec 2022 · 2 min read बेशरम रंग बेशरम रंग ~~°~~°~~° बदचलन,बदजुबाँ,और बेरहम , ये रंगमंच अब हो गया है बेशरम। कुछ और ही रंग थे , बीते जमाने में कभी जिसके , अब हो गए बेहया और... Hindi · कविता 5 4 820 Share मनोज कर्ण 11 Dec 2022 · 1 min read बहेलिया(मैथिली काव्य) बहेलिया (मैथिली काव्य) ~~°~~°~~° बहेलिया घुमैत अछि, प्रतिपल , मन केऽ छिछिआउ नै। लगौने अछि जाल,चहुंओर जेऽ , अहां ओहि मे फंसि जाउ नै । काम,क्रोध,मद लोभ के गिठह ,... Maithili · कविता · बहेलिया · मैथिली कविता 3 776 Share मनोज कर्ण 5 Dec 2022 · 1 min read भूख (मैथिली काव्य) भूख (मैथिली छ्द्ममुक्त काव्य) ~~°~~°~~° भूख लगैत अछि , मुदा गरीब केऽ । धनमन्त केऽ भूख, बुझायैत कहाँ छै। खटनिहार जन तेऽ , सुक्खल नून रोटी मेऽ सुआदक सुख, ढूंढ... Maithili · कविता · भूख · मैथिली काव्य 1 234 Share मनोज कर्ण 3 Dec 2022 · 1 min read मनवा नाचन लागे मनवा नाचन लागे (मैथिली गीत भजन) ~~°~~°~~° मिलिहैं जब सजन से नैननवा, तेऽ मनवा नाचन लागे । करहुं तन आब सोल्हो सिंगरवा , ई मनवा नाचन लागे । नैनन प्रीत... Maithili · कविता · नृत्य · मैथिली गीत 4 2 572 Share मनोज कर्ण 23 Nov 2022 · 1 min read माँ की यादें... माँ की यादें... ~~°~~°~~° क्यूँ,रुख़सत हुई, माँ "तेरी यादें , यादों में फिर से समाओ ना। दिल करता रो-रोकर फरियादें , माँ,पास फिर से तो आओ ना... बीता पल उन... Hindi · कविता · गीत · माँ की यादें 6 729 Share मनोज कर्ण 16 Nov 2022 · 1 min read श्रद्धा श्रद्धा ~~°~~°~~° श्रद्धा नहीं जब अपनेपन से , श्रद्धा फिर क्यूँ ,अंजान डगर से । बनती नित एक, नई कहानी , फिर क्यों श्रद्धा, अश्रद्धेय दीवानी। बनती नित एक नई... Hindi · कविता 8 4 717 Share मनोज कर्ण 12 Nov 2022 · 1 min read जल जल ~~°~~°~~° जल जीवन का आधार है, पर उसका मीठापन भी जरूरी है। क्या करूँ उस समंदर सा, विशाल दिल लेकर मैं, जो नदियों के मीठे जल को, खारा करते... Hindi · Daily Writing Challenge · Water · कविता · जल 6 2 365 Share Previous Page 2 Next