Kumar Kalhans Language: Hindi 159 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Kumar Kalhans 2 Mar 2023 · 1 min read पछतावा। एक आतंकवादी फटा, इस तरह फटा, कुछ नहीं बचा, तो सुपुर्दे ख़ाक होने का सवाल ही नहीं उठता था, न जमीन का था न जन्नत का, यहां से वहां प्रेतात्मा... Hindi · अकविता। 108 Share Kumar Kalhans 19 Jan 2023 · 1 min read किसी ने पूजा मुझे अपना मुकद्दर समझा। किसी ने पूजा मुझे अपना मुकद्दर समझा। मुझे परवाह नहीं तुमने जो पत्थर समझा। ** अलहदा नजरें हैं सबका अलग नजरिया है। किसी ने बूंद को ही पूरा समंदर समझा।... Hindi · गजल 1 2 232 Share Kumar Kalhans 14 Jan 2023 · 1 min read तेरी गुस्ताख निगाहों में हया देखी है। तेरी गुस्ताख़ निगाहों में हया देखी है तेरी बेलौस अदाओं में वफ़ा देखी है ------ बात मेहर की करूँ लफ्ज़ नहीं आएँगे तेरी ज़ुल्मत में भी जब हमने शिफा देखी... Hindi · ग़ज़ल 143 Share Kumar Kalhans 13 Jan 2023 · 1 min read नजरों से नजरें मिलाना आ गया। नजरों से नजरें मिलाना आ गया। हमको भी पीना पिलाना आ गया। ** टीस दी है खामुशी के संग दी। आपको भी दिल दुखाना आ गया। ** सारे ही बेवकूफ... Hindi 130 Share Kumar Kalhans 13 Jan 2023 · 1 min read कितनी बेचैनी है कितनी बेकरारी देखिए। कितनी बेचैनी है कितनी बेकरारी देखिये। इंसान की सदियों से जीने की तैयारी देखिये। ***** इतने पैगम्बर जहाँ में आय लेकिन क्या हुआ। हो रही है पर बशर की आंख... Hindi · ग़ज़ल 79 Share Kumar Kalhans 13 Jan 2023 · 3 min read वसूली। भारती बाबा के पिताजी बहुत परेशान थे। मांझा इलाके के एक यादव जी ने उनकी सराफे की दुकान से अपनी बेटी के विवाह में आभूषण बनवाए थे। कुछ रकम उन्होंने... Hindi · कहानी 111 Share Kumar Kalhans 28 Nov 2022 · 4 min read दो दोस्त। दो दोस्त और शराब। लॉक डाउन में सबको समस्या हुई थी सो हमको भी हुई। हम दोनों दोस्तों ने अपने परिवारों को गांव में भेज दिया ताकि वे वँहा सुरक्षित... Hindi · कहानी 1 117 Share Kumar Kalhans 14 Nov 2022 · 1 min read खूब इस दुनियां में हमने है तमाशा देखा। खूब इस दुनियां में हमने है तमाशा देखा। पेड़ जलते हुए नदियों को है प्यासा देखा। .... जान आती नहीं कितने भी शानदार बनें। बुत बनाएं हैं पत्थरों को तराशा... Hindi · ग़ज़ल 2 2 140 Share Kumar Kalhans 14 Nov 2022 · 1 min read समय समय की बात है। समय समय की बात है, तुम्हे मेरी हर बात मधुर लगती थी, तुम मुग्ध भाव से मुझे देखते हुए कहा करती थी, आपकी बातों से रस टपकता है, जिससे भीग... Hindi 65 Share Kumar Kalhans 14 Nov 2022 · 1 min read हम अपनी छोटी सी दुनियां के भगवान बने फिरते हैं। हम अपनी छोटी सी दुनियां के भगवान बने फिरते हैं। चैन का खाता बिन दमड़ी का पर धनवान बने फिरते हैं। नदी लपेटे घूम रहे हैं , पर होठों से... Hindi · गीत 100 Share Kumar Kalhans 13 Nov 2022 · 1 min read तासीर है मेरी अच्छा भी हूं बुरा हूं। तासीर है ये मेरी अच्छा भी हूँ बुरा हूँ। ये मैंने कब कहा है मैं आपसे खरा हूँ। क्यों जाने लोग फिर भी रखते है साथ अपने। जबकि है राय... Hindi · ग़ज़ल 88 Share Kumar Kalhans 9 Nov 2022 · 1 min read मुझको मुस्काने का हक है। मुझको मुस्काने का हक है। मैं फूल बन चुका हूं पहले मेरे सपने छूकर देखो। मुझमें पराग उत्पन्न हुआ मेरे अपने होकर देखो। मैं मानव हूँ इतने से ही मुझको... Hindi · गीत 2 2 60 Share Kumar Kalhans 4 Nov 2022 · 1 min read नेता जी का जूता। नेताजी हैरान थे, जूता बदलते बदलते , परेशान थे, किसी भी कंपनी का , कैसा भी जूता , मंगाया जाता था, नेता जी का पैर, जरूर घायल हो जाता था,... Hindi · हास्य-व्यंग्य 3 4 108 Share Kumar Kalhans 30 Oct 2022 · 1 min read निर्ममता का नाम जगत है। निर्ममता का नाम जगत है। सूरज अपने वज्रघात से तम के टुकड़े कर देता है, संध्या में जब थकता सूरज तम आकर बदला लेता है, यही कहानी है इस जग... Hindi · गीतिका 1 1 152 Share Kumar Kalhans 30 Oct 2022 · 1 min read बेरुखी के पल टहलते जर्द हर अहसास है। बेरुख़ी के पल टहलते जर्द हर अहसास है। अब मेरे दिल में न दरिया है न कोई प्यास है। *** किसपे रख दूँ उंगली अपनी दोस्त दुश्मन कौन है। तेरी... Hindi · ग़ज़ल 1 2 135 Share Kumar Kalhans 8 Oct 2022 · 1 min read जैसी भी वैसी ही बनी रहना। क्या लिखूं , कैसे लिखूं, शब्द कहते हैं, हममें सामर्थ्य नहीं, उपमाएं कहती हैं, हम में उपयुक्तता नहीं, धरती कहती है , मुझमें इतना धैर्य नहीं, हवाएं कहती हैं, हममे... Hindi · कविता 1 2 106 Share Kumar Kalhans 4 Oct 2022 · 1 min read हो जाओ होशियार फिर मक्कार आ गए। हो जाओ होशियार फिर मक्कार आ गए। लाशों को नोंचते हैं वो बदकार आ गए। ***** सीरत है गिरगिटों की वे करते हुंआ हुंआ। खुद को समझते शेर वे सियार... Hindi · ग़ज़ल 2 2 78 Share Kumar Kalhans 28 Sep 2022 · 1 min read कोई शौक नहीं मेरी ज़रूरत है शायरी। रौशन करे उस नूर की सूरत है शायरी। कोई शौक नहीं मेरी जरुरत है शायरी। .................... ये साथ न देती तो उनमें डूब ही जाता। ज़ज़्बात बह निकलने की सूरत... Hindi · ग़ज़ल 1 2 188 Share Kumar Kalhans 27 Sep 2022 · 1 min read आकर नहीं जाते हैं ये मेहमान कसम से। मतला। आकर नहीं जाते हैं ये मेहमान कसम से। निकले बहुत बाकी हैं पर अरमान कसम से। ** जीना नहीं अब रह गया आसान कसम से। इंसानियत से दूर है... Hindi · ग़ज़ल 1 115 Share Kumar Kalhans 25 Sep 2022 · 1 min read आप सहलाओगे तो सो जायेगा। आप सहलाओगे तो सो जाएगा, अपनी भूख को भूल जाएगा, सिर्फ, परतंत्रता के कारण नहीं, वो आपकी विवशता समझता है, जब आपके अपने , उसको ही नहीं, आपको भी ,... Hindi · कविता 78 Share Kumar Kalhans 23 Sep 2022 · 1 min read महबूब मेरा करता है कोई खता नहीं। सारी ही गलतियां मेरी तुमको पता नहीं। महबूब मेरा करता है कोई खता नहीं। ** मसरूफ़ सभी लोग घरों के हैं इस तरह। अब कोई आए जाए किसी को पता... Hindi 1 2 137 Share Kumar Kalhans 6 Sep 2022 · 1 min read सुंकू वह चीज है हर पल जिसे हम पा नहीं सकते। बहुत नुकसान है उतने में गर मुस्कां नहीं सकते। सुंकू वह चीज है हर पल जिसे हम पा नहीं सकते। ** बहल जाते थे बहलाने से हम तुम दौर दूजा... Hindi · ग़ज़ल 2 1 127 Share Kumar Kalhans 26 Aug 2022 · 1 min read सच कहता हूं मैंने मेले देखे हैं। मतला: सच कहता हूं मैंने मेले देखे हैं। लेकिन उनमें लोग अकेले देखे हैं। ** गर्द उड़ाती भीड़ के रेले देखे हैं। सच कहता हूं मैंने मेले देखे हैं। **... Hindi · ग़ज़ल 2 1 217 Share Kumar Kalhans 21 Aug 2022 · 1 min read जो मुझे तुमसे मिला है मैं वही लौटा रहा हूं। जो मुझे तुमसे मिला है मैं वही लौटा रहा हूँ मैं नहीं शंकर हलाहल जिसके कण्ठों में समाया निर्मलित हैं नेत्र जिसके नीलकंठी जो कहाया एक साधारण मनुज हूँ कैसे... Hindi · गीत · नवगीत 171 Share Kumar Kalhans 20 Aug 2022 · 1 min read रंग तुम जिस रोज छू लोगी कहर बरपाओगी। इश्क जब करने लगोगी तुम कहां रह जाओगी। मैं न कहता था की खुद से बेखबर हो जाओगी। सादगी में भी तुम्हारा हुस्न इक तलवार है। रंग तुम जिस रोज... Hindi · शेर 197 Share Kumar Kalhans 20 Aug 2022 · 1 min read अर्द्ध रात्रि अंधकार में हुआ। अर्द्ध रात्रि अंधकार में हुआ। जग प्रकाश कारागार में हुआ। भाद्रपद कृष्ण अष्टमी रही। देवकी न पुनः देवकी रही। व्यर्थ कंस के सभी प्रयास थे। सूत्र जबकि सारे उसके हाथ... Hindi · कविता 169 Share Kumar Kalhans 10 Aug 2022 · 1 min read सब्र का इम्तेहान लेते हो। सब्र का इम्तेहान लेते हो। और बागी करार देते हो। ***** खूब वादों इरादों की बातें। बीच दरिया उतार देते हो। ***** जिस्म लेते हो फूल सा लहका। और वापस... Hindi 2 96 Share Kumar Kalhans 9 Aug 2022 · 1 min read मुझे प्रेम और पूजा में कुछ अंतर नहीं दिखाई पड़ता। मुझे प्रेम और पूजा में कुछ अंतर नहीं दिखाई पड़ता। रोज सुबह लाली में तेरे मुखड़े की आभा पाता हूँ। आंख खोलते ही मैं तुमको याद करूँ औ' मुस्काता हूँ।... Hindi 218 Share Kumar Kalhans 1 Jun 2022 · 1 min read मैं जब भी चाहूंगा आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मैं जब भी चाहूं मैं आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मगर मैं ये कभी कर ही नहीं पाऊंगा ये सच है। ***** जमाना आएगा समझायेगा देगा तसल्ली पर। मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 268 Share Kumar Kalhans 30 Apr 2022 · 1 min read जाने क्यों उससे ही अदावत थी। जिसके दामन में मेरी राहत थी। जाने क्यों उससे ही अदावत थी। ---------- जिंदगी से नहीं मिला था तब। जिंदगी से बहुत शिकायत थी। ----------- मुझमे ज़िद थी नहीं जवाबों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 151 Share Kumar Kalhans 12 Apr 2022 · 1 min read मयखाने में जाकर बैठे खुद ही पीना सीख गए। मयखाने में जाकर बैठे खुद ही पीना सीख गए। नज़रें चार हुई साकी से जीना मरना सीख गए। रिश्तों की परतें खोली तो परत हट गयी नज़रों से। ख़ामोशी का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 127 Share Kumar Kalhans 10 Apr 2022 · 1 min read किसी की आंख का आंसू। किसी की आंख का आंसू किसी की आंख में देखा। तड़पती कामनाओ को सुलगती राख में देखा। किसे झर जाना कहते हैं किसे मिट जाना कहते हैं। बिखरती कलियों को... Hindi · मुक्तक 1 153 Share Kumar Kalhans 25 Dec 2021 · 1 min read आएगा एक दिन क़ज़ा बनकर। प्यार बरसा है फिर सबा बनकर। वो आ गया दर्द की दवा बनकर। *** बद्दुआओं को दे रहा दावत। कैसा बागी है वो दुआ बनकर। *** इश्क की सारी नेमते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 218 Share Kumar Kalhans 1 Aug 2021 · 1 min read ज़हर देकर जो मुस्काए उसे सरकार कहते हैं। ज़हर पीकर जो मुस्काये उसे फनकार कहते है। ज़हर देकर जो मुस्काये उसे सरकार कहते हैं। ---- हमें सुनना है ग़र जो वह कहे तो वह सयाना है। वगरना सूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 8 400 Share Kumar Kalhans 30 Jul 2021 · 1 min read इक अदद बेटे की ख़्वाहिश में बेचारी कोख को। ज़ुर्म में शिरकत किया तो उम्र भर ढोना पड़ा। खून से अपने ही अपनी रूह को धोना पड़ा। -– तख़्त ताजों की हवस में बन गए शैतान हो। और क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 206 Share Kumar Kalhans 27 Jul 2021 · 1 min read निर्ममता का नाम जगत है। निर्ममता का नाम जगत है। सूरज अपने वज्रघात से तम के टुकड़े कर देता है, संध्या में जब थकता सूरज तम आकर बदला लेता है, यही कहानी है इस जग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 404 Share Kumar Kalhans 24 Jul 2021 · 1 min read देख ली है जिंदगी है इक कहानी देख ली। देख ली है जिंदगी है इक कहानी देख ली। बचपना देखा, बुढापा,नौजवानी देख ली। ## जब हुए चर्चे किसी के हुस्न के असबाब के। हमने भी तस्वीर अपनी इक पुरानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 443 Share Kumar Kalhans 24 Jul 2021 · 1 min read तुम्हारे साथ की गई चैट। मैंने तुम्हारे साथ की हुई चैट का एक एक शब्द, ओस की बूंदों की तरह संभाल कर रखा है, उन्हें विस्मृतियों के सूरज की तपन से बचा कर रखा है,... Hindi · मुक्तक 3 313 Share Kumar Kalhans 20 Jul 2021 · 1 min read राजनेता। "राजनेता" यह एक उपाधि नहीं बल्कि उपाधियों का पिटारा है। मसलन जननेता , जाति नेता, प्रदेश नेता, देश नेता, धन नेता, पशु नेता, चोर नेता, शाह नेता , सुलह नेता... Hindi · तेवरी 2 477 Share Kumar Kalhans 19 Jul 2021 · 7 min read घोसडी वाले। "घोसडी वाले" शुभम काफी देर से चैट कर रहा था। चैट करते करते उसकी उंगलियां और आंख दोनों थक गए तो उसने सेलफोन को किनारे रख दिया और कमरे को... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 316 Share Kumar Kalhans 13 Jul 2021 · 1 min read वो इक पूजनीय हैं। उनका बहुत है नाम वो इक पूजनीय हैं। उनको करो प्रणाम वो इक पूजनीय हैं। ***** उनका जो जपो नाम हर बाधाएं दूर हों। करवाएंगे सब काम वो इक पूजनीय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 224 Share Kumar Kalhans 3 Jul 2021 · 1 min read जहां इंसान मौसम की तरह न रंग बदलते हों। जहां फूलों की शक्लों में कभी काटें न उगते हों। जहां रिश्तों के आईने न पल भर में चटकते हों। ऐ मेरे दिल कहीं पर हो अगर ऐसी जगह तो... Hindi · मुक्तक 3 1 466 Share Kumar Kalhans 2 Jul 2021 · 10 min read चप्पल बुआ। चप्पल बुआ ! कितना अजीब नाम है। है ना ? पर इसमें बड़ी बात क्या है। ये पूरी दुनिया ही अजीबोगरीब चीज़ो से भरी पड़ी है। अजीब लोग , अजीब... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 10 601 Share Kumar Kalhans 2 Jul 2021 · 1 min read पानी की तरह बनना सीखो। पानी की तरह बनना सीखो। जैसा निसर्ग देता अवसर वैसा व्यवहार यह करता है, जैसी स्थितियों से मिलता अनुरुप उन्हीं के रहता है, अन्यायी पर जल प्रलय बनो जब प्रेम... Hindi · गीत 2 224 Share Kumar Kalhans 1 Jul 2021 · 3 min read खान साहब। एक महिला नेता के अंतर्वस्त्र के रंग का खुलासा कर और उस पर तालियां बटोर कर खान साहब घर पहुँचे तो गर्मी की वजह से बड़ी प्यास लगी थी। बेगम... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 1 575 Share Kumar Kalhans 1 Jul 2021 · 2 min read खोटा भाई और उनकी फाइल। गंभीर माहौल है। दो महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों के लिए सीट शेयरिंग की बात चल रही है। मसला लगभग तय हो चुका है बस कुछेक सीटों के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा चल... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 430 Share Kumar Kalhans 1 Jul 2021 · 3 min read नाक। बनारस की एक गली में लोगों की भीड़ जमा थी। भीड़ कौतूहल से गली के एक कोने में पड़ी वस्तु की तरफ देख रही थी। पर उसके करीब कोई डर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 592 Share Kumar Kalhans 28 Jun 2021 · 1 min read मां और पिता के आंसू। मां और पिता के आंसू, क्या सयाने हो चुके बच्चों में, उतनी मार्मिकता उगा पाते हैं, जितना वे , माता पिता का ह्रदय गलाकर बाहर आते हैं, उत्तर पाने के... Hindi · कविता 2 352 Share Kumar Kalhans 22 Jun 2021 · 1 min read संग मेला कोई नहीं लाया। संग मेला कोई नहीं लाया। मुझ्को तन्हाइयों ने सिखलाया। मैं कभी था नहीं बुरा इतना। मुझको मेरी हवस ने फुसलाया। मैं किसी दूसरे पते पर था। जब भी ख़त का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 382 Share Kumar Kalhans 19 Jun 2021 · 1 min read चाइना का टिकाऊ माल। खूब शोर मचाते थे कि चाइना का माल सस्ता और टिकाऊ नहीं होता। आज इस सामान का बहिष्कार करो कल उसका। चले तो चाँद तो न चल3 तो खराब हो... Hindi · तेवरी 6 497 Share Previous Page 2 Next