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Tag: ग़ज़ल/गीतिका
27 posts
जरा अदब से मुझसे मिला करो।
जरा अदब से मुझसे मिला करो।
Kumar Kalhans
दीपक।
दीपक।
Kumar Kalhans
एक चेहरे से कई चेहरे बनाने का हुनर।
एक चेहरे से कई चेहरे बनाने का हुनर।
Kumar Kalhans
गुनगुनाता है कोई।
गुनगुनाता है कोई।
Kumar Kalhans
खुशी तो आयी टुकड़े टुकडे , गम पर हरपल पास रहा।
खुशी तो आयी टुकड़े टुकडे , गम पर हरपल पास रहा।
Kumar Kalhans
तब्दील होकर बन गया यह बाज़ क्यों है।
तब्दील होकर बन गया यह बाज़ क्यों है।
Kumar Kalhans
जब जब लगा मुझे वह भोला।
जब जब लगा मुझे वह भोला।
Kumar Kalhans
मैं जब भी चाहूं मैं आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है।
मैं जब भी चाहूं मैं आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है।
Kumar Kalhans
सीधी सादी राह न चलते खुद को हम उलझाते हैं।
सीधी सादी राह न चलते खुद को हम उलझाते हैं।
Kumar Kalhans
क्यों बदलना है जरूरी यह बता दो।
क्यों बदलना है जरूरी यह बता दो।
Kumar Kalhans
मैं लेकर सब्र का इतिहास बैठा हूँ।
मैं लेकर सब्र का इतिहास बैठा हूँ।
Kumar Kalhans
लोग कहते हैं बहुत बुरा हूँ मैं।
लोग कहते हैं बहुत बुरा हूँ मैं।
Kumar Kalhans
दर्द को आंसूं बना कर देख लो।
दर्द को आंसूं बना कर देख लो।
Kumar Kalhans
खुद ही पीना सीख गए।
खुद ही पीना सीख गए।
Kumar Kalhans
कितने ग़मगीन हैं जमाने में।
कितने ग़मगीन हैं जमाने में।
Kumar Kalhans
आप हर जगह हों सरकार जरूरी तो नहीं।
आप हर जगह हों सरकार जरूरी तो नहीं।
Kumar Kalhans
खो गया हूँ मैं ख्यालों के जहां में।
खो गया हूँ मैं ख्यालों के जहां में।
Kumar Kalhans
संग मेला कोई नहीं लाया।
संग मेला कोई नहीं लाया।
Kumar Kalhans
ज़हर देकर जो मुस्काए उसे सरकार कहते हैं।
ज़हर देकर जो मुस्काए उसे सरकार कहते हैं।
Kumar Kalhans
निर्ममता का नाम जगत है।
निर्ममता का नाम जगत है।
Kumar Kalhans
इक अदद बेटे की ख़्वाहिश में बेचारी कोख को।
इक अदद बेटे की ख़्वाहिश में बेचारी कोख को।
Kumar Kalhans
मैं जब भी चाहूंगा आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है।
मैं जब भी चाहूंगा आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है।
Kumar Kalhans
वो इक पूजनीय हैं।
वो इक पूजनीय हैं।
Kumar Kalhans
जाने क्यों उससे ही अदावत थी।
जाने क्यों उससे ही अदावत थी।
Kumar Kalhans
देख ली है जिंदगी है इक कहानी देख ली।
देख ली है जिंदगी है इक कहानी देख ली।
Kumar Kalhans
आएगा एक दिन क़ज़ा बनकर।
आएगा एक दिन क़ज़ा बनकर।
Kumar Kalhans
मयखाने में जाकर बैठे खुद ही पीना सीख गए।
मयखाने में जाकर बैठे खुद ही पीना सीख गए।
Kumar Kalhans
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