Kumar Kalhans 179 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Kumar Kalhans 22 Jan 2024 · 1 min read यही रात अंतिम यही रात भारी। यही रात अंतिम यही रात भारी। आनंद अतिरेक अनुपम अबोला, अदभुद ही आएगा प्राची से डोला, कण कण सुवासित प्रभासित करेगा, उपहार लाएगा किरणों का मेला, वंचित न कर देना... Hindi · गीत 136 Share Kumar Kalhans 20 Jan 2024 · 1 min read हवस का सूरज। हवस का सूरज जला देगा तेरे परवाज़ को। अंजाम में तब्दील कर देगा तेरे आगाज़ को। ***** क्यों ज़िबह करते नहीं हो नफरतों के मामले। क्यों लिए बैठे हो दिल... Hindi · ग़ज़ल 88 Share Kumar Kalhans 17 Jan 2024 · 1 min read बस यूं ही कुछ हो गया था। बस यूंही कुछ हो गया था। वह मिले मैं खो गया था। नींद सदियों से रुकी थी। गोद पाई सो गया था। मैं समझ लूं तो बताऊं। क्या से क्या... Hindi · ग़ज़ल 1 198 Share Kumar Kalhans 16 Jan 2024 · 1 min read कलम ठहर न जाए देखो। कलम ठहर न पाए देखो। स्याही सूख न जाए देखो। ..... दो पैरों पर चलने वाले। कितने हैं चौपाये देखो। ..... इक दूजे के पागलपन से। दोनों ही पगलाए देखो।... Hindi · ग़ज़ल 117 Share Kumar Kalhans 16 Jan 2024 · 1 min read जब मेरी नज़र से देखोगे तब मेरी दहर को समझोगे। जब मेरी नज़र से देखोगे तब मेरी नज़र को समझोगे। तुम मेरी नज़र से बाहर रह क्या मेरे दहर को समझोगे। ..... हंसते चेहरों की चांदी में रोते चेहरों की... Hindi · ग़ज़ल 186 Share Kumar Kalhans 16 Jan 2024 · 1 min read गीत नया गाता हूं। गीत नया गाता हूं। अपने हठयोग से नभ को झुकाया है, गर्वीला सागर भी हाथ जोड़ आया है, जीवन से भर दिया हाथों को फेरकर, प्रस्तर कठोर को मोम सा... Hindi · गीत 124 Share Kumar Kalhans 16 Jan 2024 · 1 min read जोर जवानी चुटकी में। जोर जवानी चुटकी में। खतम कहानी चुटकी में। .. अमर बेल सी लगती जो। दुनियां फानी चुटकी में। .. कंकर पत्थर बनते हैं। राजा रानी चुटकी में .. ऊंचा खड़ा... Hindi · ग़ज़ल 81 Share Kumar Kalhans 16 Jan 2024 · 1 min read राह चलने से ही कटती है चला करते हैं। राह चलने से ही कटती है चला करते हैं। बेख़बर हैं वही दूरी का गिला करते हैं। ***** इनके ऊपर नहीं मौसम की हुकूमत चलती। ख़्वाब वो फूल हैं हर... Hindi · ग़ज़ल 63 Share Kumar Kalhans 6 Aug 2023 · 1 min read घन घटाओं के जैसा कोई मीत हो। घन घटाओं के जैसा कोई मीत हो। तेज चलने लगे धूप की आरियां, सूखने जब लगे चैन की क्यारियां, सब्र की जब जमा पूंजी घटने लगे, जब लगे कम सभी... Hindi · कविता 1 117 Share Kumar Kalhans 27 Jul 2023 · 1 min read नदी आप नदी को चाहे जितना सिकोड़ सकते हैं, मन भर निचोड़ सकते हैं, क्योंकि नदी अपने प्रेमी के बल से बल पाती है, उसी के बरसते स्नेह के बल पर... Hindi 1 266 Share Kumar Kalhans 27 Jul 2023 · 1 min read इक जीवन दो रूप हमारे। इक जीवन दो रूप हमारे, इक मन है इक तन है अपना दोनों में संघर्ष है कितना, साथ हैं आए साथ है जाना एक रहें पर कोई विधि ना, इक... Hindi · गीत 218 Share Kumar Kalhans 15 May 2023 · 1 min read बेहयाई हया का नया नाम है। बेहयाई हया का नया नाम है। मामला अब यहां सब सरेआम है। खूब जोड़ी हमारी बड़ा नाम है। मैं भी बदनाम हूं वह भी बदनाम है। बेवफा ने दिया मुझको... Hindi · ग़ज़ल 324 Share Kumar Kalhans 3 May 2023 · 1 min read प्याला। खुद में आनंद का सोता है अनुपम यह जीवन हाला है। ज्ञानी जन कहते सदियों से अनजान मगर यह प्याला है।। जो प्यास बढ़ती जाती है यह हाला किसने ढाली... Hindi · कविता 280 Share Kumar Kalhans 23 Apr 2023 · 1 min read प्याला। जीवन क्षणभंगुर भय जिसको क्षण भर भी न जी पाता है। वह रहे ज्योति के मध्य किंतु उसको दिखता सब काला है।। प्याले के मादक हाव भाव इतनी मदिरा छलकाते... Hindi · कविता 173 Share Kumar Kalhans 19 Apr 2023 · 3 min read अंगवस्त्र एक महिला नेता के अंतर्वस्त्र के रंग का खुलासा कर और उस पर तालियां बटोर कर खान साहब घर पहुँचे तो गर्मी की वजह से बड़ी प्यास लगी थी। बेगम... Hindi · कहानी 1 231 Share Kumar Kalhans 15 Apr 2023 · 1 min read प्याला। मधु की तो बात निराली है। प्याला यह कैसे कह पाए। वह सदियों से ही खोज में है। पर शब्द उचित न वह पाए। ..... तन की दुर्बलता देख कहे।... Hindi · कविता 300 Share Kumar Kalhans 15 Apr 2023 · 1 min read प्याला। क्यों दुर्बल खुद को समझ रहा। तू अमित शक्ति की हाला है। हर तत्व समाहित हैं तुझमें। तू इसीलिए तो प्याला है। ..... निजता जब भी बिसरायी है। आंचल को... Hindi · कविता 236 Share Kumar Kalhans 9 Apr 2023 · 3 min read ज़हर मेरे एक मित्र के पिताजी हैं। ज़ाहिर है वयोवृद्ध हैं। किंतु वे अपने पुत्र के साथ नहीं रहते। पुत्र का भी इस संदर्भ में कोई विशेष आग्रह नहीं है। पुत्र... Hindi · कहानी 114 Share Kumar Kalhans 29 Mar 2023 · 2 min read कहानी मेरे एक मित्र हैं जो मुंबई में रहते हैं। एक सरकारी उपक्रम से सेवानिवृत हो चुके हैं। स्वनामधारी कवि , लेखक हैं। साथ ही साथ वे कवि सम्मेलन करवाने के... Hindi · कहानी 127 Share Kumar Kalhans 3 Mar 2023 · 1 min read मान लें। मान लें गुस्ताखियां तो पाक हो जाते हैं लोग। रौशनी पहलू में ले शफ़्फ़ाक हो जाते हैं लोग। ***** कई सदियाँ लगती हैं नज़रों में आने के लिये। एक लम्हे... Hindi · ग़ज़ल 191 Share Kumar Kalhans 2 Mar 2023 · 1 min read पछतावा। एक आतंकवादी फटा, इस तरह फटा, कुछ नहीं बचा, तो सुपुर्दे ख़ाक होने का सवाल ही नहीं उठता था, न जमीन का था न जन्नत का, यहां से वहां प्रेतात्मा... Hindi · अकविता। 158 Share Kumar Kalhans 19 Jan 2023 · 1 min read किसी ने पूजा मुझे अपना मुकद्दर समझा। किसी ने पूजा मुझे अपना मुकद्दर समझा। मुझे परवाह नहीं तुमने जो पत्थर समझा। ** अलहदा नजरें हैं सबका अलग नजरिया है। किसी ने बूंद को ही पूरा समंदर समझा।... Hindi · गजल 1 2 304 Share Kumar Kalhans 14 Jan 2023 · 1 min read तेरी गुस्ताख निगाहों में हया देखी है। तेरी गुस्ताख़ निगाहों में हया देखी है तेरी बेलौस अदाओं में वफ़ा देखी है ------ बात मेहर की करूँ लफ्ज़ नहीं आएँगे तेरी ज़ुल्मत में भी जब हमने शिफा देखी... Hindi · ग़ज़ल 199 Share Kumar Kalhans 13 Jan 2023 · 1 min read नजरों से नजरें मिलाना आ गया। नजरों से नजरें मिलाना आ गया। हमको भी पीना पिलाना आ गया। ** टीस दी है खामुशी के संग दी। आपको भी दिल दुखाना आ गया। ** सारे ही बेवकूफ... Hindi 145 Share Kumar Kalhans 13 Jan 2023 · 1 min read कितनी बेचैनी है कितनी बेकरारी देखिए। कितनी बेचैनी है कितनी बेकरारी देखिये। इंसान की सदियों से जीने की तैयारी देखिये। ***** इतने पैगम्बर जहाँ में आय लेकिन क्या हुआ। हो रही है पर बशर की आंख... Hindi · ग़ज़ल 102 Share Kumar Kalhans 13 Jan 2023 · 3 min read वसूली। भारती बाबा के पिताजी बहुत परेशान थे। मांझा इलाके के एक यादव जी ने उनकी सराफे की दुकान से अपनी बेटी के विवाह में आभूषण बनवाए थे। कुछ रकम उन्होंने... Hindi · कहानी 136 Share Kumar Kalhans 28 Nov 2022 · 4 min read दो दोस्त। दो दोस्त और शराब। लॉक डाउन में सबको समस्या हुई थी सो हमको भी हुई। हम दोनों दोस्तों ने अपने परिवारों को गांव में भेज दिया ताकि वे वँहा सुरक्षित... Hindi · कहानी 1 175 Share Kumar Kalhans 14 Nov 2022 · 1 min read खूब इस दुनियां में हमने है तमाशा देखा। खूब इस दुनियां में हमने है तमाशा देखा। पेड़ जलते हुए नदियों को है प्यासा देखा। .... जान आती नहीं कितने भी शानदार बनें। बुत बनाएं हैं पत्थरों को तराशा... Hindi · ग़ज़ल 2 2 162 Share Kumar Kalhans 14 Nov 2022 · 1 min read समय समय की बात है। समय समय की बात है, तुम्हे मेरी हर बात मधुर लगती थी, तुम मुग्ध भाव से मुझे देखते हुए कहा करती थी, आपकी बातों से रस टपकता है, जिससे भीग... Hindi 88 Share Kumar Kalhans 14 Nov 2022 · 1 min read हम अपनी छोटी सी दुनियां के भगवान बने फिरते हैं। हम अपनी छोटी सी दुनियां के भगवान बने फिरते हैं। चैन का खाता बिन दमड़ी का पर धनवान बने फिरते हैं। नदी लपेटे घूम रहे हैं , पर होठों से... Hindi · गीत 123 Share Kumar Kalhans 13 Nov 2022 · 1 min read तासीर है मेरी अच्छा भी हूं बुरा हूं। तासीर है ये मेरी अच्छा भी हूँ बुरा हूँ। ये मैंने कब कहा है मैं आपसे खरा हूँ। क्यों जाने लोग फिर भी रखते है साथ अपने। जबकि है राय... Hindi · ग़ज़ल 110 Share Kumar Kalhans 9 Nov 2022 · 1 min read मुझको मुस्काने का हक है। मुझको मुस्काने का हक है। मैं फूल बन चुका हूं पहले मेरे सपने छूकर देखो। मुझमें पराग उत्पन्न हुआ मेरे अपने होकर देखो। मैं मानव हूँ इतने से ही मुझको... Hindi · गीत 2 2 83 Share Kumar Kalhans 4 Nov 2022 · 1 min read नेता जी का जूता। नेताजी हैरान थे, जूता बदलते बदलते , परेशान थे, किसी भी कंपनी का , कैसा भी जूता , मंगाया जाता था, नेता जी का पैर, जरूर घायल हो जाता था,... Hindi · हास्य-व्यंग्य 3 4 136 Share Kumar Kalhans 30 Oct 2022 · 1 min read निर्ममता का नाम जगत है। निर्ममता का नाम जगत है। सूरज अपने वज्रघात से तम के टुकड़े कर देता है, संध्या में जब थकता सूरज तम आकर बदला लेता है, यही कहानी है इस जग... Hindi · गीतिका 1 1 189 Share Kumar Kalhans 30 Oct 2022 · 1 min read बेरुखी के पल टहलते जर्द हर अहसास है। बेरुख़ी के पल टहलते जर्द हर अहसास है। अब मेरे दिल में न दरिया है न कोई प्यास है। *** किसपे रख दूँ उंगली अपनी दोस्त दुश्मन कौन है। तेरी... Hindi · ग़ज़ल 1 2 166 Share Kumar Kalhans 8 Oct 2022 · 1 min read जैसी भी वैसी ही बनी रहना। क्या लिखूं , कैसे लिखूं, शब्द कहते हैं, हममें सामर्थ्य नहीं, उपमाएं कहती हैं, हम में उपयुक्तता नहीं, धरती कहती है , मुझमें इतना धैर्य नहीं, हवाएं कहती हैं, हममे... Hindi · कविता 1 2 147 Share Kumar Kalhans 4 Oct 2022 · 1 min read हो जाओ होशियार फिर मक्कार आ गए। हो जाओ होशियार फिर मक्कार आ गए। लाशों को नोंचते हैं वो बदकार आ गए। ***** सीरत है गिरगिटों की वे करते हुंआ हुंआ। खुद को समझते शेर वे सियार... Hindi · ग़ज़ल 2 2 105 Share Kumar Kalhans 28 Sep 2022 · 1 min read कोई शौक नहीं मेरी ज़रूरत है शायरी। रौशन करे उस नूर की सूरत है शायरी। कोई शौक नहीं मेरी जरुरत है शायरी। .................... ये साथ न देती तो उनमें डूब ही जाता। ज़ज़्बात बह निकलने की सूरत... Hindi · ग़ज़ल 1 2 263 Share Kumar Kalhans 27 Sep 2022 · 1 min read आकर नहीं जाते हैं ये मेहमान कसम से। मतला। आकर नहीं जाते हैं ये मेहमान कसम से। निकले बहुत बाकी हैं पर अरमान कसम से। ** जीना नहीं अब रह गया आसान कसम से। इंसानियत से दूर है... Hindi · ग़ज़ल 1 140 Share Kumar Kalhans 25 Sep 2022 · 1 min read आप सहलाओगे तो सो जायेगा। आप सहलाओगे तो सो जाएगा, अपनी भूख को भूल जाएगा, सिर्फ, परतंत्रता के कारण नहीं, वो आपकी विवशता समझता है, जब आपके अपने , उसको ही नहीं, आपको भी ,... Hindi · कविता 102 Share Kumar Kalhans 23 Sep 2022 · 1 min read महबूब मेरा करता है कोई खता नहीं। सारी ही गलतियां मेरी तुमको पता नहीं। महबूब मेरा करता है कोई खता नहीं। ** मसरूफ़ सभी लोग घरों के हैं इस तरह। अब कोई आए जाए किसी को पता... Hindi 1 2 194 Share Kumar Kalhans 6 Sep 2022 · 1 min read सुंकू वह चीज है हर पल जिसे हम पा नहीं सकते। बहुत नुकसान है उतने में गर मुस्कां नहीं सकते। सुंकू वह चीज है हर पल जिसे हम पा नहीं सकते। ** बहल जाते थे बहलाने से हम तुम दौर दूजा... Hindi · ग़ज़ल 2 1 170 Share Kumar Kalhans 26 Aug 2022 · 1 min read सच कहता हूं मैंने मेले देखे हैं। मतला: सच कहता हूं मैंने मेले देखे हैं। लेकिन उनमें लोग अकेले देखे हैं। ** गर्द उड़ाती भीड़ के रेले देखे हैं। सच कहता हूं मैंने मेले देखे हैं। **... Hindi · ग़ज़ल 2 1 269 Share Kumar Kalhans 21 Aug 2022 · 1 min read जो मुझे तुमसे मिला है मैं वही लौटा रहा हूं। जो मुझे तुमसे मिला है मैं वही लौटा रहा हूँ मैं नहीं शंकर हलाहल जिसके कण्ठों में समाया निर्मलित हैं नेत्र जिसके नीलकंठी जो कहाया एक साधारण मनुज हूँ कैसे... Hindi · गीत · नवगीत 204 Share Kumar Kalhans 20 Aug 2022 · 1 min read रंग तुम जिस रोज छू लोगी कहर बरपाओगी। इश्क जब करने लगोगी तुम कहां रह जाओगी। मैं न कहता था की खुद से बेखबर हो जाओगी। सादगी में भी तुम्हारा हुस्न इक तलवार है। रंग तुम जिस रोज... Hindi · शेर 249 Share Kumar Kalhans 20 Aug 2022 · 1 min read अर्द्ध रात्रि अंधकार में हुआ। अर्द्ध रात्रि अंधकार में हुआ। जग प्रकाश कारागार में हुआ। भाद्रपद कृष्ण अष्टमी रही। देवकी न पुनः देवकी रही। व्यर्थ कंस के सभी प्रयास थे। सूत्र जबकि सारे उसके हाथ... Hindi · कविता 203 Share Kumar Kalhans 10 Aug 2022 · 1 min read सब्र का इम्तेहान लेते हो। सब्र का इम्तेहान लेते हो। और बागी करार देते हो। ***** खूब वादों इरादों की बातें। बीच दरिया उतार देते हो। ***** जिस्म लेते हो फूल सा लहका। और वापस... Hindi 2 116 Share Kumar Kalhans 9 Aug 2022 · 1 min read मुझे प्रेम और पूजा में कुछ अंतर नहीं दिखाई पड़ता। मुझे प्रेम और पूजा में कुछ अंतर नहीं दिखाई पड़ता। रोज सुबह लाली में तेरे मुखड़े की आभा पाता हूँ। आंख खोलते ही मैं तुमको याद करूँ औ' मुस्काता हूँ।... Hindi 257 Share Kumar Kalhans 1 Jun 2022 · 1 min read मैं जब भी चाहूंगा आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मैं जब भी चाहूं मैं आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मगर मैं ये कभी कर ही नहीं पाऊंगा ये सच है। ***** जमाना आएगा समझायेगा देगा तसल्ली पर। मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 289 Share Kumar Kalhans 30 Apr 2022 · 1 min read जाने क्यों उससे ही अदावत थी। जिसके दामन में मेरी राहत थी। जाने क्यों उससे ही अदावत थी। ---------- जिंदगी से नहीं मिला था तब। जिंदगी से बहुत शिकायत थी। ----------- मुझमे ज़िद थी नहीं जवाबों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 183 Share Previous Page 2 Next