Kumar Kalhans 132 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Kumar Kalhans 9 Aug 2022 · 1 min read मुझे प्रेम और पूजा में कुछ अंतर नहीं दिखाई पड़ता। मुझे प्रेम और पूजा में कुछ अंतर नहीं दिखाई पड़ता। रोज सुबह लाली में तेरे मुखड़े की आभा पाता हूँ। आंख खोलते ही मैं तुमको याद करूँ औ' मुस्काता हूँ।... Hindi 208 Share Kumar Kalhans 1 Jun 2022 · 1 min read मैं जब भी चाहूंगा आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मैं जब भी चाहूं मैं आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मगर मैं ये कभी कर ही नहीं पाऊंगा ये सच है। ***** जमाना आएगा समझायेगा देगा तसल्ली पर। मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 262 Share Kumar Kalhans 30 Apr 2022 · 1 min read जाने क्यों उससे ही अदावत थी। जिसके दामन में मेरी राहत थी। जाने क्यों उससे ही अदावत थी। ---------- जिंदगी से नहीं मिला था तब। जिंदगी से बहुत शिकायत थी। ----------- मुझमे ज़िद थी नहीं जवाबों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 140 Share Kumar Kalhans 12 Apr 2022 · 1 min read मयखाने में जाकर बैठे खुद ही पीना सीख गए। मयखाने में जाकर बैठे खुद ही पीना सीख गए। नज़रें चार हुई साकी से जीना मरना सीख गए। रिश्तों की परतें खोली तो परत हट गयी नज़रों से। ख़ामोशी का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 119 Share Kumar Kalhans 10 Apr 2022 · 1 min read किसी की आंख का आंसू। किसी की आंख का आंसू किसी की आंख में देखा। तड़पती कामनाओ को सुलगती राख में देखा। किसे झर जाना कहते हैं किसे मिट जाना कहते हैं। बिखरती कलियों को... Hindi · मुक्तक 1 148 Share Kumar Kalhans 25 Dec 2021 · 1 min read आएगा एक दिन क़ज़ा बनकर। प्यार बरसा है फिर सबा बनकर। वो आ गया दर्द की दवा बनकर। *** बद्दुआओं को दे रहा दावत। कैसा बागी है वो दुआ बनकर। *** इश्क की सारी नेमते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 214 Share Kumar Kalhans 1 Aug 2021 · 1 min read ज़हर देकर जो मुस्काए उसे सरकार कहते हैं। ज़हर पीकर जो मुस्काये उसे फनकार कहते है। ज़हर देकर जो मुस्काये उसे सरकार कहते हैं। ---- हमें सुनना है ग़र जो वह कहे तो वह सयाना है। वगरना सूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 8 395 Share Kumar Kalhans 30 Jul 2021 · 1 min read इक अदद बेटे की ख़्वाहिश में बेचारी कोख को। ज़ुर्म में शिरकत किया तो उम्र भर ढोना पड़ा। खून से अपने ही अपनी रूह को धोना पड़ा। -– तख़्त ताजों की हवस में बन गए शैतान हो। और क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 202 Share Kumar Kalhans 27 Jul 2021 · 1 min read निर्ममता का नाम जगत है। निर्ममता का नाम जगत है। सूरज अपने वज्रघात से तम के टुकड़े कर देता है, संध्या में जब थकता सूरज तम आकर बदला लेता है, यही कहानी है इस जग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 388 Share Kumar Kalhans 24 Jul 2021 · 1 min read देख ली है जिंदगी है इक कहानी देख ली। देख ली है जिंदगी है इक कहानी देख ली। बचपना देखा, बुढापा,नौजवानी देख ली। ## जब हुए चर्चे किसी के हुस्न के असबाब के। हमने भी तस्वीर अपनी इक पुरानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 427 Share Kumar Kalhans 24 Jul 2021 · 1 min read तुम्हारे साथ की गई चैट। मैंने तुम्हारे साथ की हुई चैट का एक एक शब्द, ओस की बूंदों की तरह संभाल कर रखा है, उन्हें विस्मृतियों के सूरज की तपन से बचा कर रखा है,... Hindi · मुक्तक 3 305 Share Kumar Kalhans 20 Jul 2021 · 1 min read राजनेता। "राजनेता" यह एक उपाधि नहीं बल्कि उपाधियों का पिटारा है। मसलन जननेता , जाति नेता, प्रदेश नेता, देश नेता, धन नेता, पशु नेता, चोर नेता, शाह नेता , सुलह नेता... Hindi · तेवरी 2 465 Share Kumar Kalhans 19 Jul 2021 · 7 min read घोसडी वाले। "घोसडी वाले" शुभम काफी देर से चैट कर रहा था। चैट करते करते उसकी उंगलियां और आंख दोनों थक गए तो उसने सेलफोन को किनारे रख दिया और कमरे को... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 305 Share Kumar Kalhans 13 Jul 2021 · 1 min read वो इक पूजनीय हैं। उनका बहुत है नाम वो इक पूजनीय हैं। उनको करो प्रणाम वो इक पूजनीय हैं। ***** उनका जो जपो नाम हर बाधाएं दूर हों। करवाएंगे सब काम वो इक पूजनीय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 216 Share Kumar Kalhans 3 Jul 2021 · 1 min read जहां इंसान मौसम की तरह न रंग बदलते हों। जहां फूलों की शक्लों में कभी काटें न उगते हों। जहां रिश्तों के आईने न पल भर में चटकते हों। ऐ मेरे दिल कहीं पर हो अगर ऐसी जगह तो... Hindi · मुक्तक 3 1 451 Share Kumar Kalhans 2 Jul 2021 · 10 min read चप्पल बुआ। चप्पल बुआ ! कितना अजीब नाम है। है ना ? पर इसमें बड़ी बात क्या है। ये पूरी दुनिया ही अजीबोगरीब चीज़ो से भरी पड़ी है। अजीब लोग , अजीब... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 10 588 Share Kumar Kalhans 2 Jul 2021 · 1 min read पानी की तरह बनना सीखो। पानी की तरह बनना सीखो। जैसा निसर्ग देता अवसर वैसा व्यवहार यह करता है, जैसी स्थितियों से मिलता अनुरुप उन्हीं के रहता है, अन्यायी पर जल प्रलय बनो जब प्रेम... Hindi · गीत 2 215 Share Kumar Kalhans 1 Jul 2021 · 3 min read खान साहब। एक महिला नेता के अंतर्वस्त्र के रंग का खुलासा कर और उस पर तालियां बटोर कर खान साहब घर पहुँचे तो गर्मी की वजह से बड़ी प्यास लगी थी। बेगम... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 1 561 Share Kumar Kalhans 1 Jul 2021 · 2 min read खोटा भाई और उनकी फाइल। गंभीर माहौल है। दो महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों के लिए सीट शेयरिंग की बात चल रही है। मसला लगभग तय हो चुका है बस कुछेक सीटों के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा चल... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 415 Share Kumar Kalhans 1 Jul 2021 · 3 min read नाक। बनारस की एक गली में लोगों की भीड़ जमा थी। भीड़ कौतूहल से गली के एक कोने में पड़ी वस्तु की तरफ देख रही थी। पर उसके करीब कोई डर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 579 Share Kumar Kalhans 28 Jun 2021 · 1 min read मां और पिता के आंसू। मां और पिता के आंसू, क्या सयाने हो चुके बच्चों में, उतनी मार्मिकता उगा पाते हैं, जितना वे , माता पिता का ह्रदय गलाकर बाहर आते हैं, उत्तर पाने के... Hindi · कविता 2 315 Share Kumar Kalhans 22 Jun 2021 · 1 min read संग मेला कोई नहीं लाया। संग मेला कोई नहीं लाया। मुझ्को तन्हाइयों ने सिखलाया। मैं कभी था नहीं बुरा इतना। मुझको मेरी हवस ने फुसलाया। मैं किसी दूसरे पते पर था। जब भी ख़त का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 373 Share Kumar Kalhans 19 Jun 2021 · 1 min read चाइना का टिकाऊ माल। खूब शोर मचाते थे कि चाइना का माल सस्ता और टिकाऊ नहीं होता। आज इस सामान का बहिष्कार करो कल उसका। चले तो चाँद तो न चल3 तो खराब हो... Hindi · तेवरी 6 483 Share Kumar Kalhans 18 Jun 2021 · 1 min read खो गया हूँ मैं ख्यालों के जहां में। खो गया हूँ मैं ख़यालों के जहाँ में। बेख़ुदी झलकेगी अब मेरे बयां में। ***** आपकी सोहबत में शाईर बन गया हूँ। आपसे आया हुनर मेरी जुबाँ में। ***** आपकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 2 540 Share Kumar Kalhans 16 Jun 2021 · 1 min read पिता। बहुत पहले श्रीमद्भागवत सुनते समय वाचक के श्रीमुख से एक कथा सुनी थी कि एक जगह एक कुएं से पानी निकल रहा था और वह चार कुओं को लबाबब भर... Hindi · तेवरी 9 338 Share Kumar Kalhans 14 Jun 2021 · 1 min read एक ही पल होता है टूटने का। एक ही पल होता है टूटने का , एक ही छण होता है बिखरने का, और ये एक ही पल , एक ही छण, अचानक ही नहीं आ जाता, इसके... Hindi · कविता 9 276 Share Kumar Kalhans 14 Jun 2021 · 1 min read आत्महंता। एक ही पल होता है टूटने का , एक ही छण होता है बिखरने का, और ये एक ही पल , एक ही छण, अचानक ही नहीं आ जाता, इसके... Hindi · कविता 6 2 393 Share Kumar Kalhans 13 Jun 2021 · 1 min read सब ऋतुओं की रानी हो तुम , बरखा अमर जवानी हो तुम। सब ऋतुओं की रानी हो तुम। बरखा अमर जवानी हो तुम। तुमसे धरा हुल्लसित होती , पुष्पित और पल्लवित होती, बांझ नहीं ये साबित होता, तेरे वीर्य से गर्वित होती,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 3 455 Share Kumar Kalhans 13 Jun 2021 · 1 min read बरस रही हो बरखा रानी पर अंदाज़ अलग है। बरस रही हो बरखा रानी पर आग़ाज़ अलग है। बीते कुछ बरसों से तेरा रंग अंदाज़ अलग है। कहीं कहीं पर बूंदे झरतीं कहीं कहीं पर पत्थर, कहीं खुशी की... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 10 1 535 Share Kumar Kalhans 12 Jun 2021 · 2 min read आओ इश्को करम की बात करें, आओ तेरे सनम की बात करें। आओ इश्को करम की बात करें। आओ तेरे सनम की की बात करें। जिस्म जिसपर शबाब छाया है। बकौल तेरे रुआब आया है। आंखों में जिसके दो जहाँ तेरे। रूख़... Hindi · कविता 10 1 270 Share Kumar Kalhans 9 Jun 2021 · 1 min read आप हर जगह हों सरकार जरूरी तो नहीं। आप हर जगह हों सरकार जरूरी तो नहीं। हर जगह आपकी दरकार जरूरी तो नहीं। और भी खूब तरीके हैं फतह करने के। आपके हाथ में तलवार जरूरी तो नहीं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 253 Share Kumar Kalhans 7 Jun 2021 · 1 min read विश्वासों ने पार उतारा। विश्वासों ने पार उतारा। संदेहों के सागर गहरे विश्वासों की नाव हठीली, विचलित किया बहुत लहरों नें लेकिन अपनी राह न भूली, मधुर पलों के टापू आये समय सिंधु था... Hindi · गीत 8 381 Share Kumar Kalhans 6 Jun 2021 · 1 min read भू से मिलकर नवजीवन की गाथाएं रचती हैं। भू से मिलकर नवजीवन की गाथाएं रचती हैं। बूँदे झरतीं मेघों से बन धाराएं बहती हैं। इन ऊंचे पर्वत का जैसे पति ये सावन ही हो। कभी तो लगता ऐसे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 10 3 406 Share Kumar Kalhans 5 Jun 2021 · 1 min read सूरज रोज नहीं आएगा। सूरज रोज नहीं आएगा। जब तक है तब तक किरणों से अपने मन की झोली भर लो, अंधियारा घिरने से पहले सतरंगी रंगोली कर लो, संचय किया हुआ ये सब... Hindi · गीत 9 2 237 Share Kumar Kalhans 2 Jun 2021 · 1 min read कितने ग़मगीन हैं जमाने में। कितने ग़मगीन हैं जमाने में। देखिये जा सुरूर खाने में। एक सच हम नहीं बता पाते। जिंदगी बीतती बहाने में। खुद ही बनते हैं खोटा सिक्का हम। और फिर गर्क... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 179 Share Kumar Kalhans 1 Jun 2021 · 1 min read इक दूजे की बोटी हम नुचवाते हैं। सेंक रहे वे रोटी हम सिंकवाते हैं। इक दूजे की बोटी हम नुचवाते हैं। सदियों से कुछ सीख नहीं ले पाए हैं। सदियों से एक भूल वही दोहराए हैं। बटें... Hindi · गीत 10 1 254 Share Kumar Kalhans 1 Jun 2021 · 1 min read मैं जब भी चाहूं मैं आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मैं जब भी चाहूं मैं आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मगर मैं ये कभी कर ही नहीं पाऊंगा ये सच है। ***** जमाना आएगा समझायेगा देगा तसल्ली पर। मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 11 3 536 Share Kumar Kalhans 31 May 2021 · 1 min read दर्द को आंसूं बना कर देख लो। दर्द को आसूं बना कर देख लो। दुनियां है कैसी पिला कर देख लो। ये जहां कितना तमाशाबीन है। आप अपना घर जला कर देख लो। जान देने की कसम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 448 Share Kumar Kalhans 30 May 2021 · 1 min read प्यार का स्वभाव। सच कहूं, तुम्हारी तरफ आकर्षित हुआ था, वस्त्रों के पीछे , छुपी तुम्हारी मांसलता देखकर, अपनी कल्पना की आंखों से देखकर, यह सोचकर, की तुम्हारी देह को प्राप्त करना, कितना... Hindi · कविता 10 449 Share Kumar Kalhans 29 May 2021 · 1 min read मृत्यु के साये में राह जीवन चले। मृत्यु के साए में राह जीवन चले। आँख खुलते ही मिलता अँधेरे का भय, उत्तरोत्तर बढ़त है की होता है क्षय, काल के राहू केतू डगर में मिलें, मध्य आकाश... Hindi · गीत 11 3 300 Share Kumar Kalhans 28 May 2021 · 1 min read रेलगाड़ी रेलगाड़ी मित्रों सम्भवतः आपको स्मरण हो कि पिछले वर्ष एक रेलगाड़ी अपने गंतव्य से अलग दूसरे स्टेशन पर पहुँच गयी थी और वह भी दस घण्टे अतिरिक्त समय लेकर। वह पूरा... Hindi · गीत 9 4 472 Share Kumar Kalhans 27 May 2021 · 1 min read सीधी सादी राह न चलते खुद को हम उलझाते हैं। कसम उठाते हैं सुबह को शाम को जाम उठाते हैं। शौक शाम के छूट न पाते सुबह को हम बहलाते हैं। फ़ौज़ बहानों की लो हमसे क्यों पीते क्यों मरते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 11 2 510 Share Kumar Kalhans 26 May 2021 · 1 min read ऐसे बरसो तरस गए नयनो से पानी बरसे। ऐसा बरसो तरस गए नयनों से पानी बरसे। धूप नहाई धरती का तन लावा जैसे तपता, रुछ पवन रेतीली आंधी बन नयनों में चुभता, धूसर सी लगती है भू की... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 10 7 259 Share Kumar Kalhans 26 May 2021 · 1 min read देखो बरखा की रुत आयी। देखो बरखा की रुत आयी। रिमझिम रिमझिम बरस रही हैं, धरती पर अमृत की बूंदे। कन कण इस कृतज्ञ धरा का पान करे इसका और झूमें। इसका कोई जोड़ नहीं... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 7 518 Share Kumar Kalhans 26 May 2021 · 3 min read टेम्पल रन। पुनः एक बार भीषण पराजय के सागर में गोते खाते हुए चिरयुवा अध्यक्ष दीन हीन अवस्था में सोफे पर पसरे हुए थे। उनके मासूम सुंदर मुखड़े पर ईर्ष्या , छोभ... Hindi · कहानी 11 456 Share Kumar Kalhans 26 May 2021 · 1 min read देखो बरखा की रुत आयी। देखो बरखा की रुत आयी। रिमझिम रिमझिम नर्स रही हैं, धरती पर अमृत की बूंदे। कन कण इस कृतज्ञ धरा का पान करे इसका और झूमें। इसका कोई जोड़ नहीं... Hindi · कविता 12 1 316 Share Kumar Kalhans 24 May 2021 · 1 min read सूरज अंकल जलते जलते देखो इक दिन जल मत जाना। सूरज अंकल जलते जलते देखो इक दिन जल मत जाना। जल जाओगे यदि धरती पर कौन उजाला ले आएगा। फिर तो हम नन्हे बच्चों को अंधियारा यह धमकाएगा। अंधियारे में... Hindi · कविता 10 1 555 Share Kumar Kalhans 24 May 2021 · 3 min read कटी हुई नाक। बनारस की एक गली में लोगों की भीड़ जमा थी। भीड़ कौतूहल से गली के एक कोने में पड़ी वस्तु की तरफ देख रही थी। पर उसके करीब कोई डर... Hindi · कहानी 10 1 478 Share Kumar Kalhans 23 May 2021 · 1 min read जीजा जी । सन 1984 , 1985 की बात होगी।हम इलाहाबाद में 12 वीं में पढ़ते थे। अब इलाहाबाद में रहें और इलाहाबादी रंग न चढ़े तो इलाहाबाद का घोर अपमान। बंक मारकर... Hindi · लेख 13 295 Share Kumar Kalhans 23 May 2021 · 1 min read दीपक। दीपक तुम उन्मुक्त बहुत हो। तुमको ये मालूम खूब है जलते जलते बुझ जाओगे। प्रतिपल घटते तरल नेह के घटते ही तुम चुक जाओगे। ये सारे बंधन होकर भी उर्ध्वमुखी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 13 4 404 Share Previous Page 2 Next