Jayanti Prasad Sharma Tag: कविता 91 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Jayanti Prasad Sharma 6 May 2020 · 1 min read वक्त का मरहम है जन्म अनिश्चित मृत्यु शाश्वत सत्य है, नहीं कुछ भी स्थिर सब अनित्य है। जैसा जिसका भोग है रहता है वह साथ। जाने की बेला में चल देता है पैदा... Hindi · कविता 3 342 Share Jayanti Prasad Sharma 5 May 2020 · 1 min read पथिक पथिक तुम कौन देश से आये। रहे घूमते यों ही निष्फल– या कोई मंजिल पाये। .......................पथिक ..... । ठहरो पलभर लो विश्राम , थकित पगों को दो विराम। कहो हमें... Hindi · कविता 5 4 486 Share Jayanti Prasad Sharma 5 May 2020 · 1 min read मेरा भारत देश मेरा भारत देश! सुजल, सुफल, सुखद परिवेश। यहाँ गंगा यमुना बहतीं अविरल, निर्मल, शीतल, पवित्र इनका जल। रहते मनुष्य निर्लिप्त, वातावरण में गूंजते- गीता के उपदेश। मनों में धर्म का... Hindi · कविता 5 2 197 Share Jayanti Prasad Sharma 5 May 2020 · 1 min read गौरैया एक नन्हीं सी चिरैया, छोटी सी प्यारी सी गौरैया। उमर मेरी हो गई है पचपन, याद आता है मुझको बचपन। जब देखता हूँ आँगन में, एक नन्हीं सी चिरैया। ........................... Hindi · कविता 5 3 291 Share Jayanti Prasad Sharma 4 May 2020 · 1 min read मित्रता समता निश्छलता और वत्सलता, हैं मित्रता के आधार। वे भाई तो नहीं होते, भाई से बढ़कर होता है उनका प्यार। निश्छल प्रेमी जन ही मित्र बन पाते हैं, निष्ठावान होकर... Hindi · कविता 3 2 503 Share Jayanti Prasad Sharma 4 May 2020 · 1 min read ऐसा कैसे माँ होता है? ऐसा कैसे माँ होता है? सदियों से हो रहा उत्पीड़न नारी का, उस संग बलात्कार होता है। ऐसा कैसे…...........................? वह पप्पू नामुराद आवारा, जिसने पकड़ा था हाथ तुम्हारा। लक दक... Hindi · कविता 3 2 440 Share Jayanti Prasad Sharma 3 May 2020 · 1 min read जैसे को तैसा शत शत नमन ???? कूट कूट कर भुस भर दो, नापाक निगोड़ों में। बिना पिटे नहीं आएगी अक्ल, इन हराम खोरों में। वर्षों से वे कर रहे छल छइयां, बहुत... Hindi · कविता 2 2 374 Share Jayanti Prasad Sharma 3 May 2020 · 1 min read माँ ममता का भण्डार माँ जीवन का आधार, माँ ममता का भण्डार। नहीं माँ जैसा कोई उदार, कैसा भी हो बच्चा करती प्यार। माँ सुख बच्चों को देती, बलायें उसकी ले लेती। नहीं माँ... Hindi · कविता 2 3 281 Share Jayanti Prasad Sharma 3 May 2020 · 1 min read खुशियों के पल चाँद-चाँदनी की अनुपस्थिति में, तारे खिलखिला रहे हैं। कभी कभी अमावस भी होनी चाहिये। बिलों से निकल कर चूहे- कर रहे हैं धमाचौकड़ी। आज पूसी मौंसी घर पर नहीं है,... Hindi · कविता 2 241 Share Jayanti Prasad Sharma 2 May 2020 · 1 min read तारे न तुम आना ज़मीं पर तारे न तुम आना ज़मीं पर, यहाँ बहुत दुश्वारियां हैं। कदम कदम पर धोखे हैं, कदम कदम पर मक्कारियां हैं। यह मतलब की दुनियाँ हैं, बिना मतलब कोई नहीं जानता।... Hindi · कविता 4 6 296 Share Jayanti Prasad Sharma 2 May 2020 · 1 min read भोर भई अब जागो लाल भोर भई अब जागो लाल! मुँह उठाय रँभाइ रही गैया, बाट देखि रहे ग्वाल। उदय भये रवि किरण पसारीं, अम्बर से उतराईं। चूँ चूँ करती चुगने दाना, चिड़ियाँ आँगन में... Hindi · कविता 3 2 428 Share Jayanti Prasad Sharma 1 May 2020 · 1 min read अब सवाली हो गया हूँ मैं चुप था भला था, मुँह खोल कर बबाली हो गया हूँ। उनसे ही उनकी कर शिकायत, मैं मवाली हो गया हूँ। मैं प्यारा था दुलारा था, उनको अब एक... Hindi · कविता 6 3 345 Share Jayanti Prasad Sharma 30 Apr 2020 · 1 min read प्यार का मौसम बीत गया तू सँभालती रही अपने गेसू, प्यार का मौसम बीत गया। तेरे चेहरे पर छाप उम्र की, समय चितेरा चीत गया। कुंद हुई मुख मंडल की आभा, यौवन तेरा छीत गया।... Hindi · कविता 4 2 217 Share Jayanti Prasad Sharma 30 Apr 2020 · 1 min read जा री बिटिया जा री बिटिया अपने घर, यहाँ की छोड़ चिंता-फिकर। सूझ बूझ से घर बार चलाना, नहीं समस्याओं से घबराना। सोच विचार करने से दुश्वारी का रस्ता आता है निकर ...........।... Hindi · कविता 3 2 236 Share Jayanti Prasad Sharma 30 Apr 2020 · 1 min read उपेक्षा उसके गली में घुसते ही गली में पड़ा कुत्ता कान खड़े कर हुआ चौकन्ना देख कर आने वाला नहीं है अजनबी फिर सो गया। किसी के घर के बरामदे में... Hindi · कविता 3 371 Share Jayanti Prasad Sharma 29 Apr 2020 · 1 min read यही तो जीवन है भोर होते ही दैनिक क्रियाओं से निवृत होकर हल्का-फुल्का नाश्ता कर समस्याओं का टोकरा लेकर आदमी घर से निकल पड़ता है। उसमें होती हैं अनेक समस्याये रोजी की समस्या रोटी... Hindi · कविता 4 417 Share Jayanti Prasad Sharma 29 Apr 2020 · 1 min read धृतराष्ट्र थे जन्मांध धृतराष्ट्र थे जन्मांध, सुनयना थीं गांधारी। पटका बाँध बनीं निरंध, ओढ़ ली लाचारी। अविवेकी मन कुंठित बुद्धि ने, करी वंश वृद्धि। सौ पुत्रों को दिया जन्म, कुविचारों की हुई सृष्टि।... Hindi · कविता 3 421 Share Jayanti Prasad Sharma 28 Apr 2020 · 1 min read आँखें हमारी थीं आँखें हमारी थीं, सपने तुम्हारे थे। कैसे तुमको बतलायें, तुम हमको कितने प्यारे थे। हुआ तुमसे इश्क, यह खुशकिस्मती हमारी थी। नहीं हुआ वस्ल, बदकिस्मती यह भारी थी। आँखों में... Hindi · कविता 5 7 234 Share Jayanti Prasad Sharma 27 Apr 2020 · 1 min read ज़िन्दगी ज़िन्दगी! तेरी ज़िन्दगी मेरी ज़िन्दगी इसकी ज़िन्दगी उसकी ज़िन्दगी हम सबकी ज़िन्दगी। रोती है ज़िन्दगी रुलाती है ज़िन्दगी हँसती है ज़िन्दगी हँसाती है ज़िन्दगी सबकी मुस्कराती है ज़िन्दगी। सकाम होती... Hindi · कविता 3 2 173 Share Jayanti Prasad Sharma 26 Apr 2020 · 1 min read देवदूत रक्त से लथपथ पड़ा वह युवक, देख रहा था अपने चारों ओर घिरे लोगों को- कातर दृष्टि से। उसके पास बैठी युवती कर रही थी गुहार- मदद के लिये। लोग... Hindi · कविता 3 2 390 Share Jayanti Prasad Sharma 26 Apr 2020 · 1 min read गाय महिमा है गाय हमारी अस्मिता, उसका धर्म-कर्म से नाता है। नहीं गाय को पशु मानो, वह हम सबकी माता है। माँ नहीं जिसको दूध पिला सकती है, वह गाय के दूध... Hindi · कविता 3 2 453 Share Jayanti Prasad Sharma 25 Apr 2020 · 1 min read हास्य-व्यंग्य-परिहास हास्य-व्यंग्य-परिहास, खुशी के अवयव हैं ख़ास। शिष्ट हास्य चिंतित मन को- बहलाता है। व्यंग्य चुटीला बिना तनाव के- लोगों की कमियां बतलाता है। होते हैं तन-मन प्रफुल्लित जब करे कोई... Hindi · कविता 1 688 Share Jayanti Prasad Sharma 23 Apr 2020 · 1 min read आतंकबाद मुर्दाबाद लाशों के ढेर पर खड़ा हुआ वह मना रहा था जश्न, खून का लाल रंग उसे दे रहा था सुकून। वह कभी मुस्कुराता था, करता था जोर से अट्टहास। नफरत... Hindi · कविता 2 3 451 Share Jayanti Prasad Sharma 23 Apr 2020 · 1 min read लावारिस कूड़े के ढेर पर पड़े उस लावारिस शिशु के आसपास- खड़ा था लोगों का हुजूम। लोग कर रहे थे तरह तरह की बातें। कोई कोस रहा था उसकी निर्दयी माँ... Hindi · कविता 2 3 455 Share Jayanti Prasad Sharma 22 Apr 2020 · 1 min read मैं शराब हूँ मैं शराब हूँ लोग कहते हैं मैं ख़राब हूँ। खराबी मुझमें नहीं, पीने वालों की सोच में है। छक कर पीना, खोना होश में है। मैं अंगूरी आसव, घूँट दो... Hindi · कविता 1 1 233 Share Jayanti Prasad Sharma 21 Apr 2020 · 1 min read मारी कान्हा के नेह की सिर मोर मुकुट, तन पीत पट। अधर मुरली, श्याम जू सोहत विकट। गौरोचन तिलक भाल, उर कंज माल। मन मोहते, नयना विशाल। देखि छवि मनहारी, ग्वालिनी बेचारी। भई चित्र लिखित... Hindi · कविता 1 2 447 Share Jayanti Prasad Sharma 21 Apr 2020 · 1 min read नाकाम का न करें तिरिस्कार मुझे बीता हुआ कल याद आता है, मेरी नादानियाँ मुझे बताता है। मैंने नासमझी में किये थे- बड़े कमाल। धोतियों को फाड़ कर, बना दिये थे सैकड़ों रूमाल। कुछ खास... Hindi · कविता 1 2 193 Share Jayanti Prasad Sharma 20 Apr 2020 · 1 min read हे वीर सैनिक तुमको नमन सबकी अपनी अपनी ढपली, अपना अपना राग। किसी को सुहाता है सावन, किसी को भाता फाग। जब सब गाते कजरी-टप्पे, वे गीत ओज के गाते हैं। सीमा पर रहते मुस्तैद,... Hindi · कविता 2 4 361 Share Jayanti Prasad Sharma 20 Apr 2020 · 1 min read मैं कैसे स्वयं को परिभाषित करूं बोला गुरू से शिष्य, मेरी उलझन सुलझाइए। अंतरंग परिचय मेरा, मुझसे कराइये। मैं मन हूँ या तन हूँ, नूतन हूँ पुरातन हूँ। मैं अपने को समझ न सका, मैं कौन... Hindi · कविता 1 4 470 Share Jayanti Prasad Sharma 19 Apr 2020 · 1 min read वह है तो सब सम्भव है सड़कों के मोड़ पर, गलियों के छोर पर उसके ही चर्चे हैं - 'वह है तो सब सम्भव है।' दर्द से खिंचते हैं ओष्ठ, सामना होने पर मुस्करा कर कहते... Hindi · कविता 2 2 380 Share Jayanti Prasad Sharma 19 Apr 2020 · 1 min read ब्रज धाम अति पावन माँटी है ब्रज की, तिलक लगाऔ समझि कें चन्दन। श्रद्धा सौं भैंटहु ब्रजवासिन, करत रहे केलि इन सँग नँद नंदन। गैया पूज्य हैं जमुना पूज्य है, पूज्य है... Hindi · कविता 1 266 Share Jayanti Prasad Sharma 17 Apr 2020 · 1 min read आओ करें भारत का नव निर्माण आओ लेकर हाथों में हाथ चलते हैं हम साथ साथ उन राहों पर जिनसे गुजर कर पहुँचें उस लोक में जहाँ न हो ईर्ष्या-द्वेष न हों व्यर्थ के क्लेश जहाँ... Hindi · कविता 1 2 400 Share Jayanti Prasad Sharma 17 Apr 2020 · 1 min read वक्त किसी का नहीं आता सारी उमर गई बीत, मैं कुछ नहीं कर पाया। मैं रीता घट- भर नहीं पाया। बीता सारा जीवन, कल कल करते। किंचित साहस नहीं किया, रहा व्यर्थ ही डरते। अब... Hindi · कविता 2 1 546 Share Jayanti Prasad Sharma 16 Apr 2020 · 1 min read जय श्री राम सबकी बिगड़ी बन जाये, जय श्री राम जय श्री राम। नहीं मौत किसी की असमय आये, जय श्री राम जय श्री राम। पूरण होवे सबके काम, जय श्री राम जय... Hindi · कविता 2 332 Share Jayanti Prasad Sharma 16 Apr 2020 · 1 min read जो अब तक न किया जो अब तक न किया, वो अब करेंगे। जो अब भी नहीं- तो कब करेंगे! तुमने बहुत ही किया तंग, हड़काया, नहीं बदला तुमने ढंग। हा-हा खाते फिरोगे- वो अब... Hindi · कविता 1 387 Share Jayanti Prasad Sharma 15 Apr 2020 · 1 min read अब क्या रोना अब क्या रोना, होगा वही जो है होना। नहीं माने बहुतेरा समझाया, किया वही मन में जो आया। नहीं माने लोगों से लिपटे, तुमसे अब लिपटा कोरोना। रखी नहीं सामाजिक... Hindi · कविता 1 2 377 Share Jayanti Prasad Sharma 15 Apr 2020 · 1 min read घातक है कोरोना बड़ी ही घातक है कोरोना वबा, काम करती नहीं कोई दवा। जगह जगह लगे हैं लाशों के ढेर, नहीं देखती बच्चा या अधेड़। अमीरी गरीबी नहीं देखती, करीबी रकीबी नहीं... Hindi · कविता 1 228 Share Jayanti Prasad Sharma 15 Apr 2020 · 1 min read कोई कब महामारी में नप जाये पता नहीं आँख कब झप जाये, कोई कब महामारी में नप जाये। रुका हुआ जो आँख में आँसू, पता नहीं कब टप जाये। वक्त का तकाजा है, नहीं किसी से... Hindi · कविता 2 520 Share Jayanti Prasad Sharma 5 Feb 2020 · 1 min read प्यार की प्यास सबको प्यार की प्यास, मुझको भी प्यार की प्यास। दूर दूर सब रहते मुझसे, पड़ा अकेला बातें करता खुद से। रहूँ बुलाता इसको-उसको, कोई नहीं आता पास। लगता है अब... Hindi · कविता 3 2 344 Share Jayanti Prasad Sharma 16 Jul 2019 · 1 min read जीवन है संग्राम बन्धु रे जीवन है संग्राम, निज अस्तित्व बचाने को, लड़ना पड़ता है आठौ याम। कभी समाज से कभी सिद्धांत से, कभी अपने मन की उद्भ्रान्ति से। बीत जाता है जीवन... Hindi · कविता 3 445 Share Jayanti Prasad Sharma 7 Nov 2018 · 1 min read माँ की ममता की छांव जब भी किसी ने मुझे सताया, माँ ने मुझको गले लगाया। जब भी दुखों की धूप से झुलसा, माँ ने ममता का छत्र लगाया। कभी सिर दर्द से हुआ परेशां,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 73 885 Share Previous Page 2