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जीवन एक संघर्ष है जिसमें सबको होकर गुजरना पड़ता है। कुछ खट्टी और मीठी यादें संग रहती हैं।
जीवन में सकारात्मकता विचारों में रहे तो भौतिक कष्ट में भी आत्मिक संतोष की अनुभूति की जा सकती है। जीवन सफल एवं असफल होने की अवधारणा भी मनः स्थिति की उपज है। किसी भी मनुष्य का जीवन पूर्ण रूप से सफल अथवा असफल नहीं हो सकता। जीवन में सफलता एवं असफलता एक सिक्के के दो पहलू हैं इसे हमें स्वीकार करना पड़ेगा। जीवन के दौर में हम नकारात्मक को छोड़कर सकारात्मकता के पक्ष पर विचार करें कि हमने क्या हासिल किया जो औरों के पास नहीं था। हमारी सकारात्मक सोच कि हमारे संतोष की जननी है।
नकारात्मकता निराशा की जननी है।
कृपया आप अपने सकारात्मक पक्ष की और विचार करें। मेरा विचार है कि जीवन क्षणभंगुर है। जब तक जियो निराशा को त्याग कर खुश होकर जियो।
आप एक अद्वितीय लेखन विधा के स्वामी हैं। अपनी विधा से हम सब लोगों को अनुग्रहित करते रहेंगे ऐसी मैं कामना करता हूं।

धन्यवाद !

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