gurudeenverma198 Tag: कविता 254 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid gurudeenverma198 16 Oct 2025 · 1 min read बुरा मानने की बात नहीं है बुरा मानने की बात नहीं होता है, मैं सिर्फ वही कह रहा हूँ, जो मैंने देखा है प्रत्यक्ष में, अगर मैं कहूँ अपनी बात, सच को छुपाकर परदे में, झूठ... Hindi · कविता 68 Share gurudeenverma198 14 Oct 2025 · 1 min read तब मेरी कोई मजबूरी ही होगी ऐसा नहीं कि, मुझमें नहीं है ताकत, या कमजोर हूँ मैं, या फिर मुफ़लिस हूँ मैं, या अकेला हूँ मैं, और मेरा साथ देने वाला, नहीं है कोई भी। ऐसा... Hindi · कविता 69 Share gurudeenverma198 13 Oct 2025 · 1 min read इसलिए ऐसा मैंने फैसला किया मैंने सोचा कि, तुम पर वैसे ही बहुत बोझ है, अपनी गृहस्थी की देखरेख का, और नहीं है तुमको फुरसत, अपनी गृहस्थी और ड्यूटी से। मैंने सोचा कि, नहीं करूँ... Hindi · कविता 66 Share gurudeenverma198 11 Oct 2025 · 1 min read नहीं कर पा रहा हूँ मैं निर्णय नहीं कर पा रहा हूँ मैं निर्णय, बहुत विकट परिस्थिति में हूँ मैं, क्या करूँ, क्या नहीं करूँ मैं, खो जाता हूँ सपनों की दुनिया में, कल्पना करके उन पलों... Hindi · कविता 66 Share gurudeenverma198 9 Oct 2025 · 1 min read अगर कभी हो जाये ऐसा अगर कभी हो जाये ऐसा, कि मैं हो जाऊँ घायल, किसी वाहन की टक्कर से, अचेतावस्था में पड़ा होऊँ, किसी सड़क पर, और जुटी हो भीड़ काफी, मेरे इस अचेत... Hindi · कविता 63 Share gurudeenverma198 8 Oct 2025 · 1 min read मैं धन्य हूँ कि---------- ? मैं धन्य हूँ कि, मैं भारत में पैदा हुआ हूँ, जहाँ होता है हर धर्म का आदर, मुझको बहुत गर्व होता है, मैं धन्य हूँ कि----------------। मगर कुछ लोग हैं... Hindi · कविता 42 Share gurudeenverma198 7 Oct 2025 · 2 min read हाँ, ऐसी ही हो मेरी दुल्हन हाँ, ऐसी ही है मेरा स्वप्न, कितना खुश होगा तब मेरा मन, जब साकार होगा यह स्वप्न, जब ऐसी ही होगी मेरी दुल्हन, तब हो जायेंगे साकार मेरे सभी स्वप्न।... Hindi · कविता 35 Share gurudeenverma198 29 Sep 2025 · 1 min read ये रिश्तें हैं जो-------- ? ये रिश्तें हैं जो हमसे जीवित हैं, ठीक उसी तरह जैसे कि, कोई पौधा हमसे पलता है, फलता है और फल देता है। ये रिश्तें हैं, और इनमें सत्व है... Hindi · कविता 67 Share gurudeenverma198 23 Sep 2025 · 1 min read वैसे मुझको शौक नहीं वैसे मुझको शौक नहीं, किसी को अपना समझना, किसी पर दया बरसाना, किसी से प्रेम करना, बिना जांचे कभी। और यह भी मेरी आदत नहीं, कि मुझको इज्जत दिये बिना,... Hindi · कविता 61 Share gurudeenverma198 17 Sep 2025 · 1 min read वह जानती है------------- ? वह जानती है-------------, और अक्सर। उसने भी देखा है, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में मुझमें, मेरे उठने-बैठने के तरीकों में, मेरे बोलने की लय-ताल में, मेरे हाथों के इशारों में,... Hindi · कविता 88 Share gurudeenverma198 28 Aug 2025 · 1 min read वो आदमी जो---------- ? वो आदमी जो, लगा है जनकल्याण में, अपने हाथों को वह, मिट्टी से सनकर, बनाता है एक सुंदर बस्ती, लेकिन उसका दुर्भाग्य यह है, कि उस आदमी को, आदम कहा... Hindi · कविता 113 Share gurudeenverma198 3 Aug 2025 · 1 min read दिले-ईमान तो भय क्या पिलाकर एक घूंट प्रेम की वो, हो जाते हैं इस गलतफहमी के शिकार, कि अपनी तो इसमें नफा है, और गंवायी नहीं हमने एक कोड़ी, शायद इसी स्वार्थ में, वो... Hindi · कविता 91 Share gurudeenverma198 28 Jul 2025 · 1 min read इस मंजिल तक पहुंच नहीं पाया मैं सोचता हूँ दिन रात मैं, लेकिन इस मंजिल तक, पहुंच नहीं पाया मैं, बिगाड़ता रहा हूँ अब तक, मैं अपना कीमती समय, इस मंजिल की तलाश में, गुजारता रहा हूँ... Hindi · कविता 99 Share gurudeenverma198 26 Jul 2025 · 1 min read ये ख्वाब,जो देखती हैं आँखें ये ख्वाब, जिनको देखती हैं आँखें, हर दिल जानता है, कि ये बड़ी बेदर्दी है, क्या कुछ नहीं करता इंसान, अपने इन ख्वाबों के लिए, जिनमें देखता है वह, खुद... Hindi · कविता 85 Share gurudeenverma198 24 Jul 2025 · 1 min read मैंने चाहा कि--------- ? मैंने चाहा कि-------, नहीं, मैं यह नहीं करूँ, दिखाऊँ नहीं अपनी शर्म, बताऊँ नहीं खुद को बेशर्म, लेकिन मैं, मेरे मन को बदल नहीं सका। मैंने चाहा कि---------, नहीं, अब... Hindi · कविता 83 Share gurudeenverma198 20 Jul 2025 · 1 min read खुशी मुझको भी हो रही है खुशी मुझको भी हो रही है, कि तुमने भी समझ लिया है, जीवन का ध्येय, और उत्सुक है तुम्हारे नेत्र, अपने लक्ष्य की तस्वीर देखने को, उतावले हैं तुम्हारे कदम... Hindi · कविता 104 Share gurudeenverma198 16 Jul 2025 · 1 min read मैं लोगों को समझाना चाहता हूँ मैं लोगों को समझाना चाहता हूँ, कि हमारे मन-मष्तिष्क, और हाथों से ऐसा न हो, कि जिसको सुधारने में, लग जाये करोड़ों वर्ष। मैं लोगों को समझाना चाहता हूँ, कि... Hindi · कविता 130 Share gurudeenverma198 15 Jul 2025 · 1 min read क्यों बनाये जाते हैं ये रिश्तें क्यों बनाये जाते हैं ये रिश्तें, जबकि सच तो यह है, कि कोई भी नहीं मरता है, मरने वाले के साथ कभी भी। और सच यह भी है, कि जब... Hindi · कविता 78 Share gurudeenverma198 11 Jun 2025 · 1 min read छटपटाता रहता हूँ मैं नहीं छोड़ पाया मैं, अभी तक, अपनी इस आदत को, रात को जब, सो रही होती है दुनिया, मैं व्यस्त होता हूँ, अपने काम में, और डूबा रहता हूँ, अपने... Hindi · कविता 105 Share gurudeenverma198 10 Jun 2025 · 1 min read इसलिए कि कल वो---------- ? इसलिए कि मेरे ये शब्द, मैं उनको समझा सकूँ, कि मैं क्या सोचता हूँ, उनके बारे में, मालूम नहीं, कब बन्द हो जाये, मेरी यह जुबां-ए-दिल, अगर कल तक मैं,... Hindi · कविता 58 Share gurudeenverma198 8 Jun 2025 · 1 min read हाँ, मुझको अब इनसे---------- ? हाँ, अब मुझको, इनसे कोई वास्ता नहीं, काँटों के सिवा मुझको, पथ में मिला ही क्या है, हाँ, अब मेरा, इनसे कोई रिश्ता नहीं। काट रहा हूँ मैं सजा, इनके... Hindi · कविता 63 Share gurudeenverma198 7 Jun 2025 · 1 min read मेरी तरहां उनको भी------------ शीर्षक- मेरी तरहां उनको भी--------------- ? ----------------------------------------------------------- मेरी तरहां उनको भी, नहीं है विश्राम, कि वो सोचे जरा, लेकिन मुझको विश्वास है, कि वो जरूर सोचेंगे, थोड़ा अवकाश पाकर। जैसे... Hindi · कविता 101 Share gurudeenverma198 6 Jun 2025 · 1 min read देखकर ये रंग-बिरंगी कलियां देखकर ये रंग-बिरंगी कलियां, ये महके हुए फूल, देखकर इनको, कभी मेरी भी चाहत होती है, कि लगा लूं मैं इनको गले, और जाकर चूम लूँ इनके लब। देखकर ये... Hindi · कविता 61 Share gurudeenverma198 5 Jun 2025 · 1 min read अब वह कलप मेरे दिल में--------- ? वह कलप अब, मेरे दिल में नहीं रही, जिसके लिए मैं, तड़पता था दिन-रात, और अपने खूं से, लिखी थी जिसकी इबारत, जिसको मैंने पाने के लिए। निहारता था मैं,... Hindi · कविता 90 Share gurudeenverma198 4 Jun 2025 · 1 min read कैसे लोग हैं ये कैसे लोग हैं ये, समझ लेते हैं हर किसी को, अपना मालिक ये लोग। कम से कम इन्होंने, यह तो देखा होता, कि कितना उज्ज्वल है, वह कितना पवित्र है,... Hindi · कविता 73 Share gurudeenverma198 3 Jun 2025 · 1 min read मैं ऐसा क्यों लिख रहा हूँ मैं ऐसा क्यों लिख रहा हूँ , यह तुमको भी मालूम है, हाँ, मैं यहाँ तुम्हारा पता भी लिखता, खास, मुझको तुम्हारी कुछ खबर होती, तू सोच रही होगी, कि... Hindi · कविता 101 Share gurudeenverma198 2 Jun 2025 · 1 min read लेकिन यह तो एक रीत है हाँ, यह तो एक रीत है, विदाई की यह रस्म, जो जीवित है सदियों से, और चली आ रही है वर्षों से, दुःख इसलिए होता है कि, वर्षों से पोषित... Hindi · कविता 90 Share gurudeenverma198 1 Jun 2025 · 1 min read वर्षों तक तूने जो साधना की थी वर्षों तक तूने जो साधना की थी, और जो प्रार्थना की थी भगवान से, कि इनकी सहानुभूति तुम पर बनी रहे, उनका शुभाशीष तुम पर रहे, आज वह दिन है,... Hindi · कविता 60 Share gurudeenverma198 31 May 2025 · 1 min read ऐसा मैंने हमेशा देखा है ऐसा मैंने हमेशा देखा है, कि तुम मुझे याद करते हो, और मैं तुम्हें याद नहीं करता, यही मेरी जिंदगी की कहानी है। मेरा बचपन उस स्थिति में बीता है,... Hindi · कविता 94 Share gurudeenverma198 30 May 2025 · 1 min read जब जाग रही होती है सारी दुनिया जब जाग रही होती है सारी दुनिया, तो मैं सो रहा होता हूँ , और बुन रहा होता हूँ अपने ख्वाब, ख्वाबों में अपनी बस्ती, बस्ती में तलाश रहा होता... Hindi · कविता 73 Share Page 1 Next