Er.Navaneet R Shandily Tag: कविता 50 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Er.Navaneet R Shandily 31 May 2024 · 1 min read पल्लवित प्रेम शतपत्र सरीखी गंध में पल्लवित प्रेम हो मेघ से मंडित गगन में संचरित प्रेम हो कुमिदनी कुञ्ज में भृंग मिलन स्नेह हो सार के सजीवता में बस तुम्हारा नेह हो... Hindi · कविता 1 97 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read व्यथा हमारी दब जाती हैं, राजनीति के वारों जन जन के पीड़ा को मन ने गंतव्य निधि में पाया हैं वाम पंथ धर्म अपनाते नेताओं को हमने पाया हैं सहादत पर वोट मांगते, जनता के दरबारों से व्यथा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 75 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read मेघनाद लंका का वह गर्व धरोहर, कुल का वह अभिमान हैं इंद्रदेव को जीतने वाला, वह बालक तो बलवान हैं युद्ध को निर्णायक पथ पर, करना उसकी शान हैं आत्मज जी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 68 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read श्रद्धांजलि समर्पित कुल भूषण प्रतिष्ठ कलश को, मेघ नीर पंकिल किए सुशोभित गृह बाखर मेरे, विशिक चाप् से झील किए आकर प्रपंच के मानवता में, मंगल राहु शनि भूत हुए अरण्य कृशानु,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 105 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read मन का प्रोत्साहन उपवन खिली बहार थीं, आशाओं के पहने हार थीं स्रोतस्विनी के धार में, अवलम्ब बनी पतवार थीं निराशाओं में आश जगाने, वाली तेरी पहचान थीं किलिष्ट कड़ी घटना को, सुलझाने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 96 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read शिव जी प्रसंग श्वेत शैल, सिंहासन हिम गिरी, नन्दी की सवारी बाघम्बर का छाला पहनें, महादेव त्रिपुरारी सुशोभित भुजा में बांधे, रुद्राक्ष की माला पहनें हीरा मोती आभूषण, भुजंग मुंड की माला शशिभूषण... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 58 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read संघर्ष मंजिले तड़प रहीं, मिलने को ए सिपाही सोचता क्या हैं तू, बन संघर्ष का राहीं चक्र हैं घटना क्रम, मिश्रित सफल कहानी बहा कर देख ले, तन सीकर का पानी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 65 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read महाराणा प्रताप मुग़लों के दाँत हुये खटे, मेवाड़ी राज पूतनो से हल्दी घाटी हो गयी घायल, मुगल सिसोदिया राज घरानो से बरछी भाल कटारी लेकर, चेतक के टँकारो से राणा को तो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 52 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read मुज़रिम सी खड़ी बेपनाह प्यार में गुम शुम बैठी रही मैं सुबह शाम में नैन आँसू उदासी कैसे भेजू पैग़ाम में दिल डूबा हुआ मेहबूब याद में इश्क़ की जंजीर तोड़े किस ख्यालें आजाद में उह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 73 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read मैं(गाँव) तड़प रहा हूँ पल-पल में वीभत्स का तू धूप लिया हैं मानसिकता अगुण रूप लिया हैं भाई-चारा लूट लिया हैं धन वैभव मन खोट किया हैं जाति-पाती के दल-दल में अनैतिकता के हल-चल में व्यक्ति... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 49 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read द्रौपदी मामा शकुनी की वह चाल द्रुत क्रीड़ा में किया कमाल दास बने बैठे सब पाण्डव छल से जीता हर एक दाव धर्मराज नहीं धर्म निभाये पत्नी को भी दाव लगाये... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 46 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read मेरा हृदय मेरी डायरी कुर्सी मेज़ कलम की यारी अंतर मन में कवि को प्यारी मिश्रित भाव की मेरी शायरी मेरा हृदय, मेरी डायरी ज्योति दीप प्रेरित अभिलाषा प्रकृत भाव की मेरी भाषा सार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 39 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read अधूरा मिलन मिलकर भी ना मिल सके आप से दो क्षण ही सही हम जुड़े आप से भीतर भीतर हमें भी ग्लानि हुई मेरे मौन शब्द ना जुबानी हुई सोचा बहुत सा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 44 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read मीठा जीतना मीठा हो वह घातक विष बन जाता हैं मीठा जीतना मीठा हो वह घातक विष बन जाता हैं सच्चे प्रेम की तीखी बोली, मृत्यु सुनिश्चित करवाता हैं रण कौशल का मूल खिलाड़ी, शून्य गति को जाता हैं मूल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 35 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read कर्त्तव्य के विरुद्ध हो अटका हुआ हैं सारंग धारा के चाल में भटका हुआ हैं निर्मोही माया के जाल में दोष कैसे मढ़े किसी तनुजा के शीश को अनुचित विभक्ति ग्रहण करें नित्य विष... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 33 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read फाल्गुन महिनवा में पतझड़ महीना नई आश लेई आईल अमवा बऊर देखी मन हर्षा-ईल पौधा पुष्प खिला दी अंगनईयाँ फाल्गुन महिनवा में धली रेल गड़ियाँ रतिया में हम के बीरावे ले अजोरियाँ धई-धई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 62 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read प्रकृत की हर कला निराली छप्पन भोग सजा दे थाली श्रृंगार सुशोभित करने वाली ममता स्नेह की इनकी प्यारी उपवन की सजा वे क्यारी भू- गर्भ सी क्षमता वाली उपमा सी ये शक्तिशाली प्रकृत की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 37 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read द्वार खुले, कारागार कक्ष की द्वितीय घड़ी, वह कृष्ण पक्ष की द्वार खुले, कारागार कक्ष की उमड़ घुमड़ घन, शोहर गाते शेषनाग फन, छप्पर छाते माँ यमुना हैं, चरण पखारत लालच नारद, मुनि को आवत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 51 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read अनमोल दोस्ती अनमोल दोस्ती का अनमोल तू खजाना जीवन सोपान पद का पहचान भी कराना अदृश्य डोर बंधकर, एहसास भी कराना कमजोर जब पड़े तो विश्वास भी जगाना ए दोस्त तू मेरी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 70 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read दर्द कहूं कैसे दर्द कहूं मैं अपने कैसे सपने दफन हुए हैं जैसे बड़े सिखाएं मर्यादा को भंग करें कानूनी कायदा को नियम विच्छेदन करते जाए छोटो को नया पाठ पढ़ाए गांवों के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 87 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read तेरा ही आभाव हैं जीवन के दर्पण में खुद का ही गुणगान हैं संताप की धरती में अनेकों बलिदान हैं रहस्य की दुनिया में रहस्य-मयी घाव हैं तूफान के आगोश में डूबने को नाव... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 56 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read तुझे बनाऊँ, दुल्हन घर की कुछ हैं अधूरा कुछ हैं पूरा नव-जीवन का नया सवेरा किस जन्म का रिश्ता तेरा मिलने को मन करता मेरा तू सपना हिय के मंदिर की तुझे बनाऊँ, दुल्हन घर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 80 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं हो बुझी हुई आश को विश्वास दे रहीं हो नि:स्वर कलेवर को सास दे रहीं हो बालक अज्ञानी को खास दे रहीं हो टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 63 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read चुनरिया हम चढ़ाई कईसे गरजेला बघवा, मंदिर बीच मईया सेवका त, आईल बाडे, राऊर दुवरिया कि बघवा गरजत बाडे हो$2 बीच दुवरिया आके मईया, चुनरिया हम चढ़ाई कईसे करूण पुकार के अरज सुना मईया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 62 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read कैसे पड़े हैं प्रभु पाँव में छाले क्यों बनते हैं बहुत ही भोले अन्तर मन की बात न खोले कालिया नाग को नाथने वाले कैसे पड़े हैं प्रभु पाँव में छाले ऐसा घाव कभी नहीं देखा भक्त... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 55 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read कर्ण कुंती संवाद पाँव रुके मन नहीं हैं माने ब्रह्म पहर में चली मनाने सरिता के तट पर जा करके फैलाई आँचल खुद धरके सत्य कहूँ या मांगू भीक्षा तेरे हाथों कुल की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 111 Share Er.Navaneet R Shandily 22 Apr 2024 · 1 min read लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे लोकतन्त्र के बनिया बकड़ अपना रंग सजाएंगे जनता को वह मूर्ख बनाकर अपना रंग जमाएंगे गली गली के चौराहों पर नोट बाटने आएंगे लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे... Hindi · कविता 3 125 Share Er.Navaneet R Shandily 5 Apr 2024 · 1 min read प्रेम पल्लवन रिश्तें कहाँ अपने रहें वह दूर जाते दिख रहें अहम् के परिवेश में अमानवता के पालन सीख रहे जिज्ञासा माया मिलन, प्रेम पारितोषक अब कहा हैं तृप्त जोगी संतृप्त सुदृढ़... Hindi · कविता 2 106 Share Er.Navaneet R Shandily 27 Feb 2024 · 1 min read अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो माथे पे सौंधी मिट्टी का चंदन हो अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो सारा समर्पण कर के चला हूँ आँचल भू के मिट्टी में पला हूँ जेष्ठ के दोपहरी में... Hindi · कविता 2 287 Share Er.Navaneet R Shandily 30 Jul 2023 · 1 min read सावन में संदेश प्रकृति की सारी उपमाएं, लालिमा बिछाए झांके लावण्य रूप अनुपम छवि, पिया मिलन को ताके छत पर बैठी देख रहीं वह, प्रकृति की अटखेली विरह सोच में डूब गई वह,... Hindi · कविता 1 516 Share Er.Navaneet R Shandily 15 May 2023 · 2 min read सिया राम विरह वेदना ऋतु बसंत नभ मेघ गरजते, वसुधा पर रचि हरि माया तरु आसीन ओट धरि जननी, उद्विग्न हृदय रघुराया मेघ दृश्य चक्षु प्रस्त्रवण सम, करे घोर धर वर्षा कृपानिधि, सिंधु सुता,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 566 Share Er.Navaneet R Shandily 19 Apr 2023 · 1 min read तप त्याग समर्पण भाव रखों तप त्याग समर्पण भाव रखों कटु वचनों का भी स्वाद चखों रत्नाकर सा गहरा सहृदय रखों विचलिन मन को भी बाध्य रखों निष्ठुर पाषाण चक्षु ना रखना अंतः कलश को... Hindi · Quote Writer · कविता 789 Share Er.Navaneet R Shandily 28 Mar 2023 · 1 min read शहर माई - बाप के पुण्य ना मिली कर्जा, चढ़ जाई पाप के कबो ना बोलईहा, शहर माई - बाप के दिलवा पे पाथर रखी, छोड़े घर बार हो अंधेरा छाई जाला, मनवा के दवार... Bhojpuri · कविता 1 269 Share Er.Navaneet R Shandily 7 Mar 2023 · 1 min read फाल्गुन वियोगिनी व्यथा देवरू ननदिया के बारी, सजन रंगवा कईसे लगवाई फागुन में कसे व्यंग नारी, श्रृंगार बोला कईसे सजाई भोरे में लगे शिहरावन, फागुन देला अगिया लगाई उठेला बदन में अंगड़ाई, सजन... Bhojpuri · कविता 2 650 Share Er.Navaneet R Shandily 6 Feb 2023 · 1 min read छोटा सा परिवेश हमारा जीवन का संघर्ष सहारा चमके ओक मुकुट हमारा बालक मातृ-पिता को प्यारा कितना प्यारा, कितना न्यारा छोटा सा परिवेश हमारा अम्बर में सारंग मतवाला मस्ती में उछली जयमाला यश-कृति पूज्यवर... Hindi · Quote Writer · कविता 1 490 Share Er.Navaneet R Shandily 5 Feb 2023 · 1 min read सीमवा पे डटल हवे, हमरे भैय्या फ़ौजी संदेशा हमरा के, मिलल बाटे, खास हो सगरों मनसा, पूराई तोहर, आश हो सरहद से, आईल बाटे, भैय्या के तार हो दुश्मन के ढेर करे, सीमवा के पार हो भैय्या... Bhojpuri · कविता 1 243 Share Er.Navaneet R Shandily 8 Jan 2023 · 1 min read अनुभव विफल कितना भी हो तुम, लड़ना सीखना होगा गति अति मंद हो तो भी, चलना सीखना होगा निश्चित निरंतर अभ्यास में, तपना सीखना होगा साधक को सार्थकता में, पलना सीखना... Hindi · कविता 2 165 Share Er.Navaneet R Shandily 29 Nov 2022 · 1 min read श्रृंगार करें मां दुल्हन सी, ऐसा अप्रतिम अपरूप लिए मातृ भूमि पर, जीवन अर्पण, पुष्प समर्पित थाली है ग्रीव ग्रीवा में, जयमाला की, हार पहनने वाली है उत्तर में श्वेत हिम गिरी सा, मुकुट प्रकाशित धूप लिए श्रृंगार करें... Hindi · कविता 1 259 Share Er.Navaneet R Shandily 25 Nov 2022 · 1 min read आपकी यादों में हां गुनगुनाता हूं हां मुस्कुराता हूं आपकी यादों में, यूं गुम हो जाता हूं ना तंज कसता हूं ना रंज रखता हूं आपकी यादों में, यू नज्म पढ़ता हूं ना... Hindi · कविता 2 211 Share Er.Navaneet R Shandily 10 Nov 2022 · 1 min read कैसे प्रेम इज़हार करूं त्याग उर भीतर आदर तब अब है, कर्त्तव्य मेरा एक ढाल कुल भूषण उष्णीष प्रतिष्ठा, सम्रांजक रखा संभाल त्याग समर्पण वज्र मेरे, फिर जीती बाज़ी हार थरूं पग पर अपने... Hindi · Daily Writing Challenge · कविता 2 1 279 Share Er.Navaneet R Shandily 25 Sep 2022 · 1 min read सोचता हूं कैसे भूल पाऊं तुझे सपना सोते हुए ना, दिखाओ मुझे अपनी यादों से, अब ना, सताओ मुझे चाह कर भी ना, अपना कह पाऊं तुझे सोचता हूँ मैं कैसे, भूल पाऊँ तुझे बैठे -... Hindi · कविता 3 1 267 Share Er.Navaneet R Shandily 19 Sep 2022 · 1 min read एहसास एक आश लगी जो तुझसे, सार नदी में डूब रहीं अपनी नई कहानी सारी, चर्चा में वह खूब रहीं सपने दफ़न निराले अपने, ख्वाबों में मजबूरी थी आस - पास... Hindi · कविता 4 367 Share Er.Navaneet R Shandily 31 Jul 2022 · 1 min read विधवा की प्रार्थना सम्मान में न जाने, कैसा मिला अभिशाप है आश के विश्वास में, मुझको मिला संताप है लाली-वाली बिंदियाँ छूटी, छूटा पाव महावर का क्या कसूर मेरा था गिरिवर, छूटा साथ... Hindi · कविता 3 1 627 Share Er.Navaneet R Shandily 21 Jul 2022 · 1 min read सावन में साजन को संदेश धरती है श्रृंगार सजाएं ऋतु सावन बहार में मैं भी प्यासी, तड़प रही हूं साजन तेरे प्यार में मंद मंद ए, पुरवा हवाएं छूकर दर्द बढाती है रिम झीम मेघ,... Hindi · कविता 1 469 Share Er.Navaneet R Shandily 10 Apr 2022 · 1 min read आदर्श ग्राम्य पराकाष्ठा अपरूप लिए, ग्रामीण सजा है भव्य प्राण प्रतिष्ठा बसे हमारे, उर ग्राम्य धर्म कर्त्तव्य अमूल्य निधि अरुणोदय की, चित चितवन सब धन्य आदर्श ग्राम्य आंचल ओढ़े, धन्य गात चैतन्य... Hindi · कविता 2 461 Share Er.Navaneet R Shandily 3 Mar 2022 · 1 min read सञ्जीवनी साधना विभावरी में जाग कर, तपस्या में मन साधकर चमकता हुआ ध्रुव बने, अरुणोदय सा प्रभाकर निर्वाण नीति प्रबुद्ध में, देश भक्ति है जननी चैतन्य आत्म साधना, प्रवाह धार स्रोतस्विनी निवारण... Hindi · कविता 1 295 Share Er.Navaneet R Shandily 27 Jan 2022 · 1 min read गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं कोसू मैं भाग्य को या अपनी तकदीर को आँखों में आँसू भरूँ या देखू हस्त लकीर को वरदान माँगू हे प्रभु ए मेरा अधिकार नहीं गंतव्य में पीछे मुड़े अब... Hindi · कविता 3 1 776 Share Er.Navaneet R Shandily 31 Dec 2021 · 1 min read शीतलहर के हलकोरों में, नव वर्ष नहीं मनाया जाएगा खेतों की हरियाली सहमी, सहमी किसानों की नरमी है पेड़ों से पत्ते भी गिरते है, बाखर की तुलसी सहमी है झूलसे है अरहर के फूले, वसंत की छूटी अंगड़ाई है... Hindi · कविता 1 218 Share Er.Navaneet R Shandily 10 Dec 2021 · 1 min read भारत के वीर जवानों से अमर रहे, तू अमर रहे, जन-शक्ति के नारों से कश्मीर हमारा घायल था, आवैसी गद्दारों से हाथों में संगीन उठाके, बदला लिए हत्यारों से छाती में आग ध-धकता था, आतंकों... Hindi · कविता 2 2 680 Share Er.Navaneet R Shandily 9 Nov 2021 · 1 min read नक्षत्र निशा सोम सितारे नक्षत्र निशा सोम सितारे अर्चि, उद्विग्न हृदय हमारा है चार कोश की दूरी भी अब, शत योजन सा किनारा है प्राची दिस में नभ अवलोकन, प्रहर तीन तक जागा है... Hindi · कविता 1 384 Share