Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jul 2022 · 1 min read

विधवा की प्रार्थना

सम्मान में न जाने, कैसा मिला अभिशाप है
आश के विश्वास में, मुझको मिला संताप है
लाली-वाली बिंदियाँ छूटी, छूटा पाव महावर का
क्या कसूर मेरा था गिरिवर, छूटा साथ मेरे प्रियवर का

श्वेत वस्त्र शान्ति प्रतीक का, मुझे कलंकित करता है
सामाजिक गतिविधियों में, मुझको लज्जित करता है
किन कर्मों का फल दिया, मुझे बताओं दिलवर का
क्या कसूर मेरा था गिरिवर, छूटा साथ मेरे प्रियवर का

सामाजिक संस्कृतियों से, अब हम क्यूं निष्क्रिय हुए
मानवता के बल वेदी पर, क्यूं चुभते शूल के तुल्य हुए
पारदर्शिता अपरोक्ष करण में, अमूल्य चुकाया भावर का
क्या कसूर मेरा था गिरिवर, छूटा साथ मेरे प्रियवर का

नीति शास्त्र और शास्त्र धरोहर, पूर्व जन्म का कारक है
पाषाण निठुर निष्ठुर तक कहते, जो समाज के जातक है
मंगल साध्य तपस्या में, मिला अपूर्ण साथ परमेश्वर का
क्या कसूर मेरा था गिरिवर, छूटा साथ मेरे प्रियवर का

दुराचारिणी अपरिभाषित, अप्रमाणिक प्रसंग सुनाते है
अर्थ अनर्थ वैदिक घटना, सब मुझपर दोष लगाते है
अभागी प्रकृति विश्लेषण, क्यूं ग्रास बनाया दण्डधर का
क्या कसूर मेरा था गिरिवर, छूटा साथ मेरे प्रियवर का

किसे बताऊं किसे दिखाऊं, जो अंतर द्वंद्व की बाते है
न्याय मांगने किससे जाऊ, जब सब दोषी ठहराते है
अंतिम परिपक्वता आप जानते, मेरे मन के भावर का
क्या कसूर मेरा था गिरिवर, छूटा साथ मेरे प्रियवर का

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 482 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Er.Navaneet R Shandily
View all
You may also like:
अपनी मनमानियां _ कब तक करोगे ।
अपनी मनमानियां _ कब तक करोगे ।
Rajesh vyas
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-159💐
💐प्रेम कौतुक-159💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
-- क्लेश तब और अब -
-- क्लेश तब और अब -
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
Happy sunshine Soni
बढ़ी शय है मुहब्बत
बढ़ी शय है मुहब्बत
shabina. Naaz
हमें यह ज्ञात है, आभास है
हमें यह ज्ञात है, आभास है
DrLakshman Jha Parimal
"यादें अलवर की"
Dr Meenu Poonia
ले चल मुझे भुलावा देकर
ले चल मुझे भुलावा देकर
Dr Tabassum Jahan
24/241. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/241. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सफ़र है बाकी (संघर्ष की कविता)
सफ़र है बाकी (संघर्ष की कविता)
Dr. Kishan Karigar
पर्यावरण
पर्यावरण
Dr Parveen Thakur
दान देने के पश्चात उसका गान  ,  दान की महत्ता को कम ही नहीं
दान देने के पश्चात उसका गान , दान की महत्ता को कम ही नहीं
Seema Verma
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
Ravi Prakash
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
Sundeep Thakur
काश तुम मेरी जिंदगी में होते
काश तुम मेरी जिंदगी में होते
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
At the age of 18, 19, 20, 21+ you will start to realize that
At the age of 18, 19, 20, 21+ you will start to realize that
पूर्वार्थ
जिंदगी तुझको सलाम
जिंदगी तुझको सलाम
gurudeenverma198
कभी जब ग्रीष्म ऋतु में
कभी जब ग्रीष्म ऋतु में
Ranjana Verma
जब आसमान पर बादल हों,
जब आसमान पर बादल हों,
Shweta Soni
हिंदी दोहा- अर्चना
हिंदी दोहा- अर्चना
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
মন এর প্রাসাদ এ কেবল একটাই সম্পদ ছিলো,
মন এর প্রাসাদ এ কেবল একটাই সম্পদ ছিলো,
नव लेखिका
"ऐ जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा भारत देश
मेरा भारत देश
Shriyansh Gupta
बदलने को तो इन आंखों ने मंजर ही बदल डाले
बदलने को तो इन आंखों ने मंजर ही बदल डाले
हरवंश हृदय
Life is too short to admire,
Life is too short to admire,
Sakshi Tripathi
मुझे याद🤦 आती है
मुझे याद🤦 आती है
डॉ० रोहित कौशिक
दुर्योधन को चेतावनी
दुर्योधन को चेतावनी
SHAILESH MOHAN
Advice
Advice
Shyam Sundar Subramanian
Loading...