डॉ विजय कुमार कन्नौजे 165 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next डॉ विजय कुमार कन्नौजे 11 Oct 2023 · 1 min read पुरखा के बदौलत पुरखा के बदौलत =========== पितर पाख सिरागे, फेर पूरखा ल नई भुलावव। पुरखा के बदौलत ये, जऊन मैं इंहा जिंदा हावव।। ददा के ददा पुरखा ददा तुंहर दया म अइस... Hindi · कविता 1 178 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 10 Oct 2023 · 1 min read कैसी है ये जिंदगी कैसी है ये जिंदगी ===========..==== कैसी है ये जिंदगी समझ किसी का न आता है। तर्क कुतर्क करके मुरख ब्यर्थ समय गंवाता है।। हाड़ मांस पुतला को सत्य स्वरूप मानता... Hindi · कविता 1 139 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 10 Oct 2023 · 1 min read जुग जुग बाढ़य यें हवात जुग जुग बाढ़य यें हवात सावित्री सम पतिव्रता, होय अचल येंहवात। खुश रहो आनन्द रहो जुग जुग बाढ़य येंहवात खुश रहो, आनन्द रहो शौभाग्यवती हो बेटी। येंहवात तुम्हारा बना रहे... Hindi · कविता 1 157 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 10 Oct 2023 · 1 min read मेरे देश की मिट्टी मेरे देश की मिट्टी =========== जिस मिट्टी के महक से उड़े सुगंध फुहाड़। उस मिट्टी की महिमा को अनंत अनंत प्रणाम।। सुगंध युक्त है,अनुपम छटा है मेरे देश की मिट्टी... Hindi · कविता 2 185 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 10 Oct 2023 · 1 min read ऐ भगतसिंह तुम जिंदा हो हर एक के लहु में विषय,,ऐ भगतसिंह तुम जिंदा हो,हर एक के लहुट में दिनांक,,28/09/2023 ===============...= ऐ भगतसिंह तुम जिंदा हो, हर एक लहु के कतरे में। बिलख पड़े थे बाल्यकाल से सुन मातृभूमि के... Hindi · कविता 1 166 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 10 Oct 2023 · 1 min read शहीद देश के खातिर मिटने वाला शहिद जवान वीर अनेक। देश सरहद पर मिटने वाला भारत भूमि का लाल अनेक। कुछ नामी है कुछ गुनामी है कुछ का ही नाम जान... Hindi · कविता 1 77 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 10 Oct 2023 · 1 min read श्री बिष्णु अवतार विश्व कर्मा सृष्टि रची है जिसने, किया स्वर्ण लंका का निर्माण देख महल लंका को, रावण को हुआ था अभिमान कर्म कार थे विश्वकर्मा साक्षात बिष्णु का अवतार। छन भर में सृष्टि... Hindi · Article 1 137 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 10 Oct 2023 · 1 min read मानव धर्म प्रकाश मानव धर्म प्रकाश ======.===..== सबका मालिक एक है ईश्वर अल्ला ईस टेक। गुरू नानक, कबीरा संत नाना पंत है सब देख।। सत्य दया प्रेम अहिंसा परमो धर्म उपकार। सबसे पहले... Hindi · कविता 1 194 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 10 Oct 2023 · 1 min read बच्छर म एक घंव बच्छर म एक घंव ममा दाई घर जाबो। पोरा तिहार बर नदिया बैला चलाबो।। बांस के असकुड़ सीली चक्का चढाबों दाई के संग संग तीजा माने ल जाबो बच्छर म... Hindi · कविता 1 242 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 10 Oct 2023 · 1 min read यह कैसन सपेरा है सोच सोच,रोज रोज चलन का बेरा है। सोज सोज,खोज खोज रहनी बसेरा है।। नोच नोच खाजी खां कलियन म डेरा है। बागो के फुलन पर भौरों का बसेरा है।। सोच... Hindi · कविता 1 195 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 10 Oct 2023 · 1 min read रूक्मणी रूक्मणी, रूक्मणी, रूक्मणी रूक्मणी है, कान्हा का बंशीधर का कौन है ? जो है नटवर नागर का वह राधा तो मौन है।। मौन स्वीकृति मौन प्रेम सांख्य योग कहलाता है... Hindi · कविता 1 144 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 10 Oct 2023 · 1 min read भाई बहन का प्रेम भाई बहन का प्रेम भाई बहनका प्रेम अनोखा कहें विजय का लेख। एक हाड़ी के है दुई दाना अंतर हृदय को देख।। बच्छर दिन नहीं है बंधन जन्म जन्म का... Hindi · कविता 1 267 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 10 Oct 2023 · 1 min read विधा विधा का हैं ज्ञान नही लिखता हूं तुकांत भाव पुर्ण विचारों पर लिख दिया मै बात पढ़ना हो तो पढ़िये कर हृदण स्वीकार साठ वर्ष के उम्र पर क्या पढुंगा... Hindi · कविता 1 196 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 4 Sep 2023 · 1 min read नागिन नागिन नागिन बन आई आंगन डसने लगी बेकार मुझे। कितनों आई जीवन में ,नागिन करता हूं मैं प्रणाम उन्हें। सम्मान तुम्हारा भी करता हूं पाप कर्मों से भारी डरता हूं... Hindi · कविता 2 1 246 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 4 Sep 2023 · 1 min read ।।सावन म वैशाख नजर आवत हे।। ।।सावन म बैसाख नजर आवत हे।। घातेच करत हे घाम जीव ह थर्रावत हे कुंलर पंखा ले देते,कहिके डोकरी बड़डावत हे।। बिन पानी कस मछरी डोकरी ह हड़बड़ावत हे। बैसाख... Hindi · कविता 3 339 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 4 Sep 2023 · 1 min read सावन म वैशाख समा गे सावन भादो भोंभरा तिपत हे बरषा कहां नंदागे। ऐसन लागत हे जैसन बैसाख महिना आगे।। कुहक म जान छुटत हे तरर तरर पसीना चुहत हे धान पान ह सुखागे ,ऐसन... Hindi · कविता 2 284 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 3 Sep 2023 · 1 min read श्री कृष्ण अवतार जब मचा हुआ था हां हां कार मथुरा में अत्याचार हुआ। अत्याचारी कंस के कारण श्री कृष्ण का अवतार हुआ।। अश्रुनीर से भींगी थी नारियां उनके पति का संघार हुआ... Hindi · कविता 3 1 296 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 2 Sep 2023 · 1 min read गुरू शिष्य का संबन्ध गुरू शिष्य का संबन्ध (विभत्स रस,, स्थायी भाव_घृणा) देख दशा बृद्धन का बह रहा था नीर मलमुत्र से सना हुआ कोई न बैठें तीर खांसते खखारते असहाय कफ बना था... Hindi · कविता 2 147 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 1 Sep 2023 · 1 min read कमरछठ, हलषष्ठी कमरछठ, हलषष्ठी हलषष्ठी ल कमरछठ कईथन छत्तीसगढ़ी तिहार हे। हिस्ट पुष्ट लईका मन राहय लंबा उमर बरदान दे।। काशी पेड़ के फुल हे दाई पसहर चाऊंर के भात हे। दोना... Hindi · कविता 3 377 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 1 Sep 2023 · 1 min read अबके तीजा पोरा अबके तीजा पोरा पहिली के प्रेम प्रीत ,निच्चट सिरागे आठे मनाबो, तहां ,तीजा ह आगे।। घरो घर जावय अऊ करूं बात खावय पोरा पटकई ह अब, घलो नंदागे पहिली के... Hindi · कविता 3 308 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 31 Aug 2023 · 1 min read वाह रे जमाना बड़ी श्रद्धा भाव से , गई थी प्योसार लौट आई रूदन कर लौटी है ससुराल पीहर पहूंची,भाई को खोजी मिला न भाई यार मां को पुछी,घर आंगन ढुंढी भैया गया... Hindi · कविता 2 142 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 29 Aug 2023 · 1 min read जहां हिमालय पर्वत है जहां हिमालय पर्वत है जहां जलधाराएं गंगा की भारत भुमि को नमन है जहां सम्मान है तिरंगा की आपस का मदभेद मिटाकर सब याद करें कुर्बानी की भाई चारा का... Hindi · कविता 2 129 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 29 Aug 2023 · 1 min read पुण्य आत्मा पुण्य आत्मा सुनकर देखो तन के अंदर कोई दिल अंदर बोल रहा पुण्य आत्मा जग जाहिर है सत्य बात को जो खोल रहा समझ रहा है मिट्टी का मुरत बस... Hindi · कविता 2 210 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 29 Aug 2023 · 1 min read नारी का श्रृंगार नारी का श्रृंगार एक समयके बात ये पार्वती , शिवशंकर ल कइथे। आनी बानी के गहना गुरिया मनखे के नारी पहिरथे।। मोरो अड़बड़ सउख है स्वामी गहना गुरिया ले देते।... Hindi · कविता 1 106 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 29 Aug 2023 · 1 min read एक राजा की राज दुलारी एक राजा की राज दुलारी राज सभा को प्यारी थी। कर्म धर्म पर सजग प्रहरी मानवता की पुजारीन थी।। सत्यवान की नारी सुंदर किस्मत की वो मारी थी। राज महल... Hindi · कविता 2 87 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 29 Aug 2023 · 1 min read एक राजा की राज दुलारी एक राजा की राज दुलारी राज सभा को प्यारी थी। कर्म धर्म पर सजग प्रहरी मानवता की पुजारीन थी।। सत्यवान की नारी सुंदर किस्मत की वो मारी थी। राज महल... Hindi · कविता 2 219 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 29 Aug 2023 · 1 min read धीरे-धीरे हर चीज ह नदावत हे धीरे-धीरे हर चीज ह नदावत हे का होंगे दाई,,गोबर ह बेचावत है। गाय बछरू अब नोहर होवत हे बाचे खोंचे मन सड़क म रोवत है।। गहूं के संग म कीरा... Hindi · कविता 1 229 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 29 Aug 2023 · 1 min read भुतकाल के वशीभूत भुतकाल कायल हो। भुतकाल के वशीभूत भुतकाल कायल हो। हो विच्छेदन पति-पत्नी दोनों रहे नालायक हो।। पवित्र बंधन में पति-पत्नी समझ रखोगे यार। पत्नी तो खोजत फिरे निज पति का प्यार ।। है... Hindi · कविता 1 243 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 29 Aug 2023 · 1 min read राजनीति =फर्ज निभाने राज नेता लेते हैं संकल्प । राजनीति =फर्ज निभाने राज नेता लेते हैं संकल्प । प्रजा पालक बन हितेषी करते हैं तर्क।। कुटनीतिज्ञ बनकर अब चलते हैं कुछ चाल।। देश द्रोही काम कर अब बन जाते... Hindi · कविता 1 339 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 29 Aug 2023 · 1 min read वह कौन शख्स था वह कौन शख्स था,जो सनातन नष्ट करने में तुला था किसने लिखा संविधान जब आसमान निर्भीक खुला था वह कौन शख़्स था ,जो संस्कृत का अंत करने में तुला था... Hindi · कविता 1 236 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 29 Aug 2023 · 1 min read मिल जाये इस जगत में मिल जाये इस जगत में पुर्ण ब्रम्ह की प्राप्ति मृगतृष्णा को त्याग दें तब मिलेगी सुख शांति जहां न मिले सुख शांति वहां न पहुंचे लोग मृगतृष्णा माया नगरी में... Hindi · कविता 1 192 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 29 Aug 2023 · 1 min read विधा का हैं ज्ञान नही विधा का हैं ज्ञान नही लिखता हूं तुकांत भाव पुर्ण विचारों पर लिख दिया मै बात पढ़ना हो तो पढ़िये कर हृदण स्वीकार साठ वर्ष के उम्र पर क्या पढुंगा... Hindi · कविता 1 144 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 29 Aug 2023 · 1 min read निषिद्ध कर्मों को त्याग सदा निषिद्ध कर्मों को त्याग सदा पायें सदा सुख शांति मृगतृष्णा है ,यह माया नगरी पग पग मिलत है क्रांति काम क्रोध अरू लोभ है छल कपट की भ्रांति मृगतृष्णा है... Hindi · कविता 2 239 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 29 Aug 2023 · 1 min read भाई बहन का प्रेम भाई बहन का प्रेम भाई बहनका प्रेम अनोखा कहें विजय का लेख। एक हाड़ी के है दुई दाना अंतर हृदय को देख।। बच्छर दिन नहीं है बंधन जन्म जन्म का... Hindi · Article · कविता 1 90 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 29 Aug 2023 · 1 min read सांख्य योग है समर्पण सांख्य योग है समर्पण कर्म योग में काम मोक्षदायिनी मार्ग यह जपले सीता राम सरल भक्ति है समर्पण कर्म क्षेत्र विकराल मृतलोक है माया नगरी छणभंगुर है संसार प्रेम रस... Hindi · कविता 2 120 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Aug 2023 · 1 min read संस्कार संस्कृति सभ्यता आज लगता है ऐसा,पृथ्वी संस्कार संस्कृति से खाली है चींटी के झुण्डों ने मानो पर्वत को हिला डाली है जिस आंगन पर होता नही माता पिता का सम्मान मनमौजी रहते... Hindi · कविता 1 54 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Aug 2023 · 1 min read सच्चे कवि,सच्चे लेखक सच्चे कवि,सच्चे लेखक अपमान नही सह सकते हैं जिनको सुनने की चाव नहीं वो कैसे चुप रह सकतें है कवि मित्रों के रहते रहते-जो साहित्य अनदेखा कर डाली वो शब्द... Hindi · कविता 3 76 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Aug 2023 · 1 min read खोजी हो तो खोजिये खोजी हो तो खोजिये निज इच्छा की खोज घटना तो घटित हुआ है अपनी अपनी सोच खेल खेल था खेल समझ निज इच्छा से खेली खेल निज पति को पागल... Hindi · कविता 1 76 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Aug 2023 · 1 min read वर्तमान समय में लोगों को, वर्तमान समय में लोगों को, एक नजर है आता जिनके पास है, धन दौलत ,, वो ही इज्जत है पाता पैसा पितु पैसा हितु, पैसा है ,साक्षात लक्ष्मी माता सज्जन... Hindi · कविता 2 1 128 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Aug 2023 · 1 min read फर्क फर्क अनपढ़ थे जब लोग बाग होता था तर्क शिक्षित कहलाने वाले अब करते हैं कुतर्क अनपढ़ थे जब लोग बाग मर्यादा की एक रेखा थी अपने पति छोड़कर कभी... Hindi · कविता 2 137 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Aug 2023 · 1 min read गहरी नदिया नांव पुराने कौन है खेवनहार गहरी नदिया नांव पुराने कौन है खेवनहार हरि भजन कर नर मुरख यही है जग में सार पूर्ण ब्रह्म परमात्मा कृष्ण है भजले राधेश्याम राम कृष्ण में कुछ भेद नहीं... Hindi · कविता 1 131 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Aug 2023 · 1 min read धन दौलत सोना चांदी धन दौलत सोना चांदी महल अटारी सब कुछ था बिन बेटा का अवध नरेश आंगन उनका सुना था सर पकड़ कर राजा सोचा बिना वंश जग सुन्ना है आंगन किलकारी... Hindi · कविता 1 81 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Aug 2023 · 2 min read मानव समाज की हालत पर मंथन मानव समाज की हालत पर मंथन अब बदल गया भेष भुषा मिट गया माथे का चन्दन हाथ जोड़कर विनती करत संस्कार जगाने, करें मंथन पलट गया है वक्त अब जन-मानस... Hindi · कविता 2 121 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Aug 2023 · 1 min read मृगतृष्णा मृगतृष्णा मृगतृष्णा का कर त्याग मन से करें विचार अनमोल रतन हो नारियां पग फिसले गंवार कर सम्मान नारी जगत का खुद पाओ सम्मान आदिशक्ति कलि कालिका करो निज पहचान... Hindi · कविता 2 69 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Aug 2023 · 1 min read मृगतृष्णा 2 मृगतृष्णा 2 मृगतृष्णा वश मिरगा घुमय बन बन ढुढै घास निज पत्नी को छोड़ पुरूष जो चले पराये पास मन लोभी हैं, लालच पड़े मक्खी पराये जान रोग अनेक हैं,उपज... Hindi · कविता 1 113 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Aug 2023 · 1 min read विभत्स रस आधारित विभत्स रस आधारित रक्त रंजित थी धरा, मुंड मुंड से पड़े हुए कुरूक्षेत्र में थी युद्ध मांस पड़ी सड़े गले कंकाल तंत्र अनगिन दुर्गंध युक्त थे पड़े हुए नाक सिकोड़... Hindi · कविता 1 67 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Aug 2023 · 1 min read अभिमानी अभिमानी जनता माटी का मुरत नही समाज का खुबसुरत है दस बीस का लिया निर्णय यह तो बहुत बद सुरत है जमालेता है रंगमंच समाज समाज के कुछ ठेकादारो ने... Hindi · कविता 2 170 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Jul 2023 · 1 min read फेसबुक रचे हुए हैं चक्रब्युह, फेसबुक का जाल नंगी नाच नचात हैं,इनको समझें काल शासन क्या अवगत नहीं,छुट किया भरमार ब्लेक मेल करत युवा को, छुट रहा जो प्राण इनका दोषी... Hindi · कविता 1 186 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Jul 2023 · 1 min read क्षमा याचना जहां न इज्जत राम का वहां न जावे श्याम अहं भोजन त्याग कर विदुर घर खावे साग प्रेम भाव के वशीभूत मनमोहन घनश्याम जाकी रही है भावना वैसा रहे हैं... Hindi · कविता 1 107 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Jul 2023 · 1 min read आना ओ नोनी के दाई कस ओ नोनी के दाई काबर इतरावत हस आगु पाछु ल देखत झाड़ी म लुकावत हस कोन तोला का किहिस काकर तोला डर हे दुख पीड़ा ल गोठिया सुनसान हमर... Hindi · कविता 1 120 Share Previous Page 2 Next