Sanjay ' शून्य' 350 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Sanjay ' शून्य' 28 Jul 2024 · 1 min read शूर शस्त्र के बिना भी शस्त्रहीन नहीं होता। शूर शस्त्र के बिना भी शस्त्रहीन नहीं होता। सत्य नंगा होके भी वस्त्रहीन नहीं होता।। धन अपनी चमक कितना भी बिखेरे, भविष्य का आदर्श कोई चरित्रहीन नहीं होता।। Quote Writer 1 73 Share Sanjay ' शून्य' 25 Jul 2024 · 1 min read पन बदला प्रण बदलो रोटी अपनी कम करो, थोड़ी कर दो चाह। सहज सुखद हो जाएंगी, बुढ़ापे की राह।। हो जाए जब तन शिथिल, मन की खीचों डोर। मैं मेरा सब भूलकर, सौप दो... Hindi 1 68 Share Sanjay ' शून्य' 20 Jul 2024 · 1 min read वो वक्त ने तुमको दिया गर चोट तो मरहम भी देगा। गर मिली है बेवफाई तो वो कोई हमदम भी देगा।। वो तो सबका है सभी को देखता है एक नजर... Hindi · शेर 1 82 Share Sanjay ' शून्य' 18 Jul 2024 · 1 min read आधार निर्माण का कार्य ईश्वर उसी व्यक्ति को देते हैं, जिसका आधार निर्माण का कार्य ईश्वर उसी व्यक्ति को देते हैं, जिसका कोई आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक आधार नहीं होता। तो यदि आप निर्माता रूप में जन्मे हैं, करेंगे और ईश्वर सदैव... Quote Writer 1 67 Share Sanjay ' शून्य' 17 Jul 2024 · 1 min read अव्यक्त भाव को समझना ही अपनापन है और इस भावों को समझकर भी भु अव्यक्त भाव को समझना ही अपनापन है और इस भावों को समझकर भी भुलाना आवारापन। Quote Writer 1 57 Share Sanjay ' शून्य' 16 Jul 2024 · 1 min read सियासत जो रियासत खतम करके हम बनाए थे, सियासत से रियासत बनाने सियासत जो रियासत खतम करके हम बनाए थे, सियासत से रियासत बनाने में लगे है वो। हमीं को केंद्र में रखकर लड़ाते हैं हमीं को जो, ज़रा सोचो और बतलाओ... Quote Writer 2 85 Share Sanjay ' शून्य' 14 Jul 2024 · 1 min read भोगी ताकना है झांकना है आंकना है कर्म को। बेंचना निर्लज्जता है, फांकना है शर्म को।। है निरा आज़ाद शारीरिक और वैचारिक भी। मन बिका तन बिका अब बेचते है धर्म... Hindi 1 73 Share Sanjay ' शून्य' 13 Jul 2024 · 1 min read आप शिक्षकों को जिस तरह से अनुशासन सिखा और प्रचारित कर रहें ह आप शिक्षकों को जिस तरह से अनुशासन सिखा और प्रचारित कर रहें है, आप नौकर से अनुशासन और संस्कार सिखाने की अपेक्षा कर रहें है। आप न तो जमीर पे... Quote Writer 1 64 Share Sanjay ' शून्य' 9 Jul 2024 · 1 min read खानाबदोश कविता में गहराई और महफिल में तन्हाई ढूंढते हैं। बड़े नाकारा हैं वो लोग अपनों में बेवफाई ढूंढते हैं।। मामा में कंस और रावण में अपना वंश ढूढते हैं। ऐसे... Hindi 2 67 Share Sanjay ' शून्य' 9 Jul 2024 · 1 min read पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था। पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था। फगुनिया के प्रेमी मांझी को देखो, छिनी हथौड़े से तोड़ेगा पर्वत ज़िद पे अड़ा था।। Quote Writer 1 81 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jul 2024 · 1 min read संत का अपमान स्वप्न में भी न करें, चाहे स्वयं देवऋषि नारद आप संत का अपमान स्वप्न में भी न करें, चाहे स्वयं देवऋषि नारद आपके सलाहकार क्यों न हों। याद रखें " राम से बड़ा राम का नाम" । जै श्री सीताराम Quote Writer 1 75 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jul 2024 · 1 min read पर स्त्री को मातृशक्ति के रूप में देखना हनुमत दृष्टि है, हर पर स्त्री को मातृशक्ति के रूप में देखना हनुमत दृष्टि है, हर जीव में राम को देखना हनुमत की भक्ति है। जय श्री राम Quote Writer 1 64 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jul 2024 · 1 min read पारिवारिक मूल्यों को ताख पर रखकर आप कैसे एक स्वस्थ्य समाज और पारिवारिक मूल्यों को ताख पर रखकर आप कैसे एक स्वस्थ्य समाज और राष्ट्र की कल्पना कर सकते हैं। इसमें माता पिता दो स्तंभ हैं, जिनका सद्चरित और सदाचारी होना परम... Quote Writer 1 139 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jul 2024 · 1 min read मनुष्य एक बहुफलीय वृक्ष है, जैसे आप आम, अमरूद पहचानते और बुल मनुष्य एक बहुफलीय वृक्ष है, जैसे आप आम, अमरूद पहचानते और बुलाते हो, उसी प्रकार मनुष्य में जो फल दिखे, उसे भी सहजरूप में बुलाएं। आप दुर्जन और सज्जन को... Quote Writer 1 73 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jul 2024 · 1 min read समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place), समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place), इन चारों का ध्यान देनेवाला कर्ता कभी असफल नहीं होता। जय श्री सीताराम Quote Writer 1 118 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jul 2024 · 1 min read जुए और चुनाव में उतना ही धन डालें, जिसे बिना परेशानी के क्वि जुए और चुनाव में उतना ही धन डालें, जिसे बिना परेशानी के क्विट कर सकें। वरना सब कुछ छिन जाएगा और हार आप अकेले की होगी। सोचें Quote Writer 1 68 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jul 2024 · 1 min read हो पवित्र चित्त, चित्र चांद सा चमकता है। हो पवित्र चित्त, चित्र चांद सा चमकता है। हो मधुर वचन, ललाट सूर्य सा दमकता है।। हो मित्र सारथी, युद्ध खेल जैसा लगता है। हो सभी मे सत्य, घर धर्म... Quote Writer 1 84 Share Sanjay ' शून्य' 30 Jun 2024 · 1 min read जन्मदिन पहले वो थे अब ये सब है, आगे अब किसकी बारी है। हां पिछले बावन वर्षो से अपना, संघर्ष निरंतर जारी है।। थीं चुनौतियों बहुत कठिन,तो नतमस्तक कर स्वीकार किया।... Hindi 1 1 67 Share Sanjay ' शून्य' 24 Jun 2024 · 1 min read मनुष्य बनिए स्वस्थ्य तन मन है नहीं, स्वस्थ्य जन कैसे सृजित हों। स्वस्थ्य जब भोजन नहीं, क्यों न मानव दिग्भ्रमित हो।। फिर रहे बाजार में, बड़के सौदाई बने। जो मनुज ही बन... Hindi 1 73 Share Sanjay ' शून्य' 23 Jun 2024 · 1 min read न जुमला, न आरोपों की राजारानी चाहिए। न जुमला, न आरोपों की राजारानी चाहिए। नेताजी दिल्लीवालों को सिर्फ पानी चाहिए।। बेपानी को नेता चुनकर खुद बिनपानी होगई दिल्ली। मौसी समझ सत्ता सौंपा तो सारा दूध ही पीगई... Quote Writer 2 70 Share Sanjay ' शून्य' 23 Jun 2024 · 1 min read पथप्रदर्शक प्रभाव में रहना, प्रवाह में बहना अफवाहों की महफिल है मूर्खों का गहना। चुनते है खुद के रास्ते सच्ची नियति के साथ, संघर्ष के सफर पर चुनते है चलते रहना।।... Hindi 1 62 Share Sanjay ' शून्य' 16 Jun 2024 · 1 min read कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को, कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को, फिर कैसा अभिमान ज्ञान का। कर न सके जन में स्व जागृत, क्या मतलब फिर स्वाभिमान का। Quote Writer 2 130 Share Sanjay ' शून्य' 16 Jun 2024 · 1 min read गलतफहमी दीवाना बना फिरता था मैं जिसके इश्क में, मासूमियत से उसने हसरत बता दिया। रखना खयाल मेरे बूढ़े अब्बू जान की, शौहर से मिला करके नफरत जता दिया। अब क्या... Hindi 1 71 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jun 2024 · 1 min read बयार ये उल्टी बयार है, है ये खतरा बड़ा, दिखाने का नीचा, चलन चल पड़ा। चढ़ूंगा शिखर पर, दमन तेरा करके, नए युग का ज्वर, सर है सबके चढ़ा।। ये प्रतियोगी... Hindi 1 77 Share Sanjay ' शून्य' 24 May 2024 · 1 min read राम मंदिर राम भूख हैं, राम प्यास हैं। राम कर्म हैं, वह प्रयास हैं। राम धैर्य हैं, राम आस हैं। राम दृष्टि हैं, राम स्वांस है। राम बिना जग सूना यारों। बिना... 1 125 Share Sanjay ' शून्य' 24 May 2024 · 1 min read एक छोर नेता खड़ा, एक छोर नेता खड़ा, दूजे छोर है चोर। कतहुं में चोरी करें, देश होय कमजोर।। नेता जी विनती सुनो, इनको भेजो जेल। अबकी जनता कर रही, सब चोरन को फेल।। Quote Writer 1 156 Share Sanjay ' शून्य' 24 May 2024 · 1 min read कपट मैं जीने के लिए खेलता हूं खेल जिंदगी का, तुम्हे शौक जीतने का तुम खिलाड़ी अजीब हो। मैं हारता रहूंगा मगर और खेलता रहूंगा खेल, तुम जीत कर भी कितने... 1 101 Share Sanjay ' शून्य' 20 May 2024 · 1 min read पैसा है मेरा यार, कभी साथ न छोड़ा। पैसा है मेरा यार, कभी साथ न छोड़ा। पर सर नहीं चढ़ने दिया, मैं अपने यार को।। Quote Writer 1 81 Share Sanjay ' शून्य' 19 May 2024 · 1 min read मनुष्य और प्रकृति मेरा किरदार समझने के लिए, खुद का सुख चैन गंवाना होगा। अपना सर्वस्व निछावर करके, खुशी से गालियां खाना होगा।। खुशी से दे सको अपने वस्त्र, और परसी सामने की... Hindi 1 79 Share Sanjay ' शून्य' 12 May 2024 · 1 min read मातृशक्ति मातृशक्ति एक नहीं अनंत भार, जीवन में लेकर चलती है। दुःख सागर में होठों पर, ले मुस्कान मचलती है।। वेद मंत्र सृजन का जो, जीवन को सिखलाती है। संबंधों का... Poetry Writing Challenge-3 1 81 Share Sanjay ' शून्य' 12 May 2024 · 1 min read है गरीबी खुद ही धोखा और गरीब भी, बदल सके तो वह शहर जाता है। है गरीबी खुद ही धोखा और गरीब भी, बदल सके तो वह शहर जाता है। वह बिंदास बेखबर जाता है, जब इंसान अपने घर जाता है।। "संजय" Quote Writer 1 176 Share Sanjay ' शून्य' 12 May 2024 · 1 min read मातृशक्ति एक नहीं अनंत भार, जीवन में लेकर चलती है। दुःख सागर में होठों पर, ले मुस्कान मचलती है।। वेद मंत्र सृजन का जो, जीवन को सिखलाती है। संबंधों का सूत्रधार... Hindi 1 87 Share Sanjay ' शून्य' 5 May 2024 · 1 min read दूरी जरूरी का करिहौ अवधेश, झूठ की हो गई शादी। मिली दुल्हनिया चोर, सुनो हो गई बर्बादी।। मां की ममता बनी रही, जो झूठ को पाला। पिता झूठ का बाप, जो तोड़ई... Hindi 1 104 Share Sanjay ' शून्य' 4 May 2024 · 1 min read प्रेम मिटना पड़ता सदा प्रेम में, अस्तित्व मिटाना पड़ता है। स्वादहीन पानी शर्बत हो, चीनी को मिटना पड़ता है।। मूल्यहीन जल दूध में मिलकर, खुद को दूध बना लेता है। भाग्य... Hindi 1 89 Share Sanjay ' शून्य' 3 May 2024 · 1 min read सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अधिकार और साधन समझ लेते हैं। उदार और स्वार्थी मनुष्य का यही भेद है। जय सियाराम Quote Writer 1 139 Share Sanjay ' शून्य' 3 May 2024 · 1 min read मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया। मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया। भर गया हो पेट मौतों से तो अब तौबा करो।। Quote Writer 1 89 Share Sanjay ' शून्य' 3 May 2024 · 1 min read नेता जी मन के अंदर मैल भरा, आभा जिनका मटमैला है। मस्तक बड़ा और चमकदार, पर अंदर बैठा बैला है।। चोर चोर का शोर मचा, खुश हो लो उसको बुरा लगेगा। उसकी... Hindi 1 72 Share Sanjay ' शून्य' 30 Apr 2024 · 1 min read न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की द न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की दुश्वारियां। कट रही है ठाट से हाथ फैलाने से गर, जागकर मैं क्यूं खरीदूं सैंकड़ों बीमारियां।। Quote Writer 1 85 Share Sanjay ' शून्य' 28 Apr 2024 · 1 min read अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त। अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त। गर नहीं तो कोई बात नहीं, बनाना मेरे दोस्त।। औरों की कृपा से, यदि जगह भी मिल जाए। ऐसे मुसीबतों से खुद... Quote Writer 1 166 Share Sanjay ' शून्य' 24 Apr 2024 · 1 min read चुनाव 2024.... उम्मीदों पर खरे रहे हो, अभी कहां तुम पीछे हो। हर गहराई मात खा गई, तुम जो इतने नीचे हो।। था प्रयास की आ जाओगे, मानवीय पहुंच के पास कहीं।... Hindi 1 83 Share Sanjay ' शून्य' 12 Apr 2024 · 1 min read लक्ष्य मंत्रमुग्ध हो सुनो गालियां, व्रत पूरा हो जाने तक। धैर्य धरो यदि मिले तालियां, वचन पूर्ण हो जाने तक।। करो चक्र संधान धर्म हित, शिशुपाल अंत हो जाने तक। अपमान... Hindi 1 91 Share Sanjay ' शून्य' 11 Apr 2024 · 1 min read निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा हैं। शक्ति को समर्पित कर शक्तिवान बनें। जय मां जगदम्बे Quote Writer 1 122 Share Sanjay ' शून्य' 9 Apr 2024 · 1 min read सीख मेरे हिस्से के पाप, भी उसने कर डाले। झूठ मूर्ति बन मुझको सत्य सीखा डाले।। आवारापन बन मुझको सही दिशा दे दी। नफरत ने उसके मुझको खूब दया दे दी।।... Hindi 1 82 Share Sanjay ' शून्य' 7 Apr 2024 · 1 min read मनुष्य जो मनुज उदाहरणार्थ है, वही तो प्रश्ननार्थ है। उसी को जगत देखता, वही तो दर्शनार्थ है।। जिसके कर्म में परमार्थ है, वही तो जग हितार्थ है। जो दूर रहे दंभसे,... 1 100 Share Sanjay ' शून्य' 6 Apr 2024 · 1 min read शिकारी संस्कृति के राम को राम और खुदा को खुदा रहने दो। दोनो अलग संस्कृति है इन्हे जुदा रहने दो।। मत वृद्धि के खातिर इन्हे तुम मत मिलाओ। राम व खुदा को तुम... Hindi 1 86 Share Sanjay ' शून्य' 4 Apr 2024 · 1 min read जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं। जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं। कर्म मूल है और कोई बात नहीं।। जय श्री सीताराम Quote Writer 1 136 Share Sanjay ' शून्य' 2 Apr 2024 · 1 min read जीयो हूं तो हूं, वरना तो मैं बिल्कुल नहीं हूं। मैं नहीं कहता कि मैं बिल्कुल सही हूं।। बाज़ है क्या वास करता दूसरों की नीड़ में। साधु चलता है अकेला... Hindi 1 1 89 Share Sanjay ' शून्य' 30 Mar 2024 · 1 min read बदलते रिश्ते प्रेम व्रेम इश्क विश्क यारी वारी, सब शब्दों की अय्यारी है। चांद सा मुखड़ा दिल का टुकड़ा, कवियों की मक्कारी है।। संपूर्ण समर्पण कर जिसने भी, हम सबको है सृजित... Hindi 1 1 160 Share Sanjay ' शून्य' 29 Mar 2024 · 1 min read माफिया जैसा कातिल है वैसी ही मौत की सजा। दरिंदे चीखपुकार रहे है, लोग ले रहे मजा। थे सरेआम लूटते घसीटते निचोड़ते समाज को। पापी, राजा बने हुए थे, वो तड़प... Hindi 1 1 123 Share Sanjay ' शून्य' 28 Mar 2024 · 1 min read रिश्ते रिश्ते जीयो गम पियो, कम खाओ गम खाओ। सत्य प्रेम करुणा से, अंदर का अहम खाओ।। रिश्ते नहीं खुद को संभालो, रिश्ते खुद सम्हल जायेंगे। खुल के रोओ और हंसो,... Hindi 1 101 Share Previous Page 2 Next